हरियाणा प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी लगातार तेज होते जा रही है। कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर रणनीति बनाने का दौर जारी है। इसके साथ ही गुरुग्राम जिले की चारों विधानसभा सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनकी धुरविरोधी कुमारी सैलजा के ग्रुप में अंदरखाने शह-मात का खेल भी स्टार्ट हो गया है। विरोधी धड़े को कमजोर कर अपना कद बढ़ाने के लिए दोनों गुटों के नेता लगातार हाथ-पैर मार रहे है। कुमारी सैलजा और उनके साथी रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रुप इस कोशिश में है कि लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को इस बार टिकट ना मिल पाए। इसके लिए फील्डिंग जमाई जा रही है। यह धड़ा हाईकमान को इस बात के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों पर दांव लगाया जाए ताकि पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बना सके। अगर सैलजा खेमे की यह प्लानिंग सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुड्डा खेमे से जुड़े नेताओं को होगा। इसकी वजह से इस धड़े के नेताओं में थोड़ी बेचैनी दिख रही है। इन नेताओं की जगह अगर नए चेहरों को टिकट मिला और पार्टी सत्ता में आई तो सीएम चेहरे को लेकर भी सैलजा खेमे की दावेदारी मजबूत होगी। लोकसभा चुनाव नतीजों से उत्साह का माहौल लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीट जीतने के बाद कांग्रेसी वर्करों और नेताओं में उत्साह का माहौल है। यही कारण है कि ज्यादा नेता पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। इसके साथ ही पार्टी में हुड्डा और सैलजा कैंप के बीच आपसी खींचतानी भी बढ़ने लगी है। हालांकि हाईकमान ने दोनों गुटों को सार्वजनिक तौर पर एकजुटता दिखाने का सख्त संदेश दे रखा है लेकिन अंदरखाने दोनों ही गुट एक-दूसरे की जड़ खोदने में जुटे नजर आ रहे हैं। सैलजा-रणदीप गुट की कोशिश है कि 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को इस बार किसी सूरत में टिकट न मिलने पाए। ऐसे नेताओं में ज्यादातर हुड्डा कैंप से आते हैं। लगातार दो चुनाव हारने वाले ज्यादातर नेता हुड्डा कैंप से अगर सैलजा-रणदीप गुट की चली और लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट देने से पार्टी ने परहेज किया तो इसका सबसे अधिक नुकसान हुड्डा खेमे को होगा। हुड्डा गुट से जुड़े ऐसे नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी हैं जो 2014 और 2019 में पार्टी का टिकट मिलने के बावजूद जीत पाने में नाकाम रहे। सैलजा-रणदीप चाहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान जनता की ओर से खारिज किए जा चुके इन नेताओं की जगह नए चेहरों पर दांव लगाए ताकि जनता और पार्टी कैडर को यह संदेश दिया जा सके कि कांग्रेस में चेहरों से ज्यादा काबिलियत मायने रखती है। इसके लिए दोनों नेता दिल्ली में लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा फायदे में सैलजा कैंप ही रहेगा। सीएम चेहरे पर दावा ठोकने की तैयारी कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि हरियाणा में इस बार लोगों का झुकाव कांग्रेस की ओर है तथा वह राज्य में 10 साल से सत्ता में बैठी भाजपा से नाराज है। लोकसभा चुनाव नतीजों ने उसकी इस थ्योरी को और मजबूती दी है। ऐसे में हाईकमान को लगता है कि पार्टी के पास भाजपा से सत्ता से बाहर करने का इस बार सुनहरा मौका है। पार्टी नेतृत्व इस मौके को गंवाना नहीं चाहता इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाया जा रहा है। पार्टी में किसी तरह की नाराजगी से बचने के लिए राज्य में संगठन बनाने का काम भी होल्ड पर डाल दिया गया है। कांग्रेस के दिग्गज भी हालात को भांप चुके हैं इसलिए उनमें अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने की होड़ नजर आने लगी है। इन नेताओं को लगता है कि अगर पार्टी को बहुमत मिला तो चुनाव नतीजों के बाद संख्या बल के आधार पर सीएम पद पर मजबूती से दावा ठोका जा सके। कमलबीर की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री कांग्रेस हरियाणा में दलित चेहरे के रूप में सैलजा को आगे करके ओबीसी और दूसरे वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है। यदि दो बार चुनाव हारने वालों के टिकट कटे तो हुड्डा खेमा बैकफुट पर होगाा और एडवांटेज सैलजा कैंप के पास होगा। कांग्रेस में हुड्डा विरोधी कैंप की अगुवाई कर रही सैलजा के साथ पहले रणदीप सुरजेवाला के साथ किरण चौधरी भी थी लेकिन अब वह बीजेपी में जा चुकी हैं। ऐसे में सैलजा कैंप में किरण चौधरी की जगह लेने का दावा जनता दल के दिग्गज नेता रहे स्व. शरद यादव के समधी कमलबीर कर रहे हैं। शरद यादव की बेटी सुभाषिनी की शादी कमलबीर के बेटे राजकमल से हुई है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सुभाषिनी को अपनी बहन मानते हैं। इस नाते राव कमलबीर सिंह की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री है। जातिगत रूप से देखा जाए तो इस समय सैलजा कैंप में एक दलित, एक जाट और एक यादव नेता हो जाते हैं। हरियाणा प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी लगातार तेज होते जा रही है। कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर रणनीति बनाने का दौर जारी है। इसके साथ ही गुरुग्राम जिले की चारों विधानसभा सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनकी धुरविरोधी कुमारी सैलजा के ग्रुप में अंदरखाने शह-मात का खेल भी स्टार्ट हो गया है। विरोधी धड़े को कमजोर कर अपना कद बढ़ाने के लिए दोनों गुटों के नेता लगातार हाथ-पैर मार रहे है। कुमारी सैलजा और उनके साथी रणदीप सिंह सुरजेवाला का ग्रुप इस कोशिश में है कि लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को इस बार टिकट ना मिल पाए। इसके लिए फील्डिंग जमाई जा रही है। यह धड़ा हाईकमान को इस बात के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों पर दांव लगाया जाए ताकि पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बना सके। अगर सैलजा खेमे की यह प्लानिंग सिरे चढ़ गई तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुड्डा खेमे से जुड़े नेताओं को होगा। इसकी वजह से इस धड़े के नेताओं में थोड़ी बेचैनी दिख रही है। इन नेताओं की जगह अगर नए चेहरों को टिकट मिला और पार्टी सत्ता में आई तो सीएम चेहरे को लेकर भी सैलजा खेमे की दावेदारी मजबूत होगी। लोकसभा चुनाव नतीजों से उत्साह का माहौल लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 में से 5 सीट जीतने के बाद कांग्रेसी वर्करों और नेताओं में उत्साह का माहौल है। यही कारण है कि ज्यादा नेता पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। इसके साथ ही पार्टी में हुड्डा और सैलजा कैंप के बीच आपसी खींचतानी भी बढ़ने लगी है। हालांकि हाईकमान ने दोनों गुटों को सार्वजनिक तौर पर एकजुटता दिखाने का सख्त संदेश दे रखा है लेकिन अंदरखाने दोनों ही गुट एक-दूसरे की जड़ खोदने में जुटे नजर आ रहे हैं। सैलजा-रणदीप गुट की कोशिश है कि 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में हारने वाले नेताओं को इस बार किसी सूरत में टिकट न मिलने पाए। ऐसे नेताओं में ज्यादातर हुड्डा कैंप से आते हैं। लगातार दो चुनाव हारने वाले ज्यादातर नेता हुड्डा कैंप से अगर सैलजा-रणदीप गुट की चली और लगातार दो चुनाव हार चुके नेताओं को टिकट देने से पार्टी ने परहेज किया तो इसका सबसे अधिक नुकसान हुड्डा खेमे को होगा। हुड्डा गुट से जुड़े ऐसे नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी हैं जो 2014 और 2019 में पार्टी का टिकट मिलने के बावजूद जीत पाने में नाकाम रहे। सैलजा-रणदीप चाहते हैं कि कांग्रेस हाईकमान जनता की ओर से खारिज किए जा चुके इन नेताओं की जगह नए चेहरों पर दांव लगाए ताकि जनता और पार्टी कैडर को यह संदेश दिया जा सके कि कांग्रेस में चेहरों से ज्यादा काबिलियत मायने रखती है। इसके लिए दोनों नेता दिल्ली में लगातार प्रयास कर रहे हैं। ऐसा हुआ तो सबसे ज्यादा फायदे में सैलजा कैंप ही रहेगा। सीएम चेहरे पर दावा ठोकने की तैयारी कांग्रेस हाईकमान को लगता है कि हरियाणा में इस बार लोगों का झुकाव कांग्रेस की ओर है तथा वह राज्य में 10 साल से सत्ता में बैठी भाजपा से नाराज है। लोकसभा चुनाव नतीजों ने उसकी इस थ्योरी को और मजबूती दी है। ऐसे में हाईकमान को लगता है कि पार्टी के पास भाजपा से सत्ता से बाहर करने का इस बार सुनहरा मौका है। पार्टी नेतृत्व इस मौके को गंवाना नहीं चाहता इसलिए हर कदम सोच-समझकर उठाया जा रहा है। पार्टी में किसी तरह की नाराजगी से बचने के लिए राज्य में संगठन बनाने का काम भी होल्ड पर डाल दिया गया है। कांग्रेस के दिग्गज भी हालात को भांप चुके हैं इसलिए उनमें अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को टिकट दिलाने की होड़ नजर आने लगी है। इन नेताओं को लगता है कि अगर पार्टी को बहुमत मिला तो चुनाव नतीजों के बाद संख्या बल के आधार पर सीएम पद पर मजबूती से दावा ठोका जा सके। कमलबीर की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री कांग्रेस हरियाणा में दलित चेहरे के रूप में सैलजा को आगे करके ओबीसी और दूसरे वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही है। यदि दो बार चुनाव हारने वालों के टिकट कटे तो हुड्डा खेमा बैकफुट पर होगाा और एडवांटेज सैलजा कैंप के पास होगा। कांग्रेस में हुड्डा विरोधी कैंप की अगुवाई कर रही सैलजा के साथ पहले रणदीप सुरजेवाला के साथ किरण चौधरी भी थी लेकिन अब वह बीजेपी में जा चुकी हैं। ऐसे में सैलजा कैंप में किरण चौधरी की जगह लेने का दावा जनता दल के दिग्गज नेता रहे स्व. शरद यादव के समधी कमलबीर कर रहे हैं। शरद यादव की बेटी सुभाषिनी की शादी कमलबीर के बेटे राजकमल से हुई है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सुभाषिनी को अपनी बहन मानते हैं। इस नाते राव कमलबीर सिंह की राहुल गांधी के यहां सीधी एंट्री है। जातिगत रूप से देखा जाए तो इस समय सैलजा कैंप में एक दलित, एक जाट और एक यादव नेता हो जाते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP में घमासान, पनिहार का रणजीत चौटाला पर पलटवार:बोले- मैं और कुलदीप जोर न लगाते तो आदमपुर-नलवा से 50-50 हजार वोट से हारते
हरियाणा BJP में घमासान, पनिहार का रणजीत चौटाला पर पलटवार:बोले- मैं और कुलदीप जोर न लगाते तो आदमपुर-नलवा से 50-50 हजार वोट से हारते हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट पर हारे BJP उम्मीदवार रणजीत चौटाला की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद घमासान मच गया है। रणजीत चौटाला ने अपनी हार के लिए कुलदीप बिश्नोई, रणधीर पनिहार, कैप्टन अभिमन्यु और राज्यसभा सांसद सुभाष बराला को जिम्मेदार ठहराया। अब रणधीर पनिहार से चौटाला पर पलटवार किया है। पनिहार ने कहा- ”अगर मैं और कुलदीप बिश्नोई आदमपुर और नलवा में जोर न लगाते तो रणजीत दोनों जगह से 50-50 हजार वोटों से हारते”। पनिहार ने आगे कहा-“रणजीत चौटाला चुनाव के बाद यह सब बातें बोल रहे हैं। अगर हिम्मत करते तो चुनाव से एक दिन पहले कहते। चुनाव से एक दिन पहले मेरे फार्म हाउस पर कार्यकर्ताओं के सामने चौटाला मेरे कार्यकर्ताओं के सामने तो ये कहकर आया था कि रणधीर पनिहार, मैं आपकी हर बात का वजन रखूंगा।” पनिहार के पलटवार के बाद अब इस मामले में कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु और भाजपा की लोकसभा चुनाव समिति के संयोजक बनाए सुभाष बराला भी चौटाला के आरोपों पर खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। जिसके बाद यहां भाजपा के भीतर की कलह और तेज हो सकती है। हिसार में रणजीत चौटाला के मंच पर नहीं गए रणधीर
रणजीत चौटाला ने सोमवार देर शाम को हिसार में वर्करों की मीटिंग बुलाई। इस दौरान मंच पर भाजपा के तमाम जिले के पदाधिकारी बैठे रहे। मगर कुलदीप बिश्नोई के करीबी नेता रणधीर पनिहार मंच के सामने कुर्सी पर बैठे। वह ना तो मंच पर गए और ना ही रणजीत चौटाला के नजदीक गए। वह रणजीत चौटाला का भाषण सुनकर कार्यक्रम से चलते बने। बाद में जब मीडिया ने रणधीर पनिहार के मंच पर ना जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं लेट आया था इसलिए जहां जगह मिली, वहां बैठ गया। मैं भाजपा के कार्यक्रम में आया था। रणजीत चौटाला के वायरल ऑडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए रणधीर पनिहार ने कहा कि रणजीत चौटाला मेरा नाम तो दिन में रात में सोते जागते लेता रहता है इसमें कुछ खास नहीं है। मैं इन सब चीजों को नहीं सोचता। रणजीत को शक, कुलदीप के कहने पर पनिहार ने कांग्रेस को वोट डलवाई
दरअसल, रणजीत चौटाला को चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं से फीडबैक मिला था कि आदमपुर और नलवा में हार का कारण कुलदीप बिश्नोई है। रणजीत को फीडबैक मिला कि रणधीर पनिहार ने अपने समर्थकों को रणजीत के लिए वोट ना डालकर जयप्रकाश के लिए वोट डलवाए। इतना ही नहीं यह सब कुलदीप बिश्नोई के इशारे पर किया गया। आदमपुर में भी लोगों ने रणजीत की जगह जयप्रकाश को वोट डाले। अपने समर्थकों से मिले फीडबैक के आधार पर रणजीत चौटाला ने एक रिपोर्ट तैयार की है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में रणधीर पनिहार के ऑडियो भी हैं जिसमें वह रणजीत को वोट ना डालने की बात कर रहे हैं। नलवा और आदमपुर में भाजपा हार गई
दरअसल लोकसभा चुनाव में आदमपुर और नलवा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रणजीत चौटाला को जीत की उम्मीद थी वह दोनों जगहों से 50 हजार का मार्जिन लेकर चल रहे थे। मगर जब नतीजे आए तो आदमपुर से लीड के बजाय 6,384 वोट से रणजीत चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से पीछे रह गए। इसी तरह नलवा से कांग्रेस के उम्मीदवार जयप्रकाश को 55 हजार 362 वोट मिले जबकि रणजीत को 52 हजार 923 वोट मिले। चौटाला यहां कांग्रेस के जयप्रकाश से 2439 वोट से पीछे रहे। इस प्रकार रणजीत को लीड मिलने के बजाय जयप्रकाश को यहां से 8823 वोटों की लीड मिल गई। जो रणजीत की हार का सबसे बड़ा कारण बनी। कांग्रेस की टिकट पर नलवा से चुनाव लड़ चुके हैं रणधीर
रणधीर पनिहार 2019 में नलवा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। रणधीर पनिहार का मुकाबला भाजपा के रणबीर गंगवा से हुआ था। मगर रणधीर चुनाव हार गए और रणबीर गंगवा जीतकर डिप्टी स्पीकर के पद पर पहुंचे। रणबीर गंगवा को चुनाव में 47 हजार 523 वोट मिले, उनका वोट शेयर 41.09 प्रतिशत रहा। वहीं रणधीर पनिहार को 37 हजार 851 वोट मिले उनका वोट शेयर 37.72 प्रतिशत था। अब दोनों ही नेता भाजपा में हैं बावजूद इसके रणजीत चौटाला जीतने के बजाय हार गए। रणजीत चौटाला इसी को लेकर रणधीर पनिहार पर भीतरघात करने का आरोप लगा रहे हैं। हिसार से टिकट के दावेदार थे कुलदीप और अभिमन्यु
हिसार लोकसभा सीट से सांसद बृजेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई और कैप्टन अभिमन्यु ने टिकट पर दावा ठोका। हालांकि भाजपा ने इन्हें टिकट देने के बजाय निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला को पार्टी में शामिल कर हिसार से टिकट दे दी। इसके बाद कुलदीप नाराज रहे और प्रचार में नहीं आए। हालांकि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और फिर सीएम नायब सैनी के मनाने पर वे सिर्फ आदमपुर में प्रचार करने आए। वहीं कैप्टन अभिमन्यु भी शुरूआती समय में प्रचार से दूर रहे। रणजीत चौटाला की वायरल कॉल रिकॉर्डिंग की खबर पढ़ें हिसार से हारे BJP उम्मीदवार बोले- कुलदीप-पनिहार गंदा कर गए, बराला-अभिमन्यु ने नाश किया; खिंचाई होगी, माफ नहीं करूंगा हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट से चुनाव हारे रणजीत चौटाला की कॉल रिकॉर्डिंग ने BJP के भीतर घमासान मचा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई यह कॉल रिकॉर्डिंग 1 मिनट 24 सेकेंड की है। जिसमें रणजीत चौटाला अपनी हार के लिए हिसार के बड़े नेताओं कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु, रणधीर पनिहार और भाजपा चुनाव समिति के चेयरमैन सुभाष बराला को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हालांकि इस कॉल रिकॉर्डिंग में रणजीत चौटाला की आवाज की भास्कर पुष्टि नहीं करता (पूरी खबर पढ़ें)
गोहाना में व्यक्ति ने पत्नी को बुरी तरह पीटा:दुकान से उधार पर सामान लाने पर भड़का; पति ने डंडे-कुल्हाड़ी से किए वार
गोहाना में व्यक्ति ने पत्नी को बुरी तरह पीटा:दुकान से उधार पर सामान लाने पर भड़का; पति ने डंडे-कुल्हाड़ी से किए वार हरियाणा के सोनीपत के गोहाना में पत्नी को उधार में घर का राशन सामान लेकर आना महंगा पड़ गया। गुस्से में पति ने कुल्हाड़ी और डंडों से अपनी पत्नी को बुरी तरह से पीटा। महिला को इसमें गंभीर चोटें लगी। पड़ोसियों ने बीच बचाव कर उसकी जान बचाई। महिला को मेडिकल कॉलेज खानपुर में दाखिल कराया गया है। गोहाना सिटी थाना पुलिस ने पति के खिलाफ मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। खानपुर मेडिकल कॉलेज में दाखिल ममता ने बताया कि वह अपने पति संदीप के साथ गीता काॅलोनी गोहाना में रहती है। घर में कई दिन से सामान खत्म हो गया था। उसने अपने पति से भी कहा, लेकिन वो सामान नही लेकर आए। एक दुकान से हमेशा उधार पर सामान लाते थे। वह उस दुकान से सामान उधार पर ले आई। 19 जुलाई को जब उसके पति संदीप को पता चला कि वे उन्हें बिना बताए सामान लेकर आए हैं, तो उन्होंने आते ही घर में लडाई की। ममता ने बताया कि उसके पति ने उसे व और उसकी मां को मारने की धमकी दी। उसी रात जब वह सो रही थी तो उसकी बडी बेटी वाश रुम के लिए गई। उसने देखा की पालतू डॉगी (रॉक्षी) अन्दर रो रही थी। वह उसको बाहर निकालने लगी तो पीछे से उसके पति संदीप ने उसके दाएं पैर पर डंडे से वार किया। फिर उस पर कुल्हाड़ी से सिर पर वार कर दिया। उसकी सास ने उसका गला दबा लिया और फिर दोनों ने उसे बहुत बुरी तरह डंडों से मारा। महिला ने बताया कि जब उसकी बेटी उसकी आवाज सुनकर उसके पास आई तो उसने उसे खून से लथपथ हालात देख कर चिल्ली मारी। इसे सुनकर उसकी छोटी बेटी और बेटा भी जाग गए। उसके बच्चों ने पड़ोसियों को आवाज लगाई। पडोसियों ने आकर उसे छुडाया। उसी समय उसका पति उसे घायल हालात मे छोड़कर वहां से भाग गया। पड़ोसियों ने उसे इलाज के लिए महिला मेडिकल कॉलेज खानपुर पहुंचाया। पुलिस ने गोहाना सिटी थाना में ममता की शिकायत पर उसके पति संदीप के खिलाफ मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस छानबीन कर रही है। अभी आरोपी पति की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बच्ची के गले पर मिले निशान, गला दबाकर हत्या का शक
बच्ची के गले पर मिले निशान, गला दबाकर हत्या का शक भास्कर न्यूज | यमुनानगर बूड़िया के बाद छछरौली थाना क्षेत्र के गांव दसौरा में 6 साल की बच्ची के अपहरण व हत्या का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। अपहरण व हत्या का आरोप गांव के ही राजेश (25) पर लगा है। बच्ची का शव गन्ने के खेत से पुलिस ने रात को ही बरामद कर लिया, जबकि राजेश अभी फरार बताया जा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो बच्ची शाम को घर के बाहर खेल रही थी। तभी राजेश उसे उठाकर ले गया। जब राजेश बच्ची को लेकर के गांव के श्मशान घाट की ओर जा रहा था तब कुछ ग्रामीणों ने उसे देख लिया था, पर किसी को उसकी नीयत पर शक नहीं हुआ। जब बच्ची काफी देर तक घर पर नहीं दिखाई तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू की। ग्रामीणों ने बताया कि राजेश बच्ची को श्मशान घाट की ओर ले जा रहा था। इस पर बच्ची के परिजन व ग्रामीण राजेश के घर पहुंचे, तो राजेश के परिजनों ने बताया कि राजेश कपड़े बदलकर घर से कहीं गया है। राजेश के कपड़े गीले मिले। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के साथ ग्रामीणों ने जब बच्ची की तलाश की तो बच्ची का शव गन्ने के खेत से रात करीब 10:00 बजे मिला। पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू की। वहीं, बच्ची का शव मिलने के बाद घर में कोहराम मच गया। गांव के लोग राजेश को ढूंढने के लिए इधर-उधर गए, पर समाचार लिखे जाने उसका तक सुराग नहीं लगा था। पुलिस कार्रवाई में जुटी थी। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि राजेश ने बच्ची का अपहरण किस नियत से किया। पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह साफ हो पाएगा। ग्रामीणों ने मौके पर जांच के लिए पहुंचे एसएचओ छछरौली को बताया कि राजेश नशे का आदी है और वह किसी की नहीं सुनता। उन्होंने बताया कि बच्ची के गले पर निशान मिले हैं। लगता है कि उसकी हत्या गला दबाकर की गई है। बता दें कि दो दिन पहले बूड़िया में भी बच्ची के अपहरण व हत्या का मामला सामने आया था।