<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र में आज कैबिनेट विस्तार होना है. इसमें डिप्टी सीएम <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> गुट की शिवसेना के नेता भी होंगे. लेकिन ये नेता केवल ढाई साल के लिए ही मंत्री रहेंगे. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इन्हें ढाई साल के बाद मंत्री पद छोड़ना होगा. एकनाथ शिंदे ने उनसे प्रतिज्ञा पत्र लिखवाकर लिया है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र में आज कैबिनेट विस्तार होना है. इसमें डिप्टी सीएम <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> गुट की शिवसेना के नेता भी होंगे. लेकिन ये नेता केवल ढाई साल के लिए ही मंत्री रहेंगे. ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि इन्हें ढाई साल के बाद मंत्री पद छोड़ना होगा. एकनाथ शिंदे ने उनसे प्रतिज्ञा पत्र लिखवाकर लिया है.</p> महाराष्ट्र यूपी में ‘हिंदू व्यक्ति’ से बात करने पर लड़कियों के उतरवाए हिजाब, फोन छीना और मारा थप्पड़
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पंजाब सरकार हाईकोर्ट में आज दाखिल करेगी जवाब:मोहाली का गांव छोड़ने का प्रस्ताव हुआ था पास, लक्खा सिधाना आए थे पक्ष में पंजाब के मोहाली जिले में स्थित गांव मुद्दू संगतियां में कुछ समय पहले प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने संबंधी एक प्रस्ताव पास किया गया था। अब यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में आज पंजाब सरकार की तरफ से अदालत में जवाब दाखिल किया जाएगा। एडवोकेट वैभव वत्स की ओर से कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर की गई है। उनका कहना है कि संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद की जगह पर रहने का अधिकार देता है। इस तरह प्रवासी मजदूरों को गांव से निकालकर उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। जो एक गंभीर मुद्दा है। गांव के सरपंच सहमत नहीं थे उन्होंने याचिका में मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला दिया है। उनका कहना है कि यह मामला 1 अगस्त को उनके संज्ञान में आया। उन्हें पता चला कि गांव में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसमें प्रवासी लोगों को गांव छोड़ने के लिए कहा गया है। हालांकि, गांव के सरपंच इस पर सहमत नहीं थे। इस वजह से गांव में रह रहे प्रवासी परिवार मुश्किल में है। उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर अन्य चीजें प्रभावित हो रही हैं। लोगों को रोजगार मिलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रस्ताव पास करने को दिया था यह तर्क गांव में जब यह प्रस्ताव पास गया तो यह तर्क दिया गया था कि प्रवासी लोगों के रहने के कारण इलाके में आपराधिक और असामाजिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। कुछ आपराधिक घटनाओं में प्रवासी लोगों को संलिप्तता पाई गई थी। ऐसे में गांव वालों ने मजबूरी प्रस्ताव पास किया गया है। इनकी वजह से आने वाली पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। गांव में किसको रहना है और किसको नहीं, इसका फैसला करना पंचायत का अधिकार क्षेत्र है। इसी कारण ग्रामीणों ने मिलकर इस तरह का फैसला लिया है। ऐसे हुई लक्खा सिधाना की एंट्री मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस-प्रशासन एक्टिव हो गया। पुलिस ने इस मामले में पंचायत से पड़ताल शुरू की थी तो किसान आंदोलन में भाग ले चुके लक्खा सिधाना ग्रामीणों के पक्ष में पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में यह लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। पंजाब की सभी पंचायतों को इस तरह का फैसला लेना चाहिए। भंग हो चुकी पंचायत गांव मुद्दों संगतियां समेत पूरे पंजाब में पंचायतें भंग हो चुकी हैं। क्योंकि पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो गया था। अभी तक चुनाव की नई तारीख घोषित नहीं हुई है। हालांकि इससे यह बात साफ है कि पंचायत की तरफ से इस बारे में प्रस्ताव नहीं डाला गया है। पुलिस भी कर रही है मामले की जांच यह मामला सामने आया था उसके बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल की थी। उस समय डीएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया था कि गांव के मौजूदा सरपंच से बात हुई है। उनका कहना है कि गांव में कोई भी व्यक्ति आकर रह सकता है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि पूरा मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में है। इस मामले में जांच की रिपोर्ट आने के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी।
वर्ल्ड सेप्सिस डे आज:एंटीबायोटिक के अधिक सेवन से हो रहा ब्लड में इन्फेक्शन, KGMU में आज से कांफ्रेंस का आगाज
वर्ल्ड सेप्सिस डे आज:एंटीबायोटिक के अधिक सेवन से हो रहा ब्लड में इन्फेक्शन, KGMU में आज से कांफ्रेंस का आगाज 13 सितंबर को हर साल वर्ल्ड सेप्सिस डे मनाया जाता हैं। इसका मकसद बेहद घातक और जानलेवा बीमारी सेप्सिस से बचाव करना हैं। एंटीबायोटिक दवाओं का बेवजह इस्तेमाल करने से इसके होने की आशंका रहती हैं। सही समय पर सही एंटीबायोटिक खाना ही सेहत के लिए उचित होता हैं। अत्यधिक एंटीबायोटिक लेने से ब्लड इन्फेक्शन यानी खून में संक्रमण हो जाता है और सेप्सिस होने का खतरा रहता हैं। ये कहना हैं KGMU के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. वेद प्रकाश का। उन्होंने बताया कि सेप्सिस को सेप्टीसीमिया भी कहते हैं, जिसमें ब्लड में संक्रमण होता है और शरीर के कई अंग प्रभावित होते हैं। सालाना होती 1 करोड़ 10 लाख मौतें डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक सेप्सिस के कारण दुनिया भर में सालाना कम से कम 1 करोड 10 लाख मौतें होती हैं। सेप्सिस की घटनाओं में भले ही थोड़ी कमी आई हैं, लेकिन मृत्यु दर अभी भी बेहद ज्यादा बनी हुई हैं। दुनिया मे सेप्सिस के सभी मामलों में से लगभग 40% मामले 5 साल से कम उम्र के बच्चों के होते हैं। बुजुर्गों और नवजात शिशुओं में सेप्सिस होने पर मृत्यु दर भी अधिक होती हैं। इसके पीछे कमजोर इम्यूनिटी पॉवर बड़ी वजह हैं। ICU के आधे से ज्यादा मरीज सेप्सिस की चपेट में डॉ. वेद प्रकाश ने बताया कि एक हालिया शोध के अनुसार भारत में ICU के आधे से अधिक मरीज सेप्सिस से पीड़ित हैं, पिछले एक दशक में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। एक अध्ययन में देशभर के 35 ICU से लिए गए 677 मरीजों में से 56% से अधिक मरीजों में सेप्सिस पाया गया। और इसमें अधिक चिंता की बात यह थी कि 45% मामलों में, संक्रमण बहु-दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया के कारण हुआ था। एंटीबायोटिक दवाओं के अनुचित या बेवजह उपयोग से संक्रमण बढ़ सकता है, खासकर तब जब बैक्टीरिया उपचार के प्रति प्रतिरोधी होते हैं, जिससे सेप्सिस का खतरा बढ़ जाता हैं। 2 दिवसीय कांफ्रेंस का आज से आगाज KGMU के पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग वर्ल्ड सेप्सिस डे पर 2 दिवसीय कांफ्रेंस का आयोजन कर रहा हैं। आज आज 13 सितंबर से इसकी शुरुआत होगी। कांफ्रेंस में कई विभागों के दिग्गज चिकित्सक सेप्सिस को लेकर जागरूक करेंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ की मौजूदगी रहेगी। सेप्सिस के प्रमुख कारण सेप्सिस का उपचार
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‘कांग्रेस MLA ने सीता सोरेन पर टिप्पणी कर…’, इरफान अंसारी पर पर भड़के सुवेंदु अधिकारी <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand Assembly Election 2024:</strong> पश्चिम बंगाल के प्रतिपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को झारखंड के जामताड़ा से बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन के पक्ष में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जहां-जहां यूपीए गठबंधन की सरकार है, वहां-वहां धर्म की राजनीति करके तुष्टीकरण किया जा रहा है. उसी प्रकार झारखंड में भी पिछले पांच साल में इस सरकार में बांग्लादेशियों को संरक्षण दिया जा रहा है और रोहिंग्या को बसाया जा रहा है. इससे पूरे झारखंड की डेमोग्राफी लगातार बदलती चली जा रही है. झारखंड बांग्लादेश बनने की राह पर है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं उन्होंने जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी पर हमला बोलते हुए कहा, “जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी का परिवार लव जिहाद में संलिप्त है. इस बार के चुनाव में जामताड़ा के लोग इन्हें यहां से बाहर भेजने का काम करेंगे. सीता सोरेन भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी हैं और सोरेन परिवार की बहु हैं. ऐसे में यहां के विधायक ने सीता सोरेन पर अमर्यादित टिप्पणी कर झारखंड के महिलाओं का सर नीचा किया है. कांग्रेस की परिपाटी यही रही है.” सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि यहां यूपी जैसे नेता की जरूरत है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिमंता बिस्वा सरमा ने बोला हमला</strong><br />वहीं असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, “यहां की सरकार को झारखंड में घुसपैठियों का ठेका लेने वाले इरफान और आलमगीर आलम जैसे नेता प्यारे हैं. क्या सीता सोरेन पर हुए अपमान पर चुप्पी इसलिए साधी है, क्योंकि इन घुसपैठियों से वोट चाहिए. सीता सोरेन एक आदिवासी महिला ही नहीं, बल्कि शिबू सोरेन की बहू और हेमंत की भाभी भी हैं. ऐसे में ऐसी भाषा बोलने वाले इरफान को जेल भेज देना चाहिए, लेकिन इन लोगों ने इरफान के आगे सरेंडर कर दिया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें जामताड़ा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार इरफान अंसारी ने गुरुवार (24 अक्टूबर) को नामांकन दाखिल करने के बाद सोरेन के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से प्रदेश में तेज हो गई है. सीता सोरेन ने अंसारी का वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया था. वहीं एक दिन पहले बीजेपी नेता सीता सोरेन ने अपने बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणियों के बारे में बात करते हुए रविवार को रो पड़ीं. </p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- </strong><strong><a title=”इरफान अंसारी नौटंकीबाज, गलती माफी लायक नहीं’, अभद्र टिप्पणी मामले में भड़कीं सीता सोरेन” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-assembly-election-2024-bjp-sita-soren-targeted-congress-irfan-ansari-in-jamtara-2812404″ target=”_blank” rel=”noopener”>’इरफान अंसारी नौटंकीबाज, गलती माफी लायक नहीं’, अभद्र टिप्पणी मामले में भड़कीं सीता सोरेन</a></strong></p>
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