हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर भर्ती पर चल रहे बवाल के बीच सीएम सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती कोई नौकरी नही है। यह शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्टॉप गैप रेजिमेंट है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि युवाओं को यह सोचना है कि यह पॉलिसी रिटायर टीचर के लिए है या उनके लिए है जो TET पास करके घर मे बैठा है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती को गलत तरीके से एलोबरेट किया जा रहा है। कहा कि, उदाहरण के लिए सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यदि कोई अंग्रेजी का अध्यापक 4 दिन की छुट्टी के लिए चला जाता है , तो 4 दिन बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी। उन चार चार दिन की भरपाई के लिए यदि वहां कोई रिटायर अंग्रेजी का टीचर या NET-SET पास किया हुआ है तो वह 4 दिन पढ़ा सकता है। उसके पैसे फिक्स किए है। यह कोई नौकरी नहीं है, यह शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्टॉप गेप रेजिमेंट है। नेता प्रतिपक्ष ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने के बाद भी सरकार के नुमाइंदों ने प्रदेश के युवाओं से कहा था कि उन्हें नौकरी ठुंजा साल वाली और पेंशन वाली पक्की नौकरी दी जाएगी। लेकिन अब गेस्ट टीचर भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं, छात्रों व उनके अभिभावकों के साथ वादा खिलाफी है। गेस्ट टीचर भर्ती को कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी आपको बता दें कि, गत 12 दिसंबर को सीएम सुखविंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। जिसके बाद से प्रदेशभर में युवा इसका विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ आगामी 19 दिसंबर को शीतकालीन सत्र में विधानसभा घेराव करने का भी ऐलान किया है। हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर भर्ती पर चल रहे बवाल के बीच सीएम सुक्खू ने बड़ा बयान दिया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती कोई नौकरी नही है। यह शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्टॉप गैप रेजिमेंट है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि युवाओं को यह सोचना है कि यह पॉलिसी रिटायर टीचर के लिए है या उनके लिए है जो TET पास करके घर मे बैठा है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गेस्ट टीचर भर्ती को गलत तरीके से एलोबरेट किया जा रहा है। कहा कि, उदाहरण के लिए सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यदि कोई अंग्रेजी का अध्यापक 4 दिन की छुट्टी के लिए चला जाता है , तो 4 दिन बच्चों की पढ़ाई नहीं होगी। उन चार चार दिन की भरपाई के लिए यदि वहां कोई रिटायर अंग्रेजी का टीचर या NET-SET पास किया हुआ है तो वह 4 दिन पढ़ा सकता है। उसके पैसे फिक्स किए है। यह कोई नौकरी नहीं है, यह शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए स्टॉप गेप रेजिमेंट है। नेता प्रतिपक्ष ने साधा सुक्खू सरकार पर निशाना वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव प्रचार से लेकर सरकार बनने के बाद भी सरकार के नुमाइंदों ने प्रदेश के युवाओं से कहा था कि उन्हें नौकरी ठुंजा साल वाली और पेंशन वाली पक्की नौकरी दी जाएगी। लेकिन अब गेस्ट टीचर भर्ती कर रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं, छात्रों व उनके अभिभावकों के साथ वादा खिलाफी है। गेस्ट टीचर भर्ती को कैबिनेट से मिल चुकी है मंजूरी आपको बता दें कि, गत 12 दिसंबर को सीएम सुखविंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में गेस्ट टीचर भर्ती पॉलिसी को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। जिसके बाद से प्रदेशभर में युवा इसका विरोध कर रहे हैं और इसके खिलाफ आगामी 19 दिसंबर को शीतकालीन सत्र में विधानसभा घेराव करने का भी ऐलान किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने OPS की बहाली को लेकर जून महीने में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था। फिर मुख्यमंत्री के आश्वासन पर उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी थी और सीएम ने बोर्ड प्रबंधन को इन कर्मचारियों को OPS देने के निर्देश दिए थे। लेकिन बोर्ड प्रबंधन उनकी मांग मानने को तैयार नहीं है। बिजली बोर्ड प्रबंधन को 15 दिन का अल्टीमेटम बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन बिजली बोर्ड प्रबंधन इन कर्मचारियों को OPS देने के पक्ष में नहीं है। इसके चलते आने वाले दिनों में इंजीनियर-कर्मचारियों और बोर्ड प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है। OPS बहाली के लिए लड़ेंगे निर्णायक लड़ाई: हीरा लाल बिजली बोर्ड इंजीनियर एवं कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बोर्ड कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार उन्हें ओपीएस देने का आश्वासन दिया गया। लेकिन ओपीएस बहाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर चक्काजाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। नगरीय निकाय कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों: आसरा राम नगरीय निकाय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष असरा राम ने कहा कि उनके करीब 1300 कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दिया गया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार से अपना वादा पूरा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस दिया गया है तो उनके 1300 कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
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हिमाचल के तीन जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट:जुलाई में नॉर्मल से 66% ज्यादा बादल बरसे; शिमला में सुबह दो घंटे तक तेज बारिश हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में सुबह से तेज बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) ने आज तीन जिलों में फ्लैश-फ्लड का अलर्ट दे रखा है। यह चेतावनी कांगड़ा, शिमला और चंबा जिला को दी गई है। इसे देखते हुए लोगों को नदी नालों के आसपास नहीं जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि भारी बारिश के कारण अचानक नदी नालों का जल स्तर बढ़ सकता है। IMD के अनुसार, प्रदेश के मैदानी और कम ऊंचे क्षेत्रों में सोमवार को बारिश का पूर्वानुमान है। कल यानी 9 जुलाई को मानसून कमजोर रहेगा। मगर 10 जुलाई से फिर एक्टिव होगा। इससे कुछेक स्थानों पर अगले दो दिन तक भारी बारिश हो सकती है। यहां देखे एक से सात जुलाई तक किस जिला में कितनी बारिश हुई.. बीते एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में नॉर्मल से 66 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस अवधि में प्रदेश में 43.4 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 72.1 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। मंडी जिला में नॉर्मल से 187 प्रतिशत, कांगड़ा में 145 प्रतिशत और शिमला में 112 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। चार जिलों में मानसून पड़ा धीमा वहीं सिरमौर, किन्नौर, ऊना और लाहौल स्पीति चार जिले में मानसून अभी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। इन जिलों में नॉर्मल से कम बारिश हुई है। प्रदेश में इस बार की बरसात में राहत भरी बात यह है कि एक-दो घंटे बारिश होती है। इसके बाद काफी समय तक बारिश थम जाती है। इससे बीते साल की तरह नुकसान नहीं हो रहा। बारिश के बाद 60 सड़कें बंद वहीं प्रदेश में बीते दिनों और आज सुबह हुई बारिश के बाद 60 से ज्यादा सड़कें बंद पड़ी है। इनमें 45 सड़कें ऐसी है जो एक सप्ताह से बंद पड़ी है। लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की बहाली में जुटा हुआ है।