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महाराष्ट्र में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, सरकार ने DCP-SP रैंक के 16 अधिकारियों का किया तबादला
महाराष्ट्र में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, सरकार ने DCP-SP रैंक के 16 अधिकारियों का किया तबादला <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Officers Transferred:</strong> महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार (6 अगस्त) को राज्य में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी दत्ता नलावड़े सहित 16 उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों का तबादला कर दिया. उनमें से प्रमुख मुंबई पुलिस के डीसीपी (डिटेक्शन) दत्ता नलावड़े हैं, जिन्हें महानगर में डीसीपी (सरकारी रेलवे पुलिस) के रूप में स्थानांतरित किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रांसफर आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया था. आदेश के अनुसार पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) विवेक पानसरे, वर्तमान में नवी मुंबई में तैनात हैं और प्रदीप चव्हाण जो अब राज्य विधानसभा सचिवालय के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) हैं, उन्हें मुंबई पुलिस में स्थानांतरित कर दिया गया है. डीसीपी रश्मि नांदेडकर को नवी मुंबई और मीना मकवाना को ठाणे शहर भेजा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रांसफर लिस्ट</strong><br />वहीं संदीप भाजीभाकरे नागपुर में राज्य खुफिया विभाग में समान रैंक पर काम करेंगे. आदेश में कहा गया है कि डीसीपी राजू भुजबल विधानसभा सचिवालय में सीवीओ के तौर पर प्रदीप चव्हाण की जगह लेंगे. वरिष्ठ अधिकारी विश्वास देशमुख का तबादला कर उन्हें पुलिस अधीक्षक (राजमार्ग) के पद पर तैनात किया गया है, जबकि संदीप पालवे मध्य महाराष्ट्र के नांदेड़ में एसपी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के तौर पर काम करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जुलाई में इन अधिकारियों का हुआ था ट्रांसफर<br /></strong>वहीं इससे पहले जुलाई में महाराष्ट्र सरकार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के 10 अधिकारियों का तबादला किया था. राज्य के गृह विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, एडीजी सुनील रामानंद को एडीजी (योजना और समन्वय) के तौर पर महाराष्ट्र पुलिस मुख्यालय में तबादला किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं प्रवीण सालुंके को एडीजी राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी), सुरेश मेक्ला को एडीजी हाईवे पुलिस, दीपक पांडे को एडीजी (पुलिस संचार, आईटी और मोटर परिवहन) के तौर पर, जबकि अमिताभ गुप्ता को एडीजी (विशेष अभियान) बनाया गया था.</p>
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हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े
हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े हरियाणा पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन रिवाइज करना और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाएं प्राप्त करना है। विस अध्यक्ष ने उनकी मांगों को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है। मांगों की समीक्षा के लिए विस अध्यक्ष ने देश की दूसरी विधानसभाओं से भी जानकारी संग्रहित करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामबीर सिंह और महासचिव रणबीर मन्दौला पूर्व विधायकों की मांगों के बारे में विस्तार से बात रखी। अधिकारियों की शिकायत की पूर्व विधायकों के प्रति सरकारी अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायत पर विस अध्यक्ष ने कहा कि हर पद पर बैठे व्यक्ति को शिष्टाचार और मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही समाज के घटक हैं। इसलिए हम सभी को समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना विकसित करनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनाना होगा जिसमें कि बड़े बुजुर्ग अधिकारपूर्वक युवाओं को समझा सकें। नैतिकता का विकास धरातल स्तर से होना चाहिए। इलाज के लिए हर महीनें मिले 20 हजार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विस अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों को इलाज के लिए चिकित्सा भत्ता व अन्य सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रतिमाह कम से कम 20 हजार रुपए आउटडोर इलाज के लिए दिया जाए और इनडोर इलाज के लिए कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएं। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर मन्दौला ने कहा कि 60 वर्ष की उम्र के बाद पूर्व विधायकों को बैंक लोन नहीं देते। हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाता है। कार खरीदने के लिए 25 लाख का लोन मांगा हरियाणा में पूर्व विधायकों ने कार खरीदने व मकान की मुरम्मत के लिए विधानसभा से 25 लाख रुपए का लोन दिया जाना चाहिए। इसकी रिकवरी पेंशन से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से यात्रा भत्ता भी बढ़ाया जाना चाहिए। पूर्व विधायकों को मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 2 लाख रुपए और झारखंड में 3 लाख रुपए प्रति वर्ष यात्रा भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में भी यह भत्ता 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के लिए ‘नो लोस-नो प्रोफिट’ पर पंचकूला में भू-खंड की भी मांग की है। रिवाईज की जाए पेंशन पूर्व विधायकों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायकों की पेंशन रिवाइज नहीं हुई। वर्ष 2016 में भत्ते व पेंशन संशोधन बिल में पेंशन पर एक लाख रुपए होने पर कैप लगाया था। इस कैप में मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि भी जोड़ दिया। इसलिए मंहगाई भत्ते सहित सभी भत्तों से यह कैप हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देती है। इसमें अब केंद्र व राजस्थान,हिमाचल व कई प्रदेशों में पेशनर्स की मांग पर इस स्लैब में संशोधन स्वीकार कर 65 वर्ष पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत, 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत और 85 वर्ष पर 30 प्रतिशत करने का फैसला हुआ है। इसलिए पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी भी इसी तर्ज पर होनी चाहिए।
नवांशहर में नहर में डूबे बालक का शव मिला:10 दिन पहले खेलते हुए गिर गया था, फिल्लौर में मृत मिला बच्चा
नवांशहर में नहर में डूबे बालक का शव मिला:10 दिन पहले खेलते हुए गिर गया था, फिल्लौर में मृत मिला बच्चा नवांशहर के उसमानपुर गांव में एक प्रवासी मजदूर परिवार के डेढ़ साल के बच्चे का दस दिन बाद शव बरामद हो गया है। दस दिन पहले गांव निवासी मजदूर नीरज कुमार का डेढ़ साल का बेटा सोनू कुमार नहर में डूब गया था। इस बाबत नीरज कुमार ने उसी दिन पुलिस से शिकायत कर अपने लापता बेटे की तलाश किए जाने की गुहार लगाई थी। नीरज ने बताया कि बच्चा खेलते हुए नहर के पास चला गया था और नहर में के पानी में बह गया था। आज बालक का शव नहर से मिला है। फिल्लौर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। उधर, ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराए जाने की गुहार प्रशासन से लगाई है। बेटे की तलाश के लिए भटकता रहा पिता मृतक बालक के पिता नीरज कुमार ने बताया कि, उसके बेटे सोनू का शव फिल्लौर जिला जालंधर के पास नहर में मिलने की खबर मिली, जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ वहां गए। वह शव उनके बेटे का था। सोनू के पिता ने कहा कि अगर वह अमीर होता तो उसका बच्चा जल्द मिल जाता, लेकिन मैं दर -दर की ठोकरें खाकर घर बैठ गया। कहा कि इस संबंध में उन्होंने आप पार्टी के सतनाम जलवाहा को भी बताया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी, पुलिस का कोई सहयोग नहीं मिला, पुलिस गोताखोर बुलाने का झूठा दिलासा देती रही।