यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह चार दिन तक चलेगा। इसमें प्रदेश सरकार की ओर से 10 अहम अध्यादेश पेश किए जाएंगे। सत्र के दौरान सपा-कांग्रेस बहराइच दंगे और संभल हिंसा पर सरकार को घेरेगी। वहीं, सत्ता पक्ष हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से पूरी तरह गदगद है। माना जा रहा है कि संसद में यूपी की कानून व्यवस्था पर उठाए गए राहुल-प्रियंका गांधी और अखिलेश के सवालों का जवाब सीएम योगी और बाकी मंत्रियों की तरफ से दिया जाएगा। व्यापारी, छात्रों से जुड़े वो 3 अध्यादेश, जो असर डालेंगे 1- उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2024 यह बिल व्यापारियों को राहत देने वाला है। वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में व्यापारियों के बकाया जीएसटी पर ब्याज और पेनाल्टी को सशर्त माफ किया जाएगा। एमनेस्टी स्कीम के तहत तीन वर्ष के टैक्स विवाद का हल होगा। व्यापारियों को अदालतों में विचाराधीन टैक्स के मामले वापस लेकर मूल टैक्स अदा करना होगा। सरकार उन्हें ब्याज और जुर्माना में राहत देगी। इससे व्यापारियों को करीब सात हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा। विभाग को तीन हजार करोड़ से अधिक का टैक्स मिलेगा। इस अध्यादेश के पारित होने से तीन साल के करीब दस हजार करोड़ रुपए से अधिक के टैक्स विवादों का निस्तारण होगा। जीएसटी में गड़बड़ी या घोटाले वाले मामलों में जांच की अवधि पांच से घटाकर तीन साल की जाएगी। जीएसटी विभाग के अधिकारी ने बताया कि वे मामले, जिनमें व्यापारी अनजाने में टैक्स कम अदा करते हैं, उन्हें नॉन फ्रॉड केस की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं, जिन मामलों में जानबूझकर कम टैक्स जमा किया जाता है, उन्हें फ्रॉड माना जाता है। अभी तक नॉन फ्रॉड केस में जांच की अवधि तीन साल और फ्रॉड केस में जांच की अवधि पांच साल थी। धारा 74 क, के तहत वित्त वर्ष 2024-25 और उसके बाद सभी श्रेणी के कर निर्धारण आदेश की अवधि को 42 महीने किया गया है। मामले में सुनवाई के लिए व्यापारी की जगह उनके प्रतिनिधि भी उपस्थित हो सकेंगे। अभी तक व्यापारी को खुद उपस्थित होना पड़ता था। 2- उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 इसके तहत पान मसाला, गुटखा, तम्बाकू सहित नशीले पदार्थ बनाने वाली कंपनियों के लिए मशीनों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। कंपनियों को राज्य जीएसटी में इसका पंजीकरण कराना होगा। रिटर्न दाखिल करते समय पूरी जानकारी देनी होगी कि मशीन में कितना उत्पादन हुआ है। पंजीकरण नहीं कराने पर कंपनी से एक लाख रुपए प्रति मशीन जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। मशीनों को पंजीकरण के दायरे में लाने के लिए माल एवं सेवाकर (संशोधन) अध्यादेश 2024 के तहत विशेष प्रक्रिया धारा 122 क तहत व्यवस्था की गई है। पंजीकरण नहीं कराने पर मशीन को सीज कर दिया जाएगा। पंजीकरण राशि और जुर्माना अदा करने पर ही उसे छोड़ा जाएगा। 3- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया एवं विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश 2024 उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए होने वाले पेपरों में रंग से लेकर कोड तक अलग-अलग होंगे। यूपी राज्य लोक सेवा आयोग अधिनियम में संशोधन संबंधी अध्यादेश जारी कर दिया है। इसके तहत लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए प्रत्येक प्रश्न पत्र के चार सेट तैयार करवाए जाएंगे। ये पेपर सेटर अलग–अलग स्थानों के होंगे। पेपर सेटर से मिले मुहरबंद प्रश्नपत्र परीक्षा नियंत्रक की देखरेख में रखे जाएंगे। इनमें से किन्हीं दो का प्रिंटिंग प्रेस से प्रकाशन करवाया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक को पेपर सेटर से मिलने वाले चारों प्रश्न पत्रों के लिफाफे उनसे संबद्ध मॉडरेटर (प्रश्नपत्रों को सरल या कठिन के लिहाज से एक स्तर पर लाने वाले) को उनसे रसीद लेकर दिए जाएंगे। इसके बाद मॉडरेटर चारों प्रश्न पत्रों को अलग-अलग पैकेट में रखकर अपनी मुहर लगाएंगे। इन लिफाफों पर पहचान के लिए कोई चिह्न नहीं लगाया जाएगा। उन्हें परीक्षा नियंत्रक या उसके नामित व्यक्ति को रसीद लेकर ही दिया जाएगा। लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए कुल चार सेट में तैयार प्रश्न पत्रों में से किन्हीं दो का ही प्रकाशन कराया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के दो प्रश्न पत्रों को बिना लिफाफा खोले ही चुनेंगे। उन्हें उसी रूप में दो अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस को भेजा जाएगा। प्रिटिंग प्रेस की जिम्मेदारी होगी कि सभी परीक्षा केंद्रों के लिए अलग-अलग रंग और गोपनीय कोड में प्रश्न पत्रों का पैकेट अपनी मुहर लगाकर तैयार करें। साथ ही उसकी गोपनीयता भी बरकरार बनाए रखे। यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह चार दिन तक चलेगा। इसमें प्रदेश सरकार की ओर से 10 अहम अध्यादेश पेश किए जाएंगे। सत्र के दौरान सपा-कांग्रेस बहराइच दंगे और संभल हिंसा पर सरकार को घेरेगी। वहीं, सत्ता पक्ष हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत से पूरी तरह गदगद है। माना जा रहा है कि संसद में यूपी की कानून व्यवस्था पर उठाए गए राहुल-प्रियंका गांधी और अखिलेश के सवालों का जवाब सीएम योगी और बाकी मंत्रियों की तरफ से दिया जाएगा। व्यापारी, छात्रों से जुड़े वो 3 अध्यादेश, जो असर डालेंगे 1- उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश 2024 यह बिल व्यापारियों को राहत देने वाला है। वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में व्यापारियों के बकाया जीएसटी पर ब्याज और पेनाल्टी को सशर्त माफ किया जाएगा। एमनेस्टी स्कीम के तहत तीन वर्ष के टैक्स विवाद का हल होगा। व्यापारियों को अदालतों में विचाराधीन टैक्स के मामले वापस लेकर मूल टैक्स अदा करना होगा। सरकार उन्हें ब्याज और जुर्माना में राहत देगी। इससे व्यापारियों को करीब सात हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा। विभाग को तीन हजार करोड़ से अधिक का टैक्स मिलेगा। इस अध्यादेश के पारित होने से तीन साल के करीब दस हजार करोड़ रुपए से अधिक के टैक्स विवादों का निस्तारण होगा। जीएसटी में गड़बड़ी या घोटाले वाले मामलों में जांच की अवधि पांच से घटाकर तीन साल की जाएगी। जीएसटी विभाग के अधिकारी ने बताया कि वे मामले, जिनमें व्यापारी अनजाने में टैक्स कम अदा करते हैं, उन्हें नॉन फ्रॉड केस की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं, जिन मामलों में जानबूझकर कम टैक्स जमा किया जाता है, उन्हें फ्रॉड माना जाता है। अभी तक नॉन फ्रॉड केस में जांच की अवधि तीन साल और फ्रॉड केस में जांच की अवधि पांच साल थी। धारा 74 क, के तहत वित्त वर्ष 2024-25 और उसके बाद सभी श्रेणी के कर निर्धारण आदेश की अवधि को 42 महीने किया गया है। मामले में सुनवाई के लिए व्यापारी की जगह उनके प्रतिनिधि भी उपस्थित हो सकेंगे। अभी तक व्यापारी को खुद उपस्थित होना पड़ता था। 2- उत्तर प्रदेश माल एवं सेवाकर संशोधन अध्यादेश 2024 इसके तहत पान मसाला, गुटखा, तम्बाकू सहित नशीले पदार्थ बनाने वाली कंपनियों के लिए मशीनों का पंजीकरण अनिवार्य होगा। कंपनियों को राज्य जीएसटी में इसका पंजीकरण कराना होगा। रिटर्न दाखिल करते समय पूरी जानकारी देनी होगी कि मशीन में कितना उत्पादन हुआ है। पंजीकरण नहीं कराने पर कंपनी से एक लाख रुपए प्रति मशीन जुर्माना भी वसूल किया जाएगा। मशीनों को पंजीकरण के दायरे में लाने के लिए माल एवं सेवाकर (संशोधन) अध्यादेश 2024 के तहत विशेष प्रक्रिया धारा 122 क तहत व्यवस्था की गई है। पंजीकरण नहीं कराने पर मशीन को सीज कर दिया जाएगा। पंजीकरण राशि और जुर्माना अदा करने पर ही उसे छोड़ा जाएगा। 3- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (प्रक्रिया एवं विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश 2024 उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए होने वाले पेपरों में रंग से लेकर कोड तक अलग-अलग होंगे। यूपी राज्य लोक सेवा आयोग अधिनियम में संशोधन संबंधी अध्यादेश जारी कर दिया है। इसके तहत लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए प्रत्येक प्रश्न पत्र के चार सेट तैयार करवाए जाएंगे। ये पेपर सेटर अलग–अलग स्थानों के होंगे। पेपर सेटर से मिले मुहरबंद प्रश्नपत्र परीक्षा नियंत्रक की देखरेख में रखे जाएंगे। इनमें से किन्हीं दो का प्रिंटिंग प्रेस से प्रकाशन करवाया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक को पेपर सेटर से मिलने वाले चारों प्रश्न पत्रों के लिफाफे उनसे संबद्ध मॉडरेटर (प्रश्नपत्रों को सरल या कठिन के लिहाज से एक स्तर पर लाने वाले) को उनसे रसीद लेकर दिए जाएंगे। इसके बाद मॉडरेटर चारों प्रश्न पत्रों को अलग-अलग पैकेट में रखकर अपनी मुहर लगाएंगे। इन लिफाफों पर पहचान के लिए कोई चिह्न नहीं लगाया जाएगा। उन्हें परीक्षा नियंत्रक या उसके नामित व्यक्ति को रसीद लेकर ही दिया जाएगा। लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए कुल चार सेट में तैयार प्रश्न पत्रों में से किन्हीं दो का ही प्रकाशन कराया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक किसी विषय के दो प्रश्न पत्रों को बिना लिफाफा खोले ही चुनेंगे। उन्हें उसी रूप में दो अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेस को भेजा जाएगा। प्रिटिंग प्रेस की जिम्मेदारी होगी कि सभी परीक्षा केंद्रों के लिए अलग-अलग रंग और गोपनीय कोड में प्रश्न पत्रों का पैकेट अपनी मुहर लगाकर तैयार करें। साथ ही उसकी गोपनीयता भी बरकरार बनाए रखे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, अजित पवार 95 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. बाबा अधव से मिलने शहर में आए थे. अधव ने हाल में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के कथित दुरुपयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. यहां अजित पवार से जब पूछा गया कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा तो उन्होंने कहा, “राज्य में बीजेपी से मुख्यमंत्री और महायुति के दो अन्य दलों से दो उप मुख्यमंत्री होंगे. संभावित रूप से शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर को होगा. हमने एक मजबूत दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>5 दिसबंर को शपथ ग्रहण</strong><br />वहीं बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार शाम घोषणा की कि नई महायुति सरकार पांच दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या होगा फार्मूला?</strong><br />हालांकि, अभी तक मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई है लेकिन बीजेपी सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस इस दौड़ में सबसे आगे हैं. फडणवीस दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पिछली एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे. इस बार भी महाराष्ट्र में सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम का फार्मूला होने वाला है.<br /> <br /><strong>सरकार गठन में देरी</strong><br />बता दें कि महायुति में बीजेपी के अलावा <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. गठबंधन ने हाल में संपन्न <a title=”महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/maharashtra-assembly-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव</a> में शानदार जीत दर्ज की है. बीजेपी 132 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है जबकि शिवसेना और एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीट जीतीं हैं. हालांकि,अगले मुख्यमंत्री को लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं हुई है और सरकार गठित करने में देरी हुई है.</p>
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