आज यानी सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पराली जलाने के मामले की सुनवाई करने जा रहा है। पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से तीन सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रूपरेखा समेत बेहतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इसरो से प्राप्त कथित गलत आंकड़ों के संबंध में उचित प्राधिकारी के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का निर्देश दिया था। पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के संबंध में कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामों की जांच की थी। जिसमें खेतों में आग लगाने की अधिक घटनाओं का संकेत दिया गया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) अधिनियम की धारा 14 के तहत दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनिच्छा पर असंतोष दोहराया था। राज्यों को अपनी निष्क्रियता स्पष्टीकरण देना चाहिए कोर्ट ने कहा था- आज भी हम सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई करने में दोनों सरकारों की ओर से अनिच्छा देख रहे हैं। आयोग की ओर से पेश हुए विद्वान एएसजी ने कहा कि राज्यों में जिला मजिस्ट्रेटों को धारा 14 की उपधारा (2) के तहत मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, पिछले आदेशों में हमने देखा है कि मुकदमा चलाने के बजाय, राज्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने में व्यस्त हैं। हम 3 साल पहले पारित आयोग के आदेश के खुलेआम उल्लंघन की बात कर रहे हैं। राज्यों को अपनी निष्क्रियता के लिए अदालत को स्पष्टीकरण देना चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार 11 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पराली जलाने से संबंधित एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने यह तर्क दिया कि इसी मुद्दे पर एक मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। हाईकोर्ट ने दो अदालतों के बीच परस्पर विरोधाभासी विचारों से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “दो अदालतों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जिसे टाला जाना चाहिए।” इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अभी विचार चल रहा है। पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना किया गया सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। दो से पांच एकड़ जमीन वालों से 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की सरकारें इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगी। 70 फीसदी कम पराली जलाई गई पंजाब सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई। 2023 में 36,551 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2024 तक घटकर केवल 10,479 रह गईं, जो पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी कम है। आज यानी सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पराली जलाने के मामले की सुनवाई करने जा रहा है। पिछले महीने हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से तीन सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रूपरेखा समेत बेहतर अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा था। इसके अलावा कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को इसरो से प्राप्त कथित गलत आंकड़ों के संबंध में उचित प्राधिकारी के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का निर्देश दिया था। पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के संबंध में कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामों की जांच की थी। जिसमें खेतों में आग लगाने की अधिक घटनाओं का संकेत दिया गया था। कोर्ट ने दोनों राज्यों द्वारा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) अधिनियम की धारा 14 के तहत दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अनिच्छा पर असंतोष दोहराया था। राज्यों को अपनी निष्क्रियता स्पष्टीकरण देना चाहिए कोर्ट ने कहा था- आज भी हम सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कार्रवाई करने में दोनों सरकारों की ओर से अनिच्छा देख रहे हैं। आयोग की ओर से पेश हुए विद्वान एएसजी ने कहा कि राज्यों में जिला मजिस्ट्रेटों को धारा 14 की उपधारा (2) के तहत मुकदमा चलाने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, पिछले आदेशों में हमने देखा है कि मुकदमा चलाने के बजाय, राज्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने में व्यस्त हैं। हम 3 साल पहले पारित आयोग के आदेश के खुलेआम उल्लंघन की बात कर रहे हैं। राज्यों को अपनी निष्क्रियता के लिए अदालत को स्पष्टीकरण देना चाहिए। हाईकोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार 11 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पराली जलाने से संबंधित एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने यह तर्क दिया कि इसी मुद्दे पर एक मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। हाईकोर्ट ने दो अदालतों के बीच परस्पर विरोधाभासी विचारों से बचने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा, “दो अदालतों के बीच मतभेद हो सकते हैं, जिसे टाला जाना चाहिए।” इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अभी विचार चल रहा है। पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना किया गया सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माना दोगुना कर दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। अब 2 एकड़ से कम जमीन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। दो से पांच एकड़ जमीन वालों से 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वालों से 30,000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की सरकारें इन नियमों को लागू करने के लिए बाध्य होंगी। 70 फीसदी कम पराली जलाई गई पंजाब सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गई। 2023 में 36,551 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2024 तक घटकर केवल 10,479 रह गईं, जो पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी कम है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में आज बारिश का येलो अलर्ट:तापमान में 5.2 डिग्री की आई कमी , पूरा दिन छाए रहेंगे बादल सिटी ब्यूटीफुल के अलग-अलग एरिया में गत दो दिनों से हो रही बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। तापमान में 5.2 डिग्री की कमी आई है। तापमान 32.2 डिग्री पहुंच गया है, जो कि सामान्य से एक डिग्री कम है। वहीं, मौसम विभाग की तरफ से आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि आज सुबह नौ बजे तक तक ट्राइसिटी चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में बिजली चमकने के साथ हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वह पेड़ों के नीचे खड़े न हो। 21 जुलाई से बदलेगा मौमस मौसम विभाग के मुताबिक आज आकाश में पूरा दिन बादल छाए रहेंगे। तापमान 26 डिग्री से 35 डिग्री के बीच में रहेगा। बुधवार को 0.6 एमएम बारिश हुई है। जबकि इससे पहले 41 एमएम हुई थी। वहीं, मौसम विभाग की माने तो डेंगू के लिए यह आदर्श मौसम रहता है। ऐसे मे लोगों को अपना ध्यान रखना चाहिए। जहां तक हो सके पानी को खड़ा न होने दे। वहीं, मौसम विभाग की माने तो इसके बाद 21 जुलाई को अलर्ट रहेगा। बारिश में मदद के लिए यहां करे कॉल बारिश होने पर लोगों को किसी तरह की दिक्कत न उठानी पड़े। इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन भी अलर्ट है। जल निकासी से लेकर अन्य विपरीत स्थितियों से निपटने के लिए टीमें गठित की गई हैं। चंडीगढ़ पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि बारिश में जलभराव वाले एरिया में गाड़ी चलाने से बचे। एसी का प्रयोग न करे। निकासी पाइप के माध्यम से पानी को इंजन से रोकने के लिए स्थिर गति बनाए रखे। पहले गियर में गाड़ी चलाए। किसी भी तरह से घबराना नहीं है। मदद के लिए 112 या 1073 पर कॉल करें।
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पंजाब के 9 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट:अन्य में येलो अलर्ट जारी; राज्य में इस महीने 48% कम बारिश पंजाब में बारिश को लेकर आज रविवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आज और 1 जुलाई को पंजाब के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। IMD द्वारा जारी अलर्ट के बाद निवासियों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। अगले 2-3 दिनों तक आंधी-तूफान के साथ बारिश जारी रहने की उम्मीद है, जिससे राज्य में चल रही गर्मी से राहत मिलेगी। IMD द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, अगर पंजाब की बात करें तो 9 जिलों पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला और एसएएस नगर में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यहां भारी बारिश, आंधी की चेतावनी भी जारी की गई है। जबकि अन्य सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। पंजाब में मानसून ने नहीं बदले हालात दो दिन पहले पंजाब में मानसून ने दस्तक दी। मानसून ने यह एंट्री हिमाचल प्रदेश से पठानकोट के रास्ते की। लेकिन दो दिन से पंजाब में मानसून में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आईएमडी का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्य से बेहतर बारिश करेगा। आने वाले 2 से 3 दिनों में मानसून अपनी स्थिति बदलेगा और पंजाब के कुछ और राज्यों में सक्रिय हो जाएगा। जून महीने में बारिश में कमी आई आईएमडी के मुताबिक, मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है। लेकिन, अगर जून महीने की बात करें तो 1 से 29 जून तक पंजाब में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। आम तौर पर इन 29 दिनों में पंजाब में 49.7 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल अब तक सिर्फ 25.6 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 48% कम है।
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