यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- संभल में 1947 से अब तक हुए दंगों में 209 हिंदू मारे गए हैं। किसी ने एक बार भी उन निर्दोष लोगों के लिए संवेदना व्यक्त नहीं की। ये लोग हाल ही में हुए संभल दंगे पर आंसू बहा रहे हैं। ये लोग सौहार्द की बात कर करते हैं। शर्म आनी चाहिए। संभल में बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है, 1978 से उसको इन लोगों ने खुलने नहीं दिया। 22 कुएं किसने बंद किए थे? इन लोगों ने तनावपूर्ण माहौल बनाया। पत्थरबाजी की होगी, माहौल खराब किया होगा। उसमें से एक भी बचने वाला नहीं। किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन पत्थरबाज और कट्टा चलाने वाले नहीं बचेंगे। भारत में राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा रहेगी, बाबर और औरगंजेब की नहीं। अब हम न बंटेंगे और न कटेंगे। योगी ने अब तक प्रदेश में हुए एक-एक दंगे और उनमें मारे गए लोगों को भी गिनाया। बहराइच दंगे में मारे गए रामगोपाल मिश्रा का जिक्र किया। विधानसभा में योगी के भाषण के 5 बड़े पॉइंट… 1- दंगों के इतिहास से सपा-बसपा और कांग्रेस को घेरा
योगी ने NCRB डेटा के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया- 2017 से लेकर अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 फीसदी तक की कमी आई है। 2017 से अब तक यूपी में दंगे नहीं हुए। 2012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे और 192 लोगों की मौत हुई थी। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की मौत हुई। संभल में माहौल खराब किया गया। 1947 से लगातार दंगे हुए। 1947 में एक मौत और 1948 में 6 लोग मारे गए। 1958-1962 में दंगा, 1976 में 5 लोगों की मौत हुई। 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया। लगातार कई महीनों तक कर्फ्यू लगा। 1980-1982 में दंगा और एक-एक की मौत हुई। 1986 में 4 लोग मारे गए। 1990-1992 में 5, 1996 में दो की मौत हुई। लगातार यह सिलसिला चलता रहा। 2- बाबरनामा का जिक्र कर मंदिर-मस्जिद विवाद काे रखा
सीएम ने नेता प्रतिपक्ष से कहा- बाबरनामा पढ़ना चाहिए। इसमें भी कहा गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया। पुराण भी कहता है कि श्रीहरि विष्णु का 10वां अवतार संभल में होगा। न्यायालय के निर्देश पर डीएम और एसपी शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे को संपन्न कराते हैं। 19, 21 और 24 नवंबर को सर्वे कार्य चल रहा था। इस दौरान पहले 2 दिन शांतिभंग नहीं हुई। 23 नवंबर को जुमे की नमाज के दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं, उसके बाद माहौल खराब हुआ। उसके बाद की स्थितियां सबके सामने हैं। हमारी सरकार ने पहले ही कहा है कि हम ज्यूडिशियल एक्ट बनाएंगे, जो एक्ट के अंदर बना है। सदन में उसकी रिपोर्ट आएगी, तब दूध का दूध और पानी का पानी होगा। 3- संभल में हिंदुओं की हत्या पर विपक्ष को घेरा
सीएम ने कहा- 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई। एक बार भी निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे गए। घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे। 1978 में दंगा हुआ। तब एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था। दंगा होने के बाद हिंदू उनके घर में इकट्ठे हुए, तो उन्हें घेर लिया गया। उनसे कहा गया कि इन हाथों से सूद का पैसा मांगोगे। इसलिए पहले हाथ, फिर पैर और फिर गला काट दिया गया। सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती। 4- कुंदरकी की जीत को लेकर सपा पर निशाना साधा
योगी ने कहा- कुंदरकी की जीत को वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान है। वहां सपा के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। आज डिजिटल मीडिया का समय है। वहां का पठान और शेख कह रहा है कि हमारे पूर्वज हिंदू थे। आपके पूर्वज भी हिंदू थे। यह देसी-विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है, जो वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चल रही है। सपा सच पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। लेकिन सूरज, चांद और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता। सत्य जल्द सामने आएगा। योगी ने कहा- रघुराज प्रताप सिंह ने एक बात साफ की। हम तथ्यों को छुपा कर कब तक जनता को गुमराह करेंगे। हर व्यक्ति जानता है कि कोर्ट के आदेश पर सर्वे हो रहा है। 5- जय श्रीराम और हर-हर महादेव से हिंदुओं को संदेश दिया
सीएम ने कहा- मुस्लिम समाज का जुलूस मंदिर के सामने से निकल जाता है, कोई समस्या नहीं होती। हिंदू समाज की शोभायात्रा मस्जिद के सामने से निकलती है, तो दिक्कत क्यों होती है? कल मैं कहूंगा कि मुझे अल्लाह-हु-अकबर का स्लोगन अच्छा नहीं लगता, तो आपको कैसे लगेगा? मैं जय श्रीराम, हर-हर महादेव और राधे-राधे कहकर जिंदगी काट सकता हूं। पश्चिम यूपी के सभी लोग अपने सामान्य संबोधन में राम-राम कहते हैं। ऐसे में ‘जय श्रीराम’ सांप्रदायिक संबोधन कैसे हो गया? हम मिलते हैं, तो राम-राम करते हैं। अंतिम यात्रा में भी राम-राम कहते हैं। हमारा तो कोई काम राम के बिना नहीं होता। —————————- यह खबर भी पढ़ें थप्पड़ खाने वाले BJP विधायक विधानसभा नहीं आए, योगेश वर्मा बोले- क्या मुंह दिखाऊंगा लखीमपुर खीरी से सदर विधायक योगेश वर्मा सोमवार को विधानसभा नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा- थप्पड़ कांड की गूंज अभी तक बनी हुई है। हिम्मत नहीं पड़ रही l कैसे जाएं हम। अपने साथी विधायकों को क्या मुंह दिखाएंगे। घटना से आहत विधायक योगेश ने कहा- मेरे साथ हुई घटना को पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया। न ही आरोपी पर उचित कार्रवाई हुई। यहां पढ़ें पूरी खबर यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को CM योगी आदित्यनाथ ने कहा- संभल में 1947 से अब तक हुए दंगों में 209 हिंदू मारे गए हैं। किसी ने एक बार भी उन निर्दोष लोगों के लिए संवेदना व्यक्त नहीं की। ये लोग हाल ही में हुए संभल दंगे पर आंसू बहा रहे हैं। ये लोग सौहार्द की बात कर करते हैं। शर्म आनी चाहिए। संभल में बजरंग बली का जो मंदिर आज निकल रहा है, 1978 से उसको इन लोगों ने खुलने नहीं दिया। 22 कुएं किसने बंद किए थे? इन लोगों ने तनावपूर्ण माहौल बनाया। पत्थरबाजी की होगी, माहौल खराब किया होगा। उसमें से एक भी बचने वाला नहीं। किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन पत्थरबाज और कट्टा चलाने वाले नहीं बचेंगे। भारत में राम-कृष्ण, बुद्ध की परंपरा रहेगी, बाबर और औरगंजेब की नहीं। अब हम न बंटेंगे और न कटेंगे। योगी ने अब तक प्रदेश में हुए एक-एक दंगे और उनमें मारे गए लोगों को भी गिनाया। बहराइच दंगे में मारे गए रामगोपाल मिश्रा का जिक्र किया। विधानसभा में योगी के भाषण के 5 बड़े पॉइंट… 1- दंगों के इतिहास से सपा-बसपा और कांग्रेस को घेरा
योगी ने NCRB डेटा के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया- 2017 से लेकर अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97 से 99 फीसदी तक की कमी आई है। 2017 से अब तक यूपी में दंगे नहीं हुए। 2012 से 2017 (सपा कार्यकाल) तक प्रदेश में 815 सांप्रदायिक दंगे और 192 लोगों की मौत हुई थी। 2007 से 2011 के बीच 616 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं, इसमें 121 लोगों की मौत हुई। संभल में माहौल खराब किया गया। 1947 से लगातार दंगे हुए। 1947 में एक मौत और 1948 में 6 लोग मारे गए। 1958-1962 में दंगा, 1976 में 5 लोगों की मौत हुई। 1978 में 184 हिंदुओं को सामूहिक रूप से जला दिया गया। लगातार कई महीनों तक कर्फ्यू लगा। 1980-1982 में दंगा और एक-एक की मौत हुई। 1986 में 4 लोग मारे गए। 1990-1992 में 5, 1996 में दो की मौत हुई। लगातार यह सिलसिला चलता रहा। 2- बाबरनामा का जिक्र कर मंदिर-मस्जिद विवाद काे रखा
सीएम ने नेता प्रतिपक्ष से कहा- बाबरनामा पढ़ना चाहिए। इसमें भी कहा गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया। पुराण भी कहता है कि श्रीहरि विष्णु का 10वां अवतार संभल में होगा। न्यायालय के निर्देश पर डीएम और एसपी शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे को संपन्न कराते हैं। 19, 21 और 24 नवंबर को सर्वे कार्य चल रहा था। इस दौरान पहले 2 दिन शांतिभंग नहीं हुई। 23 नवंबर को जुमे की नमाज के दौरान जिस प्रकार की तकरीरें दी गईं, उसके बाद माहौल खराब हुआ। उसके बाद की स्थितियां सबके सामने हैं। हमारी सरकार ने पहले ही कहा है कि हम ज्यूडिशियल एक्ट बनाएंगे, जो एक्ट के अंदर बना है। सदन में उसकी रिपोर्ट आएगी, तब दूध का दूध और पानी का पानी होगा। 3- संभल में हिंदुओं की हत्या पर विपक्ष को घेरा
सीएम ने कहा- 1947 से अब तक संभल में 209 हिंदुओं की हत्या हुई। एक बार भी निर्दोष हिंदुओं के लिए दो शब्द नहीं कहे गए। घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों ने निर्दोष हिंदुओं के बारे में दो शब्द नहीं कहे। 1978 में दंगा हुआ। तब एक वैश्य ने सबको पैसा उधार दे रखा था। दंगा होने के बाद हिंदू उनके घर में इकट्ठे हुए, तो उन्हें घेर लिया गया। उनसे कहा गया कि इन हाथों से सूद का पैसा मांगोगे। इसलिए पहले हाथ, फिर पैर और फिर गला काट दिया गया। सौहार्द की बात करने पर इन्हें शर्म नहीं आती। 4- कुंदरकी की जीत को लेकर सपा पर निशाना साधा
योगी ने कहा- कुंदरकी की जीत को वोट की लूट कहना सदस्य का अपमान है। वहां सपा के प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। आज डिजिटल मीडिया का समय है। वहां का पठान और शेख कह रहा है कि हमारे पूर्वज हिंदू थे। आपके पूर्वज भी हिंदू थे। यह देसी-विदेशी मुसलमानों की आपसी भिड़ंत है, जो वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चल रही है। सपा सच पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है। लेकिन सूरज, चांद और सत्य को बहुत देर तक कोई छिपा नहीं सकता। सत्य जल्द सामने आएगा। योगी ने कहा- रघुराज प्रताप सिंह ने एक बात साफ की। हम तथ्यों को छुपा कर कब तक जनता को गुमराह करेंगे। हर व्यक्ति जानता है कि कोर्ट के आदेश पर सर्वे हो रहा है। 5- जय श्रीराम और हर-हर महादेव से हिंदुओं को संदेश दिया
सीएम ने कहा- मुस्लिम समाज का जुलूस मंदिर के सामने से निकल जाता है, कोई समस्या नहीं होती। हिंदू समाज की शोभायात्रा मस्जिद के सामने से निकलती है, तो दिक्कत क्यों होती है? कल मैं कहूंगा कि मुझे अल्लाह-हु-अकबर का स्लोगन अच्छा नहीं लगता, तो आपको कैसे लगेगा? मैं जय श्रीराम, हर-हर महादेव और राधे-राधे कहकर जिंदगी काट सकता हूं। पश्चिम यूपी के सभी लोग अपने सामान्य संबोधन में राम-राम कहते हैं। ऐसे में ‘जय श्रीराम’ सांप्रदायिक संबोधन कैसे हो गया? हम मिलते हैं, तो राम-राम करते हैं। अंतिम यात्रा में भी राम-राम कहते हैं। हमारा तो कोई काम राम के बिना नहीं होता। —————————- यह खबर भी पढ़ें थप्पड़ खाने वाले BJP विधायक विधानसभा नहीं आए, योगेश वर्मा बोले- क्या मुंह दिखाऊंगा लखीमपुर खीरी से सदर विधायक योगेश वर्मा सोमवार को विधानसभा नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा- थप्पड़ कांड की गूंज अभी तक बनी हुई है। हिम्मत नहीं पड़ रही l कैसे जाएं हम। अपने साथी विधायकों को क्या मुंह दिखाएंगे। घटना से आहत विधायक योगेश ने कहा- मेरे साथ हुई घटना को पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया। न ही आरोपी पर उचित कार्रवाई हुई। यहां पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर