<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट को लेकर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है. उन्होंने आरोप लगाय कि कॉमनवेल्थ खेलों पर सीएजी रिपोर्ट को उठाकर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल की सरकार आज खुद की 14 सीएजी रिपोर्ट छुपा रही है. आतिशी सरकार को कोर्ट में स्वीकारना पड़ा की उन्हें ही उपराज्यपाल को रिपोर्ट भेजकर विधानसभा में रखने की अनुमति लेनी है और उन्होंने यह सब कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सचदेवा ने कहा कि <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> सरकार फिर भी मामले को टालती रही और सदन के अंतिम सत्र को 4 दिसंबर को खत्म होने दिया पर सीएजी रिपोर्ट सदन में नहीं रखा, जिसके बाद बीजेपी विधायक दल ने पुनःकोर्ट से निर्देश की मांग की. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा पर सरकार ने यह कहा कि रिपोर्ट उपराज्यपाल के पास है और वह सक्षम अधिकारी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि कोर्ट को भी भ्रमित कर लंबा स्थगन लेने का प्रयास किया पर दिल्ली वालों के सौभाग्यवश सीएजी ने भी अपना हलफनामा कोर्ट में रख दिया, जिससे स्थिति पूरी तरह साफ हो गई. उन्होंने कहा कि सीएजी के हलफनामे ने साफ कर दिया कि उसने दिल्ली सरकार को हस्ताक्षरित पूरी रिपोर्ट भेजी, जिसकी बिना हस्ताक्षर की कॉपी सील लिफाफे में उपराज्यपाल को भेजी जो केवल एक सूचनात्मक थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बच रही आप सरकार- विरेंद्र सचदेवा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता ने कहा कि यह अजीब विडंबना है कि 2011-12 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ राजनीतिक सफर की शुरुआत सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर की थी, उन्हीं अरविंद केजरीवाल की सरकार आज दो साल से सीएजी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बच रही है. अरविंद केजरीवाल ने न सिर्फ कॉमनवेल्थ खेलों के व्यय पर आई सीएजी रिपोर्ट को उठाकर राजनीतिक यात्रा शुरू की थी बल्कि 6 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने एक सीएजी रिपोर्ट के आधार पर अपनी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित एसीबी जांच के आदेश भी दिए थे.<br /> <br />दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि सीएजी एक स्वतंत्र संस्था है, जिसका काम है हर सार्वजनिक व्यय और कार्य की समीक्षा करना, सीएजी की रिपोर्ट हर सरकार को जवाबदेह बनाती है और कोर्ट में स्वीकार्य होती है. उन्होंने कहा कि यह अजीब विडंबना है कि 2017-18 से 2021-22 के बीच सीएजी ने अरविंद केजरीवाल सरकार की शराब पर एक्साइज ड्यूटी, प्रदूषण और अन्य वित्तीय मुद्दों को लेकर 14 प्रमुख रिपोर्ट्स आई पर आप सरकार उन्हें आज तक दबा कर बैठी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर ये आरोप भी लगाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचदेवा ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था ऐसी है कि सरकारी व्यय का आडिट करने वाली सर्वशक्तिमान संस्था सीएजी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपती है और राज्य सरकार उपराज्यपाल से प्रशासनिक धारा 48 के तहत अनुमति लेकर विधानसभा सत्र में रखती है पर अरविंद केजरीवाल तो जानते ही थे कि यदि यह रिपोर्ट सार्वजनिक होंगी तो उन्ही की सरकार पर अनेक आर्थिक घोटालों के मुकदमें बनेंगे तो वह एक के बाद एक आई लगभग 14 प्रमुख रिपोर्टों को लेकर दबाते रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि हम विधानसभा अध्यक्ष से मांग करते हैं कि आगामी शनिवार 21 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं और दिल्ली सरकार को वहां सीएजी की सभी 14 रिपोर्ट रखने का निर्देश दें.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कैग रिपोर्ट को लेकर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार को घेरा है. उन्होंने आरोप लगाय कि कॉमनवेल्थ खेलों पर सीएजी रिपोर्ट को उठाकर राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल की सरकार आज खुद की 14 सीएजी रिपोर्ट छुपा रही है. आतिशी सरकार को कोर्ट में स्वीकारना पड़ा की उन्हें ही उपराज्यपाल को रिपोर्ट भेजकर विधानसभा में रखने की अनुमति लेनी है और उन्होंने यह सब कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सचदेवा ने कहा कि <a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> सरकार फिर भी मामले को टालती रही और सदन के अंतिम सत्र को 4 दिसंबर को खत्म होने दिया पर सीएजी रिपोर्ट सदन में नहीं रखा, जिसके बाद बीजेपी विधायक दल ने पुनःकोर्ट से निर्देश की मांग की. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा पर सरकार ने यह कहा कि रिपोर्ट उपराज्यपाल के पास है और वह सक्षम अधिकारी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि कोर्ट को भी भ्रमित कर लंबा स्थगन लेने का प्रयास किया पर दिल्ली वालों के सौभाग्यवश सीएजी ने भी अपना हलफनामा कोर्ट में रख दिया, जिससे स्थिति पूरी तरह साफ हो गई. उन्होंने कहा कि सीएजी के हलफनामे ने साफ कर दिया कि उसने दिल्ली सरकार को हस्ताक्षरित पूरी रिपोर्ट भेजी, जिसकी बिना हस्ताक्षर की कॉपी सील लिफाफे में उपराज्यपाल को भेजी जो केवल एक सूचनात्मक थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बच रही आप सरकार- विरेंद्र सचदेवा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता ने कहा कि यह अजीब विडंबना है कि 2011-12 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ राजनीतिक सफर की शुरुआत सीएजी रिपोर्ट को सार्वजनिक कर की थी, उन्हीं अरविंद केजरीवाल की सरकार आज दो साल से सीएजी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से बच रही है. अरविंद केजरीवाल ने न सिर्फ कॉमनवेल्थ खेलों के व्यय पर आई सीएजी रिपोर्ट को उठाकर राजनीतिक यात्रा शुरू की थी बल्कि 6 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने एक सीएजी रिपोर्ट के आधार पर अपनी पूर्ववर्ती शीला दीक्षित एसीबी जांच के आदेश भी दिए थे.<br /> <br />दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि सीएजी एक स्वतंत्र संस्था है, जिसका काम है हर सार्वजनिक व्यय और कार्य की समीक्षा करना, सीएजी की रिपोर्ट हर सरकार को जवाबदेह बनाती है और कोर्ट में स्वीकार्य होती है. उन्होंने कहा कि यह अजीब विडंबना है कि 2017-18 से 2021-22 के बीच सीएजी ने अरविंद केजरीवाल सरकार की शराब पर एक्साइज ड्यूटी, प्रदूषण और अन्य वित्तीय मुद्दों को लेकर 14 प्रमुख रिपोर्ट्स आई पर आप सरकार उन्हें आज तक दबा कर बैठी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल पर ये आरोप भी लगाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सचदेवा ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था ऐसी है कि सरकारी व्यय का आडिट करने वाली सर्वशक्तिमान संस्था सीएजी अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपती है और राज्य सरकार उपराज्यपाल से प्रशासनिक धारा 48 के तहत अनुमति लेकर विधानसभा सत्र में रखती है पर अरविंद केजरीवाल तो जानते ही थे कि यदि यह रिपोर्ट सार्वजनिक होंगी तो उन्ही की सरकार पर अनेक आर्थिक घोटालों के मुकदमें बनेंगे तो वह एक के बाद एक आई लगभग 14 प्रमुख रिपोर्टों को लेकर दबाते रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि हम विधानसभा अध्यक्ष से मांग करते हैं कि आगामी शनिवार 21 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं और दिल्ली सरकार को वहां सीएजी की सभी 14 रिपोर्ट रखने का निर्देश दें.</p> दिल्ली NCR यूपी विधानसभा सत्र: मंत्री सुरेश खन्ना ने पेश किया अनुपूरक बजट, 790 करोड़ के नए प्रस्ताव