हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कल से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पहली बार शून्य काल यानी जीरो आवर होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तपोवन धर्मशाला में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, 12 से 12.30 बजे तक विधायक जनता से जुड़े मुद्दे शून्य काल में उठा सकेंगे। उन्होंने कहा, सत्र शुरू होने से डेढ़ घंटा पहले विधानसभा सचिवालय को पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूचना देनी होगी। शून्य काल में एक विधायक अधिकतम 2 सवाल पूछ सकेगा। प्रत्येक सदस्य को चार से पांच मिनट का वक्त मिलेगा। पूछे गए सवाल का उत्तर संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा लिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने शून्य काल शुरू करने की व्यवस्था मानसून सत्र के दौरान दे दी थी। जाहिर है कि रोजाना एक घंटे के प्रश्नकाल के बाद शून्य काल होगा। इसके बाद लोकसभा की तर्ज पर हिमाचल विधानसभा में भी विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठा पाएंगे। हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होती है। नई व्यवस्था के तहत प्रश्नकाल 11 से 12 बजे तक चलेगा। 12 से 12.30 बजे तक शून्यकाल होगा। इसके बाद विधानसभा का दूसरा बिजनेस कार्यवाही को सदन में लाया जाएगा। क्यों पड़ी शून्य काल की जरूरत? बता दें कि बहुत से मुद्दे ऐसे होते थे जिन्हें विधायक सदन में उठाना चाहते है। मगर नहीं उठा पाते थे। इसकी जरूरत को देखते हुए पहली बार शून्य काल शुरू किया जा रहा है। हिमाचल विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब शून्य-काल शुरू होगा। अब तक 316 प्रश्न मिले कुलदीप पठानिया ने कहा, 18 से 21 दिसंबर तक चलने वाली सत्र में कुल 4 बैठकें होंगी। एक दिन प्राइवेट मेंबर-डे होगा। अभी तक कुल 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे जा चुके हैं। इसी तरह विधानसभा के अलग अलग नियमों के तहत भी 14 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय प्रशासन को मिली है, जिन पर सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। शेष तीन दिन में दोनों दलों के विधायकों के सवाल और विधेयक पर चर्चा को लाए जाएंगे। सर्वदलीय मीटिंग की इससे पहले स्पीकर कुलदीप पठानिया ने धर्मशाला में सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मगर इसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर शामिल नहीं हुए। कुलदीप पठानिया ने कहा, कि जयराम ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मीटिंग में उपस्थित नहीं होने की बात कही है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कल से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पहली बार शून्य काल यानी जीरो आवर होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तपोवन धर्मशाला में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा, 12 से 12.30 बजे तक विधायक जनता से जुड़े मुद्दे शून्य काल में उठा सकेंगे। उन्होंने कहा, सत्र शुरू होने से डेढ़ घंटा पहले विधानसभा सचिवालय को पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूचना देनी होगी। शून्य काल में एक विधायक अधिकतम 2 सवाल पूछ सकेगा। प्रत्येक सदस्य को चार से पांच मिनट का वक्त मिलेगा। पूछे गए सवाल का उत्तर संबंधित विभाग के मंत्री द्वारा लिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने शून्य काल शुरू करने की व्यवस्था मानसून सत्र के दौरान दे दी थी। जाहिर है कि रोजाना एक घंटे के प्रश्नकाल के बाद शून्य काल होगा। इसके बाद लोकसभा की तर्ज पर हिमाचल विधानसभा में भी विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े मुद्दे उठा पाएंगे। हिमाचल विधानसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होती है। नई व्यवस्था के तहत प्रश्नकाल 11 से 12 बजे तक चलेगा। 12 से 12.30 बजे तक शून्यकाल होगा। इसके बाद विधानसभा का दूसरा बिजनेस कार्यवाही को सदन में लाया जाएगा। क्यों पड़ी शून्य काल की जरूरत? बता दें कि बहुत से मुद्दे ऐसे होते थे जिन्हें विधायक सदन में उठाना चाहते है। मगर नहीं उठा पाते थे। इसकी जरूरत को देखते हुए पहली बार शून्य काल शुरू किया जा रहा है। हिमाचल विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब शून्य-काल शुरू होगा। अब तक 316 प्रश्न मिले कुलदीप पठानिया ने कहा, 18 से 21 दिसंबर तक चलने वाली सत्र में कुल 4 बैठकें होंगी। एक दिन प्राइवेट मेंबर-डे होगा। अभी तक कुल 248 तारांकित और 68 अतारांकित प्रश्न विधायकों द्वारा पूछे जा चुके हैं। इसी तरह विधानसभा के अलग अलग नियमों के तहत भी 14 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय प्रशासन को मिली है, जिन पर सदस्यों ने चर्चा की मांग की है। शेष तीन दिन में दोनों दलों के विधायकों के सवाल और विधेयक पर चर्चा को लाए जाएंगे। सर्वदलीय मीटिंग की इससे पहले स्पीकर कुलदीप पठानिया ने धर्मशाला में सर्वदलीय मीटिंग बुलाई। मगर इसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर शामिल नहीं हुए। कुलदीप पठानिया ने कहा, कि जयराम ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए मीटिंग में उपस्थित नहीं होने की बात कही है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
शिमला में अक्षिता शर्मा ने की CM सुक्खू से मुलाकात:रह चुकी UNB मिसेज इंडिया की फर्स्ट रनर-अप, प्रतियोगिता का अनुभव की साझा
शिमला में अक्षिता शर्मा ने की CM सुक्खू से मुलाकात:रह चुकी UNB मिसेज इंडिया की फर्स्ट रनर-अप, प्रतियोगिता का अनुभव की साझा हाल ही में दिल्ली में आयोजित हुई यूएनबी मिसेज इंडिया की प्रथम रनर-अप अक्षिता शर्मा ने आज शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। साथ ही प्रतियोगिता के बारे में अपने अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने अक्षिता को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके राज्य को गौरवान्वित कर रही हैं। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी। शिमला के रोहड़ू की बेटी है अक्षिता मूल रूप से शिमला जिले के रोहड़ू की रहने वाली अक्षिता शर्मा वर्तमान में चंडीगढ़ में बैंकर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने शिमला के तारा हॉल स्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात पंजाब विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है। भेंट के दौरान अक्षिता के साथ उनके पति प्रद्युत सुंटा, उनका बेटा अबीर और परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
हिमाचल CM सुक्खू की अचानक तबीयत बिगड़ी:देर रात बीमार हुए, सुबह शिमला IGMC में पहुंचे; कल जम्मू-कश्मीर जाना था
हिमाचल CM सुक्खू की अचानक तबीयत बिगड़ी:देर रात बीमार हुए, सुबह शिमला IGMC में पहुंचे; कल जम्मू-कश्मीर जाना था हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की शनिवार सुबह अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए तुरंत IGMC शिमला लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उनके टेस्ट किए। डॉक्टरों ने उन्हें रेस्ट की सलाह दी। डॉक्टरों की जांच के बाद वह शिमला में CM के सरकारी आवास ओक ओवर में लौट गए। सीएम के स्वास्थ्य के बारे में आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि पेट में हल्के दर्द के बाद सीएम स्वास्थ्य जांच को आईजीएमसी पहुंचे थे। अब वह ठीक है और उन्हें घर भेज दिया गया है। उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और सरकारी आवास ओक ओवर में आराम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते कल ही कैबिनेट मीटिंग ली और पूरी तरह स्वस्थ थे। देर रात को ही अचानक उनके पेट में दर्द उठा। पहले भी बिगड़ चुकी तबीयत, एम्स भर्ती करवाना पड़ा था
मुख्यमंत्री बीते 7 अक्टूबर माह में भी बीमार पड़े थे। तब डॉक्टरों ने उनके पेट में इन्फेक्शन के साथ साथ पैंक्रियाटाइटिस बताया था। एक सप्ताह तक AIIMS दिल्ली में भर्ती होने के बाद सीएम स्वस्थ होकर लौटे थे। जून 2023 में भी सीएम बीमार पड़े थे। तब उन्होंने चंडीगढ़ के एक प्राइवेट अस्पताल से उपचार कराया था। कल जम्मू कश्मीर जाने का था कार्यक्रम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अगले कल जम्मू कश्मीर जाना था। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बना रखा है। ऐसे में अब उनके पेट दर्द के बाद उनके जम्मू कश्मीर जाने पर अभी संशय बना हुआ है। IGMC प्रशासन ने जारी किया सीएम का हेल्थ बुलेटिन
IGMC प्रशासन द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, सीएम सुक्खू आज सुबह अल्ट्रासाउंड के लिए अस्पताल आए। उन्हें पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द हो रहा था और उनकी परेशानी का कारण जानने के लिए अल्ट्रासाउंड किया गया था। अच्छी बात यह है अल्ट्रासाउंड के परिणाम सामान्य आए। हालांकि, सावधानी के तौर पर खून की जांच भी कराई गई, जिसकी रिपोर्ट अभी आनी है।
देहरा में कार और बस की भिड़ंत:बारात में जा रहे थे कार सवार, दूल्हे की गाड़ी हादसे का शिकार होने से बची
देहरा में कार और बस की भिड़ंत:बारात में जा रहे थे कार सवार, दूल्हे की गाड़ी हादसे का शिकार होने से बची हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एनएच 503 पर स्थित नंगला माता मंदिर के समीप एक कार बस से टकरा गई। कार में सवार लोगों को मामूली चोटे आईं हैं। कार बारात में जा रही थी, वहीं हादसे का शिकार हुई गाड़ी के ठीक पीछ ही दूल्हे भी कार थी। लेकिन उसके ड्राइवर की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया। जानकारी के अनुसार, बारात ऊना जिले के अम्ब अंदौरा से कांगड़ा जिले के बैजनाथ जा रही थी। बारात की कार के पीछे दूल्हे की गाड़ी चल रही थी। जब बारात की कार बस से टकराई तो दूल्हे के गाड़ी के ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ और तत्परता से गाड़ी को काबू में रखते हुए एक बड़े हादसे को टाल दिया। यदि ड्राइवर समय रहते सतर्क न होता तो एक बड़ा हादसा हो सकता था और कई लोगों की जान जा सकती थी। वहीं हादसे की शिकार हुई कार में सवार लोगों को हल्की-फुल्की चोटें आईं हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।