AMU के प्रोफेसर ने हिंदू नामों से की झूठी शिकायतें:साथी प्रोफेसर डाक विभाग की CCTV लाए, तब खुला मामला, 22 मामले सामने आए

AMU के प्रोफेसर ने हिंदू नामों से की झूठी शिकायतें:साथी प्रोफेसर डाक विभाग की CCTV लाए, तब खुला मामला, 22 मामले सामने आए

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने अपने ही विभाग के प्रोफेसर की झूठी शिकायतें पुलिस और एएमयू इंतजामिया से कीं। प्रोफेसर ने कभी हिंदू तो कभी मुस्लिम छात्रों के नाम से शिकायतें कीं। ऐसा करीब 22 बार हुआ, हर बार प्रोफेसर की जांच शुरू हो जाती। जब एसोशिएट प्रोफेसर को संदेह हुआ, तब उन्होंने खुद ही मामले की छानबीन शुरू की और साक्ष्य जुटाए। जब साजिश सामने आई, तब उन्होंने सारे सबूत पुलिस को सौंप दिए। एएमयू रजिस्ट्रार ने प्रोफेसर को नोटिस देकर जवाब मांगा है। एएमयू के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट का है मामला
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रियाजुद्दीन पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने अपने एसोशिएट प्रोफेसर की झूठी शिकायतें की। प्रो. रियाजुद्दीन डाक विभाग से रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के जरिए पुलिस को शिकायत करते थे और अधिकारी गुमराह होकर मामले की जांच शुरू कर देते थे। प्रोफेसर अपने एसोशिएट प्रोफेसर पर धार्मिक आरोप, परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर संबंधी आरोप लगाते थे। एसोशिएट प्रोफेसर ने खुद जुटाए साक्ष्य
कैमिस्ट्री विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने बीते 16 नवंबर को विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन की शिकायत की। जिसमें उन्होंने बताया कि रियाजुद्दीन लगातार उनकी झूठी शिकायतें कर रहे हैं और अधिकारियों को गुमराह भी कर रहे हैं। उन्होंने 20 सितंबर को भी एक हिंदू छात्रा के नाम से झूठी शिकायत की। एसोशिएट प्रोफेसर ने डाक विभाग की सीसीटीवी फुटेज भी एएमयू के अधिकारियों और पुलिस को सौंपी है, जिसमें आरोपी प्रोफेसर झूठा शिकायती पत्र भेजने आया था। जिसके बाद आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी किया गया है। पुलिस के सामने कबूल किया अपना जुर्म
एसोशिएट प्रोफेसर से मिले साक्ष्यों के बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों ने आरोपी प्रोफेसर से पूछताछ की। पहले वह सभी आरोपों को नकारते रहे और कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत पोस्ट करने गए थे। जब शिकायती पत्र और प्रोफेसर को मिलने वाली रसीद का समय मिलान किया गया और रिकॉर्डिंग देखी गई तो सारी सच्चाई सामने आ गई। उन्होंने अधिकारियों के सामने सारी बात कबूल की। इसके ऑडियो वीडियो पुलिस ने एएमयू इंतजामिया के सुपुर्द कर दिए हैं। यूनिवर्सिटी ने मांगा स्पष्टीकरण, होगी कार्रवाई
एएमयू के रजिस्ट्रार इमरान खान (IPS) की ओर से आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। आरोपी प्रोफेसर को 7 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देना होगा। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर प्रोफेसर संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्हें दोषी मानते हुए केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम), 1965 और विश्वविद्यालय के प्रावधानों के साथ शिक्षक आचरण और अनुशासन नियम, 2020 के अनुसार कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने अपने ही विभाग के प्रोफेसर की झूठी शिकायतें पुलिस और एएमयू इंतजामिया से कीं। प्रोफेसर ने कभी हिंदू तो कभी मुस्लिम छात्रों के नाम से शिकायतें कीं। ऐसा करीब 22 बार हुआ, हर बार प्रोफेसर की जांच शुरू हो जाती। जब एसोशिएट प्रोफेसर को संदेह हुआ, तब उन्होंने खुद ही मामले की छानबीन शुरू की और साक्ष्य जुटाए। जब साजिश सामने आई, तब उन्होंने सारे सबूत पुलिस को सौंप दिए। एएमयू रजिस्ट्रार ने प्रोफेसर को नोटिस देकर जवाब मांगा है। एएमयू के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट का है मामला
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रियाजुद्दीन पर गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने अपने एसोशिएट प्रोफेसर की झूठी शिकायतें की। प्रो. रियाजुद्दीन डाक विभाग से रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट के जरिए पुलिस को शिकायत करते थे और अधिकारी गुमराह होकर मामले की जांच शुरू कर देते थे। प्रोफेसर अपने एसोशिएट प्रोफेसर पर धार्मिक आरोप, परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर संबंधी आरोप लगाते थे। एसोशिएट प्रोफेसर ने खुद जुटाए साक्ष्य
कैमिस्ट्री विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने बीते 16 नवंबर को विभाग के प्रोफेसर रियाजुद्दीन की शिकायत की। जिसमें उन्होंने बताया कि रियाजुद्दीन लगातार उनकी झूठी शिकायतें कर रहे हैं और अधिकारियों को गुमराह भी कर रहे हैं। उन्होंने 20 सितंबर को भी एक हिंदू छात्रा के नाम से झूठी शिकायत की। एसोशिएट प्रोफेसर ने डाक विभाग की सीसीटीवी फुटेज भी एएमयू के अधिकारियों और पुलिस को सौंपी है, जिसमें आरोपी प्रोफेसर झूठा शिकायती पत्र भेजने आया था। जिसके बाद आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी किया गया है। पुलिस के सामने कबूल किया अपना जुर्म
एसोशिएट प्रोफेसर से मिले साक्ष्यों के बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों ने आरोपी प्रोफेसर से पूछताछ की। पहले वह सभी आरोपों को नकारते रहे और कहा कि वह अपनी व्यक्तिगत पोस्ट करने गए थे। जब शिकायती पत्र और प्रोफेसर को मिलने वाली रसीद का समय मिलान किया गया और रिकॉर्डिंग देखी गई तो सारी सच्चाई सामने आ गई। उन्होंने अधिकारियों के सामने सारी बात कबूल की। इसके ऑडियो वीडियो पुलिस ने एएमयू इंतजामिया के सुपुर्द कर दिए हैं। यूनिवर्सिटी ने मांगा स्पष्टीकरण, होगी कार्रवाई
एएमयू के रजिस्ट्रार इमरान खान (IPS) की ओर से आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। आरोपी प्रोफेसर को 7 दिन के अंदर नोटिस का जवाब देना होगा। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर प्रोफेसर संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्हें दोषी मानते हुए केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम), 1965 और विश्वविद्यालय के प्रावधानों के साथ शिक्षक आचरण और अनुशासन नियम, 2020 के अनुसार कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर