शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत:7 लाख का कर्जदार था; किसान बोले- केंद्र सरकार की अनदेखी ने आहत किया

शंभू बॉर्डर पर सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत:7 लाख का कर्जदार था; किसान बोले- केंद्र सरकार की अनदेखी ने आहत किया

फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की लीगल गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर चल रहे संघर्ष में सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है। उसने आज सुबह करीब 3 दिन के उपचार के बाद पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में दम तोड़ दिया। बता दें कि व्यक्ति का नाम रणजोध सिंह था। वह खन्ना के गांव रतनहेड़ी का रहने वाला था। उसने 14 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच के प्रयास के दौरान शंभू बॉर्डर पर सल्फास निकला। इसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसकी मौत के बाद किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है। इससे वह काफी आहत था। किसान नेताओं की मीटिंग शुरू जैसे ही किसान की मौत की खबर मोर्चे पर पहुंची है। उसके बाद किसानों की इस मुद्दे को लेकर अहम मीटिंग चल रही है। इसमें मृतक के संस्कार आदि के बारे में फैसला लिया जाना है।। हालांकि सभी बड़े किसान नेता अपने इलाकों में रेल रोको आंदोलन में शामिल होने के लिए गए हुए हैं। ऐसे में मोर्च द्वारा सारी चीजों पर विचार किया जा रहा है। किसानों के मुताबिक रणजोध सिंह किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ थी। परिवार में उसकी पत्नी कुलदीप कौर, एक बेटा व बेटी और बुजुर्ग परिजन है। बेटी की शादी हो चुकी है। किसानों का कहना है कि काफी समय से वह आंदोलन में आ रहा है। तीन बार दिल्ली कूच की हुई कोशिश किसानों की तरफ दिसंबर माह में छह , आठ 14 दिसंबर को दिल्ली कूच की कोशिश की थी। इस दौरान केवल किसानों 101 का जत्था दिल्ली की तरफ बड़ा था। लेकिन हरियाणा सीमा पर पुलिस ने किसानों को रोक दिया। इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का प्रयोग किया गया था। इस वजह से किसान किसान आगे नहीं बढ़ पाए थे। तीन दिनों में करीब तीस से चालीस किसान आंदोलन घायल हुए थे। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की लीगल गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर चल रहे संघर्ष में सल्फास निगलने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है। उसने आज सुबह करीब 3 दिन के उपचार के बाद पटियाला के राजिंद्रा अस्पताल में दम तोड़ दिया। बता दें कि व्यक्ति का नाम रणजोध सिंह था। वह खन्ना के गांव रतनहेड़ी का रहने वाला था। उसने 14 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच के प्रयास के दौरान शंभू बॉर्डर पर सल्फास निकला। इसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसकी मौत के बाद किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है। इससे वह काफी आहत था। किसान नेताओं की मीटिंग शुरू जैसे ही किसान की मौत की खबर मोर्चे पर पहुंची है। उसके बाद किसानों की इस मुद्दे को लेकर अहम मीटिंग चल रही है। इसमें मृतक के संस्कार आदि के बारे में फैसला लिया जाना है।। हालांकि सभी बड़े किसान नेता अपने इलाकों में रेल रोको आंदोलन में शामिल होने के लिए गए हुए हैं। ऐसे में मोर्च द्वारा सारी चीजों पर विचार किया जा रहा है। किसानों के मुताबिक रणजोध सिंह किसान आंदोलन से जुड़ा हुआ थी। परिवार में उसकी पत्नी कुलदीप कौर, एक बेटा व बेटी और बुजुर्ग परिजन है। बेटी की शादी हो चुकी है। किसानों का कहना है कि काफी समय से वह आंदोलन में आ रहा है। तीन बार दिल्ली कूच की हुई कोशिश किसानों की तरफ दिसंबर माह में छह , आठ 14 दिसंबर को दिल्ली कूच की कोशिश की थी। इस दौरान केवल किसानों 101 का जत्था दिल्ली की तरफ बड़ा था। लेकिन हरियाणा सीमा पर पुलिस ने किसानों को रोक दिया। इस दौरान किसानों पर आंसू गैस के गोले और वाटर कैनन का प्रयोग किया गया था। इस वजह से किसान किसान आगे नहीं बढ़ पाए थे। तीन दिनों में करीब तीस से चालीस किसान आंदोलन घायल हुए थे।   पंजाब | दैनिक भास्कर