हरियाणा के हिसार में समाधान शिविर में अफसरों की लापरवाही देखने को मिल रही है। दैनिक भास्कर की टीम जब समाधान शिविर की हकीकत जानने नगर निगम पहुंची तो पता चला कि समाधान शिविर दोपहर 12 बजे की बजाय 11 बजे ही समाप्त हो गया। नगर निगम आयुक्त सुबह 11 बजे अपने कार्यालय कक्ष में बैठे मिले, जबकि जनता बाहर शिकायतों के लिए परेशान होती रही। बता दें कि सरकार ने नगर निकायों को जन शिकायतों के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक समाधान शिविर लगाने को कहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग करते हैं, लेकिन हिसार नगर निगम में इसको लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। निगम आयुक्त नीरज कुमार या तो इस शिविर में आते ही नहीं या फिर अगर नगर निगम में बैठते भी हैं तो पूरा शिविर उप निगम आयुक्त (डीएमसी) व अन्य अफसरों के भरोसे छोड़ देते हैं। जन शिकायतों के समय वे कार्यालय में मीटिंग करते रहते हैं और जनता एक घंटे तक बाहर ठंड में बैठकर निगम आयुक्त का इंतजार करती रहती है। परेशान लोग बोले- कहीं सुनवाई नहीं हो रही…
केस एक: मोहिंद कुमार
मैं समाधान शिविर में सुबह 10 बजे पहुंच गया था मगर 11 बज चुके हैं अब तक निगम कमिश्नर ने हमें अंदर से नहीं बुलाया है। हमें पता चला वो समाधान शिविर में बैठे ही नहीं। मेरे साथ बुजुर्ग आए हैं जो नगर निगम में 4 साल से चक्कर काट रहे हैं। इनसे ना चला जाता और ना ही ठीक से सुना जाता। नगर निगम ने बिना मलकियत के सबूत के नक्शे पास किए हुए हैं और इसे रद नहीं कर रहे। हम कृष्णा नगर से आए हैं। हमने निगम कमिश्नर के ऑफिस में स्लिप पकड़वाई हुई है मगर पौने घंटे से ज्यादा का समय हो गया हमें बुलाया नहीं गया है। केस 2: सुनीता, आजाद नगर
मैं आधे घंटे नगर निगम में समाधान शिविर में शिकायत सुनने आई थी मगर अभी तक हमें बुलाया नहीं गया। मेरा घर आजाद नगर साकेत कॉलोनी में है। मेरे घर की गली में एक मकान के आगे पानी रूकता था। मगर उसके चक्कर में पूरी गली को एक फुट ऊंचा उठा दिया गया है। जिसका घर है वो नगर निगम के ठेकेदार का दोस्त है। इस कारण हमारा घर नीचे हो गया है। एक आदमी के लिए पूरी गली को परेशान कर दिया। जबकि ऐसा नहीं होता कि एक-एक फुट गली ऊपर उठा दी जाए। अब बारिश होगी तो सारा पानी घरों में आएगा। केस 3: रविंद्र सिंधु, आजाद नगर
मैं आधे घंटे से ज्यादा हो गया यहां खड़ा हुआ। मैं सीएम दरबार में भी इस बात को उठाऊंगा, मेरी सुनवाई नहीं हो रही। आजाद नगर में हमारी गली को ऊपर उठा दिया गया जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। गली में टी प्वाइंट पर 16-16 इंच के सीवरेज के ढक्कन ऊठा दिए हैं। अब सारा पानी घर के आगे इकट्ठा हो रहा है। मेरे घर के आगे झील बना दी। मेरे साथ जानबूझकर ऐसा किया गया है। नगर निगम की ओर से जारी किया गया प्रेसनोट… नगर निगम ने प्रेसनोट जारी कर कहा, कमिश्नर ने 2 घंटे समस्याएं सुनीं
वहीं अंधेरगर्दी की हद तब हुई जब नगर निगम की ओर से समाधान शिविर के बाद प्रेसनोट जारी कर कहा गया कि नगर निगम के मुख्य सभागार में जिला नगर आयुक्त एवं निगमायुक्त नीरज ने 2 घंटे 10 से 12 बजे शिकायतें सुनी। जबकि निगम कमिश्नर शिकायतें सुनने के बजाय अपने कक्ष में मीटिंग ले रहे थे। समाधान शिविर के दौरान 15 शिकायतें प्राप्त हुई। नगर निगम हिसार से 3 शिकायतें प्राप्त हुई, जबकि समाधार शिविर के लिए लोग बाहर बैठे रहे और उनको बुलाया तक नहीं गया और कमिश्नर ने उनकी समस्या एक घंटे तक नहीं सुनीं। हरियाणा के हिसार में समाधान शिविर में अफसरों की लापरवाही देखने को मिल रही है। दैनिक भास्कर की टीम जब समाधान शिविर की हकीकत जानने नगर निगम पहुंची तो पता चला कि समाधान शिविर दोपहर 12 बजे की बजाय 11 बजे ही समाप्त हो गया। नगर निगम आयुक्त सुबह 11 बजे अपने कार्यालय कक्ष में बैठे मिले, जबकि जनता बाहर शिकायतों के लिए परेशान होती रही। बता दें कि सरकार ने नगर निकायों को जन शिकायतों के लिए सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक समाधान शिविर लगाने को कहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी खुद समय-समय पर इसकी मॉनिटरिंग करते हैं, लेकिन हिसार नगर निगम में इसको लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। निगम आयुक्त नीरज कुमार या तो इस शिविर में आते ही नहीं या फिर अगर नगर निगम में बैठते भी हैं तो पूरा शिविर उप निगम आयुक्त (डीएमसी) व अन्य अफसरों के भरोसे छोड़ देते हैं। जन शिकायतों के समय वे कार्यालय में मीटिंग करते रहते हैं और जनता एक घंटे तक बाहर ठंड में बैठकर निगम आयुक्त का इंतजार करती रहती है। परेशान लोग बोले- कहीं सुनवाई नहीं हो रही…
केस एक: मोहिंद कुमार
मैं समाधान शिविर में सुबह 10 बजे पहुंच गया था मगर 11 बज चुके हैं अब तक निगम कमिश्नर ने हमें अंदर से नहीं बुलाया है। हमें पता चला वो समाधान शिविर में बैठे ही नहीं। मेरे साथ बुजुर्ग आए हैं जो नगर निगम में 4 साल से चक्कर काट रहे हैं। इनसे ना चला जाता और ना ही ठीक से सुना जाता। नगर निगम ने बिना मलकियत के सबूत के नक्शे पास किए हुए हैं और इसे रद नहीं कर रहे। हम कृष्णा नगर से आए हैं। हमने निगम कमिश्नर के ऑफिस में स्लिप पकड़वाई हुई है मगर पौने घंटे से ज्यादा का समय हो गया हमें बुलाया नहीं गया है। केस 2: सुनीता, आजाद नगर
मैं आधे घंटे नगर निगम में समाधान शिविर में शिकायत सुनने आई थी मगर अभी तक हमें बुलाया नहीं गया। मेरा घर आजाद नगर साकेत कॉलोनी में है। मेरे घर की गली में एक मकान के आगे पानी रूकता था। मगर उसके चक्कर में पूरी गली को एक फुट ऊंचा उठा दिया गया है। जिसका घर है वो नगर निगम के ठेकेदार का दोस्त है। इस कारण हमारा घर नीचे हो गया है। एक आदमी के लिए पूरी गली को परेशान कर दिया। जबकि ऐसा नहीं होता कि एक-एक फुट गली ऊपर उठा दी जाए। अब बारिश होगी तो सारा पानी घरों में आएगा। केस 3: रविंद्र सिंधु, आजाद नगर
मैं आधे घंटे से ज्यादा हो गया यहां खड़ा हुआ। मैं सीएम दरबार में भी इस बात को उठाऊंगा, मेरी सुनवाई नहीं हो रही। आजाद नगर में हमारी गली को ऊपर उठा दिया गया जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। गली में टी प्वाइंट पर 16-16 इंच के सीवरेज के ढक्कन ऊठा दिए हैं। अब सारा पानी घर के आगे इकट्ठा हो रहा है। मेरे घर के आगे झील बना दी। मेरे साथ जानबूझकर ऐसा किया गया है। नगर निगम की ओर से जारी किया गया प्रेसनोट… नगर निगम ने प्रेसनोट जारी कर कहा, कमिश्नर ने 2 घंटे समस्याएं सुनीं
वहीं अंधेरगर्दी की हद तब हुई जब नगर निगम की ओर से समाधान शिविर के बाद प्रेसनोट जारी कर कहा गया कि नगर निगम के मुख्य सभागार में जिला नगर आयुक्त एवं निगमायुक्त नीरज ने 2 घंटे 10 से 12 बजे शिकायतें सुनी। जबकि निगम कमिश्नर शिकायतें सुनने के बजाय अपने कक्ष में मीटिंग ले रहे थे। समाधान शिविर के दौरान 15 शिकायतें प्राप्त हुई। नगर निगम हिसार से 3 शिकायतें प्राप्त हुई, जबकि समाधार शिविर के लिए लोग बाहर बैठे रहे और उनको बुलाया तक नहीं गया और कमिश्नर ने उनकी समस्या एक घंटे तक नहीं सुनीं। हरियाणा | दैनिक भास्कर