मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में ग्रुप-C ग्रुप-D के अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर करने पर चर्चा होगी। मंत्रियों के साथ चर्चा करने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी पर अंतिम फैसला होगा। मंत्रिमंडल यह तय करेगा कि 5 साल, 8 साल, 10 साल से ज्यादा सर्विस वाले अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए। जैसा फैसला होगा, उसके अनुसार फाइनल पॉलिसी तैयार की जाएगी। वैसे अधिकारियों ने तीन प्रकार की पॉलिसी का मसौदा तैयार किया हुआ है। एक मसौदा तो गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सर्विस सिक्योरिटी एक्ट देने का है, जबकि एक सर्विस सिक्योरिटी एक्ट की तर्ज पर अध्यादेश का मसौदा है। दोनों में लगभग समानता है, केवल मानदेव और अस्थायी सेवा काल का अंतर है, थोड़ा सा अंतर परिभाषा का भी है। तीसरा मसौदा रेगुलराइजेशन पॉलिसी का तैयार है। इसके अलावा मानसून सेशन की डेट पर भी कैबिनेट मीटिंग में फैसला होगा। यहां पढ़िए तीनों मसौदों में क्या है… अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी देने के 3 अलग – अलग मसौदों में अलग – अलग लाभ देने का प्रस्ताव है। गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सविंस सिक्योरिटी एक्ट में मानदेय काफी कम देने का प्रस्ताव है, जबकि ऑर्डिनेंस के मसौदे में भी समकक्ष रेगुलर कर्मचारी के न्यूनतन वेतनमान के समान एकमुश्त मानदेय देने का प्रस्ताव है । इसलिए कैबिनेट में होगी इस पर चर्चा सरकार ने तय किया है कि कैबिनेट मीटिंग में विधिवत तौर पर एजेंडा न ले जाया जाए। मीटिंग में अनौपचारिक तौर पर तीनों मसौदों के बिंदुओं पर चर्चा कर ली जाए चर्चा में जैसा फैसला हो , वैसी पॉलिसी बना ली जाए। मंत्रिमंडल ही तय करेगा कि सर्विस सिक्योरिटी एक्ट बनाया जाना है या ऑर्डिनेंस जारी करना है और बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित कर दिया जाए या मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी ही जारी कर दी जाए । अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण देने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निवीरों को हरियाणा सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के बाद हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य होगा, जो अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगा। पुलिस भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव ग्रुप सी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण, प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर सरकार 60000 रुपए वार्षिक फैक्ट्री मालिक को देने, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण देने , एसपीओ भर्ती करने का फैसला किया हुआ है। पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, एसपीओ में 10 फीसदी, ग्रुप सी के सिविल पदों पर पांच फीसदी, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। तीन साल की उम्र में छूट मिलेगी, जबकि अग्निवीर के पहले बैच के जवानों को उम्र में पांच साल की छूट दी जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में ग्रुप-C ग्रुप-D के अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर करने पर चर्चा होगी। मंत्रियों के साथ चर्चा करने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी पर अंतिम फैसला होगा। मंत्रिमंडल यह तय करेगा कि 5 साल, 8 साल, 10 साल से ज्यादा सर्विस वाले अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर किया जाए। जैसा फैसला होगा, उसके अनुसार फाइनल पॉलिसी तैयार की जाएगी। वैसे अधिकारियों ने तीन प्रकार की पॉलिसी का मसौदा तैयार किया हुआ है। एक मसौदा तो गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सर्विस सिक्योरिटी एक्ट देने का है, जबकि एक सर्विस सिक्योरिटी एक्ट की तर्ज पर अध्यादेश का मसौदा है। दोनों में लगभग समानता है, केवल मानदेव और अस्थायी सेवा काल का अंतर है, थोड़ा सा अंतर परिभाषा का भी है। तीसरा मसौदा रेगुलराइजेशन पॉलिसी का तैयार है। इसके अलावा मानसून सेशन की डेट पर भी कैबिनेट मीटिंग में फैसला होगा। यहां पढ़िए तीनों मसौदों में क्या है… अस्थायी कर्मचारियों को सर्विस सिक्योरिटी देने के 3 अलग – अलग मसौदों में अलग – अलग लाभ देने का प्रस्ताव है। गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सविंस सिक्योरिटी एक्ट में मानदेय काफी कम देने का प्रस्ताव है, जबकि ऑर्डिनेंस के मसौदे में भी समकक्ष रेगुलर कर्मचारी के न्यूनतन वेतनमान के समान एकमुश्त मानदेय देने का प्रस्ताव है । इसलिए कैबिनेट में होगी इस पर चर्चा सरकार ने तय किया है कि कैबिनेट मीटिंग में विधिवत तौर पर एजेंडा न ले जाया जाए। मीटिंग में अनौपचारिक तौर पर तीनों मसौदों के बिंदुओं पर चर्चा कर ली जाए चर्चा में जैसा फैसला हो , वैसी पॉलिसी बना ली जाए। मंत्रिमंडल ही तय करेगा कि सर्विस सिक्योरिटी एक्ट बनाया जाना है या ऑर्डिनेंस जारी करना है और बाद में विधानसभा में विधेयक लाकर पारित कर दिया जाए या मंत्रिमंडल से मंजूरी लेने के बाद रेगुलराइजेशन पॉलिसी ही जारी कर दी जाए । अग्निवीरों के आरक्षण पर लगेगी मुहर अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण देने को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलेगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निवीरों को हरियाणा सरकार की नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की थी। अब कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के बाद हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य होगा, जो अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगा। पुलिस भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव ग्रुप सी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण, प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर सरकार 60000 रुपए वार्षिक फैक्ट्री मालिक को देने, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण देने , एसपीओ भर्ती करने का फैसला किया हुआ है। पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन, एसपीओ में 10 फीसदी, ग्रुप सी के सिविल पदों पर पांच फीसदी, ग्रुप बी में एक फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। तीन साल की उम्र में छूट मिलेगी, जबकि अग्निवीर के पहले बैच के जवानों को उम्र में पांच साल की छूट दी जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चढ़ूनी के बयान से कांग्रेस घिरी:किसान नेता बोले- हमने माहौल बनाया, हुड्डा की गलती से सरकार नहीं बनी; BJP बोली- कांग्रेस-SKM का राजनीतिक गठबंधन
हरियाणा में चढ़ूनी के बयान से कांग्रेस घिरी:किसान नेता बोले- हमने माहौल बनाया, हुड्डा की गलती से सरकार नहीं बनी; BJP बोली- कांग्रेस-SKM का राजनीतिक गठबंधन हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी के बयान से BJP ने कांग्रेस को घेर लिया है। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि हमने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया लेकिन भूपेंद्र हुड्डा की गलतियों से कांग्रेस सरकार नहीं बनी। BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस मुद्दे पर कहा कि चढ़ूनी के बयान से साफ है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और कांग्रेस के बीच राजनीतिक गठबंधन है। SKM किसानों की नहीं बल्कि राजनीतिक बात कर रहा था। राहुल गांधी और कांग्रेस को किसानों से माफी मांगनी चाहिए। वहीं कांग्रेस में हुड्डा विरोधी गुट के नेता सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा वे (चढ़ूनी) हमारी पार्टी में नहीं हैं। उनकी अलग पार्टी है। वे अपनी राय रख सकते हैं। मैं क्यों उनके साथ वाद-विवाद में पड़ूं। किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी की अहम बातें… 1. कांग्रेस को हमें टिकट देनी चाहिए थी गुरनाम चढ़ूनी ने कहा- भूपेंद्र हुड्डा बुद्धिहीन है। हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में जो माहौल बना, वह हमने बनाया। वह किसान वर्ग ने बनाया था। मेरे को टिकट नहीं दी तो किसी दूसरे 2 किसान नेताओं को दे देते। कम से कम लोगों के अंदर मैसेज तो जाता। अब किसान क्या करें, BJP वैसे ही किसानों की दुश्मन है। कांग्रेसी नजदीक नहीं लगाते। इसीलिए मैं खड़ा हुआ। रमेश दलाल और हर्ष छिकारा खड़ा हुआ। 2. भूपेंद्र हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं किया
भूपेंद्र हुड्डा ने किसी से समझौता नहीं किया और कांग्रेस ने सब इनके ऊपर छोड़ दी। मैं कांग्रेस हाईकमान को ये कहना चाहता हूं कि विपक्ष का नेता हुड्डा को न बनाएं। पिछले 10 साल हुड्डा ने भूमिका नहीं निभाई बल्कि किसान यूनियन ने इसका रोल निभाया। अब भी हुड्डा को बनाया तो कांग्रेस राज आने की उम्मीद न करे। 3. पार्टी के वफादारों को हुड्डा ने किनारे किया
BKU अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने उन सब लोगों को साइडलाइन कर दिया, जो पार्टी के वफादार थे। चढ़ूनी बोले, ‘इसने (भूपेंद्र हुड्डा) रमेश दलाल को साइडलाइन किया, जो राजीव गांधी मर्डर केस अपनी जान जोखिम में डालकर लड़ा था। मुझे किनारे किया। जबकि, मैंने चुनाव में भी इसकी मदद की थी। हर्ष छिकारा को किनारे किया, बलराज कुंडू को किनारे किया। एक किसान लीडरों को ग्रुप और गया था इसके पास, उन्हें किनारे किया। इसने कुमारी सैलजा, किरण चौधरी, रणदीप सुरजेवाला को किनारे किया। आम आदमी पार्टी (AAP) को किनारे किया। अभय चौटाला को भी साइड किया। गुरनाम चढ़ूनी ने कहा- भूपेंद्र हुड्डा ने सभी को किनारे किया, परमात्मा ने अब इसे ही किनारे लगा दिया। BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता की अहम बातें … 1. किसानों का मकसद कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाना था
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा- उन्होंने पहली बार खुले तौर पर स्वीकार किया है कि उनका मकसद कांग्रेस के पार्टी के पक्ष में माहौल बनाना था। मतलब, ये साफ हो गया कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के अंदर किसानों के साथ अन्याय करना चाहती थी। चढ़ूनी को चुनाव में सिर्फ 1,170 वोट मिले। BJP प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा- भूपेंद्र हुड्डा हों या चढ़ूनी जी हों, यह स्पष्ट हो जाता है कि ये सब के सब लोग, कांग्रेस के इंटरनल कार्यकर्ता हैं। कोई फ्रंट पर है। 2. कांग्रेस SKM को फ्रंट की तरह इस्तेमाल करना चाहती थी
मगर, यह बहुत चिंता की बात है कि कांग्रेस संयुक्त किसान मोर्चा को फ्रंट की तरह इस्तेमाल करना चाहती थी। जिससे वह हरियाणा की जनता और किसानों के बीच झूठ को आगे ले जा सकें। कांग्रेस और राहुल गांधी को राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए किसानों और संयुक्त किसान मोर्चा का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। यह साफ है कि जमीन पर किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है। तभी उन्होंने कांग्रेस और संयुक्त किसान मोर्चा के राजनीतिक गठबंधन को नकार दिया है। 3. चढ़ूनी खुद को SKM को दिखाएंगे लेकिन झोला कांग्रेस का ओढ़ा
अब यह स्पष्ट हो चुका है कि संयुक्त किसान मोर्चा किसानों की बात नहीं बल्कि कांग्रेस की बात कर रहा था। चढ़ूनी जैसे लोग खुद को संयुक्त किसान मोर्चा का दिखाएंगे लेकिन पीछे झोला कांग्रेस का ओढ़ा हुआ है। इससे स्पष्ट है कि इन सबके आका राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी ने पिछले डेढ़ महीने में किसानों की भलाई नहीं चाहते थे बल्कि चढ़ूंनी जैसे लोगों को फ्रंट इस्तेमाल करना चाहते थे, ताकि वे किसानों में भेदभाव पैदा कर सकें।
पानीपत में शादी के महीनेभर बाद विवाहिता भागी:पथरी का बहाना कर मायके आई, बोली- अब नहीं जाना ससुराल, पिता बोले- किसी से बात करती थी
पानीपत में शादी के महीनेभर बाद विवाहिता भागी:पथरी का बहाना कर मायके आई, बोली- अब नहीं जाना ससुराल, पिता बोले- किसी से बात करती थी हरियाणा के पानीपत शहर में रहने वाली एक नवविवाहिता अपने ससुराल करनाल से आने के बाद लापता हो गई। महिला की शादी एक महीने पहले ही हुई थी। वह करीब 20 दिन ससुराल में रही। 10 दिन वह अपने मायके में रही। यहां से वह संदिग्ध परिस्थितियों में घर से निकल गई। पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पथरी का इलाज करवाने के बहाने आई थी मायका चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में एक पिता ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला के एक गांव का रहने वाला है। हाल में वह पानीपत के बलजीत नगर में किराए पर रहता है। उसने अपनी 20 वर्षीय बेटी की शादी करीब एक माह पहले करनाल के पुंडरी निवासी से शादी की थी। लक्ष्मी करीब 20 दिन तक ससुराल रही थी। इसके बाद वह पेट दर्द बताने लगी। साथ ही उसने पेट में पथरी होने की बात कही। पथरी का इलाज करवाने की बात कह कर वह ससुराल से मायका लौट आई। यहां आने के बाद उसने कहा कि वह कभी भी ससुराल वापस नहीं जाएगी। पूछताछ में ससुराल में किसी तरह की अनबन होने की भी कोई बात सामने नहीं आई। दोपहर 3 बजे घर से निकली जिसको लेकर मायका वालों को लगा कि कुछ दिन बाद वह नॉर्मल हो जाएगी और वापस चली गई। लेकिन करीब 10 दिन घर रहने के बाद 10 दिसंबर की दोपहर करीब 3 बजे वह बिना किसी को कुछ बताए घर से निकल गई। जिसकी परिजनों ने अपनी तौर पर तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। शादी से पहले करती थी बात, अब नहीं किया कोई फोन पिता ने बताया कि वैसे तो उन्हें किसी पर भी बेटी को साथ ले जाने का शक नहीं है। लेकिन शादी से पहले उसकी बेटी किसी से फोन पर जरूर बात करती थी। अब ससुराल से आने के बाद उसने पिता के फोन से तो किसी से बात नहीं की। लेकिन किसी अन्य फोन से उसने बात की हो तो इसका पता नहीं है। हालांकि इस बात को भी नाकारा नहीं जा सकता कि बेटी उसी के साथ ही नहीं गई होगी, जिससे वह पहले बात करती थी।
हरियाणा रोडवेज में 150 किमी फ्री सफर कर सकेंगे स्टूडेंट्स:6 महीने का पास देगी सरकार; 60%-उससे ज्यादा नंबर वालों को 500KM तक मुफ्त यात्रा
हरियाणा रोडवेज में 150 किमी फ्री सफर कर सकेंगे स्टूडेंट्स:6 महीने का पास देगी सरकार; 60%-उससे ज्यादा नंबर वालों को 500KM तक मुफ्त यात्रा हरियाणा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार ने प्रदेश के विद्यार्थियों के बस-पास सुविधा को बढ़ा दिया है। अब छात्र सूबे की रोडवेज बसों में पास के जरिए 150 किलोमीटर तक फ्री सफर कर सकेंगे। इससे पहले बस पास की सुविधा केवल 60 किलोमीटर तक थी। इससे पहले सीएम नायब सैनी ने 10वीं और 12वीं में 60 प्रतिशत नंबर पाने वाले हर स्टूडेंट्स का हैप्पी कार्ड बनाने की सुविधा दे चुके हैं। हैप्पी कार्ड बनने पर स्टूडेंट्स हरियाणा रोडवेज की बसों में एक साल तक 500 किलोमीटर तक फ्री यात्रा कर सकेंगे। परिवहन मंत्री असीम गोयल की घोषणा के तहत स्टूडेंट्स को ये पास छमाही आधार पर जारी किए जाएंगे। सरकारी संग प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी फायदा
सरकार की हैप्पी कार्ड स्कीम का फायदा सरकारी के साथ प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी होगा। इसमें सरकार ने सिर्फ 10वीं और 12वीं में कम से कम 60% नंबरों की शर्त रखी है। इसमें सालाना कमाई को लेकर कोई लिमिट नहीं है। ऐसे में जिन भी बच्चों के 60 फीसद से ज्यादा नंबर होंगे, वह इसका फायदा उठा सकेंगे। शिक्षा मंत्री बोलीं- स्कूलों में बसों की संख्या बढ़ेगी
वहीं शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने पंचकूला में स्कूलों के निरीक्षण के दौरान कहा कि जिन स्कूलों में बसों की कमी है, वहां बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। शिक्षा मंत्री ने इससे पहले कालका के धटोकड़ा गांव के स्कूल का दौरा किया। स्कूल बस हादसे के बाद शिक्षा मंत्री स्कूल में छात्रों से मिलने पहुंची थी। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने बच्चों से स्कूल में व्यवस्था की जानकारी ली। शिक्षा मंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों से भी बातचीत की। मुफ्त सफर के लिए हैप्पी कार्ड पर 1 हजार किमी मुफ्त यात्रा
हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों के लिए हैप्पी कार्ड योजना शुरू की है। इसके जरिए परिवार के सभी सदस्य सरकारी बसों में प्रति वर्ष 1000 किमी की यात्रा फ्री में कर सकते हैं। यह सुविधा सालाना 1.80 लाख रुपए से कम आय वाले परिवारों के लिए है। हैप्पी कार्ड के लिए 50 रुपए का रजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है। इसके 15 दिन बाद हरियाणा रोडवेज के बस डिपो के पास जाना होगा। वहां से उनको मोबिलिटी स्मार्ट कार्ड या पास उपलब्ध किया जाएगा।