पूर्व अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा की ओर से एक बार फिर तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर हमला करते हुए एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने ज्ञानी जी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने तैश में आकर बीजेपी से संबंध होने की बात कबूली है, वहीं उन्होंने सालेयों जैसे शब्दों का भी उच्चारण किया है। उधर, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह फिर कभी सिंह साहिबानों की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वह दो महीने पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं, चाहे उसे स्वीकार कर लिया जाए। सोशल मीडिया पर विरसा सिहं वल्टोहा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, वायरल वीडियो……..!!! मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं…अगर मैं अभिमान कर रहा हूं, तो मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। मैं सिर्फ पंथ को सूचित करना चाहता हूं कि यह वीडियो 15 अक्टूबर को पंज सिंह साहिबों के सामने मेरी उपस्थिति का है। आज सुबह उठकर मैंने देखा कि एक वीडियो क्लिप बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है, मेरे बुलावे पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी आए और उन्होंने बहुत कुछ स्वीकार भी किया। “हां मैं बीजेपी से जुड़ा हूं।” तैश में उन्होंने केंद्र सरकार से बातचीत और प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की बात भी स्वीकारी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने गुस्से में कई बार अकालियों के लिए अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। अगर कोई फोन पर बात कर सके… जत्थेदार हरप्रीत सिंह के बोल इस क्लिप में भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी अकालियों को ख़ारिज करते हुए “सालेयो” कह रहे हैं, जो वीडियोग्राफी मेरी तलबी के समय हुई थी, जिसे सिंह साहिबान ने शुरू में कहा था कि हम इसे मीडिया में जारी करेंगे, लेकिन पता नहीं इसे रिलीज क्यों नहीं किया गया। इस क्लिप में मैं पांच सिंह साहबों के सामने बैठा हूं। अकाली दल से किया गया था विरसा सिंह वल्टोहा को निष्कासित बता दें कि, अकाल तख्त ने 16 अक्तूबर 2024 को विरसा सिंह वल्टोहा को शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) से निष्कासित करने का आदेश दिया था और उन्हें तख्त जत्थेदारों की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने का दोषी ठहराया था।
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से जत्थेदारों के चरित्र हनन में संलिप्त होने के आरोप में वल्टोहा को तलब किया था। श्री अकाल तख्त पर एकत्रित पांच सिंह साहिबानों के समक्ष कथित तौर पर “ठोस सबूतों” के साथ अपने दावों को साबित करने में विफल रहने के बाद, ज्ञानी रघबीर सिंह ने “शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदर को निर्देश दिया कि वे वल्टोहा को 24 घंटे के भीतर पार्टी से निष्कासित करें, उनकी प्राथमिक सदस्यता 10 साल के लिए समाप्त करें और तब तक उन्हें किसी भी पार्टी गतिविधि में भाग लेने से रोकें”। फैसला स्वीकार किया
उसके बाद विरसा सिंह ने लिखा था कि एक विनम्र सिख के रूप में, मैं अकाल तख्त के फैसले को स्वीकार करता हूं। फिर भी, शिअद नेतृत्व को एक अजीब स्थिति में डालने से पहले, मैं खुद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ देता हूं। बातचीत की वीडियोग्राफी की गई पांच सिंह साहिबानों और वल्टोहा के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत की वीडियोग्राफी भी की गई। श्री अकाल तख्त के फैसले के बाद वल्टोहा ने स्वेच्छा से शिअद की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने की घोषणा की, फिर भी उन्होंने ज्ञानी रघबीर सिंह से आग्रह किया कि था कि वे अपना “स्पष्टीकरण” और “उनके और पांच सिंह साहिबानों के बीच हुई बातचीत का वीडियो” सार्वजनिक करें। फिर कभी पांच सिंह साहिबानों की बैठक में नहीं होंगे शामिल – ज्ञानी हरप्रीत सिंह विरसा सिंह वल्टोहा की ओर तख्त श्री दमदमा साहिब के ज्ञानी हरप्रीत सिंह की वायरल की गई विडियो के बारे में जवाब देते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई पांच सिंह साहिबानों की बैठक में बैठकर उन्होंने गलती की। वह फिर कभी भी सिंह साहिबानों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। तब से अब तक लगातार उनकी किरदारकुशी की जा रही है। उनके 18 साल पहले हुए परिवारिक झगड़े को उजागर करके उन पर भद्दे आरोप लगाए गए। एक फेक पेज बनाकर उन्हें ट्रोल किया गया। उन्होंने कहा कि उस बैठक में सभी सिंह साहिबान थे और सबका फैसला था, लेकिन सिर्फ उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह डरते नहीं है। वह कोई इस्तीफा नहीं देंगे। उन्हें निकालना है तो निकाल दिया जाए। वो दो महीने पहले इस्तीफा दे चुके हैं, चाहे तो उसे स्वीकार कर लिया जाए। लगातार उन्हें और उनके बच्चों को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो उन्हें ट्रोल कर रहे हैं वह उन्हें स्पष्टीकरण नहीं दे रहे हैं वह सिर्फ अपनी संगत को जबाव दे रहे हैं। पूर्व अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा की ओर से एक बार फिर तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर हमला करते हुए एक वीडियो जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने ज्ञानी जी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने तैश में आकर बीजेपी से संबंध होने की बात कबूली है, वहीं उन्होंने सालेयों जैसे शब्दों का भी उच्चारण किया है। उधर, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी इसका जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वह फिर कभी सिंह साहिबानों की बैठक में शामिल नहीं होंगे। वह दो महीने पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं, चाहे उसे स्वीकार कर लिया जाए। सोशल मीडिया पर विरसा सिहं वल्टोहा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, वायरल वीडियो……..!!! मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं…अगर मैं अभिमान कर रहा हूं, तो मैं हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। मैं सिर्फ पंथ को सूचित करना चाहता हूं कि यह वीडियो 15 अक्टूबर को पंज सिंह साहिबों के सामने मेरी उपस्थिति का है। आज सुबह उठकर मैंने देखा कि एक वीडियो क्लिप बड़े पैमाने पर वायरल हो रही है, मेरे बुलावे पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी आए और उन्होंने बहुत कुछ स्वीकार भी किया। “हां मैं बीजेपी से जुड़ा हूं।” तैश में उन्होंने केंद्र सरकार से बातचीत और प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की बात भी स्वीकारी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी ने गुस्से में कई बार अकालियों के लिए अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। अगर कोई फोन पर बात कर सके… जत्थेदार हरप्रीत सिंह के बोल इस क्लिप में भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी अकालियों को ख़ारिज करते हुए “सालेयो” कह रहे हैं, जो वीडियोग्राफी मेरी तलबी के समय हुई थी, जिसे सिंह साहिबान ने शुरू में कहा था कि हम इसे मीडिया में जारी करेंगे, लेकिन पता नहीं इसे रिलीज क्यों नहीं किया गया। इस क्लिप में मैं पांच सिंह साहबों के सामने बैठा हूं। अकाली दल से किया गया था विरसा सिंह वल्टोहा को निष्कासित बता दें कि, अकाल तख्त ने 16 अक्तूबर 2024 को विरसा सिंह वल्टोहा को शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) से निष्कासित करने का आदेश दिया था और उन्हें तख्त जत्थेदारों की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने का दोषी ठहराया था।
श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कथित तौर पर सार्वजनिक रूप से जत्थेदारों के चरित्र हनन में संलिप्त होने के आरोप में वल्टोहा को तलब किया था। श्री अकाल तख्त पर एकत्रित पांच सिंह साहिबानों के समक्ष कथित तौर पर “ठोस सबूतों” के साथ अपने दावों को साबित करने में विफल रहने के बाद, ज्ञानी रघबीर सिंह ने “शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदर को निर्देश दिया कि वे वल्टोहा को 24 घंटे के भीतर पार्टी से निष्कासित करें, उनकी प्राथमिक सदस्यता 10 साल के लिए समाप्त करें और तब तक उन्हें किसी भी पार्टी गतिविधि में भाग लेने से रोकें”। फैसला स्वीकार किया
उसके बाद विरसा सिंह ने लिखा था कि एक विनम्र सिख के रूप में, मैं अकाल तख्त के फैसले को स्वीकार करता हूं। फिर भी, शिअद नेतृत्व को एक अजीब स्थिति में डालने से पहले, मैं खुद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ देता हूं। बातचीत की वीडियोग्राफी की गई पांच सिंह साहिबानों और वल्टोहा के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत की वीडियोग्राफी भी की गई। श्री अकाल तख्त के फैसले के बाद वल्टोहा ने स्वेच्छा से शिअद की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने की घोषणा की, फिर भी उन्होंने ज्ञानी रघबीर सिंह से आग्रह किया कि था कि वे अपना “स्पष्टीकरण” और “उनके और पांच सिंह साहिबानों के बीच हुई बातचीत का वीडियो” सार्वजनिक करें। फिर कभी पांच सिंह साहिबानों की बैठक में नहीं होंगे शामिल – ज्ञानी हरप्रीत सिंह विरसा सिंह वल्टोहा की ओर तख्त श्री दमदमा साहिब के ज्ञानी हरप्रीत सिंह की वायरल की गई विडियो के बारे में जवाब देते हुए ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई पांच सिंह साहिबानों की बैठक में बैठकर उन्होंने गलती की। वह फिर कभी भी सिंह साहिबानों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। तब से अब तक लगातार उनकी किरदारकुशी की जा रही है। उनके 18 साल पहले हुए परिवारिक झगड़े को उजागर करके उन पर भद्दे आरोप लगाए गए। एक फेक पेज बनाकर उन्हें ट्रोल किया गया। उन्होंने कहा कि उस बैठक में सभी सिंह साहिबान थे और सबका फैसला था, लेकिन सिर्फ उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह डरते नहीं है। वह कोई इस्तीफा नहीं देंगे। उन्हें निकालना है तो निकाल दिया जाए। वो दो महीने पहले इस्तीफा दे चुके हैं, चाहे तो उसे स्वीकार कर लिया जाए। लगातार उन्हें और उनके बच्चों को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो उन्हें ट्रोल कर रहे हैं वह उन्हें स्पष्टीकरण नहीं दे रहे हैं वह सिर्फ अपनी संगत को जबाव दे रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर