पलवल में 3 बच्चों की मां की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है। मायके पक्ष ने ससुरालियों पर हत्या का आरोप लगाया है। पति की मौत के बाद देवर से शादी हुई थी। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। मृतक महिला की पहचान पूजा निवासी चांदहट गांव के नाम से हुई है। जिला नागरिक अस्पताल में मृतका के भाई बॉस मोहल्ला पलवल निवासी सन्नी ने बताया कि उसकी बहन पूजा चांदहट गांव में शादीशुदा थी। पूजा के पति की सडक दुर्घटना में मौत होने के बाद करीब चार वर्ष दोनों पक्षों की रजामंदी से पूजा की शादी उसके देवर धर्मेंद्र के साथ कर दी थी। मंगलवार को भाई से की फोन पर बात सन्नी ने बताया कि मंगलवार को उसकी बहन पूजा की उसके घर फोन से बात हुई थी और वह ठीक-ठाक दी। लेकिन अगले ही दिन उसकी बहन की मौत हो गई। उन्होंने शक है कि उसकी बहन की हत्या की गई है। जिसके लिए उन्होंने डायल 112 पर पुलिस को फोन कर पुलिस बुला लिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल ले आई। चांदहट थाना के जांच अधिकारी अमित कुमार ने मृतका के भाई सन्नी के बयान दर्ज कर पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। पलवल में 3 बच्चों की मां की संदिग्ध हालत में मौत हो गई है। मायके पक्ष ने ससुरालियों पर हत्या का आरोप लगाया है। पति की मौत के बाद देवर से शादी हुई थी। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। मृतक महिला की पहचान पूजा निवासी चांदहट गांव के नाम से हुई है। जिला नागरिक अस्पताल में मृतका के भाई बॉस मोहल्ला पलवल निवासी सन्नी ने बताया कि उसकी बहन पूजा चांदहट गांव में शादीशुदा थी। पूजा के पति की सडक दुर्घटना में मौत होने के बाद करीब चार वर्ष दोनों पक्षों की रजामंदी से पूजा की शादी उसके देवर धर्मेंद्र के साथ कर दी थी। मंगलवार को भाई से की फोन पर बात सन्नी ने बताया कि मंगलवार को उसकी बहन पूजा की उसके घर फोन से बात हुई थी और वह ठीक-ठाक दी। लेकिन अगले ही दिन उसकी बहन की मौत हो गई। उन्होंने शक है कि उसकी बहन की हत्या की गई है। जिसके लिए उन्होंने डायल 112 पर पुलिस को फोन कर पुलिस बुला लिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए जिला नागरिक अस्पताल ले आई। चांदहट थाना के जांच अधिकारी अमित कुमार ने मृतका के भाई सन्नी के बयान दर्ज कर पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हार के बाद अब मान रहे है कांग्रेस नेता भीतरघात:गोगी के बाद तरलोचन सिंह का भी झलका टिकट कटने दर्द, ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा कांग्रेस को हरियाणा में अनापेक्षित विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस नेताओं के गले से नहीं उतर रहे है। कांग्रेस ने सरकार बनाने का बड़ा दावा किया था और उधर बीजेपी ने भी सरकार सत्ता में वापसी की ताल ठोक दी थी। कांग्रेस ही हवा थी और सर्वे भी कांग्रेस के पक्ष में ही थे, लेकिन चुनावी रिजल्ट ने कांग्रेस ही नहीं, पूरे हरियाणा के होश उड़ा दिए। कांग्रेस नेता भी अब भीतरघात की बात को मान रहे है। असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भीतरघात को स्वीकार कर चुके है, वही करनाल में कांग्रेस नेता एवं उपचुनाव लड़ने वाले तिरलोचन सिंह ने भी जिला करनाल की पांचों विधानसभा सीटे हारने पर हैरानी जताई है। कांग्रेस नेता तिरलोचन सिंह का कहना है कि असंध, घरौंडा और इंद्री विधानसभा पर कांग्रेस जीत मानकर चल रही थी, हमें करनाल सीट के फंसे होने का डर था, लेकिन करनाल में कांग्रेस इतनी पिछड़ जाएगी, इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। ऐसे में हमें भी यह महसूस होता है कि आखिर हमसे क्या कमी रह गई थी। मैंने सीएम के सामने उपचुनाव लड़ा और जनता ने मुझे 54 हजार वोट दिया। अब 56 हजार वोट ही मिली, जबकि हमारे साथ जेपी गुप्ता, बलविंदर कालडा, राकेश नागपाल और पार्षद भी थे। इतने लोग साथ होने के बाद भी हम सिर्फ 2 हजार वोट ही बढ़ा पाए। पांचों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी, इस पर मंथन होना चाहिए कि आखिर हम कहां पर पिछड़ गए है। भाजपा अपने एजेंडे में रही कामयाब हरियाणा में कांग्रेस सरकार न बना पाने के सवाल पर तिरलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी कहीं न कहीं अपने एजेंडे में कामयाब रही है। बीजेपी ने जाट-नॉन जाट का एजेंडा चलाया। आरएसएस कई महीनों से एक्टिव थी। अलग-अलग बिरादरियों को समझाने का प्रयास किया कि हमारे हित में क्या है और क्या नहीं है। हमें लगता है कि कांग्रेस के बड़े नेता आरएसएस के अगले कदम से वाकिफ नहीं थे। ओवर कॉन्फिडेंस से हुआ नुकसान तिरलोचन सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान माना कि कांग्रेस ओवर कॉंफिडेंट थी। जिसके चलते बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं से दूरी बनानी शुरू कर दी। ऐसा ही करनाल में हुआ। हमें लग रहा था कि कांग्रेस यहां भी जीत रही है, इसलिए बड़े नेताओं को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी और कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया गया।हार का दंश कार्यकर्ता को झेलना पड़ता है-करनाल में स्टार प्रचारक ने बुलाए जाने के सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि सुमिता सिंह को लग रहा था मैं यहां से जीत रही हूं और किसी स्टार प्रचारक को बुलाने की जरूरत नहीं है। स्टार प्रचारक प्रत्याशी की तरफ से बुलाया जाता है। कांग्रेस की हार का खामियाजा नेता को नहीं बल्कि कार्यकर्ता को सहना पड़ता है। सीएम का चेहरा तो घोषित ही नहीं था सीएम का चेहरा हुड्डा की अपेक्षा कोई ओर होता तो परिणाम कुछ ओर होता, इस सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि हाईकमान की तरफ से सीएम का चेहरा तो कोई घोषित ही नहीं किया गया था। शीर्ष नेतृत्व ने तय कर दिया था कि सरकार बनने के बाद ही देखा जाएगा कि सीएम का चेहरा कौन होगा। लोग सोच रहे थे कि भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में अच्छे काम हुए और वे ही चीफ मिनिस्टर बनेंगे। लोगों की डिमांड भी थी। हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बात अच्छी न लगी हो। अगर हमारे बड़े नेता बिना किसी भेदभाव लोगों के बीच में आते तो आज यह स्थिति नहीं होती। मैंने टिकट नहीं मांगी फिर भी दी तरलोचन सिंह ने कहा कि कही न कही टिकटों का बंटवारा ठीक नहीं हुआ है। मैंने 2019 में टिकट नहीं मांगी थी, फिर भी मुझे दी। उपचुनाव में मैंने टिकट नहीं मांगी, फिर भी मुझे दी गई। 2024 में मेरे में ऐसी कौन सी गलती हुई, मेरी टिकट काट दी और सुमिता सिंह ने सिर्फ मेरे से 2 हजार वोट ही ज्यादा ली।
हरियाणा से गुजरने वाली 16 ट्रेनों में कोच बढ़ाए गए:अलग-अलग श्रेणियों के 30 डिब्बों की बढ़ोतरी; अधिकतर लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल
हरियाणा से गुजरने वाली 16 ट्रेनों में कोच बढ़ाए गए:अलग-अलग श्रेणियों के 30 डिब्बों की बढ़ोतरी; अधिकतर लंबी दूरी की एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल रेलवे ने हरियाणा से होकर चलने वाली 16 ट्रेनों में शीतकालीन अवकाश के दौरान अतिरिक्त यात्री यातायात को ध्यान में रखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए 16 ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों के 30 कोच अस्थाई रूप से बढ़ाए हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार इन ट्रेनों में दिसंबर से अगले साल जनवरी तक विभिन्न श्रेणियों के कोच लगाए गए हैं, ताकि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। इन ट्रेनों में बढ़ाए कोच 1. गाड़ी संख्या 22471/22472, बीकानेर-दिल्ली सराय-बीकानेर ट्रेन में बीकानेर से 1 से 31 दिसंबर तक और दिल्ली सराय से 3 दिसंबर से 2 जनवरी तक 1 सेकेंड एसी व 1 थर्ड एसी श्रेणी डिब्बों की अस्थाई बढ़ोतरी की है। 2. गाड़ी संख्या 20473/20474, दिल्ली सराय-उदयपुर सिटी-दिल्ली सराय ट्रेन में दिल्ली सराय से 1 से 31 दिसंबर तक तथा उदयपुर सिटी से 2 दिसंबर से 1 जनवरी तक 1 सेकेंड एसी व 1 थर्ड एसी श्रेणी डिब्बों की अस्थाई बढ़ोतरी की है। 3. गाड़ी संख्या 19613/19612, अजमेर-अमृतसर-अजमेर ट्रेन में अजमेर से 2 से 30 दिसंबर तक तथा अमृतसर से 3 से 31 दिसंबर तक 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की गई है। 4. गाड़ी संख्या 12065/12066, अजमेर-दिल्ली सराय रोहिल्ला-अजमेर जन शताब्दी ट्रेन में 2 से 31 दिसंबर तक 1 द्वितीय कुर्सीयान व 1 वातानुकूलित कुर्सीयान श्रेणी डिब्बों की अस्थाई बढोतरी की है। 5. गाड़ी संख्या 19701/19702, जयपुर-दिल्ली कैंट-जयपुर ट्रेन में जयपुर 1 से 31 दिसंबर तक तथा दिल्ली कैंट से 3 दिसंबर से 2 जनवरी तक 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी की है। 6. गाड़ी संख्या 20409/20410, दिल्ली कैंट-बठिंडा-दिल्ली कैंट ट्रेन में 2 दिसंबर से 1 जनवरी तक 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की है। 7. गाड़ी संख्या 12482/12481, श्रीगंगानगर-दिल्ली-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस ट्रेन में श्रीगंगानगर से 1 से दिसंबर तक एवं दिल्ली से 2 दिसंबर से 1 जनवरी तक 1 थर्ड एसी श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढ़ोतरी की है। 8. गाड़ी संख्या 14731/14732, दिल्ली-बठिंडा-दिल्ली एक्सप्रेस ट्रेन में दिल्ली से 1 से 31 दिसंबर तक एवं बठिंडा से 2 दिसंबर से 1 जनवरी तक 1 थर्ड एसी श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की है। 9. गाड़ी संख्या 14717/14718, बीकानेर-हरिद्वार-बीकानेर ट्रेन में बीकानेर से 2 से 30 दिसंबर तक एवं हरिद्वार से 3 से 31 दिसंबर तक 1 थर्ड एसी व 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बो की अस्थाई बढ़ोतरी की है। 10. गाड़ी संख्या 14888/14887, बाडमेर-ऋषिकेश-बाड़मेर ट्रेन में बाडमेर से 1 से 31 दिसंबर तक एवं ऋषिकेश से 3 दिसंबर से 2 जनवरी तक 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की है। 11. गाड़ी संख्या 14816/14815, ऋषिकेश-श्रीगंगानगर-ऋषिकेश ट्रेन में ऋषिकेश से 2 दिसंबर से 1 जनवरी तक एवं श्रीगंगानगर से 3 दिसंबर से 2 जनवरी तक 1 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की है। 12. गाड़ी संख्या 14735/14736, श्रीगंगानगर-अम्बाला-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस ट्रेन में 1 से 31 दिसंबर तक 5 साधारण श्रेणी डिब्बों की अस्थाई बढोतरी की है। 13. गाड़ी संख्या 12985/12986, जयपुर-दिल्ली सराय-जयपुर 1 से 31 दिसंबर तक 1 एक्सीक्यूटिव वातानुकूलित कुर्सीयान श्रेणी डिब्बे की अस्थाई बढोतरी की है। 14. गाड़ी संख्या 14714/14713, दिल्ली सराय-सीकर-दिल्ली सराय ट्रेन में 4 से 27 दिसंबर तक 1 थर्ड एसी व 2 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बो की अस्थाई बढोतरी की है। 15. गाड़ी संख्या 22464/22463, बीकानेर-दिल्ली सराय-बीकानेर ट्रेन में बीकानेर से 3 से 29 दिसंबर तक एवं दिल्ली सराय से 6 से 27 दिसंबर तक 1 थर्ड एसी व 2 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बो की अस्थाई बढोतरी की है। 16. गाड़ी संख्या 12463/12464, दिल्ली सराय-जोधपुर-दिल्ली सराय ट्रेन में दिल्ली सराय से 4 से 25 दिसंबर तक एवं जोधपुर से 5 से 26 दिसंबर तक 1 थर्ड एसी व 2 द्वितीय शयनयान श्रेणी डिब्बो की अस्थाई बढोतरी की है।
हरियाणा के 20 खिलाड़ियों को ओलंपिक कोटा:निशा दहिया और मनु भाकर समेत 13 महिला खिलाड़ी शामिल, 26 जुलाई से पेरिस में शुरू
हरियाणा के 20 खिलाड़ियों को ओलंपिक कोटा:निशा दहिया और मनु भाकर समेत 13 महिला खिलाड़ी शामिल, 26 जुलाई से पेरिस में शुरू आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। खेलों का सबसे बड़ा महाकुंभ ओलिंपिक खेल ठीक 32 दिन बाद 26 जुलाई को पेरिस में शुरू होगा। हरियाणा के अब तक 20 खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में ओलिंपिक कोटा हासिल किया है, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें से 13 यानी 65% महिलाएं हैं। पिछली बार हरियाणा के पास 17 व्यक्तिगत कोटा थे। एथलेटिक्स के क्वालिफाइड मैच अभी होने बाकी हैं। ओलंपिक में भारत की 10 खेलों में भागीदारी पक्की हो चुकी है। हरियाणा 7 में अपना दमखम दिखाएगा। पहली बार तीरंदाजी में भी भारत का प्रतिनिधित्व होगा। तीरंदाजी, नौकायन, लॉन टेनिस में भी दिखेगा दम तीरंदाजी: सिरसा की भजन कौर ने एशियन गेम्स में कांस्य, ओलिंपिक क्वालिफायर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
नौकायन: करनाल के बलराज पंवार एम1एक्स में 2000 मी. रेस में 7:01.27 मिनट का समय ले तीसरे नंबर पर रहे।
लॉन टेनिस: झज्जर के सुमित नागल ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दूसरे दौर में जगह बनाई। हीलब्रॉन नेकरकप चैलेंजर स्पर्धा व चेन्नई ओपन का खिताब जीता। बॉक्सिंग: पदकों के लिए 4 खिलाड़ी मारेंगे पंच अमित पंघाल (51 किग्रा.): रोहतक के मायना के हैं। एशियाड, कौमनवैल्थ, एशियन चैंपियनशिप में 1-1 स्वर्ण।
निशांत देव (71 किग्रा.): करनाल के हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता।
प्रीति पंवार (54 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप में गाेल्ड।
जैस्मिन लेम्बोरिया (57 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीते। कुश्ती: पहली बार महिला पहलवान ज्यादा
विनेश फौगाट (50 किग्रा.): चरखी दादरी के बलाली की हैं। कॉमनवेल्थ में 3, एशियन गेम्स में 1 स्वर्ण जीत चुकीं।
अंतिम पंघाल (53 किग्रा.): हिसार की हैं। अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण।
अंशु मलिक (57 किग्रा.): जींद के निडानी की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत जीते।
निशा दहिया (68 किग्रा.): पानीपत के अदियाना की हैं। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 6 गोल्ड। एशियन चैंपियनशिप में रजत।
रीतिका हुड्डा (76 किग्रा.): रोहतक के खरकड़ा की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण।
अमन सहरावत (57 किग्रा.): झज्जर के बिरोहड़ के हैं। एशियन चैंपियनशिप व जाग्रेब ओपन में गोल्ड। इस बार हमारी महिला शक्ति का जोर
2 महिला बॉक्सर जाएंगी। टोक्यो में 1 ही थी।
कुश्ती में पहली बार 5 महिला पहलवान जाएंगी।
शूटिंग में 4 महिला जाएंगी। पिछली बार 2 थीं।
तीरंदाजी में पहला कोटा महिला ने ही दिलाया। उम्मीदें बड़ी क्यों? देश की 2% आबादी वाले हरियाणा ने 33% कोटा दिलाए कृपाशंकर बिश्नोई ने बताया कि पहली बार कुश्ती में 6 में से 5 और शूटिंग में 4 महिलाएं, तीरंदाजी में भी 1 खिलाड़ी एथलेटिक्स: नीरज चोपड़ा: पेरिस ओलिंपिक के लिए डायरेक्ट क्वालीफाइंग मार्क 85.50 मीटर था। इसे पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में जगह बनाने वाले पहले एथलीट हैं। एथलेटिक्स में ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। टोक्यो ओलिंपिक के बाद 5 स्पर्धाओं में स्वर्ण और 2 में रजत पदक जीत चुके हैं। ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, दो बार की ओलिंपियन विनेश फौगाट जैसी खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुका हूं। इस बार ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं हैं। लड़कियां लक्ष्य को लेकर गंभीर और करियर ओरिएंटेड होती हैं। एक बार लग्न से काम शुरू कर दें तो उस पर खरा उतरती हैं। इसी की बदौलत कुश्ती में पहली बार 6 में से 5 और शूटिंग में 6 में से 4 महिला हैं। तीरंदाजी में पहला कोटा दिलाने वाली भी महिला है। कुश्ती में इतना लंबा विवाद चला, पर महिला पहलवानों ने खुद पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। तकनीक, जोश और सही समय पर तत्काल निर्णय से हरियाणा के खिलाड़ी देश काे गोल्डन तोहफा दे सकते हैं।