<p><strong>Devendra Fadnavis News:</strong> महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (18 दिसंबर) को राज्य विधानसभा में विशेष लोक सुरक्षा विधेयक दोबारा पेश किया. उन्होंने कहा कि प्रास्तावित कानून का उद्देश्य वास्तविक असहमति की आवाजों को दबाना नहीं, बल्कि शहरी नक्सलियों के पनाहगाहों को समाप्त करना है.</p>
<p><a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> नीत पूर्ववर्ती महायुति गठबंधन सरकार ने इस साल जुलाई में मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में ‘महाराष्ट्र विशेष लोक सुरक्षा अधिनियम, 2024’ नाम से यह विधेयक पेश किया था. हालांकि, उस समय यह पारित नहीं हो पाया था. विधानसभा चुनाव के बाद फडणवीस के नेतृत्व में आई नयी सरकार ने सदन में इस विधेयक को दोबारा पेश किया है. सदन में विधेयक पेश करते हुए फडणवीस ने कहा कि इसे राज्य विधानमंडल की संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाएगा ताकि इससे संबंधित सभी संदेह दूर किए जा सकें.</p>
<p><strong>’मानसून सत्र में दी जाएगी मंजूरी'</strong><br />उन्होंने कहा कि हितधारकों की राय पर विचार किया जाएगा और विधेयक को अगले वर्ष जुलाई में मुंबई में होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र में मंजूरी दी जाएगी. फडणवीस ने कहा, ‘‘नक्सलवाद केवल सुदूर ग्रामीण इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शहरी इलाकों में भी ऐसे संगठन उभर आए हैं जो देश और इसकी संस्थाओं के प्रति अविश्वास पैदा करने का काम करते हैं.’’</p>
<p><strong>’शहरी नक्सलियों के ठिकानों को बंद करना है'</strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि महाराष्ट्र में नक्सल विरोधी दस्ते भी शहरी नक्सलियों की गतिविधियों को रोकने के लिए ऐसा कानून चाहते हैं. इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य वास्तविक असहमति की आवाजों को दबाना नहीं है, बल्कि शहरी नक्सलियों के ठिकानों को बंद करना है.’’ कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सवाल उठाया कि जब मौजूदा कानूनों में नक्सलवाद से निपटने के प्रावधान हैं तो अलग कानून की क्या जरूरत है. इस पर फडणवीस ने जवाब दिया कि महाराष्ट्र में नक्सलवाद से निपटने के लिए कोई कानून नहीं है.</p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मुंबई में समंदर के बीच कैसे डूबी ‘नीलकमल’ नाव? चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/mumbai-boat-capsized-neelkamal-rescue-operation-mumbai-police-2845054″ target=”_self”>मुंबई में समंदर के बीच कैसे डूबी ‘नीलकमल’ नाव? चश्मदीदों ने बताई आंखों देखी</a></strong></p> <p><strong>Devendra Fadnavis News:</strong> महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (18 दिसंबर) को राज्य विधानसभा में विशेष लोक सुरक्षा विधेयक दोबारा पेश किया. उन्होंने कहा कि प्रास्तावित कानून का उद्देश्य वास्तविक असहमति की आवाजों को दबाना नहीं, बल्कि शहरी नक्सलियों के पनाहगाहों को समाप्त करना है.</p>
<p><a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> नीत पूर्ववर्ती महायुति गठबंधन सरकार ने इस साल जुलाई में मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में ‘महाराष्ट्र विशेष लोक सुरक्षा अधिनियम, 2024’ नाम से यह विधेयक पेश किया था. हालांकि, उस समय यह पारित नहीं हो पाया था. विधानसभा चुनाव के बाद फडणवीस के नेतृत्व में आई नयी सरकार ने सदन में इस विधेयक को दोबारा पेश किया है. सदन में विधेयक पेश करते हुए फडणवीस ने कहा कि इसे राज्य विधानमंडल की संयुक्त प्रवर समिति को भेजा जाएगा ताकि इससे संबंधित सभी संदेह दूर किए जा सकें.</p>
<p><strong>’मानसून सत्र में दी जाएगी मंजूरी'</strong><br />उन्होंने कहा कि हितधारकों की राय पर विचार किया जाएगा और विधेयक को अगले वर्ष जुलाई में मुंबई में होने वाले राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र में मंजूरी दी जाएगी. फडणवीस ने कहा, ‘‘नक्सलवाद केवल सुदूर ग्रामीण इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि शहरी इलाकों में भी ऐसे संगठन उभर आए हैं जो देश और इसकी संस्थाओं के प्रति अविश्वास पैदा करने का काम करते हैं.’’</p>
<p><strong>’शहरी नक्सलियों के ठिकानों को बंद करना है'</strong><br />उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि महाराष्ट्र में नक्सल विरोधी दस्ते भी शहरी नक्सलियों की गतिविधियों को रोकने के लिए ऐसा कानून चाहते हैं. इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य वास्तविक असहमति की आवाजों को दबाना नहीं है, बल्कि शहरी नक्सलियों के ठिकानों को बंद करना है.’’ कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सवाल उठाया कि जब मौजूदा कानूनों में नक्सलवाद से निपटने के प्रावधान हैं तो अलग कानून की क्या जरूरत है. इस पर फडणवीस ने जवाब दिया कि महाराष्ट्र में नक्सलवाद से निपटने के लिए कोई कानून नहीं है.</p>
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