पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिस्क्वालिफाई हुईं विनेश फोगाट के केस में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने 24 पेज की ऑर्डर कॉपी जारी की है। जिसमें CAS ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी का वजन कम-ज्यादा होने का कारण और जिम्मेदार खुद खिलाड़ी ही है। नियमों से ऊपर कोई भी कारण नहीं हो सकता है। CAS ने आगे कहा कि खेलों में सभी प्रतिभागियों के लिए नियम समान होते हैं और इन नियमों में कोई भी ढील नहीं दी जा सकती। विनेश फोगाट का मामला यह था कि उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक था। उन्होंने इस मामूली बढ़त के लिए सहनशीलता की मांग की थी, क्योंकि यह वृद्धि मासिक धर्म (पीरियड्स) के कारण पानी के रिटेंशन और पानी पीने के कारण हुई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और स्पष्ट कर दिया कि नियमों में कोई सहनशीलता का प्रावधान नहीं है। CAS के ऑर्डर की खास बातें… पानी की कमी की दलील दी CAS ने कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि विनेश फोगाट फाइनल से पहले वजन मापने के दौरान असफल साबित हुईं। यानी उनका वजन 50 किग्रा वेट कैटेगरी के लिहाज से ज्यादा पाया गया। इसमें विनेश का मानना यह था कि सिर्फ 100 ग्राम वजन ज्यादा है। इसे पीरियड्स, वॉटर रिटेंशन के चलते विलेज तक आने के कारण पानी नहीं मिल पाया। नियम सभी के लिए समान एथलीट्स के लिए समस्या यह है कि वजन को लेकर नियम साफ हैं और सभी के लिए समान भी हैं। इसमें कितना ज्यादा है, यह देखने के लिए कोई सहनशीलता प्रदान नहीं की गई है। यह सिंगलेट (फाइटिंग के दौरान पहलने वाली जर्सी) के वजन की भी अनुमति नहीं देता है। यह भी साफ है कि एथलीट को ही यह देखना होगा कि उसका वजन नियम के अनुसार ही हो। थोड़ी भी छूट देने का अधिकार नहीं यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों में साफ दिया गया है कि पहलवान को न सिर्फ टूर्नामेंट के शुरुआत में खेलने के योग्य होना चाहिए, बल्कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान ही उसे योग्य होना चाहिए। यानी एंट्री से लेकर फाइनल तक ऐसे में नियमों में जरा भी अधिकार नहीं दिया गया है कि थोड़ी भी छूट दी जाए। इससे समझ सकते हैं कि क्यों ये नियम प्रदान करते हैं कि एक बार जब कोई पहलवान प्रतियोगिता के दौरान अयोग्य हो जाता है, तो अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू होते हैं। उस दिन के हालात पर छूट का प्रावधान नहीं एथलीट ने यह भी मांग की है कि वजन के नियमों में दी गई लिमिट को उस दिन की उसकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार बदला जाए और उस लिमिट पर सहनशीलता लागू की जाए। यानी 100 ग्राम वजन को ज्यादा न समझा जाए और 50 किग्रा वेट कैटेगरी में खेलने की अनुमति दी जाए। मगर, नियमों को देखा जाए तो उसमें ऐसी कोई छूट देने का प्रावधान ही नहीं है। नियम साफ हैं कि 50 किग्रा वेट एक लिमिट है. इसमें व्यक्तिगत तौर पर सहूलियत देने या विवेकाधिकार प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। विनेश ने पहले मापे गए वजन की दलील दी एथलीट का पहले दिन का वजन नियम के अनुसार था। उन्हें दूसरे दिन यानी फाइनल से पहले भी वजन माप में सफल होना था। नियमों के अनुच्छेद 11 के लागू होने के कारण विनेश टूर्नामेंट से बाहर हो गईं और बिना किसी रैंक के आखिरी स्थान पर आ गईं। इसने उनसे सिल्वर मेडल भी छीन लिया, जो उन्होंने सेमीफाइनल जीतने के साथ ही पक्का कर लिया था। इस पर विनेश की दलील है कि वो सिल्वर मेडल के लिए योग्य और पात्र बनी रहीं और 6 अगस्त (पहले दिन) को उनका जो सफल वजन माप हुआ था, उसे दूसरे दिन भी लागू किया जाए। नियमों में मेडल देने का प्रावधान नहीं नियमों में कोई विवेकाधिकार नहीं दिया गया है। इसे लागू करने के लिए एकमात्र मध्यस्थ पूरी तरह से बाध्य हैं। एकमात्र मध्यस्थ इस दलील में भी दम देखता है कि फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था, वो नियम के खिलाफ था तो विनेश को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए। यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से आवेदक के लिए नियमों में यह भी सुविधा भी प्रदान नहीं की गई है। फैसला कानूनी रूप से लिया गया एथलीट ने यह अनुरोध किया है कि अपील किए गए निर्णय को इस तरह से अलग रखा जाए कि नियमों के अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू न हों या अनुच्छेद 11 को इस तरह से समझा जाए कि यह सिर्फ टूर्नामेंट के आखिरी दौर पर लागू हो और यह टूर्नामेंट के शुरुआत से ही लागू न हो। यह विवाद का विषय नहीं है कि एथलीट दूसरे वजन-माप में असफल रहा। आवेदक ने नियमों के अनुच्छेद 11 को चुनौती नहीं दी है। इसका मतलब यह है कि फैसला कानूनी रूप से लिया गया था और अनुच्छेद 11 लागू होता है। जॉइंट मेडल का नियम नहीं एथलीट ने यह भी माना है कि नियमों के लिहाज से वो अयोग्य हो गई हैं। इस कारण सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली एथलीट फाइनल खेलने के लिए योग्य हो गई हैं। उन्हें ही सिल्वर या गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। विनेश यह नहीं चाहती कि कोई अन्य पहलवान अपना मेडल खो दे। वो तो संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल चाहती हैं। ऐसे में कोई नियम नहीं है, जिसके आधार पर विनेश को संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल दिए जाने की सहूलियत प्रदान की जाए। कोई गैरकानूनी काम नहीं किया इन सभी नियमों और बातों का मतलब है कि एकमात्र मध्यस्थ विनेश द्वारा मांगी गई राहत को देने से इनकार करता है और उनका यह आवेदन खारिज करता है।एकमात्र मध्यस्थ ने यह पाया है कि विनेश ने खेल के मैदान में एंट्री की और पहले ही दिन 3 राउंड के मुकाबले में फाइटिंग करते हुए जीत हासिल की। इसके दम पर उन्होंने पेरिस ओलिंपिक गेम्स में 50 किग्रा वेट कैटेगरी के रेसलिंग फाइनल में पहुंचीं। मगर, दूसरे दिन वजन माप में वो असफल रहीं और फाइनल के लिए अयोग्य हो गईं। विनेश की ओर से कोई भी गलत काम (गैरकानूनी) करने का कोई संकेत नहीं मिला है। पेरिस ओलिंपिक में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने पर डिस्क्वालिफाई हुईं विनेश फोगाट के केस में कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने 24 पेज की ऑर्डर कॉपी जारी की है। जिसमें CAS ने कहा कि किसी भी खिलाड़ी का वजन कम-ज्यादा होने का कारण और जिम्मेदार खुद खिलाड़ी ही है। नियमों से ऊपर कोई भी कारण नहीं हो सकता है। CAS ने आगे कहा कि खेलों में सभी प्रतिभागियों के लिए नियम समान होते हैं और इन नियमों में कोई भी ढील नहीं दी जा सकती। विनेश फोगाट का मामला यह था कि उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक था। उन्होंने इस मामूली बढ़त के लिए सहनशीलता की मांग की थी, क्योंकि यह वृद्धि मासिक धर्म (पीरियड्स) के कारण पानी के रिटेंशन और पानी पीने के कारण हुई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया और स्पष्ट कर दिया कि नियमों में कोई सहनशीलता का प्रावधान नहीं है। CAS के ऑर्डर की खास बातें… पानी की कमी की दलील दी CAS ने कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि विनेश फोगाट फाइनल से पहले वजन मापने के दौरान असफल साबित हुईं। यानी उनका वजन 50 किग्रा वेट कैटेगरी के लिहाज से ज्यादा पाया गया। इसमें विनेश का मानना यह था कि सिर्फ 100 ग्राम वजन ज्यादा है। इसे पीरियड्स, वॉटर रिटेंशन के चलते विलेज तक आने के कारण पानी नहीं मिल पाया। नियम सभी के लिए समान एथलीट्स के लिए समस्या यह है कि वजन को लेकर नियम साफ हैं और सभी के लिए समान भी हैं। इसमें कितना ज्यादा है, यह देखने के लिए कोई सहनशीलता प्रदान नहीं की गई है। यह सिंगलेट (फाइटिंग के दौरान पहलने वाली जर्सी) के वजन की भी अनुमति नहीं देता है। यह भी साफ है कि एथलीट को ही यह देखना होगा कि उसका वजन नियम के अनुसार ही हो। थोड़ी भी छूट देने का अधिकार नहीं यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) के नियमों में साफ दिया गया है कि पहलवान को न सिर्फ टूर्नामेंट के शुरुआत में खेलने के योग्य होना चाहिए, बल्कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान ही उसे योग्य होना चाहिए। यानी एंट्री से लेकर फाइनल तक ऐसे में नियमों में जरा भी अधिकार नहीं दिया गया है कि थोड़ी भी छूट दी जाए। इससे समझ सकते हैं कि क्यों ये नियम प्रदान करते हैं कि एक बार जब कोई पहलवान प्रतियोगिता के दौरान अयोग्य हो जाता है, तो अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू होते हैं। उस दिन के हालात पर छूट का प्रावधान नहीं एथलीट ने यह भी मांग की है कि वजन के नियमों में दी गई लिमिट को उस दिन की उसकी व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार बदला जाए और उस लिमिट पर सहनशीलता लागू की जाए। यानी 100 ग्राम वजन को ज्यादा न समझा जाए और 50 किग्रा वेट कैटेगरी में खेलने की अनुमति दी जाए। मगर, नियमों को देखा जाए तो उसमें ऐसी कोई छूट देने का प्रावधान ही नहीं है। नियम साफ हैं कि 50 किग्रा वेट एक लिमिट है. इसमें व्यक्तिगत तौर पर सहूलियत देने या विवेकाधिकार प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। विनेश ने पहले मापे गए वजन की दलील दी एथलीट का पहले दिन का वजन नियम के अनुसार था। उन्हें दूसरे दिन यानी फाइनल से पहले भी वजन माप में सफल होना था। नियमों के अनुच्छेद 11 के लागू होने के कारण विनेश टूर्नामेंट से बाहर हो गईं और बिना किसी रैंक के आखिरी स्थान पर आ गईं। इसने उनसे सिल्वर मेडल भी छीन लिया, जो उन्होंने सेमीफाइनल जीतने के साथ ही पक्का कर लिया था। इस पर विनेश की दलील है कि वो सिल्वर मेडल के लिए योग्य और पात्र बनी रहीं और 6 अगस्त (पहले दिन) को उनका जो सफल वजन माप हुआ था, उसे दूसरे दिन भी लागू किया जाए। नियमों में मेडल देने का प्रावधान नहीं नियमों में कोई विवेकाधिकार नहीं दिया गया है। इसे लागू करने के लिए एकमात्र मध्यस्थ पूरी तरह से बाध्य हैं। एकमात्र मध्यस्थ इस दलील में भी दम देखता है कि फाइनल से पहले जो वजन माप किया गया था, वो नियम के खिलाफ था तो विनेश को सिर्फ फाइनल के लिए अयोग्य माना जाना चाहिए। यानी उन्हें सिल्वर दिया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से आवेदक के लिए नियमों में यह भी सुविधा भी प्रदान नहीं की गई है। फैसला कानूनी रूप से लिया गया एथलीट ने यह अनुरोध किया है कि अपील किए गए निर्णय को इस तरह से अलग रखा जाए कि नियमों के अनुच्छेद 11 में दिए गए परिणाम लागू न हों या अनुच्छेद 11 को इस तरह से समझा जाए कि यह सिर्फ टूर्नामेंट के आखिरी दौर पर लागू हो और यह टूर्नामेंट के शुरुआत से ही लागू न हो। यह विवाद का विषय नहीं है कि एथलीट दूसरे वजन-माप में असफल रहा। आवेदक ने नियमों के अनुच्छेद 11 को चुनौती नहीं दी है। इसका मतलब यह है कि फैसला कानूनी रूप से लिया गया था और अनुच्छेद 11 लागू होता है। जॉइंट मेडल का नियम नहीं एथलीट ने यह भी माना है कि नियमों के लिहाज से वो अयोग्य हो गई हैं। इस कारण सेमीफाइनल में उनसे हारने वाली एथलीट फाइनल खेलने के लिए योग्य हो गई हैं। उन्हें ही सिल्वर या गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। विनेश यह नहीं चाहती कि कोई अन्य पहलवान अपना मेडल खो दे। वो तो संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल चाहती हैं। ऐसे में कोई नियम नहीं है, जिसके आधार पर विनेश को संयुक्त रूप से दूसरा सिल्वर मेडल दिए जाने की सहूलियत प्रदान की जाए। कोई गैरकानूनी काम नहीं किया इन सभी नियमों और बातों का मतलब है कि एकमात्र मध्यस्थ विनेश द्वारा मांगी गई राहत को देने से इनकार करता है और उनका यह आवेदन खारिज करता है।एकमात्र मध्यस्थ ने यह पाया है कि विनेश ने खेल के मैदान में एंट्री की और पहले ही दिन 3 राउंड के मुकाबले में फाइटिंग करते हुए जीत हासिल की। इसके दम पर उन्होंने पेरिस ओलिंपिक गेम्स में 50 किग्रा वेट कैटेगरी के रेसलिंग फाइनल में पहुंचीं। मगर, दूसरे दिन वजन माप में वो असफल रहीं और फाइनल के लिए अयोग्य हो गईं। विनेश की ओर से कोई भी गलत काम (गैरकानूनी) करने का कोई संकेत नहीं मिला है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में भाऊ गैंग के 3 शार्पशूटरों का एनकाउंटर:सोनीपत में देर रात मुठभेड़, दिल्ली पुलिस का सब इंस्पेक्टर घायल, 5 ऑटोमैटिक पिस्टल मिले हरियाणा के सोनीपत में शुक्रवार रात को पुलिस और बदमाशों में मुठभेड़ हुई है। इसमें कुख्यात गैंगस्टर फिरौती किंग हिमांशु भाऊ गैंग के 3 कुख्यात शार्प शूटरों को पुलिस ने मार गिराया। इस दौरान दिल्ली क्राइम ब्रांच के एक सब इंस्पेक्टर अरूण को भी गोली लगी। पुलिस ने रात को ही तीनों बदमाशों के शव अस्पताल पहुंचा दिए। पुलिस एनकाउंटर में मारे गए बदमाशों की पहचान हिसार निवासी आशीष उर्फ लालू, हिसार के गांव खरड़ निवासी सन्नी खरड़ और सोनीपत के गोहाना के गांव रिंढाना निवासी विक्की के रूप में हुई है। हिसार में व्यापारियों से मांगी गई फिरौती समेत कई मर्डर व अन्य वारदातों में इनका हाथ है। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी पर लाखों रुपए का इनाम रखा था। जानकारी के अनुसार सोनीपत के खरखौदा गांव में छिनौली बाइपास पर सोनीपत STF(स्पेशल टास्क फोर्स) और न्यू दिल्ली रेंज पुलिस ने यह जॉइंट ऑपरेशन किया था। इन बदमाशों से पुलिस को 5 ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने ऐसे अंजाम दिया ऑपरेशन
शुक्रवार रात करीब नौ बजे एसटीएफ सोनीपत प्रभारी योगेंद्र दहिया के नेतृत्व में टीम गश्त कर रही थी। वहीं न्यू दिल्ली रेंज क्राइम ब्रांच की एक टीम भी खरखौदा क्षेत्र में थी। इसी दौरान टीम को सूचना मिली कि भाऊ गैंग से जुड़े 3 बदमाश छिनौली रोड से आने वाले हैं। पुलिस को उनके पास हथियार होने की सूचना थी। इसी बीच पुलिस ने रोहतक बाइपास के पास नाका लगा दिया। कुछ देर बाद सफेद रंग की किया गाड़ी पुलिस को आती दिखाई दी। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया तो कार सवार बदमाशों ने भागने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी तो उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग कर दी। जिसके बाद दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग हुई। जिसमें 3 शार्पशूटरों को गोली लग गई। पुलिस उन्हें अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस टीम ने दिया पूरे ऑपरेशन को अंजाम
इस जॉइंट ऑपरेशन में एसटीएफ सोनीपत प्रभारी योगेंद्र दहिया, एएसआई रामनिवास, राजेंद्र कुमार, अमित कुमार, प्रवीण कुमार, विकास, रोहित, राकेश कुमार और दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम में DCP अमित गोयल, ACP उमेश बर्थवाल] क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर रामपाल, सब इंस्पेक्टर मुकेश, सब इंस्पेक्टर हेमंत, सब इंस्पेक्टर प्रमोद, नरेंद्र कुमार, अमित गुलिया, अमित सिंधु, ओमबीर, संजय, धर्मेंद्र शामिल रहे। शराब के कारोबारी से जुड़कर अपराध की दुनियां में रखे थे लालू और सन्नी ने कदम
मुठभेड़ में मारे गए 2 बदमाश हरियााणा और दिल्ली में हत्या, लूट और रंगदारी के मामलों में शामिल थे। हिसार के खारिया निवासी आशीष लालू और खरड़ निवासी सन्नी पिछले सात साल से अपराध की दुनिया में थे। दोनों पर पुलिस रिकार्ड में दर्जनों मामले दर्ज हैं। हिसार पुलिस ने लालू पर 10 हजार रुपये इनाम रखा था। दोनों शराब के कारोबार में से अपराध की दुनिया तक पहुंचे। पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों बदमाश पढ़ाई छोड़ने के बाद शराब के धंधे में उतर गए थे। शराब बेचने को लेकर हुए छोटे- मोटे झगड़ों के बाद वह अपराध की दुनिया में धंसते गए। दोनों पर मारपीट से लेकर हत्या, लूट और रंगदारी के दर्जनों मुकदमे दर्ज है। सन्नी और लालू का गांव खरड़ अलीपुर के शराब ठेकेदार विकास उर्फ केसी की घर के पास ही गोलियां मार कर हत्या करने के मामले में नाम आया था। CM ने DGP को दिया था एक हफ्ते का टाइम
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 10 जुलाई को DGP को अपराधियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने को लेकर सख्त निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने बुधवार को हुई बैठक में पुलिस अधिकारियों से कहा था कि प्रदेश में गैंगस्टरों एवं शातिर अपराधियों के खिलाफ अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए। इसके लिए DGP को एक हफ्ते का टाइम दिया गया था। हरियाणा में एक के बाद एक ये वारदातें हुईं 1. 24 जून को हिसार के ऑटो मार्केट में फिरौती मांगी गई। बदमाशों ने थाने से चंद फीट की दूरी पर खुलेआम हथियार लहराए और 30 राउंड से ज्यादा फायरिंग की। पर्चा फेंककर 5 करोड़ की फिरौती मांगी। इनेलो नेता रामभगत गुप्ता को धमकाया गया। अगले दिन भीम ऑटो मोबाइल और फिर गोयल तिरपाल हाउस के मालिक से 2-2 करोड़ की रंगदारी मांगी गई। 2. करनाल में एएसआई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। एएसआई संजीव कुमार मंगलवार शाम को टहलने निकले थे। रात करीब 8.25 बजे अचानक बाइक पर दो बेखौफ बदमाश आए और संजीव के सिर में गोली मारकर फरार हो गए। जांच में पता चला कि उन्हें शूटर्स ने गोलियां मारीं। 3. हांसी में बदमाशों ने एक बाइक सवार को अगवा कर लिया। उसे बंदूक दिखाकर 3 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। पैसे न देने पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 4. हांसी में JJP नेता रविंद्र सैनी की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बदमाशों ने हीरो शोरूम के बाहर खड़े रविंद्र सैनी पर फायरिंग कर मार डाला था और बाइक से फरार हो गए थे। पुलिस इस मामले में जेल में बंद मास्टरमाइंड को ही पकड़ पाई। व्यापारी 3 जगहों पर बाजार कर चुके बंद 1. 24 जून को हिसार की ऑटो मार्केट में इनेलो नेता रामभगत गुप्ता के शोरूम पर बदमाशों ने फायरिंग कर फिरौती मांगी और बाद में व्यापारियों से 2-2 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इस मामले में व्यापारियों ने 28 जून को ऑटो मार्केट, अनाज मंडी पूरी तरह से बंद कर विरोध जताया था। इसके बाद 5 जुलाई को हिसार बंद कर दिया था। हिसार की 72 मार्केट एसोसिएशन ने व्यापार मंडल का समर्थन किया था। 2. हिसार के बाद फतेहाबाद के जाखल कस्बे में लोगों ने बढ़ती चोरियों के विरोध में बाजार बंद रखा। व्यापारियों ने एक दिन पहले ही आह्वान किया था कि कोई भी दुकानदार अपनी दुकान नहीं खोलेगा। पिछले डेढ़ महीने में जाखल में चोरी की वारदातों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इनमें वाहन चोरी की वारदातें ज्यादा हो रही हैं। हर दिन किसी न किसी दुकान के ताले टूट रहे हैं या बाइक चोरी हो रही थी। 3. हांसी में JJP नेता रविंद्र सैनी की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बदमाशों ने हीरो शोरूम के बाहर खड़े रविंद्र सैनी पर फायरिंग कर मार डाला था। इस मामले से व्यापारियों का गुस्सा भड़क गया और परिजनों के साथ मिलकर हांसी में प्रदर्शन किया था और नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था। शुक्रवार को व्यापारियों ने हांसी बंद कर विरोध जताया था।
पानीपत में ट्रांसजेंडर के साथ रेप:नशे में धुत सहकर्मी ने घर में घुसकर की वारदात, 1 लाख रुपए भी ले गया आरोपी
पानीपत में ट्रांसजेंडर के साथ रेप:नशे में धुत सहकर्मी ने घर में घुसकर की वारदात, 1 लाख रुपए भी ले गया आरोपी हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में रहने वाली ट्रांसजेंडर के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। शराब के नशे में धुत सहकर्मी कमरे में घुस गया। इसके बाद उसने ट्रांसजेंडर के साथ शारीरिक संबंध बनाए। वारदात के बाद वह एक लाख रुपये लेकर फरार हो गया। पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 379 और 377 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। घटना के बाद आरोपी गांव भाग गया चांदनीबाग थाने में दी शिकायत में रविता (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के पटना की रहने वाली है। फिलहाल वह पानीपत के उग्रा खेड़ी गांव में रहती है। वह ट्रांसजेंडर समुदाय से ताल्लुक रखती है। वह घर-घर जाकर नाच-गाकर और भीख मांगकर अपना गुजारा करती है। उसके साथ रवि नाम का लड़का भी काम करता था। वह करीब 20 दिन पहले नशे की हालत में उसके घर आया था। यहां उसने उसके साथ जबरदस्ती की। इसके बाद मौका मिलते ही उसने उससे एक लाख रुपये छीन लिए। वह अपने स्तर पर उसे तलाशती रही, लेकिन वह नहीं मिला। अब उसे पता चला है कि रवि अपने गांव भाग गया है।
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जागीर कौर झटका दिया है। अदालत ने नगर पंचायत बेगोवाल की 172 कनाल 15 मरला भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले में विजिलेंस ब्यूरो को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिए हैं। वहीं, इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। वहीं, छह माह में इस संबंधी रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाएगी। जॉर्ज सुभ ने यह केस हाईकोर्ट में दायर किया । उन्होंने अदालत को बताया था कि नगर पंचायत की 172 कनाल 15 मरला भूमि पर स्कूल व कॉलेज बनाकर कब्जा किया गया है। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो को प्राथमिक जांच का आदेश दिया था। विजिलेंस ने रिपोर्ट में भूमि पर एसपीएस एजुकेशनल सोसायटी का अवैध कब्जा माना था। साथ ही बताया था कि इससे सरकार को 5.91 करोड़ रुपये की राजस्व का नुकसान हुआ है। भिवानी में परिवार पहचान पत्र में 3 की जगह 68 सदस्यों का परिवार बनाया हरियाणा के भिवानी जिले के बवानी खेड़ा क्षेत्र के गांव जमालपुर में परिवार पहचान पत्र (PPP) ने एक परिवार की नींद उड़ा दी है। फैमिली में 3 सदस्य हैं, लेकिन परिवार पहचान पत्र में 68 सदस्य बनाए गए हैं। इसको लेकर परिवार कभी सीएससी सेंटर, कभी खंड विकास अधिकारी कार्यालय तो कभी एडीसी कार्यालय में चक्कर काटने को मजबूर है। आरोप है कि कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। परिवार की समस्या बढ़ गई है। वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे (पूरी खबर पढ़ें) नूंह में 2 बंदियों की संदिग्ध हालात में मौत हरियाणा के नूंह की जेल में बंद 2 कैदियों ने संदिग्ध हालात में मंगलवार को आत्महत्या कर ली। वहीं मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी नूंह में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। दोनों की मौत को लेकर परिजनों में रोष है। जानकारी के अनुसार कैदी वकील (23) पुत्र राजपाल गांव रणसीका 30 जून से नूंह की जेल में बंद था। वकील पर नाबाबिग से रेप केस में पॉक्सो एक्ट की धाराओं में पिनगवां थाने में मामला दर्ज किया गया था। जबकि दूसरे कैदी का नाम नारायण (22) पुत्र सुमोता गांव खलीलपुर तिजारा बताया जा रहा है (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा विधानसभा में उपसचिव की नियुक्ति पर HC की रोक पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा विधानसभा में 7 जून को निकाले गए विज्ञापन के आधार पर उप सचिव के पद पर होने वाली नियुक्ति पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट के जस्टिस अमन चौधरी ने कंवर सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं। याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस चौधरी ने हरियाणा विधानसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर तक स्थगित करते हुए कहा कि अगली सुनवाई की तारीख तक चयन को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता कंवर सिंह वर्तमान में 19 मई 2016 से हरियाणा राज्य विधानसभा में अवर सचिव के रूप में कार्यरत हैं (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन मांगे हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। इसके लिए आवेदन राशि भी सुनिश्चित की गई है जोकि नॉन रिफेंडेबल होगी। प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान ने बताया कि सामान्य वर्ग के लिए आवेदन करने की फीस 20 हजार रुपए और आरक्षित सीट के लिए आवेदन फीस 5000 रुपए तय की गई है। सामान्य सीट से अगर महिला, अनुसूचित जाति या पिछड़ा वर्ग से संबंधित कांग्रेसी आवेदन करता है तो उसे भी 5000 रुपए फीस के तौर पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जमा करवाने होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि यह राशि केवल डिमांड ड्राफ्ट के रूप में ही स्वीकार्य होगी। उन्होंने कहा कि आवेदन पत्र प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 5 जुलाई से उपलब्ध रहेंगे। आवेदन जमा करवाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है। पठानकोट में थाना प्रभारी ने ASI को पीटा पंजाब के पठानकोट में नरोट जैमल सिंह के थाना प्रभारी ने ASI को ड्यूटी के दौरान पीट दिया। ASI को डंडे के साथ थप्पड़ बरसाए गए। सूत्रों के मुताबिक ASI रात को नाके पर तैनात थे। इस दौरान वहां थाना प्रभारी पहुंच गए। यहां उन्हें ASI सोता मिला। ये देख वह गुस्सा गए। इसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों ने SHO को सस्पेंड कर दिया है। SHO के साथ उनके गनमैन भी शामिल थे। घायल ASI को पठानकोट के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है। डीएसपी ने कहा कि चाहे पीड़ित अर्जुन सिंह ड्यूटी के दौरान सोए हुए पाया गया था, लेकिन SHO को ऐसी हरकत बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए थी। (पूरी खबर पढ़ें) दसूहा में जोड़े ने लगाई नहर में छलांग, लड़की की डूबने से मौत, लड़के को बचाया
होशियारपुर के दसूहा में नहर में आज एक नौजवान जोड़े ने छलांग लगा दी। जिस कारण लड़की की मौत हो गई, जबकि लड़के को लोगों ने बचा लिया। यह घटना सुबह 11 बजे के करीब की है। दसूहा मुकेरियां मुख्य सड़क पर कस्बा ऊंचीबसी नहर पर बाइक पर सवार होकर आए एक जोड़े ने बाइक पुल पर खड़ी कर नहर में छलांग लगा दी। संयोग की बात यह रही कि उस समय एक नौजवान अमरजीत जो लोगों को डूबने से बचाने वाली रेस्क्यू टीम में काम करता है, वहां से गुजर रहा था। अमरजीत ने लड़की और लड़के को छलांग लगाते हुए देख लिया। अमरजीत का कहना है कि मैं तुरंत दोनों को बचाने के लिए नहर में कूद गया और लड़के को बचा लिया, परंतु लड़की की डूबने से मौत हो गई। (पूरी खबर पढ़ें) बठिंडा में लड़की के परिजनों ने की युवक की हत्या, लव मैरिज करने से थे नाराज पंजाब के बठिंडा जिले में एक युवक को अंतरजातीय प्रेम विवाह करना महंगा पड़ गया। युवक के पूरे परिवार पर रात में सोते समय लड़की के परिजनों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया गया। इस हमले में 5 लोग लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए बठिंडा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान लव मैरिज करवाने वाले शमशेर सिंह की मौत हो गई है। पुलिस ने इस मामले में करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ नए कानूनों के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (पूरी खबर पढ़ें) झज्जर में महिला ने किया सुसाइड, घर में पंखे से फंदे पर लटकी मिली हरियाणा के झज्जर में एक महिला ने संदिग्ध हालात में आत्महत्या कर ली। उसका शव घर में पंखे से बंधे फंदे से लटकमा मिला। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची। आवश्यक कार्रवाई के बाद महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए झज्जर के नागरिक अस्पताल में भिजवाया गया l जानकारी अनुसार मृतक महिला की पहचान 34 वर्षीय ज्योति पत्नी जगबीर निवासी गांव तुम्बाहेड़ी, जिला झज्जर के रूप में की गई है l महिला की 2011 में शादी हुई थी। उसकी एक 10 साल बेटी और एक 8 साल का बेटा है। महिला का पति जगबीर ट्रक ड्राइवर है l झज्जर की सुबाना चौकी से आए एसआई भरपूर सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि तुम्बाहेड़ी गांव में ज्योति नामक एक महिला ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। इस सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। महिला के पति जगबीर के बयान दर्ज कर शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। शव परिजनों के हवाले किया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है l हरियाणा में ट्रकों की टक्कर में 2 ड्राइवरों की मौत हरियाणा के करनाल में मुनक-गगसीना रोड पर 2 ट्रकों की टक्कर में 2 ड्राइवरों की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब एक ट्रक का टायर फट गया। दोनों ड्राइवर टायर बदलने का काम कर रहे थे। इसी दौरान पीछे से तेज गति से आ रहे दूसरे ट्रक ने खड़े ट्रक को टक्कर मार दी। इससे दोनों ड्राइवरों की नीचे आने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान कैथल के रमाना गांव निवासी चांद सिंह और राजस्थान भरतपुर भरौली निवासी दिगंबर सिंह के रूप में हुई है। पूरी खबर पढ़ें…