हिमाचल कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार को धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के बाहर धरना दिया। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी शामिल हुए। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया और देश के गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को शर्मनाक बताते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि BJP ने भीमराव अंबेडकर की तस्वीरों को हटाकर उनकी जगह अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के चित्र का इस्तेमाल किया। यह संविधान निर्माता का अपमान और उपहास है। इसके विरोध में देशभर में कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। सत्ता के नशे में चूर हुए अमित शाह: पठानिया कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने केंद्रीय गृह मंत्री के वक्तंव्य की कांग्रेस निंदा करती है। उन्होंने कहा, अमित शाह सत्ता के नशे में इतना चूर हो गए कि देश को संविधान देकर चलना सिखाने वाले बाबा साहब का अपमान कर डाला। यही बीजेपी का असली चेहरा: सुरेश कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस पहले भी दलितों के खिलाफ थी और आज भी खिलाफ है। यही बीजेपी का असली चेहरा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि संविधान निर्माता का कांग्रेस अपमान नहीं सहेगे। इसके विरोध में आज विधानसभा के बाहर सांकेतिक धरना दिया है। संसद में अमित शाह के दिए बयान पर मचा बवाल बता दें कि, संसद में भारत के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, अभी एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस बयान पर देशभर में बवाल मच गया है और कांग्रेस सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। हिमाचल कांग्रेस विधायक दल ने भी इसे लेकर अमित शाह पर हमला बोला। हिमाचल कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार को धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा के बाहर धरना दिया। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी शामिल हुए। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया और देश के गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को शर्मनाक बताते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि BJP ने भीमराव अंबेडकर की तस्वीरों को हटाकर उनकी जगह अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के चित्र का इस्तेमाल किया। यह संविधान निर्माता का अपमान और उपहास है। इसके विरोध में देशभर में कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। सत्ता के नशे में चूर हुए अमित शाह: पठानिया कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने केंद्रीय गृह मंत्री के वक्तंव्य की कांग्रेस निंदा करती है। उन्होंने कहा, अमित शाह सत्ता के नशे में इतना चूर हो गए कि देश को संविधान देकर चलना सिखाने वाले बाबा साहब का अपमान कर डाला। यही बीजेपी का असली चेहरा: सुरेश कांग्रेस विधायक सुरेश कुमार ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस पहले भी दलितों के खिलाफ थी और आज भी खिलाफ है। यही बीजेपी का असली चेहरा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि संविधान निर्माता का कांग्रेस अपमान नहीं सहेगे। इसके विरोध में आज विधानसभा के बाहर सांकेतिक धरना दिया है। संसद में अमित शाह के दिए बयान पर मचा बवाल बता दें कि, संसद में भारत के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा, अभी एक फैशन हो गया है, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस बयान पर देशभर में बवाल मच गया है और कांग्रेस सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है। हिमाचल कांग्रेस विधायक दल ने भी इसे लेकर अमित शाह पर हमला बोला। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
AICC ने हिमाचल के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए:नया संगठन बनाने के लिए देंगे फीडबेक; कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के लिए शांतनु चौहान को जिम्मा
AICC ने हिमाचल के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए:नया संगठन बनाने के लिए देंगे फीडबेक; कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र के लिए शांतनु चौहान को जिम्मा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस कार्यकारिणी के पुनर्गठन में सहायता के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने चारों संसदीय क्षेत्रों और सभी जिलों के लिए ऑब्जर्वर लगाए हैं। कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक शांतनु चौहान को बनाया गया है। हमीरपुर लोकसभा के लिए गुरप्रीत, शिमला के लिए ओमवीर यादव और मंडी संसदीय क्षेत्र के लिए गौरव भाटिया को लोकसभा पर्यवेक्षक लगाया है। शिमला जिला के ऑब्जर्वर राजीव बनाए शिमला जिला के लिए राजीव वर्मा, सिरमौर के लिए चरणजीत सिंह निक्कू, सोलन के लिए प्रवीण चौधरी, मंडी के लिए मुजफ्फर गुर्जर, कुल्लू के लिए पुरुषोतम नागर, किन्नौर के लिए शिवराम बाल्मीकि और जनजातीय जिला लाहौल स्पीति के लिए मनोज कौशिक को पर्यवेक्षक लगाया है। राजीव शुक्ला के अधीन काम करेंगे पर्यवेक्षक कांगड़ा के लिए रवि ठाकुर, चंबा, के लिए अखिलेष, ऊना के लिए रूद्र प्रताप, बिलासपुर के लिए दीपक और हमीरपुर जिला के लिए प्रभाकर झा को पर्यवेक्षक बनाया है। सभी पर्यवेक्षक प्रदेश कांग्रेस राजीव शुक्ला के अधीन काम करेंगे। बताया जा रहा है कि AIICC द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक की फीडबैक के आधार पर कांग्रेस की जिला व ब्लाक कांग्रेस कमेटी का गठन किया जाएगा। खड़गे ने भंग की कार्यकारिणी दरअसल, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते माह कांग्रेस की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी भंग की है। अब नई कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी के तहत पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। दीपक राठौर को राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन का महासचिव बनाया AICC ने ठियोग विधानसभा क्षेत्र से 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके दीपक राठौर को राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन का महासचिव लगाया है। दीपक राठौर लंबे समय से राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन से जुड़े रहे हैं। अब उन्हें महासचिव का जिम्मा दिया गया है। वहीं, सचिन मिरुपा को राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन हिमाचल का चेयरमैन बनाया गया है।
हिमाचल में BJP की हैट्रिक, लेकिन वोट शेयर 6% गिरा:CM सुक्खू अपने क्षेत्र से लीड नहीं दिला पाए; शिमला में मंत्रियों की फौज बेकार
हिमाचल में BJP की हैट्रिक, लेकिन वोट शेयर 6% गिरा:CM सुक्खू अपने क्षेत्र से लीड नहीं दिला पाए; शिमला में मंत्रियों की फौज बेकार हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई। हॉट सीट मंडी से कंगना रनोट, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, शिमला से सुरेश कश्यप, कांगड़ा से डॉ. राजीव भारद्वाज ने जीत हासिल की है। साल 2014 व 2019 के चुनाव में भी भाजपा ने चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार भाजपा का वोट शेयर गिरा है, जबकि कांग्रेस का बढ़ा है। इस चुनाव में आपदा में केंद्र से आर्थिक मदद न मिलने और प्रदेश सरकार को गिराने के लिए धनबल के इस्तेमाल जैसे कांग्रेस के मुद्दे चुनाव में बेअसर साबित हुए। 6 बार के CM वीरभद्र सिंह के बेटे व प्रदेश सरकार में PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मंडी सीट पर हार को नहीं टाल पाए। मुख्यमंत्री सुक्खू भी अपने विधानसभा हलके से पार्टी कैंडिडेट को लीड नहीं दिला सके। इस चुनाव में केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर महिलाओं के खाते में 8500 रुपए प्रतिमाह डालने का कांग्रेस का वादा भी काम नहीं कर पाया। प्रदेश सरकार ने भी इलेक्शन की घोषणा से पहले अपना चुनावी वादा पूरा करते हुए महिलाओं को 1500 रुपए देने की मंजूरी दी थी। इसके लिए बाकायदा महिलाओं के फॉर्म भी भरवाए गए, लेकिन इसका असर भी नहीं दिखा। हालांकि विधानसभा की छह में से 4 सीटें कांग्रेस की झोली में डालकर यहां की जनता ने मुख्यमंत्री सुक्खू को मजबूती जरूर दी है। इससे प्रदेश सरकार पर संकट टल गया है। मगर लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए यह हार कई सवालिया निशान खड़े कर गई है। BJP का वोट ग्राफ गिरा
बीजेपी चारों सीटें जरूर जीती है, मगर करीब 6 प्रतिशत वोट बैंक में गिरावट आई है। साल 2019 की तुलना में इस बार बीजेपी का वोट प्रतिशत के साथ जीत का मार्जिन भी काफी गिरा है। 2019 में बीजेपी को 69.11% और कांग्रेस को मात्र 27.30% वोट मिले थे। इस बार बीजेपी को लगभग 56.29% और कांग्रेस को 41.57% वोट मिला है। CM-डिप्टी CM के संसदीय हलके में हार
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की गृह लोकसभा सीट भी सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार नहीं बचा पाई। जीत तो दूर यहां कांग्रेस मुकाबला भी नहीं कर पाई। अनुराग ठाकुर लगातार पांचवी बार सांसद बने। शिमला में भी मंत्रियों की फौज काम नहीं आई
कांगड़ा सीट पर एक तरफा मुकाबला देखने को मिला। बीजेपी ने इस सीट को सबसे ज्यादा मार्जिन से जीता। शिमला लोकसभा सीट भी कांग्रेस नहीं बच पाई। यहां 18 महीने पहले संसदीय क्षेत्र की 17 विधानसभा में से 13 सीटें कांग्रेस ने जीती थी। सुक्खू सरकार में शिमला संसदीय क्षेत्र से 5 मंत्री हैं, लेकिन पार्टी को हार से नहीं बचा पाए। मंडी में मंत्री विक्रमादित्य हारे
मंडी लोकसभा सीट पर भाजपा कैंडिडेट बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने कांग्रेस उम्मीदवार मंत्री विक्रमादित्य सिंह को हरा कर जीत दर्ज की। उन्होंने करीब 70 हजार वोटों के अंतर से मात दी है। कंगना रनोट ने भाजपा की सदस्यता लेकर पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा है। वहीं, विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की सुक्खू सरकार में PWD मंत्री हैं। हिमाचल की 4 सीटों का रिजल्ट…
हिमाचल CPS केस में भाजपा की उम्मीदों को झटका:SC के ऑर्डर के बाद अब नहीं जाएगी विधायकों की सदस्यता; चुनौती देने की थी तैयारी
हिमाचल CPS केस में भाजपा की उम्मीदों को झटका:SC के ऑर्डर के बाद अब नहीं जाएगी विधायकों की सदस्यता; चुनौती देने की थी तैयारी हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की प्लानिंग पर पानी फिरा है। सुप्रीम कोर्ट (SC) ने फिलहाल विधायकों की डिस्क्वालिफिकेशन पर रोक लगा दी है, क्योंकि हिमाचल में मुख्य संसदीय सचिव (CPS) की नियुक्ति और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से प्रोटेक्शन को पहले ही कानून बने थे। सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेशों से कांग्रेस सरकार को संजीवनी और बीजेपी की उम्मीदों को झटका लगा है। हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद बीजेपी नेता खुलकर कांग्रेस विधायकों के अनसीट होने की बात कह रहे थे। BJP के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन यहां तक कह चुके थे जब चाहे सरकार गिरा सकते हैं। इससे सियासी पारा चढ़ता जा रहा था। लाभ का पद मानते हुए राज्यपाल के पास चुनौती देने की थी तैयारी विपक्ष पार्टी भाजपा हाईकोर्ट के ऑर्डर में पैरा 50 के हिसाब से राज्यपाल से मिलने की तैयारी में थी। पैरा 50 में हाईकोर्ट ने लाभ के पद से पूर्व सीपीएस को मिली प्रोटेक्शन को समाप्त कर दिया था। इसके तहत राज्यपाल पूर्व सीपीएस को अनसीट करने के आदेश सुना सकते थे। मगर SC ने इस पर स्टे लगा दिया है। बीजेपी ले रही थी कानूनी राय वहीं बीजेपी भी कांग्रेस विधायकों की सदस्यता रद्द करने को लेकर कानूनी विशेषज्ञ से राय ले रही थी और राज्यपाल से मिलने की तैयारी में थी, क्योंकि भारत के संविधान 191 में डिस्क्वालिफिकेशन की शक्तियां राज्यपाल के पास है। 3(D) में मिली प्रोटेक्शन बहाल जानकारों की माने तो हिमाचल लैजिस्लेटिव असैंबली मेंबर्स एक्ट 1971 से हाईकोर्ट द्वारा 3(D) हटाने की वजह से विधायकों की सदस्यता पर संकट आ गया था। 3(D) हटने के बाद ऑफिस ऑफ प्रॉफिट पूर्व सीपीएस के खिलाफ अट्रेक्ट हो रहा था। लिहाजा लाभ का पद मानते हुए विपक्ष कांग्रेस के 6 विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग करने वाला था। 6 नहीं, 9 विधायकों की सदस्यता को चुनौती की तैयारी थी बीजेपी 6 नहीं बल्कि 9 विधायकों की सदस्यता को चुनौती देने की योजना बना रही थी। पूर्व CPS के साथ-साथ कैबिनेट रैंक वाले 3 कांग्रेस विधायक भी लपेटे में आ सकते थे। क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कांग्रेस विधायक भवानी सिंह पठानिया, आरएस बाली और नंद लाल को भी कैबिनेट रैंक के साथ तैनाती दे रखी है। फतेहपुर से विधायक भवानी सिंह पठानिया को स्टेट प्लानिंग बोर्ड का डिप्टी चेयरमैन, नगरोटा बगवा से MLA आरएस बाली हिमाचल पर्यटन विकास निगम का वाइस-चेयरमैन और रामपुर से विधायक नंद लाल को सातवें वित्त आयोग का अध्यक्ष बना रखा है। इनकी विधायकी पर खतरा टला इन तीन विधायकों के अलावा पूर्व CPS किशोरी लाल, आशीष बुटेल, एमएल ब्राक्टा, सुंदर सिंह ठाकुर, संजय अवस्थी और दून से राम कुमार चौधरी की विधायक भी बीते कल तक संकट में मानी जा रही थी। अब CPS केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। यह केस पंजाब, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल राज्य के केस के साथ सुना जाएगा। फिलहाल उप चुनाव नहीं SC से कांग्रेस सरकार को यदि राहत नहीं मिलती तो बीजेपी ने कांग्रेस 9 विधायकों की सदस्यता को चुनौती देनी थी। यदि इनकी सदस्यता जाती तो राज्य में फिर से 9 सीटों पर उप चुनाव की नौबत आ सकती थी। जवाबी कार्रवाई को कांग्रेस भी तैयारी इस बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार भी जवाब कार्रवाई कर सकती थी, क्योंकि बीजेपी के 9 विधायकों पर विधानसभा के बजट सत्र में दुर्व्यवहार व कागज फाड़ने के आरोप है। इस केस में स्पीकर ने बीजेपी विधायकों को नोटिस जारी कर रखे है। अब स्पीकर को केवल कार्रवाई करनी है। ऐसे में मुकाबला बीजेपी के 9 विधायक बनाम कांग्रेस के 9 विधायक हो सकता था। BJP के जिन विधायकों को नोटिस दिए गए हैं, उनमें ऊना से विधायक सत्तपाल सत्ती, नाचन से विनोद सुल्तानपुरी, चुराह से हंसराज, बंजार से सुरेंद्र शौरी, सुलह से विपिन सिंह परमार, बिलासपुर से त्रिलोक जम्वाल, बल्ह से इंद्र सिंह गांधी, आनी से लोकेंद्र कुमार और करसोग से दीपराज शामिल है।