गृहमंत्री अमित शाह के बयान ने पकड़ा तूल, शहर में वकीलों से लेकर राजनैतिक दलों ने किया प्रदर्शन गृहमंत्री अमित शाह के बयान ने पकड़ा तूल, शहर में वकीलों से लेकर राजनैतिक दलों ने किया प्रदर्शन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड CM फडणवीस बोले, ‘अजित दादा लोग आपको परमानेंट डिप्टी CM बोलते हैं, लेकिन आप एक दिन…’
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करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य
करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य हरियाणा के करनाल में दल बदलने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। घरौंडा में भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद जुनेजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। जुनेजा वर्ष 2022 में नगरपालिका का इलेक्शन लड़ चुके है और चौथे स्थान पर रहे थे। उनके पास भारतीय मोदी आर्मी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी पद है और प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार-प्रसार के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी है। जुनेजा, भाजपा में हुई अनदेखी से खफा हैं। जुनेजा की मानें तो बीजेपी सरकार के होते हुए भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि किसी को भी आगे बढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि 1989 से वह भाजपा से जुड़े हुए है और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे। नगरपालिका चेयरमैन का चुनाव था और उसके लिए मैने और मेरे समाज ने टिकट मांगी, लेकिन उसने बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया। जिसके चलते मुझे पार्टी के खिलाफ जाकर आजाद चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहा। टिकट नहीं मिला, इसका दर्द मुझे ही नहीं बल्कि मेरे समाज को भी है। यह आज से नहीं बल्कि दो साल से है। उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पंजाबी समाज से आते है जुनेजा आपको बता दें कि विनोद जुनेजा पंजाबी समाज से आते है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जुनेजा को मनाने का प्रयास नहीं किया, लेकिन जुनेजा ने पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है। वे 20 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पंजाबी समाज या फिर एससी/ओबीसी के वोटरों में जुनेजा की अच्छी पकड़ है। इनके बड़े भाई सुदर्शन जुनेजा भी बीजेपी में घरौंडा मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में जुनेजा के बीजेपी छोड़ने से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। ऐसे में कितना असर भाजपा पर पड़ता है उसका परिणाम 8 अक्टूबर को इलेक्शन रिजल्ट बताएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि वरिष्ठ नेता का बीजेपी छोड़ना, भाजपा के किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
महाकुंभ-2025 में बनेंगे चार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड:मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई 11वीं बैठक, आईआईटी- कानपुर करेगा समग्र मूल्यांकन
महाकुंभ-2025 में बनेंगे चार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड:मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई 11वीं बैठक, आईआईटी- कानपुर करेगा समग्र मूल्यांकन मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 के शीर्ष समिति की 11वीं बैठक, 8 अक्टूबर को आयोजित की गई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि महाकुंभ मेला 2025 के आयोजन में कुछ महीने ही बचे हैं। उन्होंने कहा संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव स्थलीय निरीक्षण कर निर्माणाधीन परियोजनाओं का कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ तय समय में पूरा कराना सुनिश्चित कराएं। श्रद्धालुओं के लिए की जाए सर्वोत्तम व्यवस्था
मुख्य सचिव ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए सर्वोत्तम सुविधाओं की व्यवस्था की जाए और संगम क्षेत्र व घाटों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाए। उन्होंने कहा वर्टिकल गार्डन का अच्छे से रख-रखाव किया जाए, साथ ही मेला क्षेत्र में एक लाइब्रेरी स्थापित की जाए। मुख्य सचिव ने कहा, लाइब्रेरी में सनातन धर्म व संस्कृति तथा महाकुंभ से संबंधित पाठ्य पुस्तकों को रखा जाए, जिससे मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालु पुस्तक पढ़कर अपना ज्ञानवर्धन कर सकें। स्वच्छता कर्मियों के ठहरने के प्रबंध को लेकर भी इस बैठक में बात की गई कई प्रस्ताव पर अनुमोदन दिया गया
इस बैठक में महाकुंभ मेला अवधि के दौरान सकुशल सुगमतापूर्वक आवागमन के लिए 281.84 लाख रुपए की लागत से रैना मार्ग का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। यह मार्ग त्रिवेणी मार्ग से समुद्रकूप मार्ग तक जाता है। जनपद प्रयागराज में महाकुंभ के लिए अस्थाई स्टोर हेतु अस्थायी वेयर हाउस, अस्थाई बाउण्ड्रीवाल और पहुंच मार्ग निर्माण के साथ अन्य स्टोर सम्बन्धित कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग को 798.17 लाख रुपए के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। महाकुंभ -2025 में बनेंगे चार वर्ल्ड रिकॉर्ड
महाकुंभ-2025 में चार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाएंगे। इसके माध्यम से मेला- प्रशासन पूरी दुनिया को ग्रीन एवं स्वच्छ महाकुंभ का संदेश देगा। इस पर कुल 4.87 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मेला – प्रशासन की ओर से एक हजार ई-रिक्शे की परेड निकाली जाएगी, जो एक रिकॉर्ड होगा। एक साथ 15 हजार लोगों के माध्यम से घाटों की सफाई का रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इसके अलावा एक अन्य रिकॉर्ड नदियों की सफाई का भी बनेगा। 300 लोग एक साथ नदी में उतरेंगे और सफाई अभियान को गति देने के साथ ही पूरे विश्व को स्वच्छता का संदेश देंगे। गंगा पंडाल व मेला क्षेत्र में मात्र आठ घंटे में 10 हजार लोगों के हाथों हैण्डप्रिंट प्रिंटिंग बनाने का रिकॉर्ड बनाया जायेगा। इस प्रस्ताव को बैठक में शीर्ष समिति द्वारा मंजूरी प्रदान की गई। आईआईटी- गुवाहाटी ने विशेषज्ञों ने दी सलाह
इसी क्रम में बैठक में महाकुंभ के लिए आईआईटी-गुवाहाटी के विशेषज्ञों द्वारा दिए गए परामर्श के अनुसार जनपद प्रयागराज में गंगा नदी के दाहिने तट पर शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 1957.71 लाख रुपए की लागत से सरकुलेटिंग एरिया के वृद्धि सम्बन्धित कार्य के लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई। साथ ही सिंचाई विभाग को सुसंगत प्रस्ताव तैयार कर नगर विकास विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए। 3200 अतिरिक्त सफाई मजदूरों को लाया जाएगा
महाकुंभ में सफाई कार्य हेतु 3200 अतिरिक्त सफाई मजदूरों को 90 दिनों के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से लाने के लिए नगर निगम प्रयागराज के प्रस्ताव को बैठक में मंजूरी दी गई। इस पर 1435.32 लाख रुपए व्यय होगा। इसी तरह सफाई कार्य हेतु सफाई उपकरण एवं कीटनाशक दवा की आपूर्ति हेतु 362.54 लाख रुपए के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु प्रयागराज शहर में स्थित रेलवे स्टेशनों पर प्री-कास्ट शौचालयों के निर्माण कार्य हेतु 125.86 लाख रुपये के प्रस्ताव मंजूरी प्रदान की गई। दुनिया में जाए कुंभ को लेकर अच्छा संदेश
इसके अतिरिक्त महाकुंभ-2025 का आईआईटी-कानपुर द्वारा समग्र मूल्यांकन करने के लिए 95.53 लाख रुपए के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया। आईआईटी कानपुर की टीम पुलिस सिक्योरिटी एवं उनके डिप्लॉयमेंट प्लान्स, ट्रैफ़िक एवं श्रद्धालुओं के मूवमेंट एक्सपीरियंस, मेले संबंधित सभी कार्यों की प्लानिंग, ऑर्गेनाइजेशन एवं प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्ट्रेटेजीज़ तथा मेले के सोशियो इकोनॉमिक इम्पैक्ट के बारे में रिसर्च कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस बैठक में कई अन्य प्रस्तावों को भी पास किया गया जिससे कुंभ का सफल आयोजन हो सके और दुनिया में कुंभ को लेकर अच्छा संदेश जाए।
कई शीर्ष अधिकारी रहे बैठक में मौजूद
बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद, मेला अधिकारी विजय किरन आनंद, सूचना निदेशक शिशिर सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज के मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
हरियाणा कांग्रेस में टिकट वितरण पर घमासान:जीता हुड्डा का MP दीपेंद्र पर आरोप; BJP बोली- बापू-बेटे ने धोखा किया, भालू पर भरोसा किया
हरियाणा कांग्रेस में टिकट वितरण पर घमासान:जीता हुड्डा का MP दीपेंद्र पर आरोप; BJP बोली- बापू-बेटे ने धोखा किया, भालू पर भरोसा किया हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की आई 31 केंडिडेट्स की लिस्ट पर घमासान मचा हुआ है। दो बड़े नेताओं के बाद अब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी जीता हुड्डा ने बगावत कर दी है। बरोदा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट पर दावा ठोंक रहे जीता हुड्डा ने उनकी राजनीतिक हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि टिकट को लेकर मेरी बात भूपेंद्र हुड्डा से नहीं हुई थी, मैं उनको बाप की तरह मानता हूं। मैं उनके सामने कम ही बात करता हूं, वह इसलिए क्योंकि, वह मेरे पिता के अच्छे मित्र थे। मैं दीपेंद्र हुड्डा को अपना भाई मानता था, लेकिन इस चुनाव में भाई का गला काटने का काम दीपेंद्र हुड्डा ने किया है। हरियाणा बीजेपी ने कसा तंज… अब यहां पढ़िए क्यों जीता हुड्डा भड़के… दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव को लेकर 31 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में बरोदा सीट से कांग्रेस ने इंदूराज सिंह नरवाल को टिकट दी है। जबकि जीता हुड्डा यहां से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनकी जगह पार्टी ने नरवाल को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। कौन हैं जीता हुड्डा जीता हुड्डा, श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे हैं। श्रीकृष्ण हुड्डा हरियाणा की किलोई और बरोदा विधानसभा से 6 बार विधायक रह चुके हैं। 1987, 1996 व 2005 में वह किलोई से विधायक रहे। इसके बाद श्रीकृष्ण हुड्डा ने 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए किलोई सीट को छोड़ दिया। फिर वह बरोदा विधानसभा सीट से 2009, 2014, 2019 में विधायक बनने की हैट्रिक लगाई। श्रीकृष्ण हुड्डा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बहुत ही अच्छे मित्र और करीबी रहे हैं। यही वजह है कि जीता हुड्डा बरोदा से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। हरियाणा बीजेपी ने कसा तंस हरियाणा में टिकट वितरण में मचे घमासान को लेकर हरियाणा भाजपा ने तंज कसा है। पार्टी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा है, “जीता हुड्डा का ज़मीर जाग गया है। इनके पिता स्व.कृष्ण हुड्डा ने 2005 में भूपिंदर हुड्डा के लिए किलोई की सीट खाली की थी, बड़ा त्याग किया था। लेकिन बाबू-बेटे ने धोखा किया और जीता हुड्डा की बजाय सिर्फ भालू पर ही भरोसा किया।