पंजाब में 21 दिसंबर को पांच नगर निगम और 41 नगर कौंसिल के लिए होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने छुट्टी का ऐलान किया है। आयोग ने जहां पर भी चुनाव हो रहे हैं, वहां नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट1881 के तहत सभी सरकारी दफ्तरों में सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी है। सरकारी कर्मचारी और अन्य कार्यकर्ता, जो नगर निगमों के वोटर हैं, लेकिन किसी अन्य स्थान पर काम करते हैं, उन्हें नियमों के अनुसार विशेष छुट्टी दी जाएगी। जिन स्कूलों की इमारतों का उपयोग चुनावों के लिए किया जा रहा है, उन स्कूलों में भी छुट्टी घोषित की गई है। ड्राई डे का भी हुआ ऐलान इसके अलावा 21 दिसंबर 2024 को पंजाब शॉप्स एंड कॉमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट, 1958 और फैक्ट्री एक्ट 1948 के तहत नगर निगम चुनावों वाले क्षेत्रों को ‘क्लोज डे’ के रूप में घोषित किया गया है, ताकि इन क्षेत्रों में स्थित दुकानों, फैक्ट्रियों और व्यापारिक संस्थानों के कर्मचारी अपनी वोट डाल सकें। 21 दिसंबर को जिन नगर निगमों के चुनाव हो रहे हैं, उनके अधिकार क्षेत्र को “ड्राई डे” के रूप में घोषित किया गया है। तीन यूनिवर्सिटी ने पेपर स्थगित किए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने सूचित किया है कि उन्होंने 21 दिसंबर 2024 को होने वाली सभी वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं को किसी अन्य तिथि तक स्थगित कर दिया है। जो विद्यार्थी इन तिथियों पर विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले थे, वे नई तिथियों की जानकारी के लिए संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं। पंजाब में 21 दिसंबर को पांच नगर निगम और 41 नगर कौंसिल के लिए होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने छुट्टी का ऐलान किया है। आयोग ने जहां पर भी चुनाव हो रहे हैं, वहां नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट1881 के तहत सभी सरकारी दफ्तरों में सार्वजनिक छुट्टी घोषित कर दी है। सरकारी कर्मचारी और अन्य कार्यकर्ता, जो नगर निगमों के वोटर हैं, लेकिन किसी अन्य स्थान पर काम करते हैं, उन्हें नियमों के अनुसार विशेष छुट्टी दी जाएगी। जिन स्कूलों की इमारतों का उपयोग चुनावों के लिए किया जा रहा है, उन स्कूलों में भी छुट्टी घोषित की गई है। ड्राई डे का भी हुआ ऐलान इसके अलावा 21 दिसंबर 2024 को पंजाब शॉप्स एंड कॉमर्शियल एस्टेब्लिशमेंट्स एक्ट, 1958 और फैक्ट्री एक्ट 1948 के तहत नगर निगम चुनावों वाले क्षेत्रों को ‘क्लोज डे’ के रूप में घोषित किया गया है, ताकि इन क्षेत्रों में स्थित दुकानों, फैक्ट्रियों और व्यापारिक संस्थानों के कर्मचारी अपनी वोट डाल सकें। 21 दिसंबर को जिन नगर निगमों के चुनाव हो रहे हैं, उनके अधिकार क्षेत्र को “ड्राई डे” के रूप में घोषित किया गया है। तीन यूनिवर्सिटी ने पेपर स्थगित किए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने सूचित किया है कि उन्होंने 21 दिसंबर 2024 को होने वाली सभी वार्षिक और सेमेस्टर परीक्षाओं को किसी अन्य तिथि तक स्थगित कर दिया है। जो विद्यार्थी इन तिथियों पर विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले थे, वे नई तिथियों की जानकारी के लिए संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर देख सकते हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गोल्डन टेंपल पहुंचे SAD सुधार लहर कनवीनर वडाला:माथा टेका, बोले- अकाल तख्त साहिब के फैसले का इंतजार; तब तक कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं
गोल्डन टेंपल पहुंचे SAD सुधार लहर कनवीनर वडाला:माथा टेका, बोले- अकाल तख्त साहिब के फैसले का इंतजार; तब तक कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट की तरफ से सुधार लहर के लिए चुने गए कनवीनर गुरप्रताप सिंह वडाला ने बुधवार को गोल्डन टेंपल में माथा टेका। वडाला ने स्पष्ट किया कि अकाली दल बागी गुट ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सुधार लहर की शुरुआत की है। लेकिन अगले बड़े कार्यक्रम से पहले श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले का इंतजार करेंगे। वडाला ने गोल्डन टेंपल में माथा टेकने के बाद कहा कि अकाली दल सुधार लहर हम चलाने जा रहे हैं, उसके लिए गुरु साहिब के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अरदास की है। सारे पंजाबी, सारा सिख पंथ को इस अकाली दल सुधार लहर में लिया जाएगा। बीते समय में जो अकाली दल की स्थिति बनी, वे चिंताजनक थी। 103 साल पुरानी अकाली दल की सिखों की नुमाइंदा जमात है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपनी धार्मिक जत्थेबंदी व सिख पार्लियामेंट है। संगत का पूरा सहयोग इन जत्थेबंदियों को मिलना चाहिए। पुराने समय में हो गलतियां हुई उसे सुधारने व पश्चाताप की जरूरत है, जिसका प्रयास शुरू किया गया है। एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं रोष वडाला ने कहा कि सुधार लहर किसी एक विशेष व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। बीते समय में जो गलतियां हुई, उनके खिलाफ है। सत्ता में रहते हुए कुछ नेताओं ने फायदे लिए। लेकिन पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी फोरम पर इन मुद्दों को उठाया। झूंदा कमेटी में इनका जिक्र है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि अगर किसी ने गलत फैसले लिए, उसके लिए उन्हें अकाल तख्त साहिब पर आकर माफी मांगनी चाहिए। जत्थेदार चयन परिक्रिया में सुधार की जरूरत वडाला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के चयन के समय बादल परिवार की दखल-अंदाजी पर स्पष्ट नहीं बोला। लेकिन उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति SGPC के दायरे में आती है। प्रमाणित विधि विधान से इसका चयन होना चाहिए। पंथ व संगत से वे प्रक्रिया प्रमाणित होनी चाहिए, ताकि जत्थेदारों को गलत तरीके से हटाया ना जा सके। जहां भी कोई शोध चाहिए, वे शोध होना चाहिए। वही लीडरशिप आगे लगेगी, जो संगत को प्रमाणित हो वडाला ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जो सजा लगेगी, वे सभी को मंजूर होगी। इसके बाद चाहेंगे कि सभी एक झंडे के नीचे इकट्ठे हों। वही लीडरशिप आगे लगे, जिसे संगत प्रमाणित करे।
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पंजाब में अकाली दल कोर कमेटी की बैठक आज:कार्यकारी प्रधान भूंदड़ करेंगे अध्यक्षता, सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा पंजाब के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता कोर कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ करेंगे। देखना यह है कि इस बैठक में बागी गुट के नेता भी शामिल होंगे या नहीं। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल सरकार के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जताते हुए अकाली दल को फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, अगले 6 महीने में नया अकाली दल बनाने और इस दौरान नियमानुसार नए चेहरे चुनने के आदेश दिए थे। सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा गौरतलब है कि सुखबीर बादल को 10 दिनों तक 5 गुरुद्वारों में सेवा करनी है और अभी चौथा दिन ही है। अमृतसर में सेवा करते हुए दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थक नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। दूसरी ओर, 2 दिसंबर की बैठक से पहले अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा कुछ दिनों में स्वीकार किया जाना है और इसकी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जानी है। उम्मीद है कि इस बैठक में अकाली दल इस पर भी फैसला लेगा और इस पर विचार करेगा कि इसे कैसे किया जाए। दागी-बागी पक्षों को एक साथ चलना होगा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया था कि बैठक के बाद दागी और बागी दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ मिलकर अकाली दल के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक में बागी गुट के कौन-कौन से नेता पहुंचेंगे। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया।