पंजाब के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता कोर कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ करेंगे। देखना यह है कि इस बैठक में बागी गुट के नेता भी शामिल होंगे या नहीं। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल सरकार के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जताते हुए अकाली दल को फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, अगले 6 महीने में नया अकाली दल बनाने और इस दौरान नियमानुसार नए चेहरे चुनने के आदेश दिए थे। सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा गौरतलब है कि सुखबीर बादल को 10 दिनों तक 5 गुरुद्वारों में सेवा करनी है और अभी चौथा दिन ही है। अमृतसर में सेवा करते हुए दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थक नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। दूसरी ओर, 2 दिसंबर की बैठक से पहले अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा कुछ दिनों में स्वीकार किया जाना है और इसकी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जानी है। उम्मीद है कि इस बैठक में अकाली दल इस पर भी फैसला लेगा और इस पर विचार करेगा कि इसे कैसे किया जाए। दागी-बागी पक्षों को एक साथ चलना होगा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया था कि बैठक के बाद दागी और बागी दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ मिलकर अकाली दल के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक में बागी गुट के कौन-कौन से नेता पहुंचेंगे। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। पंजाब के अमृतसर में सुखबीर सिंह बादल पर हमले की नाकाम कोशिश के बाद शिरोमणि अकाली दल ने आज चंडीगढ़ में कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। यह बैठक आज दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शुरू होगी। बैठक की अध्यक्षता कोर कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ करेंगे। देखना यह है कि इस बैठक में बागी गुट के नेता भी शामिल होंगे या नहीं। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से अकाली दल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के बाद यह पहली बैठक है। 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब ने अकाली दल सरकार के दौरान हुई घटनाओं पर चिंता जताते हुए अकाली दल को फटकार लगाई थी। इतना ही नहीं, अगले 6 महीने में नया अकाली दल बनाने और इस दौरान नियमानुसार नए चेहरे चुनने के आदेश दिए थे। सुखबीर बादल पर हमले पर होगी चर्चा गौरतलब है कि सुखबीर बादल को 10 दिनों तक 5 गुरुद्वारों में सेवा करनी है और अभी चौथा दिन ही है। अमृतसर में सेवा करते हुए दूसरे दिन स्वर्ण मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थक नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाई थी। दूसरी ओर, 2 दिसंबर की बैठक से पहले अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल का इस्तीफा कुछ दिनों में स्वीकार किया जाना है और इसकी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जानी है। उम्मीद है कि इस बैठक में अकाली दल इस पर भी फैसला लेगा और इस पर विचार करेगा कि इसे कैसे किया जाए। दागी-बागी पक्षों को एक साथ चलना होगा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया था कि बैठक के बाद दागी और बागी दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ मिलकर अकाली दल के लिए काम करेंगे। अब देखना होगा कि इस बैठक में बागी गुट के कौन-कौन से नेता पहुंचेंगे। बादल सरकार को 4 मामलों में सजा मिली 1. राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस ली- 2007 में सलाबतपुरा में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सिखों के 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़े पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। इस पर राम रहीम के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बादल सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने माफी दिलवाई थी- श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए राम रहीम को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए राम रहीम को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिखों के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई- बादल सरकार के कार्यकाल के दौरान 1 जून 2015 को कुछ लोगों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए और बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को इंसाफ नहीं दे पाए- अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। उन्हें राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने का दोषी माना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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