हरियाणा के हिसार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा के गांव की सड़क महज 10 दिन में ही टूट गई। मंत्री ने अपने ही विभाग के मंत्री के गांव की सड़क पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। नतीजा ये हुआ कि 1.75 करोड़ रुपये की ये सड़क बनते ही टूट गई। अब इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। ये सड़क मंत्री के गांव से आर्यनगर तक जाती है। स्थानीय लोगों ने जब इस 5.5 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण को लेकर अधिकारियों और मंत्री से शिकायत की तो इस मामले के बाद उच्च अधिकारियों में हड़कंप मच गया। लोगों का कहना था कि जो सड़क अभी बनी ही है वो महज 10 दिन में टूटने लगी। आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पहले सड़क पर इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल की जांच कराई और बाद में संबंधित एसडीओ राकेश अरोड़ा और जेई तरुण को कारण बताओ नोटिस जारी किया। ग्रामीणों ने जब मामले की शिकायत कैबिनेट मंत्री से की तो मंत्री गंगवा ने अधिकारियों को निर्देश देकर एजेंसी का भुगतान रोक दिया। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण पर सवाल उठाते हुए मंत्री से यहां तक कह दिया कि अगर आपके विभाग के अधिकारी आपके गांव की सड़क ही सही तरीके से नहीं बना रहे तो पूरे हरियाणा का क्या हाल होगा। गांव गंगवा से आर्यनगर तक जाती नई सड़क क्वालिटी कंट्रोल टीम ने भरे सैंपल
विभाग की क्वालिटी कंट्रोल टीम ने इस सड़क पर लगे इंटरलॉकिंग टाइलों, बिटुमिन व ईंटों के सैंपल लेकर लैब में जांच की। जांच में इंटरलॉकिंग टाइलों की स्ट्रैंथनिंग निर्धारित स्टैंडर्ड से कम मिली। इसके अलावा बिटुमिन भी कम मिला। रोड के साथ जो नाला बनाया जाना था इसमें लगी ईंटें भी एक नंबर की नहीं थी। तीनों सैंपल फेल आए। क्वालिटी कंट्रोल ने सैंपल रिपोर्ट एसई को भेजी। इसके बाद एसई ने एसडीओ व जेई पर एक्शन लेने को लेकर एक्सईएन को लिखा। एक्सईएन ने कार्रवाई से पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पौने 2 करोड़ रुपए की लागत से बनाया था रोड
बीएंडआर के अधिकारियों ने बताया कि यह रोड करीब पौने 2 करोड़ की लागत से बनाया गया था। साढ़े 5 किलोमीटर के इस रोड का बिटुमिन व इंटरलॉकिंग टाइलों से निर्माण किया गया है। बिटुमिन रोड की चौड़ाई 12 फीट है। इसके कुछ हिस्से में इंटरलॉकिंग टाइलों से भी रोड बनाया गया है, जिसकी चौड़ाई 18 फीट है। इंटरलॉकिंग टाइलें 80 एमएम की लगाई गई। रोड के साथ नाले का निर्माण भी किया गया है। रोड के निर्माण अभी 30 दिन पहले ही हुआ है। इसके अलावा नाले का निर्माण भी डिजाइन के अनुरूप नहीं हुआ। इसके अलावा बरताली नाले का लैवल भी ठीक नहीं किया गया है। विभाग ने ड्राइंग ब्रांच ने डिजाइन तैयार करके दिया था उसके अनुरूप इसका निर्माण नहीं किया गया। दूसरा नाले का लैवल भी ठीक नहीं मिला। हालांकि अधिकारियों ने कार्रवाई के डर से अब पूरे नाले को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। एक महीना पहले मंत्री के हलके में बनाई घटिया सामग्री से सड़क अता दें कि हिसार में 15 नवंबर को PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने सड़क निर्माण में कोताही बरतने पर विभाग के एक्सईएन, SDO और JE को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। मंत्री गांव धिकताना से धान्सू तक बनने वाले करीब 5.440 किमी लंबे रोड की जांच करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री ने सड़क के बीच गाड़ी रुकवाई और ठोकर मारी तो बजरी सड़क पर बिखर गई। मंत्री के पास इस रोड की शिकायत आ रही थी। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में एक्सईएन रजनीश कुमार, एसडीओ दलबीर राठी और जेई सुरेश कुमार शामिल थे। उचित एक्शन लिया जाएगा : एसई अजीत सिंह वहीं इस बारे में बीएंडआर के एसई अजीत सिंह का कहना है कि गंगवा से आर्य नगर रोड के सैंपल फेल आए हैं। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को एसडीओ व जेई व निर्माण एजेंसी के खिलाफ उचित एक्शन के लिए लिखा है। एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने एसडीओ व जेई को पहले कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद नियमानुसार जो भी कार्रवाई होगी दोनों के खिलाफ की जाएगी। हरियाणा के हिसार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा के गांव की सड़क महज 10 दिन में ही टूट गई। मंत्री ने अपने ही विभाग के मंत्री के गांव की सड़क पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। नतीजा ये हुआ कि 1.75 करोड़ रुपये की ये सड़क बनते ही टूट गई। अब इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। ये सड़क मंत्री के गांव से आर्यनगर तक जाती है। स्थानीय लोगों ने जब इस 5.5 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण को लेकर अधिकारियों और मंत्री से शिकायत की तो इस मामले के बाद उच्च अधिकारियों में हड़कंप मच गया। लोगों का कहना था कि जो सड़क अभी बनी ही है वो महज 10 दिन में टूटने लगी। आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पहले सड़क पर इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल की जांच कराई और बाद में संबंधित एसडीओ राकेश अरोड़ा और जेई तरुण को कारण बताओ नोटिस जारी किया। ग्रामीणों ने जब मामले की शिकायत कैबिनेट मंत्री से की तो मंत्री गंगवा ने अधिकारियों को निर्देश देकर एजेंसी का भुगतान रोक दिया। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण पर सवाल उठाते हुए मंत्री से यहां तक कह दिया कि अगर आपके विभाग के अधिकारी आपके गांव की सड़क ही सही तरीके से नहीं बना रहे तो पूरे हरियाणा का क्या हाल होगा। गांव गंगवा से आर्यनगर तक जाती नई सड़क क्वालिटी कंट्रोल टीम ने भरे सैंपल
विभाग की क्वालिटी कंट्रोल टीम ने इस सड़क पर लगे इंटरलॉकिंग टाइलों, बिटुमिन व ईंटों के सैंपल लेकर लैब में जांच की। जांच में इंटरलॉकिंग टाइलों की स्ट्रैंथनिंग निर्धारित स्टैंडर्ड से कम मिली। इसके अलावा बिटुमिन भी कम मिला। रोड के साथ जो नाला बनाया जाना था इसमें लगी ईंटें भी एक नंबर की नहीं थी। तीनों सैंपल फेल आए। क्वालिटी कंट्रोल ने सैंपल रिपोर्ट एसई को भेजी। इसके बाद एसई ने एसडीओ व जेई पर एक्शन लेने को लेकर एक्सईएन को लिखा। एक्सईएन ने कार्रवाई से पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पौने 2 करोड़ रुपए की लागत से बनाया था रोड
बीएंडआर के अधिकारियों ने बताया कि यह रोड करीब पौने 2 करोड़ की लागत से बनाया गया था। साढ़े 5 किलोमीटर के इस रोड का बिटुमिन व इंटरलॉकिंग टाइलों से निर्माण किया गया है। बिटुमिन रोड की चौड़ाई 12 फीट है। इसके कुछ हिस्से में इंटरलॉकिंग टाइलों से भी रोड बनाया गया है, जिसकी चौड़ाई 18 फीट है। इंटरलॉकिंग टाइलें 80 एमएम की लगाई गई। रोड के साथ नाले का निर्माण भी किया गया है। रोड के निर्माण अभी 30 दिन पहले ही हुआ है। इसके अलावा नाले का निर्माण भी डिजाइन के अनुरूप नहीं हुआ। इसके अलावा बरताली नाले का लैवल भी ठीक नहीं किया गया है। विभाग ने ड्राइंग ब्रांच ने डिजाइन तैयार करके दिया था उसके अनुरूप इसका निर्माण नहीं किया गया। दूसरा नाले का लैवल भी ठीक नहीं मिला। हालांकि अधिकारियों ने कार्रवाई के डर से अब पूरे नाले को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। एक महीना पहले मंत्री के हलके में बनाई घटिया सामग्री से सड़क अता दें कि हिसार में 15 नवंबर को PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने सड़क निर्माण में कोताही बरतने पर विभाग के एक्सईएन, SDO और JE को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। मंत्री गांव धिकताना से धान्सू तक बनने वाले करीब 5.440 किमी लंबे रोड की जांच करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री ने सड़क के बीच गाड़ी रुकवाई और ठोकर मारी तो बजरी सड़क पर बिखर गई। मंत्री के पास इस रोड की शिकायत आ रही थी। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में एक्सईएन रजनीश कुमार, एसडीओ दलबीर राठी और जेई सुरेश कुमार शामिल थे। उचित एक्शन लिया जाएगा : एसई अजीत सिंह वहीं इस बारे में बीएंडआर के एसई अजीत सिंह का कहना है कि गंगवा से आर्य नगर रोड के सैंपल फेल आए हैं। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को एसडीओ व जेई व निर्माण एजेंसी के खिलाफ उचित एक्शन के लिए लिखा है। एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने एसडीओ व जेई को पहले कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद नियमानुसार जो भी कार्रवाई होगी दोनों के खिलाफ की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर