पलवल के नेशनल हाईवे-19 पर मितरोल गांव के पास ट्रक ने बाइक को टक्कर मारी, जिससे बाइक सवार व्यक्ति की मौत हो गई। वह शादी समारोह से लौटकर अपने घर आ रहा था। मुंडकटी थाना पुलिस ने मृतक के बेटे की शिकायत पर ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। मुंडकटी थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार, सैलोटी गांव निवासी मोहित ने दी शिकायत में कहा कि बुधवार को देर रात उसके पिता सिंहराज (50) अपनी बाइक पर सवार होकर होडल के खटैला गांव में शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। रास्ते में मितरोल गांव के निकट तेज रफ्तार ट्रक ने उनके पिता की बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में उनके पिता सिंहराज गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल अवस्था में उनके पिता को उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उनके पिता की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक सिंहराज के बेटे मोहित की शिकायत पर ट्रक के अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पलवल के नेशनल हाईवे-19 पर मितरोल गांव के पास ट्रक ने बाइक को टक्कर मारी, जिससे बाइक सवार व्यक्ति की मौत हो गई। वह शादी समारोह से लौटकर अपने घर आ रहा था। मुंडकटी थाना पुलिस ने मृतक के बेटे की शिकायत पर ट्रक चालक के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। मुंडकटी थाना प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार, सैलोटी गांव निवासी मोहित ने दी शिकायत में कहा कि बुधवार को देर रात उसके पिता सिंहराज (50) अपनी बाइक पर सवार होकर होडल के खटैला गांव में शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। रास्ते में मितरोल गांव के निकट तेज रफ्तार ट्रक ने उनके पिता की बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में उनके पिता सिंहराज गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल अवस्था में उनके पिता को उपचार के लिए जिला नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उनके पिता की मौत हो गई। पुलिस ने मृतक सिंहराज के बेटे मोहित की शिकायत पर ट्रक के अज्ञात चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में संदिग्ध हालत में युवक की मौत:पिता ने लगाए दोस्तों पर हत्या के आरोप, पुलिस बोली खंभे में टकराई बाइक
करनाल में संदिग्ध हालत में युवक की मौत:पिता ने लगाए दोस्तों पर हत्या के आरोप, पुलिस बोली खंभे में टकराई बाइक हरियाणा में करनाल के सेक्टर 8 स्थित अटल पार्क के पास देर रात संदिग्ध हालत में एक युवक का शव बरामद हुआ है। मृतक परिवार का इकलौता बेटा था। मृतक युवक के पिता ने उसके दोस्तों पर ही हत्या करने के आरोप लगाए हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि एक्सीडेंट में युवक की जान गई है। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी। मूल रूप से बिहार के रहने वाले मसूचंद साहनी ने बताया कि उसका 22 साल का बेटा श्याम सुंदर पिछले 6 महीने से हिमाचल के कुल्लू-मनाली में रह रहा था। दो दिन पहले ही वह घर पर आया था। शाम को उसके पास दोस्तों के कई फोन आए, जो उसे बुला रहे थे। इसके बाद बेटा घर से यह कह कर गया कि उसके दोस्त का एक्सीडेंट हो गया है तो वहां जाकर आ रहा है। रात 12 बजे आया व्यक्ति घर पर मसूचंद साहनी ने बताया कि, देर रात तक जब बेटा घर नहीं आया तो उसने उसके पास फोन किया। बेटे ने कहा कि वह 30 मिनट तक आ रहा है। 11 बजे दोबारा उसके पास फोन किया, लेकिन नहीं उठाया। इसके बाद वह सो गया। रात 12 बजे एक व्यक्ति बाइक पर घर आया और बताया कि उसके बेटे का एक्सीडेंट हो गया। जब वह मौके पर पहुंचा तो उसके बेटे का शव खून से लथपथ पड़ा था। पुलिस मौके पर मौजूद थी और एक लड़के को पकड़ रखा था। उसके जाने के बाद पुलिस ने उस लड़के को छोड़ दिया। बाइक पर नहीं मिले किसी तरह के एक्सीडेंट के निशान पिता ने बताया कि सेक्टर 9 चौकी पुलिस ने उन्हें बताया कि उसके बेटे का एक्सीडेंट हुआ है। जब उन्होंने बेटे की बाइक देखी तो उस पर कहीं पर खरोंच या एक्सीडेंट के निशान नही थे, अगर बाइक खंभे के साथ टकराई होती तो बाइक कहीं ना कहीं से टूटी होती। लेकिन जैसी पहले थी वैसे ही है। दोस्तों ने ही की हत्या मसूचंद साहनी ने उसके दोस्तों पर ही श्याम सुंदर की हत्या करने के आरोप लगाए है। क्योंकि वही बार बार उसे फोन करके घर से बुला रहे थे। 6 महीने पहले श्याम सुंदर नूर महल में DJ पर काम करता था। लेकिन उसके बाद वह कुल्लू मनाली ढाबे पर चला गया था। दो दिन पहले ही वह घर आया था। चार बहनों में इकलौता भाई था श्याम सुंदर साहनी ने बताया कि वह पिछले 30 साल से करनाल की शिव कॉलोनी में रह रहा हूं। ई रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा हूं। उसके पास चार लड़कियां और एक लकड़ा था। श्याम सुंदर से दो बहने बड़ी है और दो छोटी। छोटी बहनों और श्याम सुंदर की अभी तक शादी नहीं हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में होगा खुलासा सेक्टर 32,33 थाना के SHO मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारणों का पता लग पाएगा।
हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल
हरियाणा में कांग्रेस के 18 टिकट फाइनल:सिंगल नाम पैनल में हुड्डा समेत 12 विधायक, 2019 में हार चुके 4 नेता, एक नया चेहरा शामिल कांग्रेस पार्टी ने टिकट दावेदारों की मारामारी के बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों में से 18 पर अपनी टिकटें फाइनल कर ली हैं। इनमें 9 सिटिंग विधायक हैं। पार्टी ने जिन 14 सीटों पर सिंगल नाम का पैनल बनाया है, उनमें से 13 पर पुराने चेहरों पर भरोसा जताया गया है। इन्होंने 2019 का चुनाव भी लड़ा था। एक सीट पर नए चेहरे का नाम रखा गया है। कांग्रेस के सिंगल नाम वाले हलकों में रोहतक की गढ़ी-सांपला-किलोई सीट भी है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के सत्ता में आने की सूरत में वह CM पद के सबसे बड़े दावेदार रहेंगे। कांग्रेस में इस सीट से किसी और ने आवेदन भी नहीं किया था। इन 12 विधायकों के टिकट पक्के
कांग्रेस ने जिन 17 सीटों पर सिंगल नाम के पैनल बनाए हैं, उनमें से 12 पर इस समय पार्टी के ही विधायक हैं। इनमें गढ़ी-सांपला-किलोई से भूपेंद्र हुड्डा, रोहतक सीट से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से लालू प्रसाद यादव के दामाद चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और बरौदा से इंदुराज भालू का नाम पैनल में रखा गया है। अंबाला जिले की नारायणगढ़ सीट से मौजूदा विधायक शैली चौधरी और फरीदाबाद एनआईटी के मौजूदा एमएलए नीरज शर्मा का टिकट भी लगभग फाइनल है। इसके अलावा बादली से कुलदीप वत्स की भी टिकट तय मानी जा रही है। कुलदीप वत्स हुड्डा के करीबी हैं। हालांकि उनके सामने दावेदारी ठोकने वाले सोमबीर घसोला भी प्रियंका गांधी के करीबी माने जाते हैं। मुलाना सीट पर क्या वरुण की चलेगी?, पंचकूला से चंद्रमोहन लगभग तय
अंबाला जिले की मुलाना सीट के पूर्व विधायक और अब सांसद वरुण चौधरी ने भी यहां के उम्मीदवार पर नजर रखी हुई है। यहां वरुण चौधरी की पत्नी पूजा चौधरी या फिर उनकी बहन को टिकट मिलने की भी संभावना है। हालांकि उनके परिवार से किसी ने टिकट के लिए अप्लाई नहीं किया है। यहां वरूण की चलेगी या नहीं, इसको लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसी तरह पंचकूला विधानसभा सीट पर पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे और राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई का टिकट भी तकरीबन-तकरीबन फाइनल है। पिछला चुनाव हार चुके चार चेहरों के टिकट भी पक्के
कांग्रेस 2019 का विधानसभा चुनाव हार चुके अपने 4 नेताओं को भी इस बार फिर टिकट देने जा रही है। इनमें थानेसर सीट से अशोक अरोड़ा, पलवल से करण सिंह दलाल, फरीदाबाद से लखन सिंगला और बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह के नाम शामिल हैं। 2019 में अशोक अरोड़ा BJP के सुभाष सुधा से महज 819 वोट से हार गए थे। अशोक अरोड़ा 2014 में भी थानेसर सीट पर सुभाष सुधा से हार गए थे। हालांकि तब वह इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के टिकट पर मैदान में उतरे थे। अशोक अरोड़ा INLD के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और 2019 के चुनाव से पहले ही इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह थानेसर से ही 2009, 2000 और 1996 में विधायक रह चुके हैं।बड़खल सीट पर चौधरी विजय प्रताप भाजपा की सीमा त्रिखा के सामने 2545 वोट से मात खा गए थे। करण सिंह दलाल को भाजपा के दीपक मंगला और लखन सिंगला को भाजपा के ही नरेंद्र गुप्ता ने हराया था। करण सिंह दलाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी हैं। इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में वह फरीदाबाद सीट से पार्टी टिकट के दावेदार थे लेकिन कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह को मैदान में उतार दिया था। करण सिंह दलाल वर्ष 1991, 1996, 2000, 2005 और 2014 में पलवल से ही विधायक रह चुके हैं। बड़खल से चौधरी विजय प्रताप सिंह का नाम सिंगल पैनल में है। वह पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह के बेटे हैं जो हाल में हुए लोकसभा चुनाव में फरीदाबाद संसदीय सीट पर भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से हार गए थे। 2019 में कांग्रेस ने महेंद्र प्रताप सिंह की जगह उनके बेटे विजय प्रताप सिंह को टिकट दिया था लेकिन वह लगभग ढाई हजार वोटों से भाजपा की सीमा त्रिखा से हार गए। कांग्रेस ने फरीदाबाद सीट से लखन सिंगला का नाम पैनल में रखा है। सिंगला वैश्य बिरादरी का बड़ा नाम है और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। महम से इस बार दांगी के बेटे का नाम
रोहतक जिले की महम सीट से 2019 में आनंद सिंह दांगी ने कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब वह निर्दलीय कैंडिडेट बलराज कुंडू से हार गए थे। इस बार कांग्रेस ने आनंद सिंह दांगी की जगह महम सीट से उनके बेटे बलराम दांगी का नाम पैनल में रखा है। दांगी फैमिली हुड्डा की कट्टर समर्थक है। बलराम दांगी ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया है। आनंद सिंह दांगी भी अपने बेटे को ही उम्मीदवार बनाना चाहते हैं और इसके बारे में कई बार स्टेज से भी कह चुके हैं। महम से कांग्रेस का सबसे मजबूत उम्मीदवार इन्हें ही माना जा रहा है। हालांकि इलाके की कई पंचायतों के सरपंच दांगी फैमिली को टिकट देने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा को लेटर भी लिखा है। कांग्रेस में 90 टिकटों के लिए 2556 आवेदन
कांग्रेस ने जुलाई महीने में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। तकरीबन महीनेभर चली प्रक्रिया में पार्टी को 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन मिले। कई सीटों पर तो 40 से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए अप्लाई किया। इसी वजह से टिकट के लिए एक या दो नाम शॉर्टलिस्ट करना पार्टी नेताओं के लिए सिरदर्दी बन गया है।
हरियाणा में पिता से तंग बेटी ने जहर निगला:BSc की 1.40 लाख फीस नहीं भरी; सुसाइड नोट में लिखा- पापा, आपने अच्छा नहीं किया
हरियाणा में पिता से तंग बेटी ने जहर निगला:BSc की 1.40 लाख फीस नहीं भरी; सुसाइड नोट में लिखा- पापा, आपने अच्छा नहीं किया हरियाणा के पानीपत में बुधवार को 16 वर्षीय एक छात्रा ने जहरीला पदार्थ निगल कर आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार छात्रा अपने पिता के व्यवहार से परेशान थी। वह उसे, उसकी मां को और उसके भाई को अपने साथ नहीं रखते थे। इससे आहत होकर लड़की ने मौत को गले लगा लिया। छात्रा ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें लिखा कि मेरे नाना-नानी और मम्मी मुझे बहुत प्यार करते हैं। इन्होंने ही मुझे पढ़ाया-लिखाया, लेकिन मेरे पापा न ही साथ रखते है और न ही पढ़ाते हैं। पापा आपने अच्छा नहीं किया।’ जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सुसाइड नोट के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। बच्चों के साथ मायके में रह रही महिला
समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में मीना ने बताया कि वह खरक जाटान की रहने वाली है। करीब 19 साल पहले उसकी शादी राकेश के साथ हुई थी। वह 2 बच्चों की मां थी, जिनमें बड़ी बेटी शशि (16) और छोटा बेटा इशांत (11) थे। वह बच्चों के साथ मायके में ही रह रही है। शुरुआत से ही पति उनकी और उनके बच्चों की देखभाल नहीं करता था। वह कोई खर्चा, सामान भी नहीं देता था। वह खुद ही नौकरी कर अपना और अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थीं। उनके परिवारवालों और पंचायत ने राकेश को पत्नी-बच्चों को अपने घर ले जाने के बारे में कई बार कहा, लेकिन वह नहीं माना। बेटी भी कह चुकी थी पिता को
मीना के मुताबिक, बेटी की 12वीं तक की शिक्षा भी नानका परिवार ने दी थी। अब शशि का गन्नौर के एक कॉलेज में BSc मेडिकल में एडमिशन करवाया था। उसका कुल खर्च 1.40 लाख था। पिता द्वारा रुपए न देने की बात शशि को पता थी। इस बारे में शशि ने कई बार अपने पिता को भी कहा था, लेकिन वह सुनने को तैयार नहीं थे। इससे वह दुखी रहती थी। 25 जून को मीना अपने भाई टिंकू के साथ गन्नौर से अपनी ड्यूटी से लौट रही थीं। तभी उनके भाई को एक कॉल आई। उस पर उसके बेटे व मां ने बात की। उन्होंने बताया कि शशि की तबीयत खराब हो रही है, जल्दी घर आ जाओ। वे आनन-फानन घर पहुंचे। शशि को इलाज के लिए गन्नौर ले गए, जहां से उसे खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। खानपुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शशि ने संदिग्ध जहरीला पदार्थ खाया था। उसने अपने पिता राकेश के खिलाफ सुसाइड नोट भी लिखा।