पंजाब में हुए टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस के नेता भारत भूषण आशु को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें इस केस में जमानत दे दी है। वहीं, पंजाब विजिलेंस ने उन पर दर्ज एफआईआर को भी रद्द कर दिया है। उनके वकील निखिल घई ने यह जानकारी दी। वह चार महीने से जेल में थे। जल्दी ही इस बारे में आदेश जारी होगा। आशु को एक अगस्त को ईडी ने उस समय गिरफ्तार किया था।जब वह अगस्त में पूछताछ के लिए जालंधर स्थित ईडी दफ्तर गए थे। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं। इससे पहले ईडी ने पूरे मामले की जांच की थी। राज्य में विभिन्न जगहों पर कई लोगों की 22.78 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी। वहीं, उनको जमानत मिलने के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप वर्ष 2022 में कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु पर अनाज परिवहन टेंडर घोटाले में कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत विजिलेंस को की गई थी। धन शोधन में शामिल व्यक्तियों की संपत्तियों को कुर्क किया गया, संपत्तियों में लुधियाना, मोहाली, खन्ना और पंजाब के अन्य भागों में स्थित अचल संपत्तियां, एफडीआर, सोने के आभूषण, और बैंक खातों के रूप में चल संपत्तियां शामिल हैं। इससे पहले विजिलेंस ने दर्ज किया था केस इस मामले में पंजाब विजिलेंस ने सबसे पहले ठेकेदार तेलू राम और दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद में इस केस में आशु का नाम भी शामिल किया गया। 22 अगस्त 2022 को विजिलेंस ने लुधियाना में छापा मारकर उसे सैलून में बाल कटवाते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस केस में आशु करीब 6 महीने पटियाला जेल में भी बंद रह थे। आरोप है कि अनाज ढुलाई टेंडर घोटाले में आरोपी अनाज मंडियों में वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करता था। इतना ही नहीं टेंडर लेने से पहले विभाग में वाहनों के गलत नंबर लिखवाए जाते थे। जांच में पता चला कि जो नंबर लिखे गए थे, वे भी स्कूटर, बाइक जैसे दोपहिया वाहनों के थे। ये वाहन अनाज ढुलाई के लिए वैध नहीं थे। इसके बाद ईडी ने इस मामले में केस दर्ज किया था। पंजाब में हुए टेंडर घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस के नेता भारत भूषण आशु को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें इस केस में जमानत दे दी है। वहीं, पंजाब विजिलेंस ने उन पर दर्ज एफआईआर को भी रद्द कर दिया है। उनके वकील निखिल घई ने यह जानकारी दी। वह चार महीने से जेल में थे। जल्दी ही इस बारे में आदेश जारी होगा। आशु को एक अगस्त को ईडी ने उस समय गिरफ्तार किया था।जब वह अगस्त में पूछताछ के लिए जालंधर स्थित ईडी दफ्तर गए थे। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं। इससे पहले ईडी ने पूरे मामले की जांच की थी। राज्य में विभिन्न जगहों पर कई लोगों की 22.78 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई थी। वहीं, उनको जमानत मिलने के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है। चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप वर्ष 2022 में कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों और ठेकेदारों ने पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु पर अनाज परिवहन टेंडर घोटाले में कुछ चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने और करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत विजिलेंस को की गई थी। धन शोधन में शामिल व्यक्तियों की संपत्तियों को कुर्क किया गया, संपत्तियों में लुधियाना, मोहाली, खन्ना और पंजाब के अन्य भागों में स्थित अचल संपत्तियां, एफडीआर, सोने के आभूषण, और बैंक खातों के रूप में चल संपत्तियां शामिल हैं। इससे पहले विजिलेंस ने दर्ज किया था केस इस मामले में पंजाब विजिलेंस ने सबसे पहले ठेकेदार तेलू राम और दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। बाद में इस केस में आशु का नाम भी शामिल किया गया। 22 अगस्त 2022 को विजिलेंस ने लुधियाना में छापा मारकर उसे सैलून में बाल कटवाते हुए गिरफ्तार कर लिया। इस केस में आशु करीब 6 महीने पटियाला जेल में भी बंद रह थे। आरोप है कि अनाज ढुलाई टेंडर घोटाले में आरोपी अनाज मंडियों में वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर माल की ढुलाई करता था। इतना ही नहीं टेंडर लेने से पहले विभाग में वाहनों के गलत नंबर लिखवाए जाते थे। जांच में पता चला कि जो नंबर लिखे गए थे, वे भी स्कूटर, बाइक जैसे दोपहिया वाहनों के थे। ये वाहन अनाज ढुलाई के लिए वैध नहीं थे। इसके बाद ईडी ने इस मामले में केस दर्ज किया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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