हरियाणा के धोती-कुर्ते वाले CM चौटाला, PHOTOS:हरे रंग की तुर्रा पगड़ी, नाम में गोत्र की जगह गांव, हर जगह पूछते-फिरनी-श्मशान पक्के हैं या नहीं

हरियाणा के धोती-कुर्ते वाले CM चौटाला, PHOTOS:हरे रंग की तुर्रा पगड़ी, नाम में गोत्र की जगह गांव, हर जगह पूछते-फिरनी-श्मशान पक्के हैं या नहीं

हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। वह प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ जेल भी गए। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। उनके बाद भूपेंद्र हुड्‌डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी CM बने, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती नहीं पहनी। गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने के पीछे का दिमाग भी ओम प्रकाश चौटाला का था। CM रहते हुए उन्होंने गुरुग्राम को मॉडर्न सिटी बनाने पर काम किया। गहरे हरे रंग की तुर्रा वाली पगड़ी चौटाला की पहचान थी। हर कार्यक्रम में वह यही पगड़ी पहनकर जाते थे। हरियाणा में किसी और CM ने ऐसी पगड़ी नहीं पहनी। इसके साथ चौटाला ने अपने नाम के पीछे गोत्र कभी नहीं लिखा। उनका गोत्र सिहाग था, लेकिन इसे न लगाकर नाम के पीछे गांव का नाम चौटाला जोड़ा। सरनेम में गांव का नाम लिख चौटाला को नई पहचान दी। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया
CM रहते चौटाला का ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम एक बड़ी पहल थी। गांवों का दौरा किया। लोगों से उनकी जरूरतों के बारे में पूछते और उनकी मांगों पर अमल करते हुए उनके सामने ही फैसले लिए। वह 2 सवाल हर जगह पूछते थे। फिरनी और श्मशान घाट पक्का है या नहीं। अक्टूबर 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई थी। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर प्रदेश की 10 में से पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उन्हें मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल हो गया था। तब चौटाला ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर लिया था। पूर्व CM ओपी चौटाला से जुड़ीं 10 तस्वीरें… ———————— पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज, 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का अंतिम संस्कार आज शनिवार सिरसा के गांव तेजा खेड़ा में बने फार्म हाउस में होगा। सुबह 8 बजे से उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को निधन हो गया। 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। वह प्रदेश की सत्ता संभालने के साथ जेल भी गए। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। उनके बाद भूपेंद्र हुड्‌डा, मनोहर लाल खट्टर और नायब सैनी CM बने, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती नहीं पहनी। गुरुग्राम को साइबर सिटी बनाने के पीछे का दिमाग भी ओम प्रकाश चौटाला का था। CM रहते हुए उन्होंने गुरुग्राम को मॉडर्न सिटी बनाने पर काम किया। गहरे हरे रंग की तुर्रा वाली पगड़ी चौटाला की पहचान थी। हर कार्यक्रम में वह यही पगड़ी पहनकर जाते थे। हरियाणा में किसी और CM ने ऐसी पगड़ी नहीं पहनी। इसके साथ चौटाला ने अपने नाम के पीछे गोत्र कभी नहीं लिखा। उनका गोत्र सिहाग था, लेकिन इसे न लगाकर नाम के पीछे गांव का नाम चौटाला जोड़ा। सरनेम में गांव का नाम लिख चौटाला को नई पहचान दी। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शुरू किया
CM रहते चौटाला का ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम एक बड़ी पहल थी। गांवों का दौरा किया। लोगों से उनकी जरूरतों के बारे में पूछते और उनकी मांगों पर अमल करते हुए उनके सामने ही फैसले लिए। वह 2 सवाल हर जगह पूछते थे। फिरनी और श्मशान घाट पक्का है या नहीं। अक्टूबर 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई थी। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर प्रदेश की 10 में से पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उन्हें मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय दल का दर्जा हासिल हो गया था। तब चौटाला ने अपनी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर लिया था। पूर्व CM ओपी चौटाला से जुड़ीं 10 तस्वीरें… ———————— पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- ओपी चौटाला को आखिरी विदाई आज, 5 बार हरियाणा के CM रहे, 89 साल की उम्र में निधन हुआ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला का अंतिम संस्कार आज शनिवार सिरसा के गांव तेजा खेड़ा में बने फार्म हाउस में होगा। सुबह 8 बजे से उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। फिर दोपहर राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी। पढ़ें पूरी खबर   हरियाणा | दैनिक भास्कर