रूस से हिमाचल पहुंची दो महिला श्रद्धालुओं ने मां बग़लामुखी मंदिर में अपने वाहन का विशेष पूजन कराया। दोनों महिलाएं शुक्रवार को दोपहर के वक्त नई बाइक के साथ कांगड़ा जिला के बनखंडी मंदिर पहुंची। उन्होंने मंदिर के पुजारी से विशेष पूजा का आग्रह किया। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य दिनेश रत्न ने बताया कि रूस से आई इन भक्तों ने अपने नए वाहन की पूजा कराते हुए देवी मां से जीवन में सफलता, खुशी और समृद्धि की कामना की। उन्होंने बताया कि मां बगलामुखी मंदिर में नए वाहन का पूजन करना शुभ माना जाता है। उन्होंने बताया कि मां के दरबार में आने वाले हर श्रद्धालु को यहां से सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। देवी मां की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां बगलामुखी को माना जाता है शत्रुनाशिनी मान्यता है कि मां बगलामुखी शत्रुनाशिनी देवी है। उनकी कृपा से भक्तों की यात्रा सुखद, सुरक्षित और समृद्ध हो जाती है। शत्रुओं का नाश होता है। देशभर के श्रद्धालु इस मंदिर में यहां करियर में तरक्की और शत्रुओं के नाश के लिए हवन कराते है। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी धार्मिक टूरिस्ट पहुंचते हैं। नेता, बॉलीवुड स्टार भी मंदिर में कराते हैं हवन दिनेश रत्न ने बताया, इस मंदिर में नेताओं के अलावा फिल्म जगत की बड़ी हस्तियां और बिजनेस से जुड़े चेहरे भी मंदिर दर्शन व पूजन के लिए आते रहते हैं। मां बगलामुखी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह लोगों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और विश्वास का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि रूस, अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों से भी लोग विशेष पूजा-अर्चना के लिए यहां आते हैं। रूस से हिमाचल पहुंची दो महिला श्रद्धालुओं ने मां बग़लामुखी मंदिर में अपने वाहन का विशेष पूजन कराया। दोनों महिलाएं शुक्रवार को दोपहर के वक्त नई बाइक के साथ कांगड़ा जिला के बनखंडी मंदिर पहुंची। उन्होंने मंदिर के पुजारी से विशेष पूजा का आग्रह किया। मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य दिनेश रत्न ने बताया कि रूस से आई इन भक्तों ने अपने नए वाहन की पूजा कराते हुए देवी मां से जीवन में सफलता, खुशी और समृद्धि की कामना की। उन्होंने बताया कि मां बगलामुखी मंदिर में नए वाहन का पूजन करना शुभ माना जाता है। उन्होंने बताया कि मां के दरबार में आने वाले हर श्रद्धालु को यहां से सकारात्मक ऊर्जा और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है। देवी मां की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां बगलामुखी को माना जाता है शत्रुनाशिनी मान्यता है कि मां बगलामुखी शत्रुनाशिनी देवी है। उनकी कृपा से भक्तों की यात्रा सुखद, सुरक्षित और समृद्ध हो जाती है। शत्रुओं का नाश होता है। देशभर के श्रद्धालु इस मंदिर में यहां करियर में तरक्की और शत्रुओं के नाश के लिए हवन कराते है। यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी धार्मिक टूरिस्ट पहुंचते हैं। नेता, बॉलीवुड स्टार भी मंदिर में कराते हैं हवन दिनेश रत्न ने बताया, इस मंदिर में नेताओं के अलावा फिल्म जगत की बड़ी हस्तियां और बिजनेस से जुड़े चेहरे भी मंदिर दर्शन व पूजन के लिए आते रहते हैं। मां बगलामुखी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह लोगों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा और विश्वास का प्रतीक भी है। उन्होंने बताया कि रूस, अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों से भी लोग विशेष पूजा-अर्चना के लिए यहां आते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM की DC-SP के साथ कॉफ्रेंस:हफ्ते में 2 दिन जनता की समस्याएं सुनने और राजस्व के लंबित मामले निपटाने के देंगे निर्देश हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज 7 जिलों के जिलाधीश (DC) और पुलिस अधीक्षक (SP) के साथ शिमला सचिवालय में कॉफ्रेंस करेंगे। इसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं का रिव्यू और अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस कॉफ्रेंस में शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी और कुल्लू जिला के DC-SP के अलावा सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष शामिल होंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू सभी जिला प्रमुख को सरकार की योजनाएं समयबद्ध जन जन तक पहुंचाने के निर्देश देंगे। बीते गुरुवार को भी सीएम ने ऊना, बिलासपुर, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के DC-SP सप्ताह में दो दिन कार्यालय में जन शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। इसके लिए सरकार जल्द मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करेगी। डीसी-एसपी सुनेंगे जन शिकायतें इन आदेशों के तहत डीसी और एसपी भी अपने दफ्तर में जनता दरबार लगाएंगे और उनकी समस्याओं का मौके पर समाधान देना होगा। इससे लोगों को रोज रोज डीसी ऑफिस, राजस्व कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। इससे लोग आसानी से अपनी बात प्रशासन के समक्ष रख पाएंगे। डीसी-एसपी देंगे प्रेजेंटेशन आज की कॉफ्रेंस में पहले सभी जिलों के डीसी अपने अपने जिलों में सरकार की विभिन्न योजनाओं के स्टेटस को लेकर प्रेजेंटेशन देंगे। इसी तरह एसपी भी लॉ एंड ऑर्डर और क्राइम के आंकड़े प्रेजेंटेशन के माध्यम से सीएम के समक्ष रखेंगे। बता दें कि सीएम सुक्खू ने सभी जिलों के डीसी-एसपी शिमला बुला रखे हैं। इनके साथ बीते कल और आज दो दिवसीय कॉफ्रेंस रखी गई है। इसमें सीएम सुक्खू अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।
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हिमाचल BJP को 30 नवंबर तक नया बूथ अध्यक्ष मिलेगा:11 सदस्यीय कमेटी गठित होगी; साथ में पन्ना प्रमुख का भी चयन करना होगा हिमाचल प्रदेश में 30 नवंबर तक हर बूथ में भारतीय जनता पार्टी को नया अध्यक्ष और बूथ लेवल कमेटी मिल जाएगी। मंडी जिला के सुंदरनगर में सोमवार को संपन्न भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठनात्मक चुनाव व सक्रिय सदस्यता अभियान कमेटी की मीटिंग यह निर्णय लिया गया। चुनाव अधिकारी एवं राज्यसभा सांसद डा. राजीव भारद्वाज ने बताया कि 16 से 30 नवंबर के बीच बूथ अध्यक्ष का चुनाव करना होगा। इसके बाद बूथ अध्यक्ष 11 सदस्यीय कमेटी गठित करेंगे। आज की मीटिंग में बूथ चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी की गई। उन्होंने बताया कि मंडल और जिला कार्यकारिणी चुनाव की तिथि बाद में घोषित होंगी। बिंदल बोले-बूथ समिति की रचना को लेकर चर्चा हुई वहीं BJP प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने बताया कि आज की मीटिंग में संगठन पर्व और बूथ समिति की रचना को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि फिलहाल अभी बूथ समिति की रचना का फैसला लिया गया है। हिमाचल में 7991 बूथ है। सभी बूथ पर अध्यक्ष व कमेटी का गठन किया जाना है। इसके लिए चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति डेढ़ सप्ताह पहले ही कर दी गई है। बूथ अध्यक्ष व कमेटी के साथ साथ पन्ना प्रमुख का भी चयन किया जाना है। 21 को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यशाला भारतीय जनता पार्टी ने 21 नवंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यशाला बुलाई है। इसमें मंडल व जिला कार्यकारिणी की रचना को लेकर निर्णय लिया जाएगा। चुनाव अधिकारी डा. राजीव भारद्वाज ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला में जो दिशा-निर्देश पार्टी हाईकमान करेगी, उसके हिसाब से मंडल व जिला चुनाव का शेड्यूल जारी किया जाएगा। ये नेता रहे मौजूद BJP की सुंदरनगर में संपन्न मीटिंग में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती रेखा वर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, संगठनात्मक चुनाव अधिकारी डॉ. राजीव भारद्वाज, महामंत्री बिहारी लाल शर्मा इत्यादि मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश में सेब प्रोडक्शन में लगातार गिरावट:हर साल बढ़ रहा रकबा, घट रहा उत्पादन, इस बार 2.91 करोड़ पेटी का अनुमान
हिमाचल प्रदेश में सेब प्रोडक्शन में लगातार गिरावट:हर साल बढ़ रहा रकबा, घट रहा उत्पादन, इस बार 2.91 करोड़ पेटी का अनुमान हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं के कारण हर साल सेब का उत्पादन गिर रहा है। सेब का रकबा बढ़ने के बावजूद उत्पादन कम हो रहा है। इस बार भी बागवानी विभाग ने 2.81 करोड़ पेटी सेब आने का अनुमान जताया है। प्रदेश में 1.15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सेब की खेती हो रही है। वर्ष 2009-10 में सेब का रकबा 99564 हेक्टेयर था, उस दौरान 5 करोड़ 11 लाख पेटी सेब का उत्पादन हुआ था। वर्ष 2022-23 में सेब का रकबा बढ़कर 1.15 लाख हेक्टेयर हो गया और उत्पादन घटकर 2.11 करोड़ पेटी रह गया। वर्ष 2010 के बाद पांच करोड़ तो छोड़िए, चार करोड़ पेटी सेब का उत्पादन भी नहीं हो सका। दूसरी सबसे अधिक फसल 11 साल पहले यानी 2013 में 3.69 करोड़ पेटी हुई थी। साल 2010 में हुई थी रिकॉर्ड प्रोडक्शन साल कितनी पेटी 2010 5.11 करोड़
2011 1.38 करोड़
2012 1.84 करोड़
2013 3.69 करोड़
2014 2.80 करोड़
2015 3.88 करोड़
2016 2.40 करोड़
2017 2.08 करोड़
2018 1.65 करोड़
2019 3.24 करोड़
2020 2.40 करोड़
2021 3.05 करोड़
2022 3.36 करोड़
2023 2.11 करोड़ विश्व बैंक की 1134 करोड़ की परियोजना भी नहीं बढ़ा पाई उत्पादन सेब उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य में विश्व बैंक की 1134 करोड़ रुपये की परियोजना भी लागू की गई थी। वर्ष 2017 में जब इस परियोजना को मंजूरी मिली थी, तब दावा किया गया था कि औसत सेब उत्पादन 8 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो जाएगा, जो 2017 में भी 6 मीट्रिक टन था। इसमें अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सेब उत्पादन पर मौसम का असर : डॉ. भारद्वाज बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि सेब उत्पादन पूरी तरह मौसम पर निर्भर है। पिछले कुछ सालों से मौसम सेब के अनुकूल नहीं रहा है। सर्दियों में अच्छी बर्फबारी न होना, फ्लावरिंग के दौरान बारिश-बर्फबारी और ओलावृष्टि या सूखे जैसे कारणों से सेब का अच्छा उत्पादन नहीं हो पा रहा है। बर्फबारी का ट्रेंड बदलने से फसल पर बुरा असर हिमाचल में बीते एक दशक के दौरान बर्फबारी का ट्रेंड बदला है। आमतौर पर प्रदेश में दिसंबर से 15 फरवरी के बीच बर्फबारी होती थी। मगर पिछले कुछ सालों के दौरान फरवरी से मार्च में बर्फ गिरती रही है। कई ऊंचे क्षेत्रों में तो अप्रैल में भी बर्फबारी रिपोर्ट हुई है। इसका असर सेब की खेती पर पड़ रहा है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में बर्फ के बाद अचानक ठंड पड़ने से सेब की फ्लावरिंग प्रभावित होती है। ठंडे मौसम में मधुमक्खियां परागण नहीं कर पाती और अच्छी फ्लावरिंग भी नहीं हो पाती। इसकी मार फसल पर पड़ती है। इसके विपरीत साल दर साल सेब पर उत्पादन लागत हर साल बढ़ती जा रही है और उत्पादन कम हो रहा है। इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब का पूर्वानुमान: नेगी बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा, इस बार 2.91 करोड़ पेटी सेब होने का पूर्वानुमान है। सेब की खेती मौसम पर निर्भर करती है। आने वाले दिनों में सेब के अच्छे साइज व रंग के लिए बारिश के साथ साथ धूप खिलना भी जरूरी है।