हरियाणा के सोनीपत में शनिवार को एक युवक बिजली करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया। हादसा बिजली का मीटर ठीक करते हुए हुआ। इस मीटर में आग लग गई। मौके पर लोगों की भीड़ लग गई और युवक काे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। बिजली निगम हादसे को लेकर जांच करेगा। जानकारी के अनुसार सोनीपत में आईटीआई चौक के पास शनिवार को एक युवक बिजली मीटर से छेड़छाड़ कर रहा था। अचानक से कोई तार टच हो गया और उसे करंट का जोरदार झटका लगा। करंट लगने से युवक झुलस गया। मीटर में आग लग गई। धुआं उठता देख लोग भी एकत्रित हो गए। बिजली निगम के एसडीओ विक्की गहलावत ने बताया कि आईटीआई चौक के नजदीक टावर लगा हुआ है। टावर के मीटर में छेड़खानी करते हुए युवक को करंट लगा है। खराब मीटर की कोई भी शिकायत दर्ज नहीं हुई। मीटर में आग लग गई थी, जिससे मीटर चल गया।बिजली निगम हादसे को लेकर छानबीन करेगा। हरियाणा के सोनीपत में शनिवार को एक युवक बिजली करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया। हादसा बिजली का मीटर ठीक करते हुए हुआ। इस मीटर में आग लग गई। मौके पर लोगों की भीड़ लग गई और युवक काे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया। बिजली निगम हादसे को लेकर जांच करेगा। जानकारी के अनुसार सोनीपत में आईटीआई चौक के पास शनिवार को एक युवक बिजली मीटर से छेड़छाड़ कर रहा था। अचानक से कोई तार टच हो गया और उसे करंट का जोरदार झटका लगा। करंट लगने से युवक झुलस गया। मीटर में आग लग गई। धुआं उठता देख लोग भी एकत्रित हो गए। बिजली निगम के एसडीओ विक्की गहलावत ने बताया कि आईटीआई चौक के नजदीक टावर लगा हुआ है। टावर के मीटर में छेड़खानी करते हुए युवक को करंट लगा है। खराब मीटर की कोई भी शिकायत दर्ज नहीं हुई। मीटर में आग लग गई थी, जिससे मीटर चल गया।बिजली निगम हादसे को लेकर छानबीन करेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में आज चुनाव आयोग की टीम दौरा करने आएगी:विधानसभा इलेक्शन की तैयारियों को देखेगी; जल्दी चुनाव कराने के 3 कारण
हरियाणा में आज चुनाव आयोग की टीम दौरा करने आएगी:विधानसभा इलेक्शन की तैयारियों को देखेगी; जल्दी चुनाव कराने के 3 कारण हरियाणा में विधानसभा चुनाव टाइम से पहले होने जा रहे हैं। इसे लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की टीम आज हरियाणा दौरे पर आ रही है। इस दौरान टीम 2 दिन चंडीगढ़ में रहेगी। वह जल्दी होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को परखेगी। साथ ही राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ भी रायशुमारी करेगी। टीम अलग-अलग समय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर प्रदेशभर का इनपुट भी लेगी। प्रदेश से मिलने वाले इनपुट को टीम मेंबर ECI को देंगे, जहां चुनाव की घोषणा को लेकर तैयारियां की जाएंगी। 25 अगस्त के आसपास नोटिफिकेशन आने के आसार
हरियाणा विधानसभा चुनाव का 25 अगस्त के आसपास नोटिफिकेशन आने के आसार हैं। ECI इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने जा रहा है। इनमें हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड शामिल हैं। ECI के सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। यही कारण है कि दूसरे राज्यों की चुनाव की डेट में बदलाव किया गया है। हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था। 3 नवंबर तक सरकार का कार्यकाल
हरियाणा में सत्तासीन BJP की सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। समय से पहले विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट को लेकर हरियाणा सरकार भी अलर्ट हो गई है। CM नायब सैनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) और टॉप ब्यूरोक्रेसी को अलर्ट कर दिया है। यही वजह है कि CMO के अफसर देर रात तक काम कर रहे हैं। वहीं, अगस्त में ही 3 बार सरकार ने कैबिनेट मीटिंग बुला ली है। 2 बार की मीटिंग हो चुकी है, तीसरी मीटिंग 17 अगस्त को CM नायब सैनी ने बुलाई है। हरियाणा में इस बार 817 नए बूथ होंगे
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल पहले ही बता चुके हैं कि विधानसभा चुनावों को लेकर ECI की टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा दौरे पर आ रही है। स्थानीय स्तर पर सभी 22 जिलों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा EVM चेकिंग का काम किया जा रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 817 पोलिंग बूथ नए बनाए गए हैं, जिसके बाद पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 20,629 हो गई है। यहां पढ़िए, समय से पहले चुनाव कराने की 3 वजहें… 1. जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में 2018 से सरकार नहीं है। यहां राष्ट्रपति शासन लागू है। अब यहां विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए कानूनी बाध्यता भी है। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, जबकि हरियाणा सहित 3 अन्य राज्यों में अक्टूबर 2024 में विधानसभा प्रस्तावित हैं।जम्मू-कश्मीर की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं। यहां आर्टिकल-370 हटने के बाद भी यहां आतंकी घटनाएं खत्म नहीं हुई हैं। ऐसे में केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव कराकर इतिश्री करना चाहती है। यही वजह है कि दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने पड़ रहे हैं। 2. विपक्ष का दबाव केंद्र में कम करना चाहती है भाजपा
राजनीतिक जानकारों का कहना है लोकसभा चुनाव के बाद BJP के लिए इन चारों राज्यों के विधानसभा चुनाव बड़े महत्वपूर्ण होने वाले हैं। इन राज्यों के चुनाव का सीधा असर केंद्र की सरकार पर पड़ेगा। चूंकि, अभी भाजपा ने केंद्र में नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के सहयोग से बनाई है। सरकार बनने के बाद से ही केंद्र में विपक्ष हावी है। यदि इन राज्यों के चुनावों में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया तो उसके सहयोगी दलों का भी साथ बना रहेगा और विपक्ष का दबाव भी कम होगा। नहीं तो परिणाम खराब होते ही भाजपा की सरकार केंद्र में ही सरकार भी प्रभावित हो सकती है। 3. हरियाणा BJP भी चाहती है जल्दी चुनाव
केंद्र के साथ हरियाणा BJP भी यह चाहती है कि यहां समय से पहले ही विधानसभा चुनाव हों। इसका इनपुट हरियाणा की टॉप लीडरशिप केंद्र को दे चुकी है। यदि यहां समय से पहले चुनाव होते हैं तो हरियाणा सरकार विधानसभा में मानसून सेशन एक दिन का कर सकती है। संविधान विशेषज्ञ राम नारायण यादव ने बताया कि आर्टिकल-174 के कारण सरकार को 6 महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। चाहे वह एक दिन का ही क्यों न हो।
राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन, 8 MLA मिलने पहुंचे:BJP को बहुमत पर कहा था- हमने अपना काम किया, अब पार्टी को देखना है; CM दावा ठोक चुके
राव इंद्रजीत का शक्ति प्रदर्शन, 8 MLA मिलने पहुंचे:BJP को बहुमत पर कहा था- हमने अपना काम किया, अब पार्टी को देखना है; CM दावा ठोक चुके हरियाणा में तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने के बाद अब भाजपा में सीएम पद के लिए दावेदारी की होड़ नजर आ रही है। अंबाला कैंट से विधायक अनिल विज मुख्यमंत्री बनने की इच्छा पहले ही जाहिर कर चुके हैं। अब कुछ ऐसे ही तेवर गुरुग्राम से सांसद और अहीरवाल बेल्ट के कद्दावर नेता राव इंद्रजीत सिंह के भी नजर आ रहे हैं। सरकार गठन से पहले राव ने दो दिनों में अहीरवाल बेल्ट के 8 विधायकों से मुलाकात कर हाईकमान को अपनी ताकत दिखाने का प्रयास किया है। हाल ही में उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा- जिस क्षेत्र के लोगों ने तीसरी बार सरकार बनाई, उसका ध्यान रखना चाहिए। लोकसभा चुनाव के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भी राव ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी। बता दें कि इस बार अहीरवाल बेल्ट से भाजपा ने 11 में से 10 सीटें जीती हैं और इसी कारण राव अब काफी एक्टिव हो गए हैं। यहां पहले से ज्यादा मजबूत हुई भाजपा
भाजपा को सत्ता तक पहुंचाने में अहीरवाल बेल्ट का अहम रोल रहा है। 2019 में जहां भाजपा की झोली में यहां की 8 सीटें आई तो इस बार 2 सीटों का इजाफा हुआ है। सीटों के इसी बढ़े ग्राफ का श्रेय राव इंद्रजीत सिंह लेने में लगे हैं। रेवाड़ी और गुरुग्राम जिले में तो पार्टी ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है। इन दोनों ही जिलों में बादशाहपुर सीट को छोड़कर तमाम सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के ही उम्मीदवारों को टिकट दी गई थी। राव ने की थी 8 नामों की पैरवी
राव के लिए अच्छी बात ये है कि उन्होंने जिन 8 उम्मीदवरों के नाम हाईकमान के सामने रखे थे वो सभी जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। इसके साथ ही महेंद्रगढ़ से कंवर सिंह यादव ने भी राव से मुलाकात कर उन्हें अपना सपोर्ट दे दिया है। इस क्षेत्र से जिस विधायक का राव को सपोर्ट नहीं मिलेगा वो हैं बादशाहपुर सीट से जीते राव नरबीर सिंह। राव नरबीर को उनके धुर विरोधियों में गिना जाता है। चुनाव से पहले CM का दावा ठोक चुके
लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह ने समर्थकों को संबोधित करते हुए CM पद पर दावा ठोका था। उन्होंने कहा था कि हमें हरियाणा के इलेक्शन के लिए तैयारी करनी है। जो हमसे रूठ गया, उसे मनाना है। दक्षिणी हरियाणा के जरिए ही सत्तासीन होना है। हमे संगठित होकर मजबूत रहना हैं। हो सकता है कि समय से पहले हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो। मंत्री पद की दौड़ में ये विधायक… बिमला चौधरी और कृष्ण कुमार : अहीरवाल बेल्ट की 11 सीटों में सिर्फ दो सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इनमें बावल और पटौदी सीटें शामिल हैं। इन दोनों ही सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। ऐसे में बावल से डॉ. कृष्ण कुमार और पटौदी से बिमला चौधरी में से किसी एक को नई सरकार के गठन पर राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है। राव नरबीर सिंह: बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह ने 60705 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। उनकी हाईकमान तक खुद की पकड़ मजबूत है। 2014 में मनोहर लाल खट्टर की सरकार में भी वो कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। इसलिए उनका दोबारा मंत्री बनना तय माना जा रहा है। आरती राव: चूंकी इस क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का अच्छा होल्ड है और कई विधायकों का उनको समर्थन भी है ऐसे में वो अपनी बेटी आरती राव के लिए भी मंत्री पद की मांग रख सकते हैं। अगर राव इस तरह की कोई मांग रखते हैं तो फिर आरती राव का भी मंत्री बनना लगभग तय ही होगा।
हरियाणा में गाड़ी ने पुलिस को चौंकाया:जिसे थार समझकर रोका, वह 19 साल पुरानी बोलेरो निकली; चालान काट थाने में खड़ी की
हरियाणा में गाड़ी ने पुलिस को चौंकाया:जिसे थार समझकर रोका, वह 19 साल पुरानी बोलेरो निकली; चालान काट थाने में खड़ी की हरियाणा के कैथल में पुलिस ने एक 24 इंच चौड़े टायर वाली जीप को रोक कर जांच की। गाड़ी का रिकॉर्ड सामने आया तो पुलिस अधिकारी चौंक गए। गाड़ी थार जैसी दिख रही थी, लेकिन असल में वह कोई थार नहीं, बल्कि 19 साल पुरानी बोलेरो गाड़ी थी। पुरानी गाड़ी को मॉडिफाई करवाकर थार का रूप दिया गया था। पुलिस ने इसके मालिक का 23 हजार रुपए का चालान काटा और गाड़ी को भी जब्त कर लिया। जांच के दौरान गाड़ी का ड्राइवर कोई रजिस्ट्रेशन कागजात नहीं दिखा पाया। पुलिस ने देखा कि गाड़ी को ट्रैफिक नियमों के खिलाफ जाकर मोडिफाइड करवाया गया था। मॉल के पास जांच कर रही थी पुलिस, 2 फुट चौड़े टायर लगे थे
कैथल में पदमा सिटी मॉल के पास वाहनों की जांच के दौरान पुलिस ने देखा कि गाड़ी में लगभग 2 फुट चौड़े टायर लगे थे। आगे पीछे मोटे मोटे अक्षरों में प्रभावशाली जातिसूचक शब्द लिखे हुए थे। इसके अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें गाड़ी में लगी मिली, जो ट्रैफिक नियमों के खिलाफ थी। पुलिस ने चालान काटने के बाद गाड़ी को भी जब्त कर थाने में खड़ा कर दिया। रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला, थार नहीं बोलेरो है
पुलिस कार्रवाई में यहां तक तो सब कुछ ठीक था। असल बात तब निकलकर सामने आई जब चालान करने के बाद मोडिफाइड थार को पुलिस थाने ले जाकर इसका रिकॉर्ड खंगाला गया। असल में ये कोई थार जीप नहीं थी, बल्कि बोलेरो गाड़ी थी। जो 19 साल पुरानी थी। इस बोलेरो गाड़ी का सिरसा के डबवाली शहर में एक्सीडेंट हुआ था। इसके बाद इसे कबाड़ी को बेच दिया गया। युवक ने कबाड़ी से बोलेरो को खरीदकर इसे नई थार गाड़ी के रूप में मोडिफाइड करा दिया। जिसके बाद ये सड़क पर फर्राटे भर रही थी। DSP बोले- मोडिफिकेशन गलत
कैथल ट्रैफिक पुलिस के डीएसपी सुशील प्रकाश ने बताया कि एक मोडिफाइड थार जीप का चालान काटकर इंपाउंड किया गया है। एजेंसी से जो गाड़ियां या बाइक आते हैं, वो ट्रैफिक नियमों के मानकों के अनुसार होते हैं। उनकी मॉडिफिकेशन करवाना ट्रैफिक नियमों के बिल्कुल खिलाफ है।