लखनऊ में बाघ बना चुनौती…20 दिन से भटक रही टीम:ट्रैप करने के लिए कानपुर से डॉक्टरों को बुलाया, वॉच टावर बनाकर हो रही निगरानी

लखनऊ में बाघ बना चुनौती…20 दिन से भटक रही टीम:ट्रैप करने के लिए कानपुर से डॉक्टरों को बुलाया, वॉच टावर बनाकर हो रही निगरानी

लखनऊ में बाघ वन विभाग के लिए चुनौती बन गया है। 20 दिन से 3 रेंज की 25 लोगों की टीम पीछे-पीछे घूम रही है। दो दिन पहले शुक्रवार को कैमरे में ट्रैप हुआ था। 3 किमी क्षेत्र में फैले रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के फॉर्म में बाघ ने डेरा डाल रखा है। काकोरी ब्लॉक के 20 किमी एरिया के 10 गांवों के लोग दहशत में हैं। बाघ की निगरानी के लिए वन विभाग ने CISH के चौथे ब्लॉक में मचान बनाया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि वॉच टावर पर शाम में 4 से 9 बजे तक और सुबह 4 से 6 बजे तक वन विभाग की टीम पशु चिकित्सक नासिर के साथ रुकेगी। बाघ को ट्रैप करने के लिए कानपुर और लखनऊ के प्राणि उद्यान के वेटनरी डॉक्टरों को भी बुलाया गया है। वन विभाग ने बेहता नाला और कटौली गांव की तरफ पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। थर्मल ड्रोन में दिखा सियार
डीएफओ ने बताया, शनिवार को ग्रामीणों ने सूचना दी कि बेहता नाले की तरफ बाघ का मूवमेंट है। नाले के बाईं तरफ पैरों के निशान मिले हैं। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो पग मार्क किसी दूसरे जानवर के थे। थर्मल ड्रोन से देखा तो सियार होने की पुष्टि हुई। 20 दिन से बाघ को पकड़ने की कोशिश
पिछले 20 दिन से रहमानखेड़ा और आस-पास के गांवों में बाघ का डर बना हुआ है। वन विभाग की 5 टीमें बाघ को पकड़ने की कोशिश में लगी हुई है। कर्मचारी लाठी-डंडे, सुतली और बुलेट बम के सहारे कॉम्बिंग कर रहे हैं। मूवमेंट कैप्चर करने के लिए 15 ट्रैप कैमरे और दो कैटिंच केज लगाए गए हैं। सुबह और रात के समय निकल रहा
वन विभाग की टीम का कहना है कि बाघ CISH के फार्म में छिपा है। फार्म 3 किमी में फैला हुआ है। कर्मचारियों को भी फार्म में नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि अब तक बाघ को सुबह और शाम के समय ही देखा गया है। सुबह खेतों में काम करने गए ग्रामीणों ने बताया कि बाघ सुबह और शाम को बेहता नाले के पास देखा गया है। लोगों को देखते ही वह भाग जाता है। बेहता नाले के पास वाले गांव रहमानखेड़ा, उलरापुर, मीठे नगर, दुगोली, सहिलामऊ, खालिसपुर और पश्चिम में बसे हाफिजखेड़ा, कटौली, जमाल नगर, हलुवापुर में बाघ की मूवमेंट ज्यादा है। ग्रामीण बोले- फिर नील गाय का किया शिकार
वहीं, उलरापुर गांव के किसान ने बताया कि बेहता नाला की तरफ एक नील गाय का शव पड़ा है। उसे बाघ ने आधे से अधिक खा लिया है। अवशेष पर चील कौवे मंडरा रहे हैं। वन विभाग के SDO हरिलाल का कहना है कि बाघ ने अभी कोई नया शिकार नहीं किया है। यह पुराना शिकार हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ ने बीते 8 दिन से कोई शिकार नहीं किया था। संभावना है कि बाघ ने ही नील गाय का शिकार किया है। पहली बार कैमरे में ट्रैप हुआ बाघ
शुक्रवार को पहली बार बाघ ट्रैप कैमरे में नजर आया है। रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के चौथे ब्लॉक में सुबह 5 बजे मूवमेंट करते हुए कैद हुआ। तस्वीर सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने CISH और आस-पास के गंवों में बाघ की घेराबंदी के लिए ऑपरेशन तेज कर दिया है। बाघ के CISH में छुपे होने की संभावना को देखते हुए टीमों को अलर्ट किया गया है। गुरुवार को बाघ देखकर भागा युवक
लखनऊ के रहमान खेड़ा क्षेत्र के दुगौली गांव निवासी लाखन ने गुरुवार को बाघ देखा। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) जाने वाली सड़क पर दोपहर में करीब सवा 2 बजे उसको बाघ जाते हुए दिखाई पड़ा। टाइगर को देखकर घबराया लाखन वापस गांव लौट गया। गांव में जाकर लोगों को सूचना दी। लाखन ने बताया कि उसने करीब 50 मीटर की दूरी से बाघ को देखा। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पग मार्क को देखकर बाघ के मूवमेंट की पुष्टि की। थर्मल ड्रोन से सर्च में बाघ कहीं दिखाई नहीं दिया। 50 मीटर के दायरे में मिले थे पदचिह्न
लाखन की सूचना पर SDO हरिलाल लखीमपुर खीरी स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। यहां बाघ के पग मार्क का पीछा किया गया। करीब 50 मीटर तक तो बाघ के फुट प्रिंट साफ दिखाई दिए, इसके बाद जंगल का रास्ता शुरू हो गया। नाइट विजन कैमरे लगाए गए
वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया मिलकर बाघ को ट्रैक कर रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाघ दिखा लेकिन पकड़ा नहीं जा सका है। जंगल और इससे सटे गांवों में वन विभाग ने पर्च बांटे हैं। इसमें बाघ से बचाव की जानकारी दी गई है। ………………………………………………… यह भी पढ़ें बाघ ने 8 दिन बाद किया नील गाय का शिकार:लखनऊ वन विभाग ने कहा- पुराना होगा; एक दिन पहले ट्रैप कैमरे में दिखा था लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ ने नील गाय का शिकार किया। घटना उलरापुर गांव की है। गांव के किसान ने बताया कि बेहता नाला की तरफ एक नीलगाय पड़ी दिखी है। उसे बाघ ने आधे से अधिक खा लिया है। अवशेष पर चील कौवे मंडरा रहे हैं। हालांकि वन विभाग के SDO हरिलाल का कहना है कि बाघ ने आज कोई शिकार नहीं किया है। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ में बाघ वन विभाग के लिए चुनौती बन गया है। 20 दिन से 3 रेंज की 25 लोगों की टीम पीछे-पीछे घूम रही है। दो दिन पहले शुक्रवार को कैमरे में ट्रैप हुआ था। 3 किमी क्षेत्र में फैले रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के फॉर्म में बाघ ने डेरा डाल रखा है। काकोरी ब्लॉक के 20 किमी एरिया के 10 गांवों के लोग दहशत में हैं। बाघ की निगरानी के लिए वन विभाग ने CISH के चौथे ब्लॉक में मचान बनाया है। डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि वॉच टावर पर शाम में 4 से 9 बजे तक और सुबह 4 से 6 बजे तक वन विभाग की टीम पशु चिकित्सक नासिर के साथ रुकेगी। बाघ को ट्रैप करने के लिए कानपुर और लखनऊ के प्राणि उद्यान के वेटनरी डॉक्टरों को भी बुलाया गया है। वन विभाग ने बेहता नाला और कटौली गांव की तरफ पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। थर्मल ड्रोन में दिखा सियार
डीएफओ ने बताया, शनिवार को ग्रामीणों ने सूचना दी कि बेहता नाले की तरफ बाघ का मूवमेंट है। नाले के बाईं तरफ पैरों के निशान मिले हैं। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो पग मार्क किसी दूसरे जानवर के थे। थर्मल ड्रोन से देखा तो सियार होने की पुष्टि हुई। 20 दिन से बाघ को पकड़ने की कोशिश
पिछले 20 दिन से रहमानखेड़ा और आस-पास के गांवों में बाघ का डर बना हुआ है। वन विभाग की 5 टीमें बाघ को पकड़ने की कोशिश में लगी हुई है। कर्मचारी लाठी-डंडे, सुतली और बुलेट बम के सहारे कॉम्बिंग कर रहे हैं। मूवमेंट कैप्चर करने के लिए 15 ट्रैप कैमरे और दो कैटिंच केज लगाए गए हैं। सुबह और रात के समय निकल रहा
वन विभाग की टीम का कहना है कि बाघ CISH के फार्म में छिपा है। फार्म 3 किमी में फैला हुआ है। कर्मचारियों को भी फार्म में नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि अब तक बाघ को सुबह और शाम के समय ही देखा गया है। सुबह खेतों में काम करने गए ग्रामीणों ने बताया कि बाघ सुबह और शाम को बेहता नाले के पास देखा गया है। लोगों को देखते ही वह भाग जाता है। बेहता नाले के पास वाले गांव रहमानखेड़ा, उलरापुर, मीठे नगर, दुगोली, सहिलामऊ, खालिसपुर और पश्चिम में बसे हाफिजखेड़ा, कटौली, जमाल नगर, हलुवापुर में बाघ की मूवमेंट ज्यादा है। ग्रामीण बोले- फिर नील गाय का किया शिकार
वहीं, उलरापुर गांव के किसान ने बताया कि बेहता नाला की तरफ एक नील गाय का शव पड़ा है। उसे बाघ ने आधे से अधिक खा लिया है। अवशेष पर चील कौवे मंडरा रहे हैं। वन विभाग के SDO हरिलाल का कहना है कि बाघ ने अभी कोई नया शिकार नहीं किया है। यह पुराना शिकार हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ ने बीते 8 दिन से कोई शिकार नहीं किया था। संभावना है कि बाघ ने ही नील गाय का शिकार किया है। पहली बार कैमरे में ट्रैप हुआ बाघ
शुक्रवार को पहली बार बाघ ट्रैप कैमरे में नजर आया है। रहमानखेड़ा के केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) के चौथे ब्लॉक में सुबह 5 बजे मूवमेंट करते हुए कैद हुआ। तस्वीर सामने आने के बाद वन विभाग की टीम ने CISH और आस-पास के गंवों में बाघ की घेराबंदी के लिए ऑपरेशन तेज कर दिया है। बाघ के CISH में छुपे होने की संभावना को देखते हुए टीमों को अलर्ट किया गया है। गुरुवार को बाघ देखकर भागा युवक
लखनऊ के रहमान खेड़ा क्षेत्र के दुगौली गांव निवासी लाखन ने गुरुवार को बाघ देखा। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (CISH) जाने वाली सड़क पर दोपहर में करीब सवा 2 बजे उसको बाघ जाते हुए दिखाई पड़ा। टाइगर को देखकर घबराया लाखन वापस गांव लौट गया। गांव में जाकर लोगों को सूचना दी। लाखन ने बताया कि उसने करीब 50 मीटर की दूरी से बाघ को देखा। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पग मार्क को देखकर बाघ के मूवमेंट की पुष्टि की। थर्मल ड्रोन से सर्च में बाघ कहीं दिखाई नहीं दिया। 50 मीटर के दायरे में मिले थे पदचिह्न
लाखन की सूचना पर SDO हरिलाल लखीमपुर खीरी स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे थे। यहां बाघ के पग मार्क का पीछा किया गया। करीब 50 मीटर तक तो बाघ के फुट प्रिंट साफ दिखाई दिए, इसके बाद जंगल का रास्ता शुरू हो गया। नाइट विजन कैमरे लगाए गए
वन विभाग की टीम और वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया मिलकर बाघ को ट्रैक कर रहे हैं। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन और नाइट विजन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाघ दिखा लेकिन पकड़ा नहीं जा सका है। जंगल और इससे सटे गांवों में वन विभाग ने पर्च बांटे हैं। इसमें बाघ से बचाव की जानकारी दी गई है। ………………………………………………… यह भी पढ़ें बाघ ने 8 दिन बाद किया नील गाय का शिकार:लखनऊ वन विभाग ने कहा- पुराना होगा; एक दिन पहले ट्रैप कैमरे में दिखा था लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ ने नील गाय का शिकार किया। घटना उलरापुर गांव की है। गांव के किसान ने बताया कि बेहता नाला की तरफ एक नीलगाय पड़ी दिखी है। उसे बाघ ने आधे से अधिक खा लिया है। अवशेष पर चील कौवे मंडरा रहे हैं। हालांकि वन विभाग के SDO हरिलाल का कहना है कि बाघ ने आज कोई शिकार नहीं किया है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर