हिसार भाजपा जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बची:11 पार्षदों ने समर्थन का वादा किया, मंत्री गंगवा और ग्रोवर ने CM के सामने कराई परेड

हिसार भाजपा जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बची:11 पार्षदों ने समर्थन का वादा किया, मंत्री गंगवा और ग्रोवर ने CM के सामने कराई परेड

हरियाणा में हिसार के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बादल फिलहाल हट गए हैं। चेयरमैन के खिलाफ एकजुट हुए पार्षदों में सेंध लग गई है। कुछ पार्षद पाला बदलकर वापस चेयरमैन की तरफ चले गए हैं। वहीं पूर्व में कुर्सी नहीं जाने का दावा करने वाले चेयरमैन सोनू सिहाग का दाव विपक्षी पार्षदों पर भारी पड़ा है। चेयरमैन ने समर्थित पार्षदों की निष्ठा को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने ही उनकी परेड करवा दी। सोनू सिहाग को मजबूत करने में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने अहम भूमिका निभाई। खास यह रही कि मंत्री गंगवा के आलोचक रहे वार्ड 20 के पार्षद दर्शन गिरी भी उनके साथ दिखाई दिए। जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षदों का समर्थन चाहिए और इतने ही पार्षदों ने सीएम के सामने चेयरमैन का साथ देने का वादा किया है। चेयरमैन के खिलाफ एडीसी से मिलने पहुंचे थे पार्षद… चेयरमैन को इन पार्षदों का समर्थन चेयरमैन सोनू सिहाग को वार्ड 20 से पार्षद दर्शन गिरी महाराज, वार्ड 8 से वीर सिंह, वार्ड 26 से राजेंद्र चहल, वार्ड 7 से महेंद्र साहू, वार्ड 17 से मोहित मलिक, वार्ड 26 से यादवेंद्र यादव, वार्ड 28 से दिनेश श्योराण, वार्ड 3 से कर्मकेश कुंडू, वार्ड 1 से विकास सेलवाल, वार्ड 19 से ओपी मालिया और वाइस चेयरपर्सन रीना बूरा का समर्थन हासिल है। रीना बूरा के पति समुंद्र बूरा सीएम से मिले थे। जानिए हिसार जिला परिषद का गणित… हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चेयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए। ऐसे में जजपा बड़ी पार्टी जरूर बनी लेकिन कुर्सी की चाबी कांग्रेस के हाथ चली गई। कांग्रेस ने भाजपा संग मिलकर खेल किया जिसमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने अंदरखाते पार्षद एकजुट किए थे और भाजपा का चेयरमैन बना। जानिये कैसे बची थी चेयरमैन की कुर्सी…
1. डीसी छुट्‌टी पर चले गए
भाजपा चेयरमैन को कुर्सी से हटाने के लिए करीब 24 पार्षद एकजुट हो गए थे। जिला परिषद में कुल 30 पार्षद हैं। ऐसे में चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा हो गया था। इसके बाद पार्षद एकजुट होकर डीसी को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए गए तो डीसी पहले ही छुट्‌टी जा चुके थे। 2. एडीसी का कुत्ता बीमार हो गया
डीसी की गैरमौजूदगी में हिसार एडीसी को पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए गए तो एडीसी पार्षदों के आने से पहले ही निकल पड़ी। पार्षदों ने पता किया तो पता चला एडीसी मैडम का कुत्ता बीमार हो गया है। पार्षदों के जाने के बाद एडीसी कार्यालय आई। 3. पार्षद दोबारा मिले तो हाथ खड़े किए
इसके बाद पार्षद एकत्रित होकर एडीसी से दोबारा मिले तो एडीसी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। एडीसी ने कहा कि डीसी साहब ट्रेनिंग पर बाहर गए हैं और उनके आने पर ही कुछ हो सकेगा। 4. चेयरमैन को कुर्सी बचाने का समय मिल
डीसी के छुट्‌टी जाने और एडीसी के हाथ खड़े करने के बाद चेयरमैन को कुर्सी बचाने का पूरा समय मिल गया। इस बीच चेयरमैन ने मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर से संपर्क किया और कुर्सी को बचाने की कवायद शुरू की। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। जबकि चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर, एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा झूठा पड़ता दिखाई दे रहा है। वहीं चेयरमैन के करीबी दावा कर रहे हैं कि उन्हें कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। ऐसे मिली थी भाजपा चेयरमैन सोनू सिहाग को कुर्सी… 1. BJP ने मंत्री की ड्यूटी लगाई
BJP जानती थी कि हिसार जिला परिषद में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस के समर्थन के बिना मिलनी मुश्किल है। इसलिए पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की ड्यूटी लगाई गई थी। रणजीत की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ पुरानी दोस्ती थी। यहीं से पूरा सियासी चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया गया था। 2. हुड्‌डा भी जजपा की कुर्सी नहीं चाहते थे
भूपेंद्र हुड्‌डा भी नहीं चाहते थे कि हिसार में जजपा का दबदबा बढ़े। ऐसे में तय हो गया कि चेयरमैन BJP का बनेगा। वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी। जिसके बाद वोटिंग हुई और BJP को चेयरमैन और कांग्रेस को वाइस चेयरमैन की कुर्सी मिल गई। कांग्रेस नेता ने कहा था- पैनल्टी कॉर्नर मिला, हमने गोल कर दिया
14 पार्षदों वाली जजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद दोनों कुर्सियों से दूर रह गई थी। इस पर तब कांग्रेसी नेता धर्मवीर गोयत ने कहा था – रणजीत चौटाला ने हमें पैनल्टी कॉर्नर दिया और हमने गोल कर दिया। हम पहले चुपचाप इसलिए रहे, ताकि ये दोनों पार्टियां इक्ट्‌ठी न हो जाए। हमारे पास कर्मकेश कुंडू, दिनेश श्योराण, सुदेश रानी और रीना बदावड़ पार्षद थी। जिसमें रीना अब वाइस चेयरपर्सन बन गई हैं। हरियाणा में हिसार के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बादल फिलहाल हट गए हैं। चेयरमैन के खिलाफ एकजुट हुए पार्षदों में सेंध लग गई है। कुछ पार्षद पाला बदलकर वापस चेयरमैन की तरफ चले गए हैं। वहीं पूर्व में कुर्सी नहीं जाने का दावा करने वाले चेयरमैन सोनू सिहाग का दाव विपक्षी पार्षदों पर भारी पड़ा है। चेयरमैन ने समर्थित पार्षदों की निष्ठा को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने ही उनकी परेड करवा दी। सोनू सिहाग को मजबूत करने में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने अहम भूमिका निभाई। खास यह रही कि मंत्री गंगवा के आलोचक रहे वार्ड 20 के पार्षद दर्शन गिरी भी उनके साथ दिखाई दिए। जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षदों का समर्थन चाहिए और इतने ही पार्षदों ने सीएम के सामने चेयरमैन का साथ देने का वादा किया है। चेयरमैन के खिलाफ एडीसी से मिलने पहुंचे थे पार्षद… चेयरमैन को इन पार्षदों का समर्थन चेयरमैन सोनू सिहाग को वार्ड 20 से पार्षद दर्शन गिरी महाराज, वार्ड 8 से वीर सिंह, वार्ड 26 से राजेंद्र चहल, वार्ड 7 से महेंद्र साहू, वार्ड 17 से मोहित मलिक, वार्ड 26 से यादवेंद्र यादव, वार्ड 28 से दिनेश श्योराण, वार्ड 3 से कर्मकेश कुंडू, वार्ड 1 से विकास सेलवाल, वार्ड 19 से ओपी मालिया और वाइस चेयरपर्सन रीना बूरा का समर्थन हासिल है। रीना बूरा के पति समुंद्र बूरा सीएम से मिले थे। जानिए हिसार जिला परिषद का गणित… हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चेयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए। ऐसे में जजपा बड़ी पार्टी जरूर बनी लेकिन कुर्सी की चाबी कांग्रेस के हाथ चली गई। कांग्रेस ने भाजपा संग मिलकर खेल किया जिसमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने अंदरखाते पार्षद एकजुट किए थे और भाजपा का चेयरमैन बना। जानिये कैसे बची थी चेयरमैन की कुर्सी…
1. डीसी छुट्‌टी पर चले गए
भाजपा चेयरमैन को कुर्सी से हटाने के लिए करीब 24 पार्षद एकजुट हो गए थे। जिला परिषद में कुल 30 पार्षद हैं। ऐसे में चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा हो गया था। इसके बाद पार्षद एकजुट होकर डीसी को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए गए तो डीसी पहले ही छुट्‌टी जा चुके थे। 2. एडीसी का कुत्ता बीमार हो गया
डीसी की गैरमौजूदगी में हिसार एडीसी को पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए गए तो एडीसी पार्षदों के आने से पहले ही निकल पड़ी। पार्षदों ने पता किया तो पता चला एडीसी मैडम का कुत्ता बीमार हो गया है। पार्षदों के जाने के बाद एडीसी कार्यालय आई। 3. पार्षद दोबारा मिले तो हाथ खड़े किए
इसके बाद पार्षद एकत्रित होकर एडीसी से दोबारा मिले तो एडीसी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। एडीसी ने कहा कि डीसी साहब ट्रेनिंग पर बाहर गए हैं और उनके आने पर ही कुछ हो सकेगा। 4. चेयरमैन को कुर्सी बचाने का समय मिल
डीसी के छुट्‌टी जाने और एडीसी के हाथ खड़े करने के बाद चेयरमैन को कुर्सी बचाने का पूरा समय मिल गया। इस बीच चेयरमैन ने मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर से संपर्क किया और कुर्सी को बचाने की कवायद शुरू की। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। जबकि चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर, एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा झूठा पड़ता दिखाई दे रहा है। वहीं चेयरमैन के करीबी दावा कर रहे हैं कि उन्हें कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। ऐसे मिली थी भाजपा चेयरमैन सोनू सिहाग को कुर्सी… 1. BJP ने मंत्री की ड्यूटी लगाई
BJP जानती थी कि हिसार जिला परिषद में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस के समर्थन के बिना मिलनी मुश्किल है। इसलिए पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की ड्यूटी लगाई गई थी। रणजीत की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ पुरानी दोस्ती थी। यहीं से पूरा सियासी चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया गया था। 2. हुड्‌डा भी जजपा की कुर्सी नहीं चाहते थे
भूपेंद्र हुड्‌डा भी नहीं चाहते थे कि हिसार में जजपा का दबदबा बढ़े। ऐसे में तय हो गया कि चेयरमैन BJP का बनेगा। वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी। जिसके बाद वोटिंग हुई और BJP को चेयरमैन और कांग्रेस को वाइस चेयरमैन की कुर्सी मिल गई। कांग्रेस नेता ने कहा था- पैनल्टी कॉर्नर मिला, हमने गोल कर दिया
14 पार्षदों वाली जजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद दोनों कुर्सियों से दूर रह गई थी। इस पर तब कांग्रेसी नेता धर्मवीर गोयत ने कहा था – रणजीत चौटाला ने हमें पैनल्टी कॉर्नर दिया और हमने गोल कर दिया। हम पहले चुपचाप इसलिए रहे, ताकि ये दोनों पार्टियां इक्ट्‌ठी न हो जाए। हमारे पास कर्मकेश कुंडू, दिनेश श्योराण, सुदेश रानी और रीना बदावड़ पार्षद थी। जिसमें रीना अब वाइस चेयरपर्सन बन गई हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर