हरियाणा के चरखी दादरी जिले के एक गांव युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव मकान के पीछे एक पेड़ से लटका मिला। सूचना मिलने पर बाढ़ड़ा थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में भेजा। पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज करने के बाद शव काे पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जानकारी अनुसार गांव कुब्जा नगर निवासी करीब 35 वर्षीय संदीप ने अपने मकान के पीछे पेड़ पर फांसी का फंदा लगा लिया। इससे उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस व मृतक के परिजन चरखी दादरी के सिविल अस्पताल पहुंचे और कागजी कार्रवाई के बाद रविवार करीब चार बजे शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मृतक के भाई अनूप के बयान दर्ज कर मामले में इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई की है। अनूप ने बताया कि वह बीते कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि संदीप समेत वे 9 भाई-बहन हैं और मृतक अविवाहित था। हरियाणा के चरखी दादरी जिले के एक गांव युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव मकान के पीछे एक पेड़ से लटका मिला। सूचना मिलने पर बाढ़ड़ा थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर चरखी दादरी के सिविल अस्पताल में भेजा। पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज करने के बाद शव काे पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जानकारी अनुसार गांव कुब्जा नगर निवासी करीब 35 वर्षीय संदीप ने अपने मकान के पीछे पेड़ पर फांसी का फंदा लगा लिया। इससे उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस व मृतक के परिजन चरखी दादरी के सिविल अस्पताल पहुंचे और कागजी कार्रवाई के बाद रविवार करीब चार बजे शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने मृतक के भाई अनूप के बयान दर्ज कर मामले में इत्फ़ाकिया मौत की कार्रवाई की है। अनूप ने बताया कि वह बीते कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि संदीप समेत वे 9 भाई-बहन हैं और मृतक अविवाहित था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में इनेलो से छिन सकता है सिंबल:वोट शेयर समेत 5 में से एक भी नियम पूरा नहीं, जेजेपी की रहेगी नजर
हरियाणा में इनेलो से छिन सकता है सिंबल:वोट शेयर समेत 5 में से एक भी नियम पूरा नहीं, जेजेपी की रहेगी नजर हरियाणा में पूर्व उपमुख्यमंत्री ताऊ देवीलाल की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) का सिंबल किसी भी समय छीन सकता है। 2029 में इनेलो अपने सिंबल चश्मे पर चुनाव नहीं लड़ पाएगा। लगातार 2 विधानसभा चुनाव में इनेलो के प्रदर्शन को देखते हुए चुनाव आयोग इनेलो का स्थायी सिंबल छीन सकता है। इनेलो को भले ही इस चुनाव में 2 सीटों पर जीत मिली हो, लेकिन पार्टी चुनाव आयोग के सिंबल बचाने के 5 नियमों में से किसी को पूरा नहीं कर पाई। इस बार भी पार्टी को 6 फीसदी से कम वोट मिले। वहीं 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में 2.44% ही वोट हासिल किए थे। इस बारे में जब इनेलो महासचिव अभय चौटाला से बात की तो उन्होंने इसे बकवास बताया। वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) ने 2029 के चुनाव में 5 नियम पूरे नहीं किए तो उनके चुनाव चिह्न चाबी पर संकट पैदा हो सकता है। JJP भी यह प्रयास करेगी कि वह इनेलो के सिंबल को हासिल कर पाए। दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा चुनाव के बाद इस ओर इशारा भी किया था। शर्तों को पूरा नहीं कर सकी पार्टी
हरियाणा विधानसभा के स्पेशल सचिव रहे रामनारायण यादव ने बताया कि इनेलो के पास यह अंतिम मौका था। पार्टी चुनाव चिह्न बचाने के लिए चुनाव आयोग के एक्ट 1968 की धारा 6 ए और सी के तहत दी गई शर्तों को पूरा नहीं कर सकी। जजपा के पास एक और मौका
रामनारायण यादव ने बताया कि इनेलो के सिंबल पर जहां खतरा है वहीं JJP के पास अभी 2029 चुनाव तक मौका है। अगर अगले चुनाव में जजपा 5 में से एक भी नियम पूरा नहीं करती है तो उनका भी सिंबल (चाबी का निशान) जा सकता है। जजपा के पास आगामी दो चुनाव हैं। 2029 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वह अपने सिंबल को बचा सकती है। INSO पर दावा ठोक चुकी जजपा
2019 में विधानसभा चुनाव से पहले डॉ. अजय सिंह चौटाला ने इनेलो से अलग होकर जजपा पार्टी बना ली थी। इनेलो ने इसके बाद स्टूडेंट विंग इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (INSO) को भंग करने का ऐलान किया था। जेल से बाहर आने के बाद डॉ. अजय सिंह चौटाला ने कहा था कि मैं INSO का संस्थापक हूं, इसे कोई भंग नहीं कर सकता। इसके बाद जजपा ने INSO पर दावा ठोक दिया था। इनेलो के आगे अस्तित्व बचाने की लड़ाई
कभी हरियाणा की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाली इनेलो के लिए अब अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इनेलो के लिए चश्मा चुनाव चिन्ह बचाना ही मुश्किल हो रहा है। जिसके लिए उन्हें इस बार 6% मत हासिल करना इसलिए जरूरी था, लेकिन 4.14 फीसदी वोट ही मिले। ऐसे में सिंबल छिन गया तो इनेलो के लिए मुश्किल हो सकती है। कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के नियम 1968 का पालन किया जाता है। जिसके मुताबिक किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए 4 या उससे ज्यादा राज्यों में लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव लड़ना होता है। इसके साथ ही इन चुनावों में उस पार्टी को कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल करने होते हैं। चुनाव आयोग राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त पार्टियों को ही बैठक में निमंत्रण देता है। इसके अलावा भी तमाम तरह की सुविधाएं पार्टी को मिलती है। परिवार में आपसी कलह से टूटी थी इनेलो
2018 में परिवार में आपसी कलह के चलते इनेलो में बड़ी टूट हुई थी। अभय चौटाला के भाई अजय चौटाला ने अपने बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के अलावा कई अन्य नेताओं के साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। इसके बाद हरियाणा में जन नायक जनता पार्टी यानी जजपा का गठन हुआ। अब स्थिति ये है कि हरियाणा में न इनेलो का व्यापक प्रभाव देखने को मिलता है और न ही जजपा का। जजपा और इनेलो में फूट का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा और कांग्रेस को हुआ है। पूर्व डिप्टी PM देवीलाल ने बनाई थी INLD
पूर्व डिप्टी PM ताऊ देवीलाल ने 1987 में इंडियन नेशनल लोकदल के नाम से क्षेत्रीय दल बनाया था, जिसके अध्यक्ष अब उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला हैं। वर्तमान में हरियाणा में इनेलो और जजपा ही दो क्षेत्रीय दल हैं।
करनाल के 2 युवकों की अमेरिका में मौत:साल्टन झील में नहाने गए थे, एक को बचाने के लिए दूसरे ने भी छलांग लगा दी
करनाल के 2 युवकों की अमेरिका में मौत:साल्टन झील में नहाने गए थे, एक को बचाने के लिए दूसरे ने भी छलांग लगा दी अमेरिका के कैलिफोर्निया की साल्टन झील में डूबने से करनाल जिले के 2 युवकों की मौत हो गई। इनमें से एक असंध के गोबिंदगढ़ का रहने वाला है, जबकि दूसरा करनाल के चुरनी गांव का रहने वाला है। दोनों युवक डंकी की से अमेरिका गए थे। दोनों ही अपने परिवार की इकलौती उम्मीद थे। दोनों परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनके बेटों के शव अमेरिका से भारत लाए जाएं, ताकि दोनों को अपने गांव की मिट्टी नसीब हो सके। इक्कम को बचाने गया था महताब गोबिंदगढ़ निवासी 21 वर्षीय मेहताब और चुरनी गांव निवासी इक्कम सिंह दोनों अमेरिका में काम करते हैं और 25 जून को कैलिफोर्निया की साल्टन झील में नहाने गए थे। नहाते समय मेहताब झील में डूबने लगा तो इक्कम उसे बचाने के लिए झील में कूद गया, लेकिन इक्कम भी पानी में डूबने लगा। आसपास के लोगों ने जब दोनों को डूबते देखा तो वे उन्हें बचाने के लिए झील में कूद गए। दोनों को बाहर निकालकर गंभीर हालत में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। अमेरिका में एक ही कमरे पर इक्कम सिंह मेहताब और जलमाना खेड़ा का रहने वाला एक युवक रहते थे। पहले इक्कम सिंह ने झील में झलांग लगाई थी, उसके महताब उसे बचाने के लिए झील में कुद। दोनों को डूबता देख तीसरा जो साथी था जलमाना वाला लड़का वो झील में कुदा। जिसके बाद महताब को उसने बाहर निकाला। लेकिन इक्कम सिंह की नहीं मिल पाया। 24 घंटे बाद इक्कम सिंह का शव झील से बरामद हुआ। वहीं इलाज के दौरान महताब की मौत हो गई। महताब के फूका ने दी मौत की सूचना करनाल जिला के गोबिंदगढ़ का महताब सिंह पुत्र गुलाब सिंह करीब एक साल पहले डंकी से अमेरिका गया था। जहां पर उसका काम अच्छी तरह से चल रहा था। मौत से एक दिन पहले ही उसने अपने पिता से बात की थी, वह काफी खुश था और अपने काम के बारे में भी बताया था कि उसका काम अच्छा चल रहा है। मृतक के पिता गुलाब सिंह ने बताया कि महताब अपने दोस्तों के साथ झील में नहाने गया था। अचानक वह डूब गया। वह घर का इकलौता बेटा था। वहां वह अच्छा काम कर रहा था। 25 जून को हुए इस हादसे की सूचना महताब के फूफा ने दी, जो अमेरिका में ही रहते हैं। महताब और उसके दोस्त पहले कभी झील में नहाने नहीं गए थे, लेकिन पहली बार गए और यह हादसा हो गया। पिता ने लगाई मदद की गुहार महताब के पिता खेतीबाड़ी का काम करते हैं। उन्होंने करीब 35 लाख रुपए खर्च कर अपने बेटे को अमेरिका भेजा था, लेकिन आज वह बेटा उनके बीच नहीं रहा। पिता ने सरकार से अनुरोध किया है कि उनके बेटे का शव भारत लाया जाए ताकि रीति-रिवाज़ के अनुसार दाह संस्कार किया जा सके इसके साथ ही परिवार अब कोशिश कर रहा है कि महताब का शव भारत लाया जा सके। अगर यह संभव नहीं होता, तो वे इमरजेंसी वीजा लगवाने का प्रयास करेंगे ताकि माता-पिता अमेरिका जाकर वहीं अंतिम संस्कार कर सकें। इस संबंध में सरकार से भी बातचीत की जा रही है। नाबालिग है चुरनी गांव का इक्कम सिंह गांव चुरनी का इक्कम सिंह 14 महीने पहले ही अमेरिका गया था, वहां पर वह जॉब कर रहा था। उसके घर वालों ने आधी जमीन बेचकर उसे अमेरिका में भेजा था। ताकि घर के हालात सुधर सके। वह घर का इकलौता बेटा था। जिसकी एक 19 वर्षीय बड़ी बहन नैनी भी है। मृतक के पिता रूपिंद्र सिंह ने बताया कि हमें विश्वास नहीं है कि हमारे बेटे के साथ ऐसा हो सकता है। घर का इकलौता चिराग बुझ चुका है। घर की आर्थिक स्थिति इतनी ज्यादा मजबूत नहीं है कि बेटे का शव भारत लाया जा सके। लाखों रुपए खर्च होंगे। जिसके लिए उन्होंने लोगों से और सरकार से मदद की गुहार लगाई है। बेटे का शव भारत आ जाता है तो उसका आखिरी बार चेहरा देख पाएंगे। इक्कम सिंह के पिता भी खेतीबाड़ी का ही काम करते है। 20 जून को डूबे थे कैथल के दो युवक- इस हादसे से 2 दिन पहले, अमेरिका में नहाते वक्त कैथल जिला के मोहाना व पुंडरी गांव के 2 युवकों की भी झील में डूबने से मौत हो गई थी। दोनों युवक अपने अन्य दोस्तों के साथ वहां की झील में नहाने गए थे और नहाते हुए उनका पैर फिसल गया और वे पानी में बह गए। प्राप्त जानकारी अनुसार सचिन कुमार (22 वर्ष) पुुत्र तेजवीर उर्फ रामु करीब एक साल पहले लाखों रुपए लगाकर डंकी से अमेरिका पहुंचा था। तब से वह वहीं पर था। अनुमान लगाया जा रहा है कि नहाते हुए सचिन का पैर फिसल गया वो डूब गया, वहीं गांव मोहना के दूसरे युवक प्रगट सिंह(करीब 35 वर्ष) पुत्र लाल सिंह भी इसी झील में नहाते हुए बह गया। जिसे वहां नहा रहे लोगों ने समय रहते निकाल लिया। प्रगट सिंह को बचा लिया, लेकिन उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई।
यमुनानगर में एक करोड की चरस जब्त:तीन नाबालिग लड़कियां सहित चार गिरफ्तार; ट्रेन से आई थी खेप
यमुनानगर में एक करोड की चरस जब्त:तीन नाबालिग लड़कियां सहित चार गिरफ्तार; ट्रेन से आई थी खेप यमुनानगर पुलिस ने एक करोड़ की चरस के साथ तीन नाबालिग लड़कियों सहित चार को गिरफ्तार किया। यमुनानगर में सीआईए वन पुलिस स्टाफ ने 33 किलो 900 ग्राम की चरस बरामद की । इस चरस की तस्करी के लिए नाबालिग लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस ने इस संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया है । यमुनानगर सीआईए स्टाफ स्टाफ के इंस्पेक्टर यादविंदर सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि ट्रेन के माध्यम से चरस की खेप आ रही है। जिसको लेकर टीम गठित की। टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया । जिसमें तीन नाबालिग लड़कियां हैं, जिनका इस्तेमाल चरस तस्करी में किया जाता था। उन्होंने बताया कि 33 किलो 900 ग्राम चरस बरामद की गई है। जिसमें राज नामक युवक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो बिहार के मोतिहारी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इस चरस की कीमत बाजार में एक करोड़ बताई जा रही है। इंस्पेक्टर सीआईए ने बताया कि क्योंकि तीन लड़कियां नाबालिग है इसलिए उन्हें सीडब्ल्यूसी के पास पेश किया जा रहा है। इन्हें कौन इस्तेमाल करता था और किस तरह से यह चरस सप्लाई की जाती थी इन सब की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह लोग पहले भी चरस की तस्करी करते थे लेकिन अब बड़े पैमाने पर की है, जिसको लेकर चारों को गिरफ्तार किया गया है।