आनंदपुर साहिब में 5 नए पुलों की मांग:हरजोत बैंस ने केंद्रीय मंत्री खट्टर को लिखा पत्र, समस्याओं से जूझ रहे लोग

आनंदपुर साहिब में 5 नए पुलों की मांग:हरजोत बैंस ने केंद्रीय मंत्री खट्टर को लिखा पत्र, समस्याओं से जूझ रहे लोग

पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आनंदपुर साहिब हलके के विधायक हरजोत बैंस ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाली नदियों पर 5 नए पुल बनाने की मांग की है। बैंस ने कहा कि इन पुलों से न केवल क्षेत्र का सड़क संपर्क बेहतर होगा बल्कि पर्यटन और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। हरजोत बैंस ने सरसा-नंगल पर नया पुल बनाने, ब्रह्मपुर और ड्रौली में 60 साल पुराने पुलों के पुनर्निर्माण, अटारी और आसपास के गांवों के लिए पुल निर्माण और गांव भाओवाल के लिए एक नया पुल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। जहां बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। आनंदपुर साहिब क्षेत्र की चुनौती हरजोत बैंस ने बताया कि आनंदपुर साहिब, नंगल और कीरतपुर साहिब जैसे क्षेत्रों के लोग सड़क संपर्क की कमी के कारण बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास और यहां के निवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पुल निर्माण को प्राथमिकता देने की अपील की। भाखड़ा डैम का महत्व बैंस ने अपने पत्र में लिखा कि भाखड़ा नंगल डैम के निर्माण में उनके पूर्वजों ने अपनी कीमती जमीन दान की थी। उन्होंने कहा कि यह डैम आधुनिक भारत का मंदिर माना जाता है। लेकिन 60 साल पुराने इस डेम के बुनियादी ढांचे के रखरखाव और पुनर्निर्माण के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बैंस ने कहा कि आनंदपुर साहिब वह पवित्र भूमि है। जहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह क्षेत्र नैणा देवी और अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के कारण धार्मिक रूप से भी अत्यधिक महत्व रखता है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आनंदपुर साहिब हलके के विधायक हरजोत बैंस ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखकर भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाली नदियों पर 5 नए पुल बनाने की मांग की है। बैंस ने कहा कि इन पुलों से न केवल क्षेत्र का सड़क संपर्क बेहतर होगा बल्कि पर्यटन और विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। हरजोत बैंस ने सरसा-नंगल पर नया पुल बनाने, ब्रह्मपुर और ड्रौली में 60 साल पुराने पुलों के पुनर्निर्माण, अटारी और आसपास के गांवों के लिए पुल निर्माण और गांव भाओवाल के लिए एक नया पुल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। जहां बेहतर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। आनंदपुर साहिब क्षेत्र की चुनौती हरजोत बैंस ने बताया कि आनंदपुर साहिब, नंगल और कीरतपुर साहिब जैसे क्षेत्रों के लोग सड़क संपर्क की कमी के कारण बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने इस क्षेत्र के विकास और यहां के निवासियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पुल निर्माण को प्राथमिकता देने की अपील की। भाखड़ा डैम का महत्व बैंस ने अपने पत्र में लिखा कि भाखड़ा नंगल डैम के निर्माण में उनके पूर्वजों ने अपनी कीमती जमीन दान की थी। उन्होंने कहा कि यह डैम आधुनिक भारत का मंदिर माना जाता है। लेकिन 60 साल पुराने इस डेम के बुनियादी ढांचे के रखरखाव और पुनर्निर्माण के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बैंस ने कहा कि आनंदपुर साहिब वह पवित्र भूमि है। जहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह क्षेत्र नैणा देवी और अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के कारण धार्मिक रूप से भी अत्यधिक महत्व रखता है।   पंजाब | दैनिक भास्कर