केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अब कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी पर कांग्रेस इस्तीफे की मांग कर रही है। मंगलवार को कांग्रेस ने मंडी में रोष रैली निकाली। कार्यकर्ताओं ने जिला प्रभारी मुजफ्फर गुर्जर की अध्यक्षता में एडीसी रोहित राठौर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से अमित शाह द्वारा माफी मांगने की मांग की है। मुजफ्फर गुर्जर ने बताया कि जिस तरह से भाजपा नेता कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर टिप्पणी करते हैं। कभी बाबा साहब अंबेडकर पर टिप्पणी की जा रही है। उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दलित समाज को पहुंची ठेस- गुर्जर गुर्जर ने कहा कि अंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर दलित समाज को काफी ठेस पहुंची है। केंद्र सरकार तुरंत अमित शाह से इस्तीफा ले और उनके द्वारा दिए गए बयान पर माफी मांगने को कहे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा नेताओं के द्वारा सिर्फ महान पुरुषों का अपमान किया जा रहा है, यह कभी बेरोजगारी की बात नहीं करते, महिलाओं के सम्मान की बात नहीं करते, महंगाई कम करने की बात नहीं करते। सिर्फ लोगों को भड़काने व उनकी भावनाओं को ही आहत करने की बात करते है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अब कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रही है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी पर कांग्रेस इस्तीफे की मांग कर रही है। मंगलवार को कांग्रेस ने मंडी में रोष रैली निकाली। कार्यकर्ताओं ने जिला प्रभारी मुजफ्फर गुर्जर की अध्यक्षता में एडीसी रोहित राठौर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया। जिसमें उन्होंने सार्वजनिक रूप से अमित शाह द्वारा माफी मांगने की मांग की है। मुजफ्फर गुर्जर ने बताया कि जिस तरह से भाजपा नेता कभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर टिप्पणी करते हैं। कभी बाबा साहब अंबेडकर पर टिप्पणी की जा रही है। उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दलित समाज को पहुंची ठेस- गुर्जर गुर्जर ने कहा कि अंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर दलित समाज को काफी ठेस पहुंची है। केंद्र सरकार तुरंत अमित शाह से इस्तीफा ले और उनके द्वारा दिए गए बयान पर माफी मांगने को कहे। उन्होंने कहा कि आज भाजपा नेताओं के द्वारा सिर्फ महान पुरुषों का अपमान किया जा रहा है, यह कभी बेरोजगारी की बात नहीं करते, महिलाओं के सम्मान की बात नहीं करते, महंगाई कम करने की बात नहीं करते। सिर्फ लोगों को भड़काने व उनकी भावनाओं को ही आहत करने की बात करते है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में आज बिजली कर्मचारी-इंजीनियरों का प्रदर्शन:अभियंताओं के 51 पद समाप्त करने, 81 ड्राइवर को नौकरी से हटाने पर भड़के; ब्लैक आउट की चेतावनी हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारी आज प्रदेशभर में प्रदर्शन करेंगे। विद्युत कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) व इंजीनियरों के समाप्त किए गए 51 पदों की बहाली और नौकरी से हटाए गए 81 आउटसोर्स ड्राइवरों को वापस नौकरी पर रखने की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे। राज्य सरकार इनकी मांगे नहीं मानती है तो दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी प्रदेश में ब्लैक आउट करेंगे। बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त मोर्चे पहले ही इसकी चेतावनी दे चुका हैं। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में बिजली बोर्ड और कर्मचारियों में टकराव देखने को मिलेगा। बता दें कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 पद गैर जरूरी बताकर समाप्त करने का फैसला लिया है। इसी तरह 10 से 15 सालों से आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बोर्ड कर्मचारी और इंजीनियर इससे तिलमिला उठे हैं और आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हो गए हैं। फिलहाल आज सांकेतिक धरना है। आंदोलन की अगली रणनीति का ऐलान आज किया जाएगा। फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करेंगे: वर्मा संयुक्त मोर्चे के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी 21 महीने से पुरानी पेंशन योजना की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच सरकार ने दो ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में रोष है। उन्होंने बताया कि इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और 81 ड्राइवरों को नौकरी से हटाने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। इसे वापस नहीं लिया गया तो कर्मचारी काम छोड़कर उग्र आंदोलन करेंगे। इससे प्रदेश में ब्लैक आउट की स्थिति पनप सकती है। बिजली बोर्ड को बांटने की तैयारी हीरालाल वर्मा ने कहा कि 4 दिन पहले प्रदेश सरकार द्वारा मंत्री राजेश धर्माणी की अध्यक्षता में गठित कैबिनेट सब कमेटी के साथ जॉइंट फ्रंट की बैठक हुई है, जिसमें सरकार की तरफ बिजली बोर्ड की कई इकाइयों को विघटित करने की बात हो रही है। जिसमें संचार लाइन व उप केंद्र तथा अन्य संपत्तियों को बिजली बोर्ड से अलग करने की तैयारी है। AIEPF भी समर्थन में उतरी हिमाचल सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया इंजीनियर पावर फेडरेशन (AIEPF) में भी हैरानी जताई और मीडिया को जारी बयान में कहा यदि सरकार इंजीनियरों के 51 पद समाप्त करने और नौकरी से निकाले गए ड्राइवरों को नौकरी पर वापस नहीं रखती तो AIEPF भी आंदोलन के समर्थन में उतरेगी।
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