हिमाचल के किन्नौर जिले के ऊंचे क्षेत्रों आज दूसरे दिन भी बर्फबारी हुई। इससे जनजातीय जिले के तापमान में भी काफी गिरावट आई है। किन्नौर के नागडुम, कोरिक, दुमती में बर्फबारी ताजा बर्फबारी हुई है। इसके बाद अधिक ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौमस ठंडा हो गया। खासकर सुबह शाम के वक्त लोगों को अभी से ठंड का अहसास होने लगा है। बर्फबारी के कारण ऊंचे क्षेत्रों में सेब के तोड़ने का काम भी प्रभावित हुआ है। बर्फबारी के बाद मशहूर पर्यटन स्थल छितकुल, सांगला, कल्पा, रोपा वेली, नाको आदि क्षेत्रों में काफी ठंड बढ़ गई है। जिला मुख्यालय रिकांगपिओ सहित अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार को भी दिनभर रुक रुक कर बारिश होती रही। यहां देखे ताजा बर्फबारी के बाद के फोटो… निगुलसरी में एनएच-5 फिर हुआ बंद बारिश के बाद नेशनल हाईवे-5 निगुलसरी में फिर से वाहनों के लिए बंद हो गया है। इससे पूरे किन्नौर जिला का राजधानी शिमला से संपर्क कट गया है। यहां बीते दो महीने के दौरान कई बार सड़क अवरुद्ध हुई है। वहीं पागल नाला में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए है और तेज बारिश के बाद मलबा सड़क पर आ गया है। पर्यटकों व स्थानीय लोगों को एडवाइजरी जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी है। जिसके लिए प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। हिमाचल के किन्नौर जिले के ऊंचे क्षेत्रों आज दूसरे दिन भी बर्फबारी हुई। इससे जनजातीय जिले के तापमान में भी काफी गिरावट आई है। किन्नौर के नागडुम, कोरिक, दुमती में बर्फबारी ताजा बर्फबारी हुई है। इसके बाद अधिक ऊंचे और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौमस ठंडा हो गया। खासकर सुबह शाम के वक्त लोगों को अभी से ठंड का अहसास होने लगा है। बर्फबारी के कारण ऊंचे क्षेत्रों में सेब के तोड़ने का काम भी प्रभावित हुआ है। बर्फबारी के बाद मशहूर पर्यटन स्थल छितकुल, सांगला, कल्पा, रोपा वेली, नाको आदि क्षेत्रों में काफी ठंड बढ़ गई है। जिला मुख्यालय रिकांगपिओ सहित अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार को भी दिनभर रुक रुक कर बारिश होती रही। यहां देखे ताजा बर्फबारी के बाद के फोटो… निगुलसरी में एनएच-5 फिर हुआ बंद बारिश के बाद नेशनल हाईवे-5 निगुलसरी में फिर से वाहनों के लिए बंद हो गया है। इससे पूरे किन्नौर जिला का राजधानी शिमला से संपर्क कट गया है। यहां बीते दो महीने के दौरान कई बार सड़क अवरुद्ध हुई है। वहीं पागल नाला में भी बाढ़ जैसे हालात बन गए है और तेज बारिश के बाद मलबा सड़क पर आ गया है। पर्यटकों व स्थानीय लोगों को एडवाइजरी जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में नहीं जाने की सलाह दी है। जिसके लिए प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में चाकू से युवक की हत्या:पांच आरोपी गिरफ्तार; ओवरटेकिंग को लेकर हुई बहसबाजी, मेले से घर लौटे रहे थे
हिमाचल में चाकू से युवक की हत्या:पांच आरोपी गिरफ्तार; ओवरटेकिंग को लेकर हुई बहसबाजी, मेले से घर लौटे रहे थे हिमाचल प्रदेश के चंबा में ओवरटेकिंग को लेकर कहासुनी के बाद एक युवक की चाकू से हत्या का मामला सामने आया है। युवक ने पिछले कल अस्पताल को ले जाते वक्त रास्ते में दम तोड़ा। मृतक की पहचान कांगड़ा जिला के नूरपूर के मैहला निवासी निखिल (24) के तौर पर हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने निखिल की हत्या में शामिल चार आरोपी बीती शाम को गिरफ्तार कर दिए गए थे, जबकि पांचवां आरोपी आज सुबह दबोचा गया। आरोपियों में अंकू, विनय, अंकित, अतुल और विशाल शामिल है। अंकू, विनय और अंकित भटियात उपमंडल के तहत कामन गांव के रहने वाले हैं, जबकि अतुल चुवाड़ी का रहने वाला और विशाल लाहड़ी गांव का निवासी है। मेले से घर लौटते वक्त कहासुनी पुलिस के अनुसार, बीते रविवार देर रात आरोपी और मृतक युवक एक मेले से रात के वक्त घर लौट रहे थे। निखिल अपनी गाड़ी में था, जबकि आरोपी दो बाइक पर थे। तब चुवाड़ी स्थित पेट्रोल पंप के पास ओवरटेकिंग को लेकर इनमें कहासुनी हो गई। इस दौरान आरोपियों ने निखिल की गाड़ी पर पथराव किया। निखिल वहां से अपनी कार लेकर भाग गया। मगर लाहड़ू के पास उसकी कार खराब हो गई, जिसके बाद निखिल ने चुवाड़ी में रहने वाले अपने रिश्तेदार को फोन किया। लाहड़ू में चाकू से हत्या वह अपने परिचित के पास जा ही रहा था, इस बीच वहां पर पांचों आरोपी भी पहुंच गए। यहां पर निखिल और आरोपियों के बीच दोबारा झगड़ा हुआ। आरोपियों ने निखिल पर चाकू से वार किया और मौके से फरार हो गए। गंभीर हालत में निखिल ने अपने उपर हमले की जानकारी अपने परिचित को दी। पहले नूरपूर, वहां से पठानकोट और फिर अमृतसर रेफर निखिल को उसके रिश्तेदारों ने नूरपुर अस्पताल पहुंचाया। गंभीर हालात को देखते हुए डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद रेफर कर दिया। इसके बाद रिश्तेदार उसे लेकर पठानकोट स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे। जहां से उसे डॉक्टरों ने अमृतसर रैफर किया। इस दौरान रास्ते में ही निखिल ने दम तोड़ दिया।
हिमाचल सरकार का OPS बहाली वादा अधूरा:9500 कर्मचारियों को नहीं मिली पुरानी पेंशन; 22 महीने से इंतजार, 15 दिन का अल्टीमेटम
हिमाचल सरकार का OPS बहाली वादा अधूरा:9500 कर्मचारियों को नहीं मिली पुरानी पेंशन; 22 महीने से इंतजार, 15 दिन का अल्टीमेटम हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अधूरी पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू कर दी है। प्रदेश के करीब 9500 कर्मचारी 22 महीने से ओपीएस बहाली का इंतजार कर रहे हैं। अकेले बिजली बोर्ड में ही करीब 6100 कर्मचारी ओपीएस का इंतजार कर रहे हैं। इसी तरह शहरी नगर निकायों में करीब 1300 और पंचायतों में सेवाएं दे रहे करीब 2100 कर्मचारियों को ओपीएस नहीं मिल पाया है। कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी कर्मचारियों को ओपीएस देने का वादा किया था। अपने वादे के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में ओपीएस बहाली को मंजूरी दे दी। इसके बाद सरकार ने विभिन्न विभागों समेत कुछ बोर्ड-निगमों में करीब 1.36 लाख कर्मचारियों की ओपीएस बहाल कर बड़ा तोहफा दिया, लेकिन बिजली बोर्ड, शहरी और ग्रामीण नगर निकाय कर्मचारी इससे वंचित रह गए। जिन कर्मचारियों की ओपीएस बहाल हुई थी, उनकी एनपीएस में हिस्सा कटौती भी बंद हो गई है। जून में किया था विरोध
बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने OPS की बहाली को लेकर जून महीने में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था। फिर मुख्यमंत्री के आश्वासन पर उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी थी और सीएम ने बोर्ड प्रबंधन को इन कर्मचारियों को OPS देने के निर्देश दिए थे। लेकिन बोर्ड प्रबंधन उनकी मांग मानने को तैयार नहीं है। बिजली बोर्ड प्रबंधन को 15 दिन का अल्टीमेटम बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन बिजली बोर्ड प्रबंधन इन कर्मचारियों को OPS देने के पक्ष में नहीं है। इसके चलते आने वाले दिनों में इंजीनियर-कर्मचारियों और बोर्ड प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है। OPS बहाली के लिए लड़ेंगे निर्णायक लड़ाई: हीरा लाल बिजली बोर्ड इंजीनियर एवं कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बोर्ड कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार उन्हें ओपीएस देने का आश्वासन दिया गया। लेकिन ओपीएस बहाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि दिवाली के बाद बिजली कर्मचारी ओपीएस की मांग को लेकर चक्काजाम करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। नगरीय निकाय कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों: आसरा राम नगरीय निकाय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष असरा राम ने कहा कि उनके करीब 1300 कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दिया गया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार से अपना वादा पूरा करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस दिया गया है तो उनके 1300 कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
सिरमौर में मनाया गया छठ पूजा:यमुना घाट पर उमड़ी भक्तों की भीड़, औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पांवटा साहिब में बसे लोग
सिरमौर में मनाया गया छठ पूजा:यमुना घाट पर उमड़ी भक्तों की भीड़, औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण पांवटा साहिब में बसे लोग सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में सूर्य उपासना का छठ पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरुवार की शाम को यहां यमुना तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पांवटा साहिब शहर और आसपास के पूर्वांचल के हजारों भक्त शाम 3 बजे से ही पहुंचने शुरू हो गए। देश के बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाए जाने वाले पर्व की पांवटा साहिब में भी धूम रहती है। पांवटा साहिब में भी हर साल मनाया जाता है छठ पूजा
जिला सिरमौर का पांवटा साहिब शहर उत्तराखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित हैं। इसलिए देश के विभिन्न भागों से आकर लोग इस शहर में बसे हैं। अधिकांश लोग उत्तर प्रदेश और बिहार से यहां औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण कामकाज के सिलसिले में आए हैं और काफी लोग यही बस गए हैं। यही कारण है कि यहां छठ पर्व हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बाजार में तो इस पर्व की रौनक रहती ही है। साथ ही इस पर्व के दिन यमुना घाट किनारे मेले जैसा माहौल है, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पर्व मनाने पहुंचते हैं। नहाय-खाय से होती है पूजा की शुरुआत
छठ पूजा के इस त्योहार पर गुरुवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा पर व्रत करने वाली महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। जबकि शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और इसी के साथ छठ पूजा का समापन व व्रत पारण किया जाएगा। छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। इसके दूसरे दिन को खरना कहते हैं। इस दिन व्रती को पूरे दिन व्रत रखना होता है। शाम को व्रती महिलाएं खीर का प्रसाद बनाती हैं। डूबते और उगते सूर्य को दिया जाता है अर्घ्य
छठ व्रत के तीसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाएं शाम के समय तालाब या नदी में जाकर सूर्य भगवान को अर्घ्य देती हैं। चौथे दिन सूर्य देव को जल देकर छठ पर्व का समापन किया जाता है। इस त्योहार को सबसे ज्यादा बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में मनाया जाता है। साथ ही इसे नेपाल में भी मनाया जाता है। इस त्योहार को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।