पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में इंटरव्यू मामले में लोक सेवा आयोग को रिपोर्ट भेजी है। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में पंजाब पुलिस के डीएसपी गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने का काम शुरू हो गया है। लॉरेंस इंटरव्यू मामले में हाईकोर्ट ने निचले अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई थी और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई। बता दें कि जिस समय यह इंटरव्यू एक निजी चैनल पर प्रसारित किया गया था, उस समय लॉरेंस सीआईए खरड़ की हिरासत में था। डीएसपी गुरशेर सिंह मामले की जांच कर रहे थे। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब सरकार ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के पुलिस हिरासत में इंटरव्यू मामले में लोक सेवा आयोग को रिपोर्ट भेजी है। जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। रिपोर्ट में पंजाब पुलिस के डीएसपी गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने का काम शुरू हो गया है। लॉरेंस इंटरव्यू मामले में हाईकोर्ट ने निचले अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई थी और राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई। निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई क्यों की गई। बता दें कि जिस समय यह इंटरव्यू एक निजी चैनल पर प्रसारित किया गया था, उस समय लॉरेंस सीआईए खरड़ की हिरासत में था। डीएसपी गुरशेर सिंह मामले की जांच कर रहे थे। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मोनिका मलिक ने 2005 में हॉकी की प्रैक्टिस करनी शुरू की थी। साल 2007 में मोनिका ने डे-बोर्डिंग स्कीम के तहत एकेडमी जॉइन की थी। 2009 में चंडीगढ़ गर्ल्स टीम ने स्कूल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इस टीम में मोनिका मलिक ने भी अहम भूमिका निभाई थी। 2011 में मोनिका की मौजूदगी में चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। 2012 में भी चंडीगढ़ टीम ने जूनियर नेशनल में सिल्वर मेडल जीता था। अपने शानदार प्रदर्शन के चलते मोनिका ने इंडिया की जूनियर टीम में जगह बनाई और 2014 में जर्मनी में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। मोनिका ने इसके बाद हरियाणा की तरफ से खेलना शुरू किया। जिसका असर हरियाणा महिला टीम में देखने को मिला। टीम ने 2014 में सीनियर नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता था। मोनिका टोक्यो ओलिंपिक में भी भारतीय टीम का हिस्सा थी। टीम पदक जीतने में सफल नहीं हो सकी, लेकिन प्रदर्शन की सबने तारीफ की थी।
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