जालंधर | एनएचएआई ने 1 अप्रैल से टोल रेट बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी किया है। अब दिल्ली जाने वाले चालकों की जेब पर बोझ बढ़ने जा रहा है। घरौंडा (करनाल) और घग्गर (अम्बाला) टोल पर कार, जीप-वैन से वसूले जाने वाले टैक्स में 10 से 15 रुपए तक बढ़ोतरी की गई है। हैवी वाहनों के पास में 750 से 1000 से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। घरौंडा में अभी कार से 185 रुपए सिंगल और अपडाउन के 280 रुपए वसूले जाते हैं। 1 अप्रैल से 195 सिंगल साइड और डबल के 290 रुपए वसूले जाएंगे। इसी तरह बस-ट्रक के पास का रेट पहले 21000 है और 1 अप्रैल को 21750 रुपए देने होंगे। 20 किमी दायरे में आने वाले इलाकों के लोगों के पास में 5 से 10 रुपए बढ़े हैं। घग्गर टोल पर कार, जीव-वैन के रेटों में ~5, मासिक पास में ~145, जबकि बस-ट्रक के पास में 475 रुपए बढ़े हैं। कहां कितना टोल टैक्स घरौंडा (करनाल) वाहन सिंगल वापसी कार/जीप/वैन 195 290 एलसीवी 310 465 बस/ट्रक 650 980 3 एक्सल 710 1070 घग्गर (अम्बाला) कार/जीप/वैन 125 185 एलसीवी 200 300 बस/ट्रक 415 625 3 एक्सल 455 680 जालंधर | एनएचएआई ने 1 अप्रैल से टोल रेट बढ़ाने का नोटिफिकेशन जारी किया है। अब दिल्ली जाने वाले चालकों की जेब पर बोझ बढ़ने जा रहा है। घरौंडा (करनाल) और घग्गर (अम्बाला) टोल पर कार, जीप-वैन से वसूले जाने वाले टैक्स में 10 से 15 रुपए तक बढ़ोतरी की गई है। हैवी वाहनों के पास में 750 से 1000 से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। घरौंडा में अभी कार से 185 रुपए सिंगल और अपडाउन के 280 रुपए वसूले जाते हैं। 1 अप्रैल से 195 सिंगल साइड और डबल के 290 रुपए वसूले जाएंगे। इसी तरह बस-ट्रक के पास का रेट पहले 21000 है और 1 अप्रैल को 21750 रुपए देने होंगे। 20 किमी दायरे में आने वाले इलाकों के लोगों के पास में 5 से 10 रुपए बढ़े हैं। घग्गर टोल पर कार, जीव-वैन के रेटों में ~5, मासिक पास में ~145, जबकि बस-ट्रक के पास में 475 रुपए बढ़े हैं। कहां कितना टोल टैक्स घरौंडा (करनाल) वाहन सिंगल वापसी कार/जीप/वैन 195 290 एलसीवी 310 465 बस/ट्रक 650 980 3 एक्सल 710 1070 घग्गर (अम्बाला) कार/जीप/वैन 125 185 एलसीवी 200 300 बस/ट्रक 415 625 3 एक्सल 455 680 पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में सुनार के घर से 70 लाख की चोरी:दिन-दहाडे़ घर में घुसे चोर, परिवार गया था अंतिम संस्कार में अमृतसर में दिन दिहाड़े एक चोर ने घर से 70 लाख के गहने और कैश चुरा लिया। परिवार वाले उस समय बाहर गए थे, जब चोर घर में घुसा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। अमृतसर के प्रताप नगर निवासी हरचरण सिंह ने बताया कि आज दोपहर करीब तीन बजे वो किसी रिश्तेदार के अंतिम संस्कार पर गए थे। अंतिम संस्कार के बाद वो तकरीबन 4 बजे घर आ गए। जब घर आए तो आकर देखा कि घर के तले टूटे हुए थे और सारा सामान बिखरा पड़ा था। अलमारियां चेक की गई तो उनके भी ताले टूटे हुए थे और उसमें से सोने के गहने और कैश गायब था। हरचरण सिंह ने बताया कि कैमरा चेक करने पर पता चला कि एक अनजान व्यक्ति घर के अंदर घुसा और चोरी करके चला गया। उन्होंने बताया कि वो सुनार हैं। घर में सोने-चांदी के गहने पड़े थे। करीब 70 लाख का नुकसान हुआ है। चोर जाते हुए अपने साथ सीसीटीवी कैमरे की की डीवीआर भी साथ ले गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें 112 पर फोन आया था और चोरी की जानकारी मिली थी। जिसके बाद उन्होंने आस पास के कैमरे खंगाले जा रहे हैं। कुछ फुटेज हासिल की है। जल्द ही चोर को पकड़ लिया जाएगा।

पंजाब में आज भी हाईवे जाम:सीएम ने गृहमंत्री और प्रहलाद जोशी से की बात; बोले- सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं
पंजाब में आज भी हाईवे जाम:सीएम ने गृहमंत्री और प्रहलाद जोशी से की बात; बोले- सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं पंजाब में सड़कों पर सफर करने वाले लोगों को आज भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। मंडियों में धान की खरीद न होने और डीएपी की कमी के मुद्दे पर राज्य के किसान संगठनों ने 4 हाईवे अनिश्चितकाल के लिए जाम कर दिए हैं। इन हाईवे में फगवाड़ा में एनएच पर शुगर मिल के सामने, मोगा-फिरोजपुर हाईवे, संगरूर-बरनाला हाईवे और गुरदासपुर-श्री हरगोबिंदपुर मार्ग शामिल हैं। आज (रविवार) किसानों का संघर्ष दूसरे दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं, सीएम भगवंत मान ने इस मामले में फिर से गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से संपर्क किया है। साथ ही इस दिशा में पहल के आधार पर कार्रवाई की मांग की है। सीएम ने किसानों से कहा है कि सड़कों पर बैठना समस्या का समाधान नहीं है। रोजाना होने वाले विरोध प्रदर्शनों से आम लोग परेशान हैं। जरूरत से ज्यादा कुछ भी बुरा होता है। हम समस्या को समझते हैं। वहीं, किसानों ने साफ कर दिया है कि अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो विरोध प्रदर्शनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। 30 जून के बाद राज्य में धान का उठाव होगा सीएम ने कहा कि धान के उठाव को लेकर सरकार आज गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से बात कर रही है। चावल के उठाव का मुद्दा उठाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों में जो धान आ रहा है, उसका उठाव हो रहा है। किसानों को भुगतान किया जा रहा है। हालांकि, बाद में पता चलेगा कि किस किस्म का धान सूख रहा है। हमने जो समझौता किया है, उसमें हम यह कहने को तैयार हैं कि अगर केंद्र सरकार 30 जून तक धान का उठाव नहीं करती है, तो हम उठाव करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए। डीएपी को लेकर केंद्र से सकारात्मक जवाब सीएम मान ने शनिवार शाम केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद सीएम ने बताया कि पंजाब में 1.5 लाख मीट्रिक टन डीएपी का गैप है। देश के अनाज भंडार में पंजाब का योगदान 50 फीसदी गेहूं का है। गेहूं के लिए डीएपी का जितना स्टॉक चाहिए, उतना हमें दिया जाए। हमारी जरूरत 4 लाख 80 मीट्रिक टन है। 3.30 लाख मीट्रिक टन डीएपी आ चुकी है। 1.5 लाख टन का गैप है। यहां गेहूं की बिजाई का समय 10 से 15 नवंबर तक है। ऐसे में पंजाब को प्राथमिकता के आधार पर डीएपी दिया जाना चाहिए। अन्य राज्यों को डीएपी बाद में दिया जा सकता है। इस पर सकारात्मक जवाब मिला है।

पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी
पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा-पंजाब सरकार को चेतावनी:कहा- सख्त आदेश देने को मजबूर न करें; जुर्माना कम लगाया, जानकारी भी गलत दी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट ने गलत जानकारी देने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। हरियाणा सरकार की कार्रवाई से भी सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नजर नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि हमें सख्त आदेश देने के लिए मजबूर न करें। जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस ए अमानुल्लाह और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने पंजाब और हरियाणा सरकार की खेतों में पराली जलाने से रोकने की कोशिशों को महज दिखावा बताया। कोर्ट ने कहा कि अगर ये सरकारें वास्तव में कानून लागू करने में रुचि रखती हैं तो कम से कम एक मुकदमा तो चलना ही चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकारों को याद दिलाया जाए कि प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। प्रदूषण में रहना अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम (EPA) के तहत नियम बनाने और जिम्मेदार अधिकारियों की नियुक्ति करने के लिए केंद्र सरकार को दो हफ्ते का समय दिया। दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा- आयोग ने प्रदूषण रोकने के लिए लागू होने वाली सख्तियों को लागू करवाने के लिए कोई मैकेनिज्म तैयार नहीं किया। प्रदूषण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसके बजाय उन्हें सिर्फ नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया? जिस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि पराली जलाने वालों पर 10 दिन के अंदर CAQM एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट की हरियाणा सरकार को कही 2 अहम बातें… 1. आपके आंकड़े हर मिनट बदल रहे
हरियाणा के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि प्रदेश में फसल जलाने की 400 घटनाएं हुई हैं और राज्य ने 32 एफआईआर दर्ज की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा कि उनके आंकड़े हर मिनट बदल रहे हैं। सरकार पिक एंड चूज कर रही है। कुछ ही लोगों से जुर्माना लिया जा रहा है और बहुत कम लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कुछ लोगों पर एफआईआर दर्ज करने और कुछ पर मामूली जुर्माना लगाने को लेकर चिंतित हैं। 2. किसानों को क्या कुछ दिया
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के मुख्य सचिव से पूछा- पराली को लेकर क्या किया जा रहा है और क्या किसानों को कुछ दिया गया? इस पर मुख्य सचिव ने कहा कि पराली निस्तारण के लिए करीब 1 लाख मशीनें दी गई हैं, जिससे पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को कही 4 अहम बातें… 1. नाममात्र जुर्माना वसूला, 600 लोगों को बख्शा
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव को कहा कि प्रदेश में पराली जलाने के मामले में 1,080 FIR दर्ज की गईं, लेकिन आपने केवल 473 लोगों से नाममात्र का जुर्माना वसूला है। आप 600 या अधिक लोगों को बख्श रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि आप पराली जलाने वालों को संकेत दे रहे हैं कि उनके खिलाफ कुछ नहीं किया जाएगा। ऐसा पिछले तीन साल से हो रहा है। 2. एडवोकेट जनरल बताएं, झूठा बयान किसके कहने पर दिया
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के एडवोकेट जनरल और मुख्य सचिव को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि एडवोकेट जनरल बताएं कि किस अधिकारी के कहने पर उन्होंने केंद्र से मशीनें और फंड मांगने का झूठा बयान दिया था। मुख्य सचिव बताएं कि एडवोकेट जनरल को ऐसा किस अधिकारी ने करने के लिए कहा। हम उसे अवमानना का नोटिस जारी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी पर भी नाराजगी दिखाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार गंभीर नहीं दिख रही। पहले एडवोकेट जनरल ने कहा कि किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। अब आप बता रहे कि इस साल 5 केस दर्ज हुए। सुप्रीम कोर्ट ने कोई मुकदमा न होने के बारे में पंजाब सरकार का पिछला एफिडेविट भी दिखाया। 3. क्या 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढी
सुप्रीम कोर्ट ने आगे पूछा कि एफिडेविट में गांव स्तर पर निगरानी कमेटी की बात कही गई है। सरकार ने कब आदेश दिया। कमेटी कब बनी। इसका नोडल अफसर कौन है? इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 9 हजार कमेटियां बनी हैं। हम पूरे ब्योरे के साथ एफिडेविट दाखिल करेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 9 हजार लोगों ने सिर्फ 9 घटनाएं ढूंढीं? 4. आपने ISRO की रिपोर्ट तक झुठला दी, 400 लोग छोड़े
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह ISRO की सैटेलाइट रिपोर्ट तक झुठला देते हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के वकील ने कहा कि अमृतसर में 400 घटनाएं हुई हैं। कोर्ट ने पूछा कि हाल के दिनों में कितनी घटनाएं हुई हैं। इस पर एडवोकेट सिंघवी ने कहा कि 1510 घटनाएं हुईं और 1,080 केस दर्ज किए गए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें भी आपने 400 लोगों को छोड़ दिया। इस पर सिंघवी ने कुछ रिपोर्ट गलत निकलने की बात कही। हरियाणा और पंजाब में वायु प्रदूषण के हालात पढ़िए… पानीपत गैस चैंबर बना, 17 जिलों में AQI 300 पार
हरियाणा में जीटी रोड पर आने वाले 6 जिलों में प्रदूषण खतरनाक लेवल तक पहुंच गया है। पानीपत गैस चैंबर बन गया है। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 तक पहुंच गया है। वहीं, 17 जिलों में AQI 300 से ऊपर है, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। मंगलवार को कुरुक्षेत्र का AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया है। सुबह और शाम सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन महसूस हो रही है। दिल्ली-NCR में ग्रैप टू की पाबंदियां लागू हो चुकी हैं। NCR में प्रदेश के 14 जिले आते हैं। जिनमें प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, उस हिसाब से ग्रैप 3 की पाबंदियां भी जल्द लागू हो जाएंगी। पंजाब के 2 जिलों में AQI 200 पार
पंजाब के 2 शहरों में AQI 200 पार हो चुका है। इनमें मंडी गोबिंदगढ़ का AQI 230 और अमृतसर का 203 हो चुका है। इसके अलावा लुधियाना का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 191 है। बाकी जिलों का AQI अभी 200 से कम है। वाइस चांसलर बिश्नोई बोले- 400 AQI में ऑक्सीजन की कमी होती है
पर्यावरण के जानकार गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी (GJU) के वाइस चांसलर प्रो. नरसीराम बिश्नोई का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण वरिष्ठ नागरिकों को सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं। AQI का स्तर 400 के आसपास पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी होती है। धीरे-धीरे इन्फेक्शन, ब्रोंकाइटिस (श्वास नलियों में सूजन) की बीमारी बढ़ जाती है। आंखों में जलन होने लगती है। प्रदूषण के लिए पराली ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। पराली को इसलिए खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इसे जलाने से जहरीली गैस वातावरण में फैलती है। पराली जलाने से रोकने को हरियाणा और पंजाब सरकार ने क्या कार्रवाई की… हरियाणा सरकार के 3 बड़े दावे 1. 150 किसानों पर FIR, 29 गिरफ्तार
हरियाणा सरकार का दावा है कि राज्य में करीब 150 किसानों के खिलाफ अब तक FIR दर्ज हो चुकी है। इसमें 29 लोगों को गिरफ्तार और 380 को रेड लिस्ट किया गया है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो कुरुक्षेत्र में 46, जींद में 10, सिरसा में 3, फतेहाबाद में 2 किसानों पर FIR दर्ज की गई है। वहीं सिरसा में 3 महिला किसानों पर केस दर्ज किया है। जांच में महिला किसानों की ओर से जमीन पट्टे पर दिए जाने की बात सामने आई। अब पुलिस काश्तकार किसानों को तलब करेगी। वहीं, पलवल में पराली जलाने पर एक महिला किसान के खिलाफ केस दर्ज किया गया। करनाल में 5, सोनीपत और कैथल में 2-2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, कुछ समय बाद इन्हें जमानत दे दी गई। फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर अब तक 8.35 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। 2. कृषि विभाग के 24 अधिकारी और कर्मचारी सस्पेंड किए
एक दिन पहले कृषि विभाग ने 24 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड किया। इन अधिकारियों में एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर (ADO) से लेकर एग्रीकल्चर सुपरवाइजर के अलावा कर्मचारी भी शामिल हैं। कृषि विभाग के डायरेक्टर राज नारायण कौशिक की तरफ से 9 जिलों के अधिकारियों पर एक्शन लिया गया है। इसमें पानीपत, जींद, हिसार, कैथल, करनाल, अंबाला, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र और सोनीपत के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। पराली जलाने के बढ़ रहे केसों पर कार्रवाई न होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक्शन लिया गया है। 3. तीन साल में मामले आधे से कम हुए
प्रदेश में 3 साल में आधे से भी कम मामले हो गए हैं। 2021 में प्रदेश में 15 सितंबर से अभी तक पराली जलाने के 1,508 के मामले दर्ज किए गए थे। उसके बाद 2022 में 893 और 2023 में 714 मामले दर्ज हुए थे। मगर अब 2024 में यह आंकड़ा 665 पर रुका है। सरकार की तरफ से इस आंकड़े को कम करने के लिए लगातार छापे भी मारे जा रहे हैं। पंजाब सरकार बोली- 10.55 लाख जुर्माना, 394 के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की
पंजाब पुलिस के स्पेशल DGP (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला का कहना है कि पराली जलाने के मामलों में पुलिस की तरफ से अब तक 874 केस दर्ज किए गए हैं। 10.55 लाख का जुर्माना लगाया गया है। 394 किसानों के रेवेन्यू रिकॉर्ड में रेड एंट्री की गई है। लोगों पर केवल कार्रवाई नहीं की जा रही, बल्कि उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है, ताकि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। पराली जलाने से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… हरियाणा में पराली जलाई तो मंडी में फसल बिक्री बंद: 2 सीजन रोक हरियाणा में करीब एक हफ्ते पहले पराली जलाने को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया। पराली जलाने वाले किसान अगले 2 सीजन मंडियों में फसल नहीं बेच पाएंगे। इसके लिए उनके ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ के रिकॉर्ड में रेड एंट्री की जाएगी। सरकार ने इसका मकसद पराली जलाने की घटनाओं को रोकना बताया है। पूरी खबर पढ़ें…