भिवानी में करंट लगने से किसान की मौत हो गई। वह फसल में पानी लगने गया था। मृतक के तीन बच्चे हैं। ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। घटना रविवार की है। गांव डाभ ढाणी निवासी मदन लाल खेत में पानी लगाने के लिए गया था। खेत में मोटर चलाते समय मदन को करंट लग गया और इस घटना में मदन की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के तीन बच्चे थे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मृतक किसान के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल में लेकर आई। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव जांच अधिकारी एएसआई ने बताया कि परिजनों के बयान के आधार पर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस ने मामले की जांच कर रही है। भिवानी में करंट लगने से किसान की मौत हो गई। वह फसल में पानी लगने गया था। मृतक के तीन बच्चे हैं। ग्रामीणों ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। घटना रविवार की है। गांव डाभ ढाणी निवासी मदन लाल खेत में पानी लगाने के लिए गया था। खेत में मोटर चलाते समय मदन को करंट लग गया और इस घटना में मदन की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक के तीन बच्चे थे। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मृतक किसान के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए चौधरी बंसीलाल सामान्य अस्पताल में लेकर आई। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा शव जांच अधिकारी एएसआई ने बताया कि परिजनों के बयान के आधार पर शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया है। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों के हवाले कर दिया है। पुलिस ने मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी में सरपंच को धमकाने वाले 3 गिरफ्तार:लॉरेंस गैंग के नाम पर दी धमकी; बोले- मर्डर केस में आरोपी के कहने पर की वारदात भिवानी में पुलिस ने सरपंच को लॉरेंस गैंग की आड़ में वॉट्सऐप कॉल कर जान से मारने की धमकी देने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों से तीन मोबाइल बरामद किए हैं। तीनों आरोपी पीड़ित के गांव के ही व्यक्ति निकले हैं। ये आरोपी लॉरेंस गैंग से नहीं है। आरोपियों ने केवल दहशत फैलाने के लिए लॉरेंस गैंग का नाम लिया था। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गांव खरक कलां निवासी प्रीतम, तेजबीर व कमल के रूप में हुई है। दीपक मुंडी नाम बताकर दी थी धमकी गांव खरक कलां के सरपंच राजकुमार ने पुलिस को बताया कि 21 जून की रात के समय उनके वॉट्सऐप पर एक कॉल आई थी। कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम दीपक मुंडी बताया था। उसने अपना लॉरेंस गैंग से संबंध बताया था। कॉल करने वाले ने राजकुमार को गांव में हुए गौरव मर्डर केस में सहायता ना करने के लिए कहा था। पुलिस ने इस शिकायत पर मामला दर्ज किया था। पुलिस चौकी खरक कलां के इंचार्ज सहायक उप निरीक्षक नरेंद्र ने सरपंच को धमकी देने के मामले में तीन आरोपियों को बस अड्डा खरक कलां से गिरफ्तार किया। मर्डर केस में आरोपी के कहने पर दी धमकी पुलिस द्वारा आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह किसी भी गैंग से संबंध नहीं रखते है। गौरव मर्डर में आरोपी शिवम के कहने पर सरपंच राजकुमार को दीपक मुंडी लॉरेंस गैंग के सदस्य के नाम से झूठ बोलकर धमकी दी थी। नाम बदल कर दी थी धमकी सरपंच राजकुमार को धमकाने के लिए नाम बदलकर कॉल किया था। सभी आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने आरोपियों को जिला कारागार भेजने के आदेश दिए हैं। इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
हरियाणा में कांग्रेस-BJP की सोशल इंजीनियरिंग:14 सीटों पर जाट Vs जाट, 15 पर दोनों के प्रत्याशी OBC; 3 सीटों पर हिंदू-मुस्लिम कैंडिडेट्स का मुकाबला
हरियाणा में कांग्रेस-BJP की सोशल इंजीनियरिंग:14 सीटों पर जाट Vs जाट, 15 पर दोनों के प्रत्याशी OBC; 3 सीटों पर हिंदू-मुस्लिम कैंडिडेट्स का मुकाबला हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के सिलेक्शन के लिए पूरी सोशल इंजीनियरिंग की है। दोनों दलों ने हर सीट पर जातीय गणित का अपने-अपने हिसाब से असेस्मेंट करके कैंडिडेट्स फिट किए हैं। यही वजह है कि विधानसभा की 90 में से 38 सीटें ऐसी हैं, जहां एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। राज्य की 35 सीटों पर BJP और कांग्रेस ने अलग-अलग जाति के कैंडिडेट्स को एक-दूसरे के सामने उतारा है। राज्य में 15वीं विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा जाटों पर दांव खेला है। कांग्रेस ने 28 जाट उम्मीदवार उतारे हैं वहीं गैरजाट की राजनीति करने वाली BJP ने 16 सीटों पर जाट कैंडिडेट्स को टिकट दिए हैं। भाजपा ने OBC पर बड़ा दांव खेलते हुए सबसे ज्यादा 24 उम्मीदवार इस वर्ग से उतारे हैं। कांग्रेस ने 21 सीटों पर ओबीसी वर्ग को टिकट दी हैं। राज्य की 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व हैं। कांग्रेस और BJP ने किसी सामान्य सीट पर दलित बिरादरी को टिकट देने की हिम्मत नहीं दिखाई। हरियाणा के जातिगत समीकरण देखें तो यहां 3 जातियां सरकार बनाने में अहम रोल निभाती रही हैं। इनमें OBC सबसे ज्यादा 33%, उसके बाद 25% जाट और 21% दलित आबादी है। 2 सीटें ऐसी भी हैं, जहां भाजपा-कांग्रेस ने मुस्लिम बिरादरी को आमने-सामने टिकट दिया है। तीन सीटों पर हिंदू और मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। इन सीटों पर कांग्रेस ने मुस्लिम कैंडिडेट्स को टिकट दिए वहीं भाजपा ने उनके सामने हिंदू प्रत्याशी उतारे हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग और 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। सीटवाइज जानिए..कहां किस धर्म-जाति के बीच मुकाबला…
हिसार में 1.75 करोड़ की सड़क 10 दिन में ढही:PWD मंत्री के गांव में बनी, निर्माण एजेंसी को नोटिस, भुगतान रोका
हिसार में 1.75 करोड़ की सड़क 10 दिन में ढही:PWD मंत्री के गांव में बनी, निर्माण एजेंसी को नोटिस, भुगतान रोका हरियाणा के हिसार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा के गांव की सड़क महज 10 दिन में ही टूट गई। मंत्री ने अपने ही विभाग के मंत्री के गांव की सड़क पर घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। नतीजा ये हुआ कि 1.75 करोड़ रुपये की ये सड़क बनते ही टूट गई। अब इसको लेकर बवाल मचा हुआ है। ये सड़क मंत्री के गांव से आर्यनगर तक जाती है। स्थानीय लोगों ने जब इस 5.5 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण को लेकर अधिकारियों और मंत्री से शिकायत की तो इस मामले के बाद उच्च अधिकारियों में हड़कंप मच गया। लोगों का कहना था कि जो सड़क अभी बनी ही है वो महज 10 दिन में टूटने लगी। आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पहले सड़क पर इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल की जांच कराई और बाद में संबंधित एसडीओ राकेश अरोड़ा और जेई तरुण को कारण बताओ नोटिस जारी किया। ग्रामीणों ने जब मामले की शिकायत कैबिनेट मंत्री से की तो मंत्री गंगवा ने अधिकारियों को निर्देश देकर एजेंसी का भुगतान रोक दिया। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण पर सवाल उठाते हुए मंत्री से यहां तक कह दिया कि अगर आपके विभाग के अधिकारी आपके गांव की सड़क ही सही तरीके से नहीं बना रहे तो पूरे हरियाणा का क्या हाल होगा। गांव गंगवा से आर्यनगर तक जाती नई सड़क क्वालिटी कंट्रोल टीम ने भरे सैंपल
विभाग की क्वालिटी कंट्रोल टीम ने इस सड़क पर लगे इंटरलॉकिंग टाइलों, बिटुमिन व ईंटों के सैंपल लेकर लैब में जांच की। जांच में इंटरलॉकिंग टाइलों की स्ट्रैंथनिंग निर्धारित स्टैंडर्ड से कम मिली। इसके अलावा बिटुमिन भी कम मिला। रोड के साथ जो नाला बनाया जाना था इसमें लगी ईंटें भी एक नंबर की नहीं थी। तीनों सैंपल फेल आए। क्वालिटी कंट्रोल ने सैंपल रिपोर्ट एसई को भेजी। इसके बाद एसई ने एसडीओ व जेई पर एक्शन लेने को लेकर एक्सईएन को लिखा। एक्सईएन ने कार्रवाई से पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पौने 2 करोड़ रुपए की लागत से बनाया था रोड
बीएंडआर के अधिकारियों ने बताया कि यह रोड करीब पौने 2 करोड़ की लागत से बनाया गया था। साढ़े 5 किलोमीटर के इस रोड का बिटुमिन व इंटरलॉकिंग टाइलों से निर्माण किया गया है। बिटुमिन रोड की चौड़ाई 12 फीट है। इसके कुछ हिस्से में इंटरलॉकिंग टाइलों से भी रोड बनाया गया है, जिसकी चौड़ाई 18 फीट है। इंटरलॉकिंग टाइलें 80 एमएम की लगाई गई। रोड के साथ नाले का निर्माण भी किया गया है। रोड के निर्माण अभी 30 दिन पहले ही हुआ है। इसके अलावा नाले का निर्माण भी डिजाइन के अनुरूप नहीं हुआ। इसके अलावा बरताली नाले का लैवल भी ठीक नहीं किया गया है। विभाग ने ड्राइंग ब्रांच ने डिजाइन तैयार करके दिया था उसके अनुरूप इसका निर्माण नहीं किया गया। दूसरा नाले का लैवल भी ठीक नहीं मिला। हालांकि अधिकारियों ने कार्रवाई के डर से अब पूरे नाले को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है। एक महीना पहले मंत्री के हलके में बनाई घटिया सामग्री से सड़क अता दें कि हिसार में 15 नवंबर को PWD मंत्री रणबीर गंगवा ने सड़क निर्माण में कोताही बरतने पर विभाग के एक्सईएन, SDO और JE को सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। मंत्री गांव धिकताना से धान्सू तक बनने वाले करीब 5.440 किमी लंबे रोड की जांच करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री ने सड़क के बीच गाड़ी रुकवाई और ठोकर मारी तो बजरी सड़क पर बिखर गई। मंत्री के पास इस रोड की शिकायत आ रही थी। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में एक्सईएन रजनीश कुमार, एसडीओ दलबीर राठी और जेई सुरेश कुमार शामिल थे। उचित एक्शन लिया जाएगा : एसई अजीत सिंह वहीं इस बारे में बीएंडआर के एसई अजीत सिंह का कहना है कि गंगवा से आर्य नगर रोड के सैंपल फेल आए हैं। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को एसडीओ व जेई व निर्माण एजेंसी के खिलाफ उचित एक्शन के लिए लिखा है। एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने एसडीओ व जेई को पहले कारण बताओं नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद नियमानुसार जो भी कार्रवाई होगी दोनों के खिलाफ की जाएगी।