<p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar BPSC Protest: </strong><span style=”font-weight: 400;”>बिहार में 70वीं बीपीएससी के लिए हुई प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितता और गड़बड़ी का अभ्यर्थी आरोप लगा रहे हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि री-एग्जाम हो. हालांकि आयोग (बीपीएससी) की ओर से सिर्फ पटना के ‘बापू परीक्षा सेंटर’ के एग्जाम को रद्द किया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों की मांग है पूरी परीक्षा रद्द हो. इसको लेकर कई दिनों से पटना के गर्दनीबाग में वे लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.</span></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar BPSC Protest: </strong><span style=”font-weight: 400;”>बिहार में 70वीं बीपीएससी के लिए हुई प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितता और गड़बड़ी का अभ्यर्थी आरोप लगा रहे हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि री-एग्जाम हो. हालांकि आयोग (बीपीएससी) की ओर से सिर्फ पटना के ‘बापू परीक्षा सेंटर’ के एग्जाम को रद्द किया गया है, लेकिन अभ्यर्थियों की मांग है पूरी परीक्षा रद्द हो. इसको लेकर कई दिनों से पटना के गर्दनीबाग में वे लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.</span></p> बिहार BPSC Protest: बीपीएससी अभ्यर्थियों पर चली लाठी तो बोले संजय सिंह, ‘बिहार वीरों की धरती वहां…’
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पंजाब में ट्रिपल मर्डर के बाद सुसाइड:अकाली नेता ने मां-बेटी और पालतू कुत्ते को गोली मारी; पत्नी के बाहर जाते ही वारदात
पंजाब में ट्रिपल मर्डर के बाद सुसाइड:अकाली नेता ने मां-बेटी और पालतू कुत्ते को गोली मारी; पत्नी के बाहर जाते ही वारदात पंजाब में अकाली नेता कुलवीर सिंह मान ने अपनी मां और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने खुद को भी गोली मार ली। यह घटना उस समय हुई जब उनकी पत्नी रोजाना की तरह शाम को दूध लेने चली गई। उसके बाद मान ने अपनी रिवाल्वर से वारदात को अंजाम दिया। घटना बरनाला की राम राज्य कॉलोनी में शनिवार शाम की है। मृतकों की पहचान कुलवीर सिंह मान, उनकी मां बलवंत कौर और बेटी निमरत कौर के रूप में हुई है। गोलियों की आवाज सुन उनका पालतू कुत्ता जब भौंकने लगा तो कुलवीर ने मरने से पहले कुत्ते को भी गोली मार दी थी। वारदात के बाद के PHOTOS… आधे घंटे के बीच दिया वारदात को अंजाम
अकाली नेता कुलवीर मान ने ये सारी वारदात आधे घंटे के बीच की। उनकी पत्नी रमनदीप कौर कुत्ते के लिए दूध लेने गई थी। जब आधे घंटे बाद वह घर लौटी तो एकदम उनके होश उड़ गए। उन्होंने देखा कि चार लाशें घर में बिखरी पड़ी हैं। रोने-चीखने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे
घर में एक साथ चार लाशें देख रमनदीप कौर रोने-चिल्लाने लगी। उनकी आवाज सुनकर राम राज्य कॉलोनी के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलने के बाद पुलिस पहुंची और जांच शुरू की। कनाडा से आई बेटी पर दागी 6 गोलियां
कुलवीर मान ने सबसे ज्यादा गोलियां अपनी 21 वर्षीय बेटी निमरत कौर पर दागीं। वह कुछ समय पहले कनाडा से अपने माता-पिता के साथ छुट्टियां काटने आई थी। कुलवीर ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से 3 गोलियां बेटी पर चलाईं। फिर बुजुर्ग मां पर 2 और कुत्ते को एक गोली मारकर उसका जीवन समाप्त कर डाला। अकाली नेता रहे हैं मान
कुलवीर मान अकाली नेता रहे हैं। बरनाला से अकाली दल के इंचार्ज कुलवंत सिंह कीतू से उनका गहरा नाता भी है। कुलवीर मान यूथ अकाली नेता के तौर पर शहर में सेवा दे चुके हैं। इसके अलावा मान काफी समय तक बाबा काला माहिर स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। समाजसेवी के तौर पर मान की शहर में अच्छी छवि थी। अंदर से लॉक किया गेट
कुलवीर ने वारदात से पहले कोठी के गेट को अंदर से लॉक कर लिया था। जब उनकी पत्नी दूध लेकर लौटी तो गेट अंदर से लॉक था। वह बार-बार घंटी बजाकर आवाज देती रही, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। तब उसने कॉलोनी के सिक्योरिटी गार्ड की मदद ली। सिक्योरिटी गार्ड राजू ने दीवार फांद कर अंदर से मुख्य दरवाजा खोला। तब रमनदीप कौर अंदर दाखिल हुई। कुछ समय पहले ही खरीदी थी कोठी
कुलवीर मान पहले संघेटा रोड पर बाबा काला माहिर खेल स्टेडियम के पास रहते थे। थोड़े समय पहले ही उन्होंने 2 करोड़ रुपए की खर्च कर शहर के ठीकरीवाला रोड पर राम राज्य कॉलोनी में यह नई कोठी ली थी। उन्होंने कनाडा में रहकर पढ़ाई कर रही अपनी बेटी को भी कनाडा में घर लेकर दिया था। पुलिस बोली- डिप्रेशन में थे मान
बरनाला के DSP सिटी सतवीर सिह बैंस ने बताया है कि पुलिस की अभी तक की जांच में सामने आया है कि कुलवीर सिंह मान डिप्रेशन में थे और इसकी वह दवाई भी ले रहे थे। थोड़े समय पहले ही उन्होंने सर्जरी भी करवाई थी। उन्हें नींद में भी दिक्कत थी। घर में लगे CCTV में वारदात कैद
DSP ने कहा कि घर में लगे CCTV कैमरे में दिख रहा है कि कुलवीर ने पहले अपनी बेटी को मारा। फिर अपनी मां और कुत्ते को मारा। इसके बाद खुद को गोली मारी। शवों को सिविल अस्पताल भेज दिया है। आज उनका पोस्टमॉर्टम होगा। कुलवीर की पत्नी के बयान के बाद पुलिस ने धारा 174 के तहत कार्रवाई शुरू की है।
‘बिहार में खत्म होने की कगार पर INDIA गठबंधन’, JDU नेता के बयान ने मचाई सियासी सनसनी
‘बिहार में खत्म होने की कगार पर INDIA गठबंधन’, JDU नेता के बयान ने मचाई सियासी सनसनी <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar News:</strong> राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर जदयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता शकील अहमद खान ने तेजस्वी यादव के बयान के जवाब में जो पलटवार किया. इससे साफ है कि INDIA गठबंधन का वजूद बिहार में समाप्त होने की कगार पर है. मिलकर यह दोनों (राजद और कांग्रेस) या इनके साथी दल लड़ते तब भी उनका सफाया होना तय था लेकिन अगर वे अलग लड़ते हैं तो एक-एक सीट पाने के लिए इन्हें जो मेहनत करनी होगी उसका उन्हें अंदाजा तक नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जदयू नेता ने आगे कहा कि इतनी बात तय है कि बिहार की जनता के दिलों में न तेजस्वी यादव के लिए कोई जगह है और न ही उनके साथी दलों के लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>‘INDIA गठबंधन के लोग एक परिवार से बाहर नहीं देख सकते’ </strong><br />JDU सांसद संजय कुमार झा ने भी INDIA गठबंधन को घेरा है. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन का नाम तो बड़ा रख दिया गया, जिसका नीतीश कुमार ने विरोध भी किया था लेकिन कभी भी इसमें कोई एकरूपता नहीं थी. INDIA गठबंधन के लोग एक परिवार से बाहर देख ही नहीं सकते हैं. देश के लिए उनका क्या विजन है या क्या नीति है उस बारे में कोई बात ही नहीं थी. <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> से ही यह विभाजित गठबंधन था. जब हम (JDU) इस गठबंधन से अलग हुए तब ही हमने देख लिया कि इसका क्या परिणाम होने वाला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>के.सी. त्यागी ने भी इंडिया गठबंधन पर साधा निशाना </strong><br />JDU नेता के.सी. त्यागी ने भी इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा. इसके साथ ही दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के बयान पर कहा कि कांग्रेस पार्टी, सपा, NCP, ममता बनर्जी की TMC, राजद और अरविंद केजरीवाल की AAP को समाप्त करके एकछत्र राज करना चाहती है. यही विवाद का मुख्य मुद्दा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Bihar Weather: बिहार में ठंड और घने कोहरे का कहर, अब बारिश का भी अलर्ट जारी, आज कैसा रहेगा मौसम?” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/bihar-weather-update-today-10-january-2024-imd-forecast-rain-alert-dense-fog-cold-wave-2859809″ target=”_blank” rel=”noopener”>Bihar Weather: बिहार में ठंड और घने कोहरे का कहर, अब बारिश का भी अलर्ट जारी, आज कैसा रहेगा मौसम?</a></strong></p>
हरियाणा में फिर राजनीति के ट्रेजेडी किंग साबित हुए बीरेंद्र:सिंह ने कहा था- 75% वोटर BJP विरोधी; भाजपा बहुमत ले आई, उनका बेटा हारा
हरियाणा में फिर राजनीति के ट्रेजेडी किंग साबित हुए बीरेंद्र:सिंह ने कहा था- 75% वोटर BJP विरोधी; भाजपा बहुमत ले आई, उनका बेटा हारा तारीख: 12 जुलाई 2024 स्थान: कांग्रेस भवन, चंडीगढ़ कांग्रेस हरियाणा चुनाव के लिए कैंपेन लॉन्च करने जा रही थी। मंच पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान बैठे थे। यहीं पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा- ”मैं एक्टिव पॉलिटिशियन के तौर पर कह रहा हूं, मेरा अपना असेसमेंट है कि हरियाणा में आज के दिन 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है। BJP नंबर 2 पर भी नहीं रहेगी” तारीख: 8 अक्टूबर हरियाणा चुनाव के नतीजे आए। BJP 48 सीटें जीतकर नंबर वन पार्टी बनी। 39.94% वोट शेयर मिला। पार्टी भी सत्ता में आ गई। बीरेंद्र सिंह के पूर्व सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह भी जींद की उचाना सीट से चुनाव हार गए। ऊपर लिखी बातें इसलिए अहम हैं क्योंकि बीरेंद्र सिंह हरियाणा से लेकर देश की राजनीति तक को जानने का दावा करते हैं। हालांकि हरियाणा चुनाव में उनका असेसमेंट इतना उल्टा पड़ा कि न कांग्रेस जीती और न ही उनका बेटा। इससे अब बीरेंद्र के BJP छोड़कर कांग्रेस में जाने की वजह से सियासी समझ-बूझ पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा टिकट नहीं दी, विधानसभा हार गए
पूर्व मंत्री बीरेंद्र सिंह के बेटे 2019 में हिसार लोकसभा सीट से BJP की टिकट पर सांसद चुने गए। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली। वह हिसार और सोनीपत सीट से लोकसभा टिकट की दावेदारी जताते रहे। हालांकि हिसार में जयप्रकाश जेपी और सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दे दी। इसके बाद बीरेंद्र के बेटे को उचाना से विधानसभा की टिकट दी गई लेकिन वह भाजपा के देवेंद्र अत्री से चुनाव हार गए। 43 साल कांग्रेस और 10 साल भाजपा में रहे
बीरेंद्र सिंह 43 साल तक कांग्रेस में रहे। 16 अगस्त 2014 को बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस छोड़कर BJP का दामन थाम लिया। जींद में अमित शाह की रैली के दौरान वे BJP में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया। 2016 में BJP ने बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा भेजा। उनकी पत्नी प्रेमलता उचाना कलां सीट से दुष्यंत चौटाला को हराकर विधायक बनीं। हालांकि, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीरेंद्र सिंह ने सक्रिय राजनीति से दूर होकर अपने IAS बेटे बृजेंद्र सिंह को हिसार सीट से चुनाव में उतारा। बृजेंद्र सिंह जीत गए। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में JJP के दुष्यंत चौटाला ने उचाना सीट पर बीरेंद्र सिंह की पत्नी को हरा दिया। BJP को पूर्ण बहुमत न मिलने से 10 सीट जीतने वाली JJP से गठबंधन करना पड़ा। यहीं से बीरेंद्र सिंह की BJP से खटपट शुरू हो गई। बीरेंद्र सिंह को अपनी मजबूत पकड़ वाले इलाके बांगर बेल्ट में JJP की सेंधमारी रास नहीं आ रही थी। इसके चलते वे JJP के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करते रहे। आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह ने BJP छोड़ कांग्रेस जॉइन कर ली। इसी के साथ बीरेंद्र सिंह के भी कांग्रेस में वापसी का रास्ता साफ हो गया। कुछ दिनों बाद बीरेंद्र भी कांग्रेस में शामिल हो गए। इन 2 वजहों से राजनीति के ट्रेजेडी किंग बने बीरेंद्र सिंह 1. CM बनना तय था, राजीव गांधी की हत्या हो गई
बीरेंद्र सिंह के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए वर्ष 1991 में हरियाणा विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया। बीरेंद्र सिंह का CM बनना तय था लेकिन उसी समय राजीव गांधी की हत्या हो गई। इसके साथ ही बीरेंद्र सिंह के सितारे गर्दिश में चले गए और कांग्रेस हाईकमान ने 23 जुलाई 1991 को उनकी जगह भजनलाल को CM बना दिया। 2. केंद्रीय मंत्री बनना तय था, सूट भी सिलवाया लेकिन लिस्ट से नाम कट गया
इसके अलावा बीरेंद्र सिंह खुद अपने इंटरव्यू में कई बार कह चुके हैं कि उनका 2009 में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में मंत्री बनना तय हो चुका था। उन्हें पार्टी का ऑफिशियली इन्विटेशन भी मिल गया कि कल सुबह मंत्रिपद की शपथ लेनी है। उन्होंने नया सूट सिलवा लिया लेकिन सुबह पता चला कि केंद्रीय मंत्रियों वाली लिस्ट से उनका नाम कट चुका है। 1991 में हुड्डा को अपनी गारंटी पर सीधे राजीव गांधी से दिलवाया टिकट
बीरेंद्र सिंह बेशक खुद कभी हरियाणा का CM नहीं बन पाए लेकिन कई नेताओं को उनके शुरुआती करियर में आगे बढ़ाने में उनका अहम रोल रहा। ऐसा ही एक किस्सा भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़ा है। वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव के समय बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी के उभरते हुए नेता थे। बीरेंद्र सिंह ने सीधे राजीव गांधी से पैरवी करके हुड्डा को रोहतक लोकसभा सीट से टिकट दिलवाया। बीरेंद्र सिंह ने उस समय कांग्रेस हाईकमान से यहां तक कह दिया कि रोहतक से हुड्डा को जितवाने की गारंटी वह खुद लेते है। वो हुड्डा के सियासी करियर का पहला ही बड़ा इलेक्शन था और वह साढ़े 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीते (बीरेंद्र सिंह के ट्रेजेडी किंग के किस्से पढ़ें)