मेरी आंखों के सामने बेटे और बच्चियां जल गईं:अभी भी कानों में चीखें गूंज रहीं; गोरखपुर हादसे के पीड़ित परिवार का दर्द

मेरी आंखों के सामने बेटे और बच्चियां जल गईं:अभी भी कानों में चीखें गूंज रहीं; गोरखपुर हादसे के पीड़ित परिवार का दर्द

मेरी बूढ़ी आखों ने वो देखा, जिसके बाद जीना मुश्किल है। मेरा बेटा और छोटी-छोटी पोतियां मेरे सामने जल गए। सोचता हूं तो कलेजा कांप जाता है। उनको कितना दर्द हुआ होगा। ऐसा लगता है कि वो चीखें कान में अब तक गूंज रही हैं। ये कहना है गोरखपुर के विशुनपुर बुजुर्ग के धनहा टोला के हीरा निषाद का, 29 दिसंबर को जिनके सामने उनका बेटा और 2 पोतियां जलते-जलते मर गईं। हीरा 10 मीटर दूर ही खड़े थे। तभी 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन टूट कर बेटे शिवराज निषाद की बाइक पर गिरी। हीरा बताते हैं, मेरे सामने ही वो जल रहे थे। मैं चिल्लाता रह गया। लोग दौड़ते-भागते आए, लेकिन कोई कुछ कर नहीं पाया। रिश्तेदारों ने ढांढस बंधाया तो हीरा बोले- बाबू… मुझे तो अब जिंदगी भर रोना है। दैनिक भास्कर की टीम ने पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से बात की। पढ़िए उन्होंने क्या कुछ बताया… पहले पढ़िए एक नजर में घटना… बाजार में हाईटेंशन लाइन गिरी, जिंदा जले तीनों
गोरखपुर के AIIMS इलाके के सोनबरसा कस्बे में रविवार की दोपहर दर्दनाक हादसा हुआ। दो दिन लगने वाले साप्ताहिक बाजार में आए शिवराज निषाद, उनकी 2 साल की बेटी अदिती और 9 साल की भतीजी अनु हाईटेंशन लाइन का तार गिरने से जिंदा जल गए। शिवराज उस रोज गांव विशुनपुर बुजुर्ग के धनहा टोला से महज 2 किलोमीटर दूर कस्बे में अपनी बेटी का इलाज कराने आए थे। भतीजी को कुछ सामान खरीदना था, इसलिए वह भी साथ आ गई थी। अब पढ़िए परिजनों से बातचीत… दैनिक भास्कर की टीम धनहा टोला में उस जगह पहुंची जहां तीनों का अंतिम संस्कार चल रहा था। चिता को आग देने के बाद हीरा घाट पर बैठ गए। टीम से बातचीत में हीरा ने बताया, बाबू को मैंने मना किया था कि बाजार न जाओ, मैं सब्जी लेकर आ जाउंगा। लेकिन पोती अदिति को दवा दिलानी थी। अनु को खरीदारी करानी थी। मैं भी उसी बाइक पर बैठकर साथ ही बाजार आया। खरीदारी भी की गई। पिता ने बताया, मैं बेटे की बाइक से उतर गया। बेटा बाइक पर दोनों पोतियों को लेकर आगे बढ़ गया। मैं नहर के दूसरी ओर से ट्रांसफॉर्मर की तरफ से होते हुए सोनबरसा से सरदारनगर जाने वाले रास्ते पर आ गया। इसी रास्ते पर 2 किमी दूर अपना गांव है। मैं सड़क पर बेटे के आने का इंतजार कर रहा था कि तभी लोग चिल्लाने लगे कि किसी को करंट लग गया। कुछ लोग जल रहे हैं। तब तक मुझे ये पता नहीं था कि मेरे बच्चे जल रहे हैं। शोर सुनकर मैं भी उधर भागा तो देखा कि मेरा ही बेटा और पोतियां जल रहे थे। मैं चिल्ला रहा था। लोग आग बुझाने में लगे थे, लेकिन हम कुछ नहीं कर सके। मेरी आंखों के सामने ही सेकेंडों में तीनों जलकर कंकाल हो गए। मैं बाहर जाने वाला था तो बेटे ने रोक दिया था
हीरा बताते हैं- उनके परिवार पर कर्ज है। जिसे चुकाने के लिए वह बाहर कमाने के लिए जाना चाहते थे, लेकिन शिवराज उन्हें रोक देता था। वह कहता था कि आप घर पर रहिए। बच्चों को भी देखना जरूरी है। हम लोग (तीनों भाई) हैं कमाने के लिए। अब किसके सहारे घर देखेंगे। कर्ज कैसे उतारेंगे। 3 जनवरी को सेना भर्ती में जाने वाला था शिवराज
24 साल का शिवराज सेना और पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहा था। वह खाली समय में भाई के साथ टाइल्स लगाने का काम भी करता था। 3 जनवरी को उसे सेना की भर्ती में शामिल होने जाना था। वह जी-जान से उसकी तैयारी में लगा था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। मानो घर पर किसी में जान ही नहीं बची
हीरा ने कहा कि घर के सब लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। मानो किसी में अब जान ही नहीं बची। अदिति शिवराज की इकलौती बेटी थी। अनु बड़े बेटे शिवमंगल की बड़ी बेटी थी। रोज सुबह, शाम बाबा-बाबा कहकर वह सब पास आ जाते थे। अनु और अदिति हमेशा मेरे आस-पास की खेलती हैं। 4 साल पहले हुई थी शादी
हीरा बताते हैं, 4 साल पहले ही शिवराज की शादी हुई थी। वह परिवार के लिए बहुत कुछ करता था। लोगों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहता था। उसके व्यवहार के कारण गांव और आसपास के लोग उसे खूब मानते थे। लेकिन इस हादसे ने उसकी जान ले ली। वह कह रहा था कि दाढ़ी बनवा लीजिए, लेकिन मैं नहीं माना…यह कहते हुए हीरा दहाड़े मारकर रोने लगे। मेरा भाई मेरी जान था
हीरा निषाद के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा जयपुर में रहकर पेंट पालिश का काम करता है। दूसरे नंबर पर शिवराज थे। सबसे छोटे बेटे शिवनाथ टाइल्स लगाने का काम करते हैं। शिवनाथ ने बताया, मेरा भाई मेरी जान था। वह काफी होनहार था। भर्ती देखता था और मेरा सहयोग भी करता था। उसका व्यवहार इतना अच्छा था कि सभी उससे बहुत प्यार करते थे। बिजली निगम की है लापरवाही
शिवनाथ ने कहा कि रविवार की शाम को वह साइट पर काम कर रहा था। तभी उसके पास फोन आया कि भाई को करंट लगा है। उसके बाद वीडियो देखा तो भागा-भागा वहां पहुंचा। पोल काफी जर्जर है। वहां कोई बंदर नहीं था। जर्जर तार था इसलिए टूट गया होगा। इसमें बिजली निगम की लापरवाही है। मेरा भाई तो चला गया लेकिन इस हादसे के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। कार्रवाई होनी चाहिए। बड़ा बेटा जिस बस से आ रहा था, उसका हो गया एक्सीडेंट
बड़े बेटे शिवमंगल ने जैसे ही घटना के बारे में सुना, जयपुर से बस से ही चल पड़ा। घाट पर मौजूद उनके रिश्तेदारों ने बताया कि जिस बस से वह आ रहे थे, रास्ते में कहीं उसका एक्सीडेंट हो गया। हालांकि शिवमंगल पूरी तरह सुरक्षित हैं और दूसरी बस पकड़कर घर आ रहे हैं। एक ही चिता पर जला शिवराज और भतीजी का शव, बेटी को दफनाया गया
माड़ापार घाट पर एक ही चिता सजाई गई थी। अगल-बगल ही शिवराज व उसकी भतीजी अनु के शव को लिटाया गया था। शिवराज के पिता ने चिता को मुखाग्नि दी। वहां से 50 कदम दूर गड्‌ढा खोदा जा रहा था। जहां एक रिश्तेदार अदिति का शव गोद में लिए खड़े थे। काफी छोटी होने के कारण उसके शव को वहीं दफना दिया गया। घाट पर सभी के आंखों में आंसू थे। एक-दूसरे को सभी ढांढस बंधा रहे थे। चौरी चौरा के विधायक सरवन निषाद, एसडीएम प्रशांत वर्मा मौके पर मौजूद रहे। विधायक ने मत्स्य विभाग में परिवार के सदस्य को संविदा पर नौकरी व आर्थिक मदद का भरोसा दिया है।
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पिता, बेटी-भतीजी के जिंदा जलने का VIDEO: गोरखपुर में चलती बाइक पर हाईटेंशन तार गिरा, 90 सेकेंड में जलकर राख गोरखपुर में बाइक सवार पिता-बेटी और भतीजी जिंदा जल गए। उनके ऊपर हाईटेंशन लाइन का तार टूट कर गिर गया। घटना का वीडियो सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि शिवराज निषाद दोनों बच्चों को बैठाकर जैसे ही नहर के पास से मुड़े वैसे ही जंफर उड़ने से तेज रोशनी हुई। इसके बाद तार टूटकर उनकी बाइक पर गिर गया। उनके बगल से एक व्यक्ति जल्दी से बाइक लेकर निकल गया, जबकि वह बाइक समेत वहीं गिर गए। उनके गिरते ही बाइक में आग लग गई। तीनों लोग 90 सेकेंड में जिंदा जल गए। पढ़िए पूरी खबर… मेरी बूढ़ी आखों ने वो देखा, जिसके बाद जीना मुश्किल है। मेरा बेटा और छोटी-छोटी पोतियां मेरे सामने जल गए। सोचता हूं तो कलेजा कांप जाता है। उनको कितना दर्द हुआ होगा। ऐसा लगता है कि वो चीखें कान में अब तक गूंज रही हैं। ये कहना है गोरखपुर के विशुनपुर बुजुर्ग के धनहा टोला के हीरा निषाद का, 29 दिसंबर को जिनके सामने उनका बेटा और 2 पोतियां जलते-जलते मर गईं। हीरा 10 मीटर दूर ही खड़े थे। तभी 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन टूट कर बेटे शिवराज निषाद की बाइक पर गिरी। हीरा बताते हैं, मेरे सामने ही वो जल रहे थे। मैं चिल्लाता रह गया। लोग दौड़ते-भागते आए, लेकिन कोई कुछ कर नहीं पाया। रिश्तेदारों ने ढांढस बंधाया तो हीरा बोले- बाबू… मुझे तो अब जिंदगी भर रोना है। दैनिक भास्कर की टीम ने पीड़ित के घर पहुंचकर परिजनों से बात की। पढ़िए उन्होंने क्या कुछ बताया… पहले पढ़िए एक नजर में घटना… बाजार में हाईटेंशन लाइन गिरी, जिंदा जले तीनों
गोरखपुर के AIIMS इलाके के सोनबरसा कस्बे में रविवार की दोपहर दर्दनाक हादसा हुआ। दो दिन लगने वाले साप्ताहिक बाजार में आए शिवराज निषाद, उनकी 2 साल की बेटी अदिती और 9 साल की भतीजी अनु हाईटेंशन लाइन का तार गिरने से जिंदा जल गए। शिवराज उस रोज गांव विशुनपुर बुजुर्ग के धनहा टोला से महज 2 किलोमीटर दूर कस्बे में अपनी बेटी का इलाज कराने आए थे। भतीजी को कुछ सामान खरीदना था, इसलिए वह भी साथ आ गई थी। अब पढ़िए परिजनों से बातचीत… दैनिक भास्कर की टीम धनहा टोला में उस जगह पहुंची जहां तीनों का अंतिम संस्कार चल रहा था। चिता को आग देने के बाद हीरा घाट पर बैठ गए। टीम से बातचीत में हीरा ने बताया, बाबू को मैंने मना किया था कि बाजार न जाओ, मैं सब्जी लेकर आ जाउंगा। लेकिन पोती अदिति को दवा दिलानी थी। अनु को खरीदारी करानी थी। मैं भी उसी बाइक पर बैठकर साथ ही बाजार आया। खरीदारी भी की गई। पिता ने बताया, मैं बेटे की बाइक से उतर गया। बेटा बाइक पर दोनों पोतियों को लेकर आगे बढ़ गया। मैं नहर के दूसरी ओर से ट्रांसफॉर्मर की तरफ से होते हुए सोनबरसा से सरदारनगर जाने वाले रास्ते पर आ गया। इसी रास्ते पर 2 किमी दूर अपना गांव है। मैं सड़क पर बेटे के आने का इंतजार कर रहा था कि तभी लोग चिल्लाने लगे कि किसी को करंट लग गया। कुछ लोग जल रहे हैं। तब तक मुझे ये पता नहीं था कि मेरे बच्चे जल रहे हैं। शोर सुनकर मैं भी उधर भागा तो देखा कि मेरा ही बेटा और पोतियां जल रहे थे। मैं चिल्ला रहा था। लोग आग बुझाने में लगे थे, लेकिन हम कुछ नहीं कर सके। मेरी आंखों के सामने ही सेकेंडों में तीनों जलकर कंकाल हो गए। मैं बाहर जाने वाला था तो बेटे ने रोक दिया था
हीरा बताते हैं- उनके परिवार पर कर्ज है। जिसे चुकाने के लिए वह बाहर कमाने के लिए जाना चाहते थे, लेकिन शिवराज उन्हें रोक देता था। वह कहता था कि आप घर पर रहिए। बच्चों को भी देखना जरूरी है। हम लोग (तीनों भाई) हैं कमाने के लिए। अब किसके सहारे घर देखेंगे। कर्ज कैसे उतारेंगे। 3 जनवरी को सेना भर्ती में जाने वाला था शिवराज
24 साल का शिवराज सेना और पुलिस में भर्ती की तैयारी कर रहा था। वह खाली समय में भाई के साथ टाइल्स लगाने का काम भी करता था। 3 जनवरी को उसे सेना की भर्ती में शामिल होने जाना था। वह जी-जान से उसकी तैयारी में लगा था, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। मानो घर पर किसी में जान ही नहीं बची
हीरा ने कहा कि घर के सब लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है। मानो किसी में अब जान ही नहीं बची। अदिति शिवराज की इकलौती बेटी थी। अनु बड़े बेटे शिवमंगल की बड़ी बेटी थी। रोज सुबह, शाम बाबा-बाबा कहकर वह सब पास आ जाते थे। अनु और अदिति हमेशा मेरे आस-पास की खेलती हैं। 4 साल पहले हुई थी शादी
हीरा बताते हैं, 4 साल पहले ही शिवराज की शादी हुई थी। वह परिवार के लिए बहुत कुछ करता था। लोगों की मदद के लिए हमेशा खड़ा रहता था। उसके व्यवहार के कारण गांव और आसपास के लोग उसे खूब मानते थे। लेकिन इस हादसे ने उसकी जान ले ली। वह कह रहा था कि दाढ़ी बनवा लीजिए, लेकिन मैं नहीं माना…यह कहते हुए हीरा दहाड़े मारकर रोने लगे। मेरा भाई मेरी जान था
हीरा निषाद के तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा जयपुर में रहकर पेंट पालिश का काम करता है। दूसरे नंबर पर शिवराज थे। सबसे छोटे बेटे शिवनाथ टाइल्स लगाने का काम करते हैं। शिवनाथ ने बताया, मेरा भाई मेरी जान था। वह काफी होनहार था। भर्ती देखता था और मेरा सहयोग भी करता था। उसका व्यवहार इतना अच्छा था कि सभी उससे बहुत प्यार करते थे। बिजली निगम की है लापरवाही
शिवनाथ ने कहा कि रविवार की शाम को वह साइट पर काम कर रहा था। तभी उसके पास फोन आया कि भाई को करंट लगा है। उसके बाद वीडियो देखा तो भागा-भागा वहां पहुंचा। पोल काफी जर्जर है। वहां कोई बंदर नहीं था। जर्जर तार था इसलिए टूट गया होगा। इसमें बिजली निगम की लापरवाही है। मेरा भाई तो चला गया लेकिन इस हादसे के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। कार्रवाई होनी चाहिए। बड़ा बेटा जिस बस से आ रहा था, उसका हो गया एक्सीडेंट
बड़े बेटे शिवमंगल ने जैसे ही घटना के बारे में सुना, जयपुर से बस से ही चल पड़ा। घाट पर मौजूद उनके रिश्तेदारों ने बताया कि जिस बस से वह आ रहे थे, रास्ते में कहीं उसका एक्सीडेंट हो गया। हालांकि शिवमंगल पूरी तरह सुरक्षित हैं और दूसरी बस पकड़कर घर आ रहे हैं। एक ही चिता पर जला शिवराज और भतीजी का शव, बेटी को दफनाया गया
माड़ापार घाट पर एक ही चिता सजाई गई थी। अगल-बगल ही शिवराज व उसकी भतीजी अनु के शव को लिटाया गया था। शिवराज के पिता ने चिता को मुखाग्नि दी। वहां से 50 कदम दूर गड्‌ढा खोदा जा रहा था। जहां एक रिश्तेदार अदिति का शव गोद में लिए खड़े थे। काफी छोटी होने के कारण उसके शव को वहीं दफना दिया गया। घाट पर सभी के आंखों में आंसू थे। एक-दूसरे को सभी ढांढस बंधा रहे थे। चौरी चौरा के विधायक सरवन निषाद, एसडीएम प्रशांत वर्मा मौके पर मौजूद रहे। विधायक ने मत्स्य विभाग में परिवार के सदस्य को संविदा पर नौकरी व आर्थिक मदद का भरोसा दिया है।
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