हिसार के मिल गेट एरिया में विश्वकर्मा कॉलोनी में रहने वाले 30 साल के युवक अजीत ने फांसी का फंदा लगा आत्महत्या कर ली। सुबह कमरे में हुक पर चुन्नी के जरिए उसका शव लटकता मिला। पता चलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। एचटीएम थाना पुलिस मौके पर पहुंची शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल हॉस्पिटल लेकर आई। वही परिवार वालों के बयान दर्ज किया। जिसके शव का का पोस्टमॉर्टम पुलिस द्वारा करवाया गया। सुबह हुक पर लटका मिला शव मृतक के परिजनों ने बताया कि अजीत मेहनत मजदूरी का काम करता था। उसकी तीन बेटियां हैं। सोमवार रात को पत्नी और बच्चे खाना खाने के बाद दूसरे कमरे में सोने के लिए चले गए। अजीत घर के दूसरे कमरे में चला गया। सुबह जब उसकी पत्नी जगाने के लिए उसके कमरे में गई, तो अजीत का शव हुक पर चुन्नी के जरिए लटक रहा था। यह देखकर उसने परिवार वालों को बताया। पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी। फिलहाल पुलिस ने हिसार के नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। परिवार वालों ने बताया कि मृतक काफी दिनों से बीमार था उसकी सांस की बीमारी थी और जिसके चलते वह परेशान रहता था। हिसार के मिल गेट एरिया में विश्वकर्मा कॉलोनी में रहने वाले 30 साल के युवक अजीत ने फांसी का फंदा लगा आत्महत्या कर ली। सुबह कमरे में हुक पर चुन्नी के जरिए उसका शव लटकता मिला। पता चलने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। एचटीएम थाना पुलिस मौके पर पहुंची शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल हॉस्पिटल लेकर आई। वही परिवार वालों के बयान दर्ज किया। जिसके शव का का पोस्टमॉर्टम पुलिस द्वारा करवाया गया। सुबह हुक पर लटका मिला शव मृतक के परिजनों ने बताया कि अजीत मेहनत मजदूरी का काम करता था। उसकी तीन बेटियां हैं। सोमवार रात को पत्नी और बच्चे खाना खाने के बाद दूसरे कमरे में सोने के लिए चले गए। अजीत घर के दूसरे कमरे में चला गया। सुबह जब उसकी पत्नी जगाने के लिए उसके कमरे में गई, तो अजीत का शव हुक पर चुन्नी के जरिए लटक रहा था। यह देखकर उसने परिवार वालों को बताया। पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दी। फिलहाल पुलिस ने हिसार के नागरिक अस्पताल में शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। परिवार वालों ने बताया कि मृतक काफी दिनों से बीमार था उसकी सांस की बीमारी थी और जिसके चलते वह परेशान रहता था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी सिविल अस्पताल में कतार में खड़े व्यक्ति की मौत:बारी आने से पहले ही ओपीडी में गिरा; कई दिनों से था बीमार
भिवानी सिविल अस्पताल में कतार में खड़े व्यक्ति की मौत:बारी आने से पहले ही ओपीडी में गिरा; कई दिनों से था बीमार भिवानी के नागरिक अस्पताल में इलाज के लिए आए एक बीमार व्यक्ति की बारी आने से पहले ही वहां गिरकर मौत हो गई। वह शराब पीने का आदि था। पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। घटना की सूचना मिलने पर दिनोद गेट पुलिस चौकी के पुलिस ने मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है। हालुवास गेट निवासी कृष्ण ने बताया कि 45 वर्षीय उसका साला रविन्द्र शराब पीने का आदि था। रविन्द्र पिछले कई दिनों से बीमार था। आज सुबह वह भिवानी सामान्य अस्पताल की ओपीडी में अकेला ही दवाई लेने के लिए गया था। बारी आने से पहले ही हुई मौत वहां पर मरीजों की भीड़ में ओपीडी के रूम नवंबर 22 के पास खड़ा था और उसे मेडिसिन विभाग के रूम नवंबर 21 में डॉक्टर को दिखाना था। उसकी बारी आती। इससे पहले ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और वहां फर्स पर गिर पड़ा। गिरते ही उसकी मौत हो गई। मौके पर पहुंचे दिनोद गेट पुलिस चौकी के एएसआई देवेंद्र ने मृतक की जेब से मिली पर्ची पर मोबाइल नंबर देखकर उसकी बहन रेखा के फोन पर सूचना दी। पुलिस ने मृतक के परिजनों के बयान पर इतफाकिया कार्रवाई कर शव का पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। दो बेटियों का पिता था रविन्द्र मृतक के जीजा कृष्ण ने बताया कि उसकी दो बेटियां हैं 21 व 18 वर्षीय। उसने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करता था। रविन्द्र की माता-पिता का भी देहांत हो चुका है। वही अपने साले व उसके बच्चों, साले की पत्नी की देखभाल करता था, लेकिन अब एक एक्सीडेंट में दिव्यांग होने पर पर परेशान हूं।
रोहतक की चारों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के चेहरे साफ:पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर का टिकट फाइनल, 2019 में बीजेपी का नहीं खुला था खाता
रोहतक की चारों सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के चेहरे साफ:पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर का टिकट फाइनल, 2019 में बीजेपी का नहीं खुला था खाता रोहतक जिले की चारों विधानसभा सीटों (रोहतक, महम, कलानौर व गढ़ी-सांपला-किलोई) पर भाजपा और कांग्रेस के चेहरे साफ हो गए हैं। भाजपा ने मंगलवार को जारी की 21 उम्मीदवारों की लिस्ट में रोहतक विधानसभा से पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को उम्मीदवार बनाया गया है। इससे पहले भाजपा अन्य तीनों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। वहीं, कांग्रेस के चारों उम्मीदवार भी फाइनल हो चुके हैं। 2019 की बात करें तो रोहतक की चारों विधानसभाओं में भाजपा को हार मिली थी। जबकि कांग्रेस ने तीन विधानसभाओं में जीत हासिल की। इधर, महम विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़कर बलराज कुंडू विधायक बने थे। कांग्रेस ने तीनों विधायकों को उम्मीदवार बनाया है। इस बार चुनाव में भाजपा के सामने रोहतक में सेंधमारी करना चुनौती है तो वहीं कांग्रेस एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए अपना गढ़ बचाए रखना चुनौती है। कांग्रेस के उम्मीदवार भाजपा के उम्मीदवार मतदान केंद्र
जिला की चारों विधानसभाओं में कुल मतदान केंद्र : 831
महम विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र : 217
गढ़ी-सांपला-किलोई में मतदान केंद्र : 227
रोहतक विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र : 180
कलानौर (अनुसूचित जाति) में मतदान केंद्र : 207 महम विधानसभा सीट
कुल मतदाता : 1 लाख 98 हजार 359
पुरुष मतदाता : 1 लाख 5 हजार 877
महिला मतदाता : 92 हजार 482 गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा सीट
कुल मतदाता : 2 लाख 20 हजार 35
पुरुष मतदाता : 1 लाख 17 हजार 669
महिला मतदाता : 1 लाख 2 हजार 366 रोहतक विधानसभा सीट
कुल मतदाता : 1 लाख 97 हजार 460
पुरुक्ष मतदाता : 1 लाख 2 हजार 114
महिला मतदाता : 95 हजार 346 कलानौर (अजा) विधानसभा सीट
कुल मतदाता : 2 लाख 15 हजार 312
पुरुष मतदाता : 1 लाख 14 हजार 362
महिला मतदाता : 1 लाख 950
हरियाणा चुनाव में अकेले पड़े BJP मंत्री:गुप्ता ने कहा- राम-राम; चंद्रा बोले- क्या काम है, 5 साल बाद आई मेरी याद
हरियाणा चुनाव में अकेले पड़े BJP मंत्री:गुप्ता ने कहा- राम-राम; चंद्रा बोले- क्या काम है, 5 साल बाद आई मेरी याद हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे डॉ. कमल गुप्ता चुनावी जंग में अकेले पड़ गए हैं। पहले जिंदल परिवार और अब पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने भी भाजपा के मंत्री का साथ छोड़ दिया है। पूर्व राज्यसभा सांसद ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है। सुभाष चंद्रा ने कहा कि मंत्री बनने के बाद कमल गुप्ता को 5 साल बाद मेरी याद आई। कम से कम वह मुझे तीज-त्योहार पर बधाई तो दे सकते हैं। हिसार की जनता भी भाजपा के मंत्री से नाराज है, इसलिए इस बार मैं मदद नहीं कर पाऊंगा। बता दें कि सुभाष चंद्रा बड़े कारोबारी और पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। सुभाष चंद्रा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल के खिलाफ डॉ. कमल गुप्ता की खुलकर मदद की थी और उन्हें चुनाव जिताया था। कमल गुप्ता के एक फैसले को पलटा तब से खटास
कमल गुप्ता और सुभाष चंद्रा के बीच रिश्ते उस समय खराब हो गए थे, जब चंद्रा ने विधायक के प्रोजेक्ट पर अड़ंगा लगा दिया था। दरअसल कमल गुप्ता ने हिसार में पारिजात चौक से बस स्टैंड तक का रूट ग्रोवर मार्केट से होते हुए पारिजात चौक से नागोरी गेट तक का रूट वन वे कर दिया था। डॉ. गुप्ता का तर्क था कि इससे जाम खत्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शहर के व्यापारियों ने इसका विरोध किया और आरोप लगाया कि एक खास व्यक्ति को फायदा पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद चंद्रा ने व्यापारियों का समर्थन किया। इसके बाद कमल गुप्ता को फैसला वापस लेना पड़ा। दूसरी ओर, चंद्रा ने 2018 में हिसार एयरपोर्ट पर बयान दिया था कि हिसार में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री को पूरी तरह गुमराह किया गया है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ऐसे ही नहीं बन जाता। इसके लिए जरूरी है कि एयरपोर्ट पर विमानों की लगातार आवाजाही होती रहे। हिसार में अब तक ऐसा संभव नहीं हो पाया है। जब यहां से उड़ानें शुरू हो जाएंगी, उसके बाद सरकार को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए आवेदन कर देना चाहिए था। हिसार एयरपोर्ट भी डॉ. कमल गुप्ता का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। इसलिए पड़ी सुभाष चंद्रा की जरूरत
2014 के विधानसभा चुनाव में कमल गुप्ता को पहली बार विधानसभा पहुंचाने में सुभाष चंद्रा की सबसे बड़ी भूमिका रही थी। यह अपनी तरह का पहला चुनाव था जिसे सुभाष चंद्रा ने जिंदल परिवार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ा था। उस समय कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए सावित्री जिंदल ने लगातार तीसरी बार हिसार से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने उनके खिलाफ डॉ. कमल गुप्ता को मैदान में उतारा था। कमल गुप्ता के चुनाव की कमान सुभाष चंद्रा ने अपने हाथों में ली थी। इस चुनाव में चंद्रा की वजह से ही कमल गुप्ता सावित्री जिंदल को हराने में कामयाब हो पाए थे। 2019 में कमल गुप्ता कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को हराकर दोबारा विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो गए थे, लेकिन उन्होंने सुभाष चंद्रा से खुद को लगभग दूर कर लिया था। अब जब जिंदल परिवार कमल गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़ सकता है तो कमल गुप्ता को फिर चंद्रा की याद आ गई। सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया था ऐलान
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 67 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। सूची जारी होते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भाजपा से टिकट न मिलने पर सावित्री जिंदल ने हिसार से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। चुनाव न लड़ने की बात कहकर दिल्ली से लौटी थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर चुनाव लड़ूंगी। सावित्री प्रसिद्ध उद्योगपति और कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं। चुनाव लड़ेंगी तो सावित्री जिंदल दे सकती हैं कड़ी टक्कर
सावित्री जिंदल अगर हिसार विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ती हैं तो वह अपने विरोधियों को कड़ी टक्कर दे सकती हैं। जिंदल परिवार 1991 से हिसार सीट से चुनाव लड़ता आ रहा है। सबसे पहले दिवंगत ओपी जिंदल ने चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ा था और पहला ही चुनाव जीत गए थे। राजनीति के साथ-साथ जिंदल परिवार ने हिसार में स्कूल और अस्पताल जैसे सेवा के कई माध्यम खोले हैं। इसके अलावा हिसार में जिंदल इंडस्ट्रीज में कई स्थानीय लोगों को नौकरी दी गई है। ये सभी जिंदल हाउस से जुड़े हैं। जिंदल परिवार का कोर वोटर हिसार में है, जो जिंदल हाउस के आदेश पर ही काम करता है। डॉ. कमल गुप्ता मंत्री थे, लेकिन हिसार में उनके खिलाफ नाराजगी सामने आती रही। इसका फायदा सावित्री जिंदल को मिल सकता है।