देवभूमि कुल्लू में पौष अमावस्या को अद्भुत परम्परा का निर्वहन हुआ। खराहल घाटी की न्योली पंचायत में स्थापित जुआणी महादेव और ग्राहण पंचायत में स्थापित थान देवता बलराम के हारियानों के बीच यह पर्व मनाया गया। शाम के वक्त दोनों देवताओं के मंदिर में वाद्य यंत्रों की धुन बजते ही दोनों देवताओं के हारियानों के हर घर की चौखट पर दियाली पूजन किया गया। प्राचीन परंपरा अनुसार किया पूजन चौखट पर एक स्लेट पर शोली तेल बाली लकड़ी जलाकर भोजन का भोग, कुमकुम, अखरोट, जौं- धूप जलाकर पूजन कर लोगों ने अपने अपने परिवार के लिए समृद्धि की कामना की। थरमाहन में रात्रि को देवता के बाजे के साथ परिक्रमा करते हुए गालियां देकर भूत प्रेत भगाए। मंदिर पहुंचने पर जागरा जलाया। तीन स्थानों थरमाहन, ग्राहण, जुआणी में जागरा जलाया गया। सुबह के समय यहां पर भी जागरा जलाकर गालियां दी गई। मंगलवार सुबह 9 थान देवता की गांव की परिक्रमा हुई, जहां- जहां देवता पहुंचे, महिलाओं द्वारा हारियानों पर अखरोट फेंके गए। अखरोट पकड़ने की एक दूसरे में काफी होड़ लगी रही। नाग के रूप में मन जाता गूण रस्सा समुंद्र मंथन की परंपरा के अनुसार नाग स्वरूप गूण रस्सा जुआणी गांव में तैयार किया गया। रस्सा बनाने के लिए थान देवता की ओर से हर साल पराल घास भेजी जाती है। महादेव का गूण सुबह बनाना शुरू करता है और शाम तक तैयार किया जाता है। गूण को नाग के रूप में माना जाता है। झिहरू संवाद के बाद मंथन की परंपरा निभाते समय तोड़ा जाता है। इंद्र देवता की सभा को घाटी के देवताओं की यात्रा दियाली पर्व पर घाटी के देवता, इंद्र देवता की सभा की यात्रा पर जाते हैं। देवताओं की गैरहाजिरी में आसुरी शक्तियां हाबी होती है । क्या कहते हैं देवता के कारदार महादेव के कारदार ओम प्रकाश महंत का कहना है कि दियाली के अवसर पर जुआणी गांव में देवता आत्मकथा सुनाता है। नाग रूपी गूण भी वहीं पर तैयार होता हैं न्योली में शाम के समय समुद्र मंथन की परंपरा सदियों से निभाते आ रहे हैं। देवभूमि कुल्लू में पौष अमावस्या को अद्भुत परम्परा का निर्वहन हुआ। खराहल घाटी की न्योली पंचायत में स्थापित जुआणी महादेव और ग्राहण पंचायत में स्थापित थान देवता बलराम के हारियानों के बीच यह पर्व मनाया गया। शाम के वक्त दोनों देवताओं के मंदिर में वाद्य यंत्रों की धुन बजते ही दोनों देवताओं के हारियानों के हर घर की चौखट पर दियाली पूजन किया गया। प्राचीन परंपरा अनुसार किया पूजन चौखट पर एक स्लेट पर शोली तेल बाली लकड़ी जलाकर भोजन का भोग, कुमकुम, अखरोट, जौं- धूप जलाकर पूजन कर लोगों ने अपने अपने परिवार के लिए समृद्धि की कामना की। थरमाहन में रात्रि को देवता के बाजे के साथ परिक्रमा करते हुए गालियां देकर भूत प्रेत भगाए। मंदिर पहुंचने पर जागरा जलाया। तीन स्थानों थरमाहन, ग्राहण, जुआणी में जागरा जलाया गया। सुबह के समय यहां पर भी जागरा जलाकर गालियां दी गई। मंगलवार सुबह 9 थान देवता की गांव की परिक्रमा हुई, जहां- जहां देवता पहुंचे, महिलाओं द्वारा हारियानों पर अखरोट फेंके गए। अखरोट पकड़ने की एक दूसरे में काफी होड़ लगी रही। नाग के रूप में मन जाता गूण रस्सा समुंद्र मंथन की परंपरा के अनुसार नाग स्वरूप गूण रस्सा जुआणी गांव में तैयार किया गया। रस्सा बनाने के लिए थान देवता की ओर से हर साल पराल घास भेजी जाती है। महादेव का गूण सुबह बनाना शुरू करता है और शाम तक तैयार किया जाता है। गूण को नाग के रूप में माना जाता है। झिहरू संवाद के बाद मंथन की परंपरा निभाते समय तोड़ा जाता है। इंद्र देवता की सभा को घाटी के देवताओं की यात्रा दियाली पर्व पर घाटी के देवता, इंद्र देवता की सभा की यात्रा पर जाते हैं। देवताओं की गैरहाजिरी में आसुरी शक्तियां हाबी होती है । क्या कहते हैं देवता के कारदार महादेव के कारदार ओम प्रकाश महंत का कहना है कि दियाली के अवसर पर जुआणी गांव में देवता आत्मकथा सुनाता है। नाग रूपी गूण भी वहीं पर तैयार होता हैं न्योली में शाम के समय समुद्र मंथन की परंपरा सदियों से निभाते आ रहे हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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चौहारघाटी में लापता युवक का नहीं लगा सुराग:थक हार कर लौटी रेस्क्यू टीम, 31 अगस्त को मलबे में दबा था हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के चौहारघाटी के राजबन घटनास्थल में सर्च आपरेशन के 9वें दिन भी लापता हरदेव का कोई सुराग नहीं लग पाया। रेस्क्यू टीम को थक हार कर वापस लौटना पड़ा। युवक की तलाश में शुक्रवार को फिर घटनास्थल पर चप्पा चप्पा छाना। वहीं नीचे पजौंड़ नाला में भी तलाश की। लेकिन कुछ हासिल नहीं हो पाया। ऐसे में प्रशासन सहित एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस जवान अब यहां रेस्कयू बंद कर लौट आए हैं। ग्रामीणों ने जिला और उपमंडल प्रशासन सहित यहां रेस्कयू में जुटे सभी जवानों का आभार जताया है। हालांकि युवक का कोई पता नहीं चलने से धरयाण गांव में मायूसी भी है। मलबे में दफन हो गया था युवक घटना में लापता धरयाण गांव का हरदेव 31 अगस्त को ही अपनी बुआ खुड़ी देवी के घर गया था। दूसरे दिन हरदेव को अपने दोस्त तेरंग गांव निवासी भादर सिंह के साथ मनाली जाना था। दोनों मनाली में गाइडिंग का काम करते थे। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। घटना में हरदेव भी मलबे में दफन हो गया। जो अब तक लापता है। लापता हरदेव के दो बेटे हैं। जिनमे बड़ा बेटा 4 साल और छोटा महज डेढ़ साल का है। पत्नी गीता देवी पिछले नौ दिनों से ही बेसुध है। जिसने खाना पीना सब त्याग दिया है। ग्रामीण और रिश्तेदार ढांढस बंधा रहे हैं। लेकिन वह सदमे से बाहर नहीं आ पा रही है। खाली हाथ लौटी रेस्क्यू टीम एनडीआरएफ के टीम लीडर नीरज भारती ने बताया कि लापता युवक की तलाश में 3 दिन अतिरिक्त सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। एसडीएम डॉ. भावना वर्मा ने कहा कि युवक की तलाश में रेस्क्यू टीम ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। घटनास्थल के साथ साथ पजौंड़ खड्ड से लेकर ऊहल नदी तक भी कोना कोना छान मारा। लेकिन कुछ सफलता नहीं मिली। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। पहले भी हुई थी त्रासदी राजबन गांव में लगभग एक सदी पहले ऐसी ही त्रासदी हो चुकी है। जिसमें वृद्ध व्यक्ति खुड़ू राम बड़ी चट्टान के नीचे दब गया था। उसकी धर्म पत्नी सुरक्षित बच गई थी। धमच्याण पंचायत के पूर्व प्रधान काहन सिंह ठाकुर ने बताया कि उस दौरान भी खुड़ू राम का शव बरामद नहीं हो पाया था। वृद्ध खुड़ू राम हाल ही में हादसे में मृत सौजु राम का दादा था। उस दौरान राजबन गांव वासियों के मकान ऊपर की ओर को पहाड़ी के साथ होते थे। उस दौरान हुई घटना के बाद ही नीचे रिहायश बनाई गई। जहां लगभग सौ वर्ष बाद फिर भीषण त्रासदी हुई।
हिमाचल में नए साल पर सुहावना रहेगा मौसम:5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट; 3-4 जनवरी को फिर अच्छी बर्फबारी
हिमाचल में नए साल पर सुहावना रहेगा मौसम:5 जिलों में शीतलहर का अलर्ट; 3-4 जनवरी को फिर अच्छी बर्फबारी हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद मौसम सुहावना हो गया है। पहाड़ों पर अगले 4 दिन तक धूप खिलेगी। नए साल की पूर्व संध्या पर भी मौसम साफ रहेगा। मगर इस दौरान प्रदेश के मैदानी इलाकों में शीतलहर लोगों को परेशान करेगी। मौसम विभाग (IMD) केंद्र शिमला ने अगले 72 घंटे यानी 3 दिन तक 5 जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और मंडी जिला में कोल्ड-वेव का ऑरेंज अलर्ट तथा कुल्लू, कांगड़ा व शिमला जिला में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में रात और सुबह के समय कड़ाके की सर्दी पड़ेगी। इसे देखते हुए लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। 2 जनवरी की रात वेस्टर्न डिस्टरबेंस फिर एक्टिव होगा IMD की माने तो नए साल में 2 जनवरी की रात वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव होने से मौसम फिर से करवट बदलेगा। इससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्का हिमपात हो सकता है। 3 जनवरी को मध्यम ऊंचाई तथा 4 जनवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में अच्छी बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान है। सूखे से राहत की सांस प्रदेश में 26 दिसंबर तक सूखे जैसे हालात थे। पोस्ट मानसून सीजन (1 अक्टूबर से 26 दिसंबर) तक नॉर्मल से 96 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। मगर 27 व 28 दिसंबर की अच्छी बारिश-बर्फबारी के बाद अब पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से केवल 37 प्रतिशत कम ही बारिश रह गई है। इन दो दिनों में अच्छी बारिश हुई है। इससे किसानों-बागवानों के साथ साथ पर्यटन कारोबारियों ने राहत की सांस ली है।