पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न हिस्सों 22 नशा मुक्ति केंद्रों को चलाने वाले चंडीगढ़ निवासी डॉ. अमित बंसल को गिरफ्तार किया है। जबकि ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना रूपप्रीत कौर को भी इस केस में सह आरोपी बनाया गया है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोप है कि वह नशा छुड़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग करते थे। इस संबंधी मोहाली में विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब में भ्रष्टाचार रोधी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। नशा छुड़ाने की दवाइयां मार्केट में बेची जा रही थी डॉ. अमित बंसल नशे के आदि मरीजों को इलाज के लिए एडनोक-एन 0.4 और एडनोक-एन 2.0 (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) की गोलियां दी जाती थी। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी इन नशा मुक्ति केंद्रों में उक्त गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था और यह गोलियां बाजार में ऐसे व्यक्तियों और नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थी। जिनका नाम इन नशा मुक्ति केंद्रों की सूची में शामिल नहीं था। पहले गोलियां और ड्रग मनी पकड़ी थी इससे पहले डॉक्टर अमित बंसल के लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल और नशा छुड़ाने केंद्र के कर्मचारियों विदंत और कमलजीत सिंह के खिलाफ थाना एसटीएफ, फेज-4, मोहाली में 05 अक्टूबर 2022 को दर्ज किया गया था। इन कर्मचारियों द्वारा दिए गए इकबालिया बयानों के आधार पर उनके पास से करीब 23 हजार गोलियां और 90 हजार रुपए की ड्रग मनी बरामद की गई थी। उसी दिन एसटीएफ की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में उक्त सिमरन नशा छुड़ाने केंद्र की जांच की, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गईं थी। पहले जालंधर में दर्ज हुआ था केस किसी व्यक्ति द्वारा डॉक्टर बंसल के सहज अस्पताल नकोदर नामक एक और नशा छुड़ाने केंद्र की वीडियो वायरल की गई थी। जिसका जालंधर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर द्वारा तुरंत नोटिस लेते हुए इस संबंध में थाना सिटी नकोदर में 8 जून 2024 को दर्ज करवाई गई थी। उक्त सहज नशा मुक्ति केंद्र की जांच के दौरान वहां निरीक्षण समिति द्वारा एडनोक-एन की करीब 1 लाख 44 हजार गोलियां कम पाई गई थी। आरोपी ने मिलीभगत कर मामला दबाया जालंधर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने जांच पूरी होने तक उक्त अस्पताल और नशा मुक्ति केंद्र के ऑनलाइन पोर्टल को फ्रीज करने और इसका लाइसेंस निलंबित करने के आदेश दिए थे। इसके बाद डॉ. अमित बंसल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय पंजाब के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके इस मामले को दबा दिया। यह भी पता चला है कि डॉ. अमित बंसल के स्वामित्व वाले एक और आदर्श अस्पताल और नशा छुड़ाने केंद्र पटियाला के कर्मचारियों के खिलाफ थाना अनाज मंडी, पटियाला में एक अलग केस 11 नवंबर 2024 दर्ज किया गया है। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य के विभिन्न हिस्सों 22 नशा मुक्ति केंद्रों को चलाने वाले चंडीगढ़ निवासी डॉ. अमित बंसल को गिरफ्तार किया है। जबकि ड्रग इंस्पेक्टर लुधियाना रूपप्रीत कौर को भी इस केस में सह आरोपी बनाया गया है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आरोप है कि वह नशा छुड़ाने वाली दवाओं के दुरुपयोग करते थे। इस संबंधी मोहाली में विजिलेंस ब्यूरो ने पंजाब में भ्रष्टाचार रोधी कानून की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। नशा छुड़ाने की दवाइयां मार्केट में बेची जा रही थी डॉ. अमित बंसल नशे के आदि मरीजों को इलाज के लिए एडनोक-एन 0.4 और एडनोक-एन 2.0 (बुप्रेनोर्फिन और नलोक्सोन) की गोलियां दी जाती थी। पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपी इन नशा मुक्ति केंद्रों में उक्त गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था और यह गोलियां बाजार में ऐसे व्यक्तियों और नशे के आदी लोगों को बेची जा रही थी। जिनका नाम इन नशा मुक्ति केंद्रों की सूची में शामिल नहीं था। पहले गोलियां और ड्रग मनी पकड़ी थी इससे पहले डॉक्टर अमित बंसल के लुधियाना स्थित सिमरन अस्पताल और नशा छुड़ाने केंद्र के कर्मचारियों विदंत और कमलजीत सिंह के खिलाफ थाना एसटीएफ, फेज-4, मोहाली में 05 अक्टूबर 2022 को दर्ज किया गया था। इन कर्मचारियों द्वारा दिए गए इकबालिया बयानों के आधार पर उनके पास से करीब 23 हजार गोलियां और 90 हजार रुपए की ड्रग मनी बरामद की गई थी। उसी दिन एसटीएफ की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में उक्त सिमरन नशा छुड़ाने केंद्र की जांच की, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गईं थी। पहले जालंधर में दर्ज हुआ था केस किसी व्यक्ति द्वारा डॉक्टर बंसल के सहज अस्पताल नकोदर नामक एक और नशा छुड़ाने केंद्र की वीडियो वायरल की गई थी। जिसका जालंधर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर द्वारा तुरंत नोटिस लेते हुए इस संबंध में थाना सिटी नकोदर में 8 जून 2024 को दर्ज करवाई गई थी। उक्त सहज नशा मुक्ति केंद्र की जांच के दौरान वहां निरीक्षण समिति द्वारा एडनोक-एन की करीब 1 लाख 44 हजार गोलियां कम पाई गई थी। आरोपी ने मिलीभगत कर मामला दबाया जालंधर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने जांच पूरी होने तक उक्त अस्पताल और नशा मुक्ति केंद्र के ऑनलाइन पोर्टल को फ्रीज करने और इसका लाइसेंस निलंबित करने के आदेश दिए थे। इसके बाद डॉ. अमित बंसल ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशालय पंजाब के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके इस मामले को दबा दिया। यह भी पता चला है कि डॉ. अमित बंसल के स्वामित्व वाले एक और आदर्श अस्पताल और नशा छुड़ाने केंद्र पटियाला के कर्मचारियों के खिलाफ थाना अनाज मंडी, पटियाला में एक अलग केस 11 नवंबर 2024 दर्ज किया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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