अमृतसर पुलिस ने जालंधर और कपूरथला के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने विदेश भेजने के नाम पर एक श्रीलंका के लड़के और लड़की का अपहरण किया था और फिरौती की मांग की थी। पुलिस ने दोनों को वारदात के 24 घंटे के दौरान गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि नीलूजीतन निवासी श्रीलंका ने बताया कि वो अपने दोस्त जहान, करबिका, ललित पियांथा, कनिष्क और सुमर्धन के साथ 2 दिसंबर को भारत घूमने आया था। उसे दिल्ली में श्रीलंका का युवक असिथा मिला जिसे वो पहले से जानते नहीं थे। असिथा ने नीलूजीतन से कहा कि वो उनका अल्बानिया का वर्क वीजा लगवा देगा। जिसके बाद उसके सारे दोस्त वर्क वीजा के लिए सहमत हो गए। इसके बाद असिथा उन्हें दो अन्य लोगों से मिलवाने ले गए। जिन्होंने उनके सभी पांचों के वीजा लगवाने के लिए 3000 डॉलर लिए। उसके बाद उन दोनों का फोन आया कि 27 दिसंबर को बताया कि दो आदमी कनिष्क (लड़की) और सुमर्धन का वीजा लग गया है और उन्हें लेकर अमृतसर आ जाएं। दिल्ली से अमृतसर बुलाया जिसके बाद 29 दिसंबर को वो अमृतसर पहुंचे, जहां से वह दोनों उनके साथी कनिष्क (लड़की) और सुमर्धन को लेकर रात को ही गाड़ी से चले गए। अगले दिन उन्होंने वीडियो कॉल की कि वो दोनों को मार देंगे, अन्यथा उन्हें 8000 यूरो दिए जाएं। जिसके बाद नीलूजीतन अमृतसर के रामबाग पुलिस स्टेशन पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत एक्शन में आकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस आरोपियों के मोबाइल फोन ट्रेस करते हुए होशियारपुर इलाके में पहुंची और होशियारपुर पुलिस की मदद से जालंधर ग्रामीण इलाके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। अपहरण में प्रयोग कार बरामद आरोपियों की पहचान अंकित निवासी कपूरथला और और इंद्रजीत सिंह निवासी जालंधर के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि अंकित विदेश से डिपोर्ट होकर भारत आया है, वहीं पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी एक और साथी को गिरफ्तार करना है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि श्रीलंका से आए नागरिक सुरक्षित हैं और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने अपहरण के समय प्रयोग की गई कार भी बरामद कर ली है। आरोपियों के खिलाफ पहले से भी मामले दर्ज हैं। अमृतसर पुलिस ने जालंधर और कपूरथला के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने विदेश भेजने के नाम पर एक श्रीलंका के लड़के और लड़की का अपहरण किया था और फिरौती की मांग की थी। पुलिस ने दोनों को वारदात के 24 घंटे के दौरान गिरफ्तार किया है। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि नीलूजीतन निवासी श्रीलंका ने बताया कि वो अपने दोस्त जहान, करबिका, ललित पियांथा, कनिष्क और सुमर्धन के साथ 2 दिसंबर को भारत घूमने आया था। उसे दिल्ली में श्रीलंका का युवक असिथा मिला जिसे वो पहले से जानते नहीं थे। असिथा ने नीलूजीतन से कहा कि वो उनका अल्बानिया का वर्क वीजा लगवा देगा। जिसके बाद उसके सारे दोस्त वर्क वीजा के लिए सहमत हो गए। इसके बाद असिथा उन्हें दो अन्य लोगों से मिलवाने ले गए। जिन्होंने उनके सभी पांचों के वीजा लगवाने के लिए 3000 डॉलर लिए। उसके बाद उन दोनों का फोन आया कि 27 दिसंबर को बताया कि दो आदमी कनिष्क (लड़की) और सुमर्धन का वीजा लग गया है और उन्हें लेकर अमृतसर आ जाएं। दिल्ली से अमृतसर बुलाया जिसके बाद 29 दिसंबर को वो अमृतसर पहुंचे, जहां से वह दोनों उनके साथी कनिष्क (लड़की) और सुमर्धन को लेकर रात को ही गाड़ी से चले गए। अगले दिन उन्होंने वीडियो कॉल की कि वो दोनों को मार देंगे, अन्यथा उन्हें 8000 यूरो दिए जाएं। जिसके बाद नीलूजीतन अमृतसर के रामबाग पुलिस स्टेशन पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने तुरंत एक्शन में आकर कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस आरोपियों के मोबाइल फोन ट्रेस करते हुए होशियारपुर इलाके में पहुंची और होशियारपुर पुलिस की मदद से जालंधर ग्रामीण इलाके से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। अपहरण में प्रयोग कार बरामद आरोपियों की पहचान अंकित निवासी कपूरथला और और इंद्रजीत सिंह निवासी जालंधर के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि अंकित विदेश से डिपोर्ट होकर भारत आया है, वहीं पुलिस ने कहा कि उन्हें अभी एक और साथी को गिरफ्तार करना है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि श्रीलंका से आए नागरिक सुरक्षित हैं और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने अपहरण के समय प्रयोग की गई कार भी बरामद कर ली है। आरोपियों के खिलाफ पहले से भी मामले दर्ज हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। उसमें लॉरेंस ने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक यह वही इंटरव्यू था, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने बैरक भी दिखाई
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार, मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। SIT की रिपोर्ट के बाद 7 पुलिसवाले सस्पेंड हुए थे
लॉरेंस के जेल में इंटरव्यू मामले की जांच करने वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट में कहा गया था कि गैंगस्टर ने 3-4 सितंबर, 2022 की रात पंजाब की जेल से ही इंटरव्यू दिया था। यह सब हाई सिक्योरिटी जोन में हुआ। इंटरव्यू चंडीगढ़ के साहिबजादा अजीत सिंह नगर थाने में शूट हुआ। क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के ऑफिस में इंचार्ज के कमरे को स्टूडियो में बदला गया। इंटरनेट के लिए SHO के सरकारी डोंगल का इस्तेमाल किया। इंटरव्यू मोबाइल से शूट किया गया। इस दौरान 2 DSP समेत 7 पुलिसवाले मौजूद थे। इस रिपोर्ट के आधार पर 7 पुलिसवाले सस्पेंड किए गए थे। ये पुलिसवाले सस्पेंड हुए
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित SIT ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान कोताही व लापरवाही का आरोपी माना था। इसके बाद 25 अक्टूबर 2024 को सभी को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए गए। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था, उनमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), SI जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), SI शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल थे।
शंभू बॉर्डर खोलने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:पंजाब- हरियाणा सरकारें किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट सौंपेंगे; विफल हुई थी बातचीत
शंभू बॉर्डर खोलने पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज:पंजाब- हरियाणा सरकारें किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट सौंपेंगे; विफल हुई थी बातचीत शंभू- खनौरी बॉर्डर बंद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में आज (गुरुवार को ) पंजाब और हरियाणा सरकारें किसानों के साथ हुई बैठक की रिपोर्ट सौंपने वाली हैं। बीते दिन (बुधवार को) पटियाला में पंजाब- हरियाणा के पुलिस व प्रशासन और किसानों के बीच हुई बैठक विफल रही है। 10 दिन पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों के बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने की बात कही थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की थी कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया था। इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा था। पटियाला में एक घंटे चली थी बैठक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद बुधवार को पटियाला में पंजाब पुलिस और किसानों के वरिष्ठ अधिकारियों की अहम बैठक हुई। जिसमें पटियाला के डीसी शोहकत अहमद पर्रे, पंजाब पुलिस के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला, डीसी अंबाला पार्थ गुप्ता व एसपी अंबाला सुरेंद्र सिंह भौरिया समेत दोनों राज्यों के कई अधिकारी मौजूद थे। मीटिंग करीब एक घंटे तक चली। किसानों ने मीटिंग में साफ कहा कि उन्होंने रास्ता नहीं रोका हुआ है। यह रास्ता हरियाणा सरकार व पुलिस की तरफ से रोका गया है। फरवरी से चल रहा संघर्ष फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई। किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। जानें अभी तक क्या हुआ किसान आंदोलन में