योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ उनकी ही साली पल्लवी पटेल ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से शिकायत की है। बुधवार को सिराथू से सपा विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने इसी सिलसिले में राज्यपाल से मुलाकात की। मंत्री आशीष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी SIT जांच की भी मांग की है। पल्लवी पटेल ने कहा, प्राविधिक शिक्षा विभाग में लेक्चरर्स (प्रवक्ता) को नियम के खिलाफ प्रमोट कर विभागाध्यक्ष बनाया गया। एक-एक प्रवक्ता से 25-25 लाख रुपए की रिश्वत ली गई है। उन्होंने राज्यपाल से 9 दिसंबर, 2024 को जारी प्रमोशन का आदेश भी निरस्त करने की मांग की। दो दिन पहले पूर्व DIG अमिताभ ठाकुर ने लोकायुक्त के समक्ष आशीष पटेल की शिकायत कर जांच की मांग की थी। आशीष पटेल अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं। अब आगे क्या होगा? मंत्री आशीष पटेल ने कहा- मुझे कुछ हुआ तो STF जिम्मेदार आशीष पटेल बीते एक महीने से अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। पटेल ने मंगलवार को X पर पोस्ट कर लिखा- यदि सामाजिक न्याय की लड़ाई में मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए UP STF जिम्मेदार होगी। पटेल ने सूचना विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए। साथ ही 4 दस्तावेज भी पोस्ट किए। आशीष ने कहा, सरदार पटेल का वंशज हूं, डरने वाला नहीं, लड़ने वाला हूं। हूबहू आशीष पटेल की पूरी पोस्ट पढ़िए… उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी और तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा एम देवराज की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है। उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग को झूठ, फरेब एवं मीडिया ट्रायल का यह खेल आगे बढ़कर बन्द कराना चाहिए। यदि यह विभागीय पदोन्नति गलत है तो सूचना विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण देना चाहिए। मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री यदि उचित समझें तो बार-बार के मीडिया ट्रायल, झूठ और फरेब के जरिए किए जा रहे मेरे राजनीतिक चरित्र हनन के इस दुष्प्रयास पर स्थायी विराम के लिए बतौर मंत्री मेरे द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच करा सकते हैं। इतना ही नहीं मैं तो यहां तक कहता हूं कि लगे हाथ अगर उचित समझा जाए तो स्वयं मेरी तथा मेरी पत्नी और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री माननीय अनुप्रिया पटेल के सांसद-विधान परिषद सदस्य बनने के बाद अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच करा ली जाए। पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल जारी है। वास्तव में पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगने का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है, जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी। पोस्ट के साथ पदोन्नति की वर्ग-वार सूची देंखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा। ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि इनके कलेजे में भविष्य में भी कांटा चुभता रहेगा। वह इसलिए कि इन झूठे तथ्यों, अफवाहों और मीडिया ट्रायल से अपना दल (एस) की सामाजिक न्याय की लड़ाई बंद नहीं होने वाली। हम अब पहले से भी अधिक शक्ति के साथ सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करते रहेंगे। मैंने पहले भी कहा है कि लौह पुरुष सरदार पटेल का वंशज आशीष पटेल डरने वालों में नहीं, बल्कि लड़ने वालों में से है। अपने शुभचिंतकों के लिए एक विशेष बात कि यदि सामाजिक न्याय की इस जंग में मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र/ दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स की होगी। आशीष पटेल ने 4 दस्तावेज जारी किए 16 दिसंबर को आशीष पटेल ने दी थी इस्तीफे की धमकी आशीष पटेल ने 16 दिसंबर को इस्तीफे की धमकी दी थी। कहा था- मेरी राजनीतिक हत्या कराने की साजिश हो रही है। सीएम आरोपों की CBI से जांच करा लें। पीएम मोदी जिस दिन आदेश करेंगे, मैं एक सेकेंड में इस्तीफा दे दूंगा। रात साढ़े 11 बजे X पर 3 पोस्ट किए- क्या है पूरा मामला- ——————————- ये खबर भी पढ़ें- राहुल-अखिलेश के रास्ते पर अनुप्रिया पटेल:लखनऊ में बोलीं- जाति जनगणना कराई जाए; एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना की मांग की है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव पहले ही जाति जनगणना की मांग करके भाजपा को घेर रहे हैं। इस तरह अब अनुप्रिया भी राहुल-अखिलेश की राह पर चल पड़ी हैं। इससे भाजपा की मुसीबत बढ़ सकती है। पढ़ें पूरी खबर योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के खिलाफ उनकी ही साली पल्लवी पटेल ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से शिकायत की है। बुधवार को सिराथू से सपा विधायक और अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने इसी सिलसिले में राज्यपाल से मुलाकात की। मंत्री आशीष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी SIT जांच की भी मांग की है। पल्लवी पटेल ने कहा, प्राविधिक शिक्षा विभाग में लेक्चरर्स (प्रवक्ता) को नियम के खिलाफ प्रमोट कर विभागाध्यक्ष बनाया गया। एक-एक प्रवक्ता से 25-25 लाख रुपए की रिश्वत ली गई है। उन्होंने राज्यपाल से 9 दिसंबर, 2024 को जारी प्रमोशन का आदेश भी निरस्त करने की मांग की। दो दिन पहले पूर्व DIG अमिताभ ठाकुर ने लोकायुक्त के समक्ष आशीष पटेल की शिकायत कर जांच की मांग की थी। आशीष पटेल अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं। अब आगे क्या होगा? मंत्री आशीष पटेल ने कहा- मुझे कुछ हुआ तो STF जिम्मेदार आशीष पटेल बीते एक महीने से अपनी ही सरकार पर हमलावर हैं। पटेल ने मंगलवार को X पर पोस्ट कर लिखा- यदि सामाजिक न्याय की लड़ाई में मुझे कुछ हुआ तो इसके लिए UP STF जिम्मेदार होगी। पटेल ने सूचना विभाग पर भी गंभीर आरोप लगाए। साथ ही 4 दस्तावेज भी पोस्ट किए। आशीष ने कहा, सरदार पटेल का वंशज हूं, डरने वाला नहीं, लड़ने वाला हूं। हूबहू आशीष पटेल की पूरी पोस्ट पढ़िए… उत्तर प्रदेश के सबसे ईमानदार आईएएस अधिकारी और तत्कालीन प्रमुख सचिव, प्राविधिक शिक्षा एम देवराज की अध्यक्षता में हुई विभागीय पदोन्नति समिति की संस्तुति और शीर्ष स्तर पर सहमति के आधार पर हुई पदोन्नति के बावजूद राजनीतिक चरित्र हनन के लिए लगातार मीडिया ट्रायल अस्वीकार्य है। उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग को झूठ, फरेब एवं मीडिया ट्रायल का यह खेल आगे बढ़कर बन्द कराना चाहिए। यदि यह विभागीय पदोन्नति गलत है तो सूचना विभाग की तरफ से स्पष्टीकरण देना चाहिए। मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री यदि उचित समझें तो बार-बार के मीडिया ट्रायल, झूठ और फरेब के जरिए किए जा रहे मेरे राजनीतिक चरित्र हनन के इस दुष्प्रयास पर स्थायी विराम के लिए बतौर मंत्री मेरे द्वारा अब तक लिए गए सभी फैसलों की सीबीआई जांच करा सकते हैं। इतना ही नहीं मैं तो यहां तक कहता हूं कि लगे हाथ अगर उचित समझा जाए तो स्वयं मेरी तथा मेरी पत्नी और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री माननीय अनुप्रिया पटेल के सांसद-विधान परिषद सदस्य बनने के बाद अर्जित की गई संपत्ति की भी जांच करा ली जाए। पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल जारी है। वास्तव में पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगने का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है, जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी। पोस्ट के साथ पदोन्नति की वर्ग-वार सूची देंखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा। ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि इनके कलेजे में भविष्य में भी कांटा चुभता रहेगा। वह इसलिए कि इन झूठे तथ्यों, अफवाहों और मीडिया ट्रायल से अपना दल (एस) की सामाजिक न्याय की लड़ाई बंद नहीं होने वाली। हम अब पहले से भी अधिक शक्ति के साथ सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करते रहेंगे। मैंने पहले भी कहा है कि लौह पुरुष सरदार पटेल का वंशज आशीष पटेल डरने वालों में नहीं, बल्कि लड़ने वालों में से है। अपने शुभचिंतकों के लिए एक विशेष बात कि यदि सामाजिक न्याय की इस जंग में मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र/ दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स की होगी। आशीष पटेल ने 4 दस्तावेज जारी किए 16 दिसंबर को आशीष पटेल ने दी थी इस्तीफे की धमकी आशीष पटेल ने 16 दिसंबर को इस्तीफे की धमकी दी थी। कहा था- मेरी राजनीतिक हत्या कराने की साजिश हो रही है। सीएम आरोपों की CBI से जांच करा लें। पीएम मोदी जिस दिन आदेश करेंगे, मैं एक सेकेंड में इस्तीफा दे दूंगा। रात साढ़े 11 बजे X पर 3 पोस्ट किए- क्या है पूरा मामला- ——————————- ये खबर भी पढ़ें- राहुल-अखिलेश के रास्ते पर अनुप्रिया पटेल:लखनऊ में बोलीं- जाति जनगणना कराई जाए; एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने जाति जनगणना की मांग की है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव पहले ही जाति जनगणना की मांग करके भाजपा को घेर रहे हैं। इस तरह अब अनुप्रिया भी राहुल-अखिलेश की राह पर चल पड़ी हैं। इससे भाजपा की मुसीबत बढ़ सकती है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिल्ली में नाबालिग से दरिंदगी! घर में घुसकर बेरोजगार युवक ने सात साल की बच्ची के साथ की ये घिनौनी हरकत
दिल्ली में नाबालिग से दरिंदगी! घर में घुसकर बेरोजगार युवक ने सात साल की बच्ची के साथ की ये घिनौनी हरकत <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Crime News:</strong> राष्ट्रीय राजधानी के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली के नंद नगरी (Nand Nagri) इलाके से एक शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. इस मामले में 22 साल के बेरोजगार युवक ने सात साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) किया. दिल्ली पुलिस ने बताया कि नंद नगरी में यह घटना बुधवार को उस दौरान हुई जब पीड़िता की मां घर पर नहीं थी और बच्ची घर में अकेली थी. घटना के समय लड़की घर पर अकेली थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>नंद नगरी थाना पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जब पीड़िता की मां वापस घर लौटी तो उसने देखा कि उसकी बेटी रो रही है. इस दौरान आरोपी सौरभ ऋषि भी घर में ही मौजूद था. उन्होंने बताया कि पीड़िता की मां को देखकर आरोपी भागने लगा, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोस्को) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस मामले में आगे की कार्यवाही में जुटी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शोर मचाने पर एकत्र हुए लोग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जब सात साल की बच्ची की मां दुकान से सामान लेकर वापस लौटी तो उसने देखा कि घर अंदर से बंद है. आरोपी वारदात को अंजाम दे रहा है. मां की आवाज सुनकर बच्ची फूट फूटकर रोने लगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए मां ने शोर मचा दिया. मां की आवाज सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए. मामला बढ़ता देख आरोपी दरवाजा खोल कर भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उसे दबोच लिया. थाना पुलिस ने बताया कि आरोपी बेरोजगार है. इस मामले में आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई जारी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”Delhi Weather: दिल्ली के इन इलाकों में सुबह-सुबह हुई बारिश, जानें- अगले पांच दिनों तक कैसा रहेगा मौसम” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/delhi-ncr-delhi-rain-today-update-imd-predicts-cloudy-day-and-thunderstorm-2742022″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Weather: दिल्ली के इन इलाकों में सुबह-सुबह हुई बारिश, जानें- अगले पांच दिनों तक कैसा रहेगा मौसम</a></p>
पटौदी में लगातार दूसरी बार कभी कोई नहीं जीता:सीटिंग MLA को हमेशा हराते हैं वोटर, BJP काट सकती है मौजूदा विधायक जरावता का टिकट
पटौदी में लगातार दूसरी बार कभी कोई नहीं जीता:सीटिंग MLA को हमेशा हराते हैं वोटर, BJP काट सकती है मौजूदा विधायक जरावता का टिकट हरियाणा में इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई नजर आ सकती है। इसी वजह से दोनों पार्टियां फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है। 10 साल से सत्ता में बैठी BJP हैट्रिक बनाने के लिए सर्वे करवा रही है वहीं कांग्रेस में भी अलग-अलग लेवल पर फीडबैक जुटाया जा रहा है। सत्ता विरोधी लहर और एंटी इन्कंमबेंसी से निपटने के लिए BJP में इस बार कई मौजूदा विधायकों के टिकट कटने तय हैं। अगर गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां के लोगों ने कभी भी मौजूदा विधायक को लगातार दूसरी बार नहीं जिताया। यानि इस सीट से हर चुनाव में नया चेहरा ही एमएलए बनता है। 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता पटौदी से विधायक चुने गए थे। अगर इतिहास को देखें तो इस बार उनकी जीत मुश्किल है। यही वजह है कि भाजपा यहां सत्यप्रकाश जरावता का टिकट काटकर किसी दूसरे चेहरे को मौका दे सकती है। सर्वे में खुलासा-तीनों विधायकों से लोग नाराज गुरुग्राम लोकसभा हलके में आने वाली गुरुग्राम, सोहना और पटौदी विधानसभा सीटों की बात करें तो BJP की ओर से कराए गए सर्वे में हालात बहुत अच्छे नहीं मिले। तीनों इलाकों के लोग अपने मौजूदा विधायकों से खुश नहीं हैं और बदलाव के मूड में नजर आते हैं। सर्वे के नतीजे आने के बाद BJP इन तीनों सीटों पर नए चेहरों को मौका देने पर गंभीरता से विचार करने को मजबूर हो गई है। 2014 में भी BJP ने काटा था सीटिंग MLA का टिकट पटौदी सीट का तो इतिहास रहा है कि यहां के वोटर हर चुनाव में अपना विधायक बदलते हैं। यानि मौजूदा विधायक को अगले चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इस लिहाज से 2019 में चुनाव जीतने वाले सत्यप्रकाश जरावता के लिए संकेत बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। भाजपा नेतृत्व भी शायद पटौदी के लोगों का मिजाज समझता है इसलिए उसने 2014 के चुनाव में यहां से विधायक चुनी गई अपनी नेता विमला चौधरी को 2019 में दूसरी बार मौका नहीं दिया। पार्टी ने 2019 में विमला चौधरी का टिकट काटते हुए उनकी जगह सत्यप्रकाश जरावता को मैदान में उतारा। BJP की यह रणनीति सफल रही और जरावता यहां से बाजी मार ले गए। इंद्रजीत से मधु की दूरियां बढ़ीं, सुमेर तंवर करीब आए शुरू से BJP से जुड़े सुमेर सिंह तंवर और पूर्व मेयर मधु आजाद पटौदी में टिकट के दावेदार हैं। सुमेर तंवर तो यहां डेरा डालकर बैठे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के करीबी सुमेर तंवर ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव के बाद राव इंद्रजीत सिंह से भी निकटता बना ली है। दरअसल गुरुग्राम नगर निगम चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने ही श्रीमती मधु आजाद को गुरुग्राम का मेयर बनवाया। हाल के लोकसभा चुनाव में मधु आजाद के बूथ से राव इंद्रजीत को महज 3 वोट की लीड मिली जबकि सुमेर तंवर ने अपने बूथ से राव इंद्रजीत को 350 वोट की बढ़त दिलाई। इसके बाद ही राव इंद्रजीत ने मधु आजाद से दूरी बना ली। इसका फायदा सुमेर तंवर को मिल सकता है। जरावता को टिकट दिलाने वाले खट्टर हरियाणा से बाहर 2019 में पटौदी सीट से भाजपा के विधायक चुने गए सत्यप्रकाश जरावता किसी समय राव इंद्रजीत सिंह के खेमे में होते थे। जरावत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए हाथ-पैर मारे लेकिन काम नहीं बना। 2014 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद मनोहर लाल खट्टर सीएम बने तो जरावता राव इंद्रजीत का गुट छोड़कर खट्टर के पाले में चले गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में राव इंद्रजीत पटौदी सीट से नरेंद्र सिंह पहाड़िया को टिकट देने की पैरवी कर रहे थे लेकिन खट्टर ने उस पर वीटो लगाते हुए जरावता को टिकट दिला दी। चुनाव में जरावत विजयी रहे वहीं राव इंद्रजीत के आशीर्वाद से नरेंद्र पहाड़िया ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर रहे। अब मनोहर लाल खट्टर हरियाणा से बाहर जा चुके हैं इसलिए वह जरावता की मजबूत पैरवी कर पाने की स्थिति में नहीं रह गए। ऐसे में पूरी संभावना है कि राव इंद्रजीत के विरोध और पटौदी के इतिहास को देखते हुए BJP यहां जरावता का टिकट काट दे। पटौदी में कांग्रेस के पास भी बड़ा चेहरा नहीं भाजपा के अलावा कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के सर्वे में पटौदी से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेताओं की स्थिति भी ठीक नहीं निकली। कांग्रेस की ओर से सुधीर चौधरी यहां लगातार दो (2014 व 2019) चुनाव हार चुके हैं। वह इस बार भी चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं लेकिन कांग्रेस में लगातार दो चुनाव हारने वाले नेताओं को तीसरा मौका देने को लेकर विचार-मंथन चल रहा है। कांग्रेस पार्टी में यहां कुमारी सैलजा के खेमे से ताल्लुक रखने वाले प्रदीप जटोली भी एक्टिव हैं। 3 चुनाव में कभी लगातार दो बार कोई नहीं जीता 1967 से लेकर 2019 तक हुए 13 विधानसभा चुनाव में यहां कभी कोई विधायक लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीत पाया। यहां के वोटर हर बार अपना विधायक बदल लेते हैं। पटौदी सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के बी. सिंह जीते। 1968 में विशाल हरियाणा पार्टी के रामजीवन सिंह, 1972 में कांग्रेस के शीशराम, 1977 में विशाल हरियाणा पार्टी के नारायण सिंह और 1982 में कांग्रेस के हीरालाल यहां से विधायक बने। वर्ष 1987 के चुनाव में लोकदल के शिवलाल, 1991 में जनता दल के हीरालाल, 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के नारायण सिंह और 2000 में इनेलो के रामबीर सिंह यहां से MLA बने। 2005 में कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह, 2009 में इनेलो के गंगाराम, 2014 में BJP की विमला चौधरी और 2019 में BJP के सत्यप्रकाश जरावता जीतकर विधानसभा पहुंचे। हीरालाल 1982 और 1991 में तो नारायण सिंह 1977 और 1996 में यहां से दो बार विधायक बने लेकिन वह भी बैक टू बैक जीत दर्ज नहीं कर पाए। 20% एससी वोटर पटौदी विधानसभा सीट एससी के लिए रिजर्व हैं। यहां तकरीबन 20% वोट एससी बिरादरी के हैं। तकरीबन सवा दो लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर 2019 में 71% तो 2014 में 61.67% वोटिंग हुई थी।
UP Assembly Session 2024: चुनाव के बाद यूपी में विधानसभा का पहला सत्र, पहले दिन ही दिखी ये तस्वीर
UP Assembly Session 2024: चुनाव के बाद यूपी में विधानसभा का पहला सत्र, पहले दिन ही दिखी ये तस्वीर <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Monsoon Session 2024:</strong> <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. विपक्ष खासतौर पर सपा और कांग्रेस ने मिलकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. वहीं सत्र शुरू होते ही पहले दिन शिवपाल यादव और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय एक साथ बैठे हुए नजर आए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा से जारी सूचना के अनुसार मॉनसून सत्र 29 जुलाई से 2 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान विधानसभा में सपा के ओर से नेता प्रतिपक्ष के तौर पर माता प्रसाद पांडेय अपनी भूमिका में नजर आए. नेता प्रतिपक्ष सदन में शिवपाल यादव के साथ बैठे हुए नजर आए. यह तस्वीर सामने आते ही इसकी चर्चा चारों ओर होने लगी. 2022 के चुनाव के बाद अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा में नहीं हैं इस वजह से यह तस्वीर और अहम हो जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे का स्वागत किया, जिन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. वहीं विधानसभा शुरू होते ही सीएम योगी पहले सपा नेता शिवपाल यादव के पास गए और फिर उनके बगल में बैठे माता प्रसाद पांडेय के भी मिले. इस दौरान उनके साथ सरकार के कई मंत्री और विधायक मौजूद थे.</p>