पंजाब में ठंड ने विकराल रूप ले लिया है। जिससे पशु पक्षियों को ही नहीं, बल्कि इंसानों को भी परेशान होना पड़ रहा है। जालंधर में कल यानी शुक्रवार को एक व्यक्ति की कड़ाके की ठंड के कारण मौत हो गई। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। जिसके चलते उसे शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल में भेज दिया गया है। फिलहाल शव 72 घंटे तक सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में ही रहेगी। अगर 72 घंटे तक कोई नहीं आता तो पुलिस द्वारा खुद उक्त व्यक्ति का अंतिम संस्कार करवाया जाएगा। क्राइम सीन से नहीं मिला कोई दस्तावेज थाना डिवीजन नंबर-2 के एरिया में पड़ती नई अनाज मंडी में उक्त व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। लोगों ने शव बेसुध पड़े व्यक्ति को देखा तो तुरंत मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी गई। जिसके बाद जांच के लिए थाना नंबर-2 की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। सब इंस्पेक्टर गुलशन कुमार ने कहा- आसपास के लोगों से शव की पहचान करने की कोशिश की गई, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। एसआई गुलशन कुमार ने कहा- मृतक की उम्र करीब 30 से 35 साल की है। जिससे कोई दस्तावेज फिलहाल नहीं बरामद किया गया था। ना ही शरीर पर कोई निशान था। प्राथमिक जांच में मौत का कारण ठंड लग रहा है। पंजाब में ठंड ने विकराल रूप ले लिया है। जिससे पशु पक्षियों को ही नहीं, बल्कि इंसानों को भी परेशान होना पड़ रहा है। जालंधर में कल यानी शुक्रवार को एक व्यक्ति की कड़ाके की ठंड के कारण मौत हो गई। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। जिसके चलते उसे शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल में भेज दिया गया है। फिलहाल शव 72 घंटे तक सिविल अस्पताल की मॉर्च्युरी में ही रहेगी। अगर 72 घंटे तक कोई नहीं आता तो पुलिस द्वारा खुद उक्त व्यक्ति का अंतिम संस्कार करवाया जाएगा। क्राइम सीन से नहीं मिला कोई दस्तावेज थाना डिवीजन नंबर-2 के एरिया में पड़ती नई अनाज मंडी में उक्त व्यक्ति का शव बरामद किया गया है। लोगों ने शव बेसुध पड़े व्यक्ति को देखा तो तुरंत मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी गई। जिसके बाद जांच के लिए थाना नंबर-2 की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। सब इंस्पेक्टर गुलशन कुमार ने कहा- आसपास के लोगों से शव की पहचान करने की कोशिश की गई, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। एसआई गुलशन कुमार ने कहा- मृतक की उम्र करीब 30 से 35 साल की है। जिससे कोई दस्तावेज फिलहाल नहीं बरामद किया गया था। ना ही शरीर पर कोई निशान था। प्राथमिक जांच में मौत का कारण ठंड लग रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सेना में हुए थे ब्लड प्रेशर के शिकार, मिलेंगी पेंशन:HC ने सुनाया फैसला, केंद्र सरकार की अपील खारिज, 2019 में दी रिटायरमेंट सेना में रहते हुए कोई हाई ब्लड प्रेशर स्टेज एक का शिकार हो जाता है। तो वह विकलांगता पेंशन का हकदार माना जाएगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस तरह के एक केस को सुनते हुए फैसला सुनाया है। अदालत ने आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्रूनल (AFT) के फैसले के खिलाफ भारत सरकार की अपील को खारिज कर दी है। 2002 में सेना हुए थे भर्ती धीरज कुमार की तरफ से इस संबंधी AFT में याचिका दाखिल की गई थी। उन्होंने अपनी याचिका में बताया था कि वह 2002 में सेना में शामिल हुए थे। नौकरी के दौरान वह वह स्टेज हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो गए थे। इसके बाद सेना ने उन्हें 31 अक्तूबर 2019 को सेवा मुक्त कर दिया था। लेकिन पेंशन नहीं दी गई। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने अपनी जंग जारी रखी। मेडिकल बोर्ड ने उनकी विकलांगता 30 फीसदी मानी थी। सेना पेंशन देने का तैयार नहीं थी धीरज ने इसके बाद विकलांगता पेंशन के लिए आवेदन किया। लेकिन सरकार ने उसके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उसे हुई विकलांगता न तो सैन्य सेवा के कारण थी और न ही उससे बढ़ी थी। सेना के खिलाफ उन्हाेंने इस मुद्दे पर AFT में जंग लड़ी। जहां पर फैसला उसके पक्ष में आया। लेकिन सरकार सरकार उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं थी। इसके बाद AFT के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार हाईकोर्ट पहुंची। लेकिन फैसला उसके पक्ष में आया। अदालत में सुनवाई के दौरान सैनिक की तरफ से मेडिकल रिकॉर्ड पेश किया है। उसने बताया कि जब वह भर्ती हुआ तो पूरी तरह से तंदुरुस्त था। उसे यह बीमारी सेना सेवाकाल में हुई।