सिरसा जिला में नहर किनारे पेड़ पर फांसी लगाकर एक युवक ने सुसाइड कर ली। शव का शनिवार को पोस्टमॉर्टम का परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक रवि कुमार के माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। वह अविवाहित था। पुलिस ने मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सुसाइड नोट बरामद जानकारी के अनुसार गांव खुइयां नेपाल पुर का रहने वाला 28 वर्षीय रवि कुमार मजदूरी करता था। शुक्रवार को उसने गांव पंजुआना के पास नहर किनारे एक पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक रवि के पास एक सुसाइड नोट मिला। मारपीट कर बनाई थी अश्लील वीडियो मृतक ने नोट में लिखा था कि कुछ दिन पूर्व गुरमीत सिंह, राजू उर्फ रूड़ा व रमन ड्राइवर ने अजय उर्फ गग्गू व गुरबचन सिंह की शय पर उसके साथ मारपीट की थी। वह गग्गू से पैसे मांगता था, लेकिन वापस मांगने पर गग्गू उसके साथ गाली-गलौज करता था। उक्त लोगों ने उसे मारने की कोशिश की थी और उससे मारपीट कर उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी। 4 लोगों को ठहराया जिम्मेदार उक्त लोगों का उसे जान से मारने का इरादा था, लेकिन वह जैसे-तैसे कर भाग गया। नोट में लिखा कि उसकी मौत के जिम्मेदार गुरमीत सिंह, अजय, रमन व गुरबचन सिंह है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बड़ागुढ़ा थाना प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सिरसा जिला में नहर किनारे पेड़ पर फांसी लगाकर एक युवक ने सुसाइड कर ली। शव का शनिवार को पोस्टमॉर्टम का परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक रवि कुमार के माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। वह अविवाहित था। पुलिस ने मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सुसाइड नोट बरामद जानकारी के अनुसार गांव खुइयां नेपाल पुर का रहने वाला 28 वर्षीय रवि कुमार मजदूरी करता था। शुक्रवार को उसने गांव पंजुआना के पास नहर किनारे एक पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक रवि के पास एक सुसाइड नोट मिला। मारपीट कर बनाई थी अश्लील वीडियो मृतक ने नोट में लिखा था कि कुछ दिन पूर्व गुरमीत सिंह, राजू उर्फ रूड़ा व रमन ड्राइवर ने अजय उर्फ गग्गू व गुरबचन सिंह की शय पर उसके साथ मारपीट की थी। वह गग्गू से पैसे मांगता था, लेकिन वापस मांगने पर गग्गू उसके साथ गाली-गलौज करता था। उक्त लोगों ने उसे मारने की कोशिश की थी और उससे मारपीट कर उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी। 4 लोगों को ठहराया जिम्मेदार उक्त लोगों का उसे जान से मारने का इरादा था, लेकिन वह जैसे-तैसे कर भाग गया। नोट में लिखा कि उसकी मौत के जिम्मेदार गुरमीत सिंह, अजय, रमन व गुरबचन सिंह है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बड़ागुढ़ा थाना प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में अचानक झुकी दो मंजिला बिल्डिंग:5 मजदूर ऊपर फंसे, क्रेन से उतारा नीचे; चश्मदीद बोले- कॉलम नहीं बनने से आई दरार
फरीदाबाद में अचानक झुकी दो मंजिला बिल्डिंग:5 मजदूर ऊपर फंसे, क्रेन से उतारा नीचे; चश्मदीद बोले- कॉलम नहीं बनने से आई दरार फरीदाबाद में दो मंजिला बिल्डिंग में अचानक दरार आ गई। जिससे काम कर रहे 5 मजदूर ऊपर ही फंस गए। सूचना मिलते की पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर नीचे उतारा। घटना सेक्टर-82 बिहारी मार्केट की है। बिल्डिंग के पहली मंजिल की छत अचानक से झुक गई। जिससे मजदूर को निकालने का मौका नहीं मिला। घटना की सूचना पुलिस को दी गई इसके बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और क्रेन की मदद से बिल्डिंग के ऊपर फंसे मजदूरों नीचे उतारा। बिल्डिंग में नहीं बने कॉलम मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बिल्डिंग में कॉलम नहीं बनाया गया। जिससे छत अचानक झुकना गई। हालांकि इससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। समय रहते मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया है। चश्मदीद ने बताया कि वह सामने की दुकान से गद्दा खरीदने के लिए आया था। तभी एक ईंट नीचे रखे जनरेटर पर गिरने की आवाज आई। उसने ईंट को गिरते हुए देखा भी था। ईंट के गिरने के बाद उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिसके बाद बिल्डिंग की बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर बने दुकानों से ग्राहक और दुकानदार भागने लगे बिल्डिंग के ऊपर काम चल रहा था। एसीपी ने मौके पर पहुंचकर लिया जायजा एसीपी विनोद कुमार ने बताया की घटना की जानकारी जैसे ही थाना खेड़ी के एसएचओ को मिली। वह तुरंत अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद एसीपी विनोद कुमार खुद भी मौके पर पहुंचे थे। जिसके बाद क्रेन की मदद से बिल्डिंग के ऊपर फैंस पांच मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।
हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन
हरियाणा में डेरा प्रमुख महाराज बहादुर चंद का निधन:1 साल से थे बीमार, वार्षिक समागम रद्द; दोपहर 3.30 पर अंतिम दर्शन हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा जगमाल वाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील का आज सुबह निधन हो गया। पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। डेरा प्रमुख की हालत बिगड़ने के कारण उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। संत वकील करीब 1 साल से बीमार थे। आज दोपहर करीब 3.30 बजे उनका अंतिम दर्शन के लिए जगमाल वाली डेरा लाया जाएगा। डेरा प्रमुख के निधन की खबर के कारण डेरा में 3 से 4 अगस्त तक होने वाला वार्षिक समागम रद्द कर दिया गया है। ऐसा पहली बार होगा जब डेरा में कोई वार्षिक समागम नहीं हो रहा है। डेरा प्रमुख की गंभीर हालत के कारण उनके भक्तों में चिंता थी। इसे लेकर डेरा प्रबंधन कमेटी लगातार स्वास्थ्य बुलेटिन जारी कर भक्तों को सांत्वना दे रही थी। 31 जुलाई को डेरा प्रबंधन ने स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया था जिसमें कहा गया कि, “सतगुरु के प्रिय भक्त परम पूज्य महाराज जी का इलाज बहुत अनुभवी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया जा रहा है और उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर बनी हुई है। इसलिए भक्तों से अनुरोध है कि वे अस्पताल आने के बजाय महाराज जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए अधिक से अधिक सिमरन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।” हिसार और चंडीगढ़ में की पढ़ाई संत बहादुर चंद (वकील साहिब जी) मूल रूप से गांव चौटाला के रहने वाले हैं। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को गांव चौटाला में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में की। स्कूल पास करने के बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज में दाखिला लिया। जहां वे लाजपत राय छात्रावास में रहे और आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। फिर उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1968 में अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। देश-विदेश में प्रसिद्ध है डेरा कालांवाली मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव जगमालवाली करीब 300 साल पहले बसा था। डबवाली रोड पर स्थित यह छोटा सा गांव देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्ध है और इसकी वजह है गांव में स्थित मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम। इसके अलावा गांव में शिवरात्रि पर्व पर मेला लगता है, जिसमें खेलकूद प्रतियोगिताएं होती हैं। बाबा मोती पुरी स्पोर्ट्स क्लब द्वारा रक्तदान समेत कई समाज कल्याण के कार्य भी किए जाते हैं। क्लब ने गांव में स्थित श्मशान घाट को भी खूबसूरत रूप दिया है। गांव का क्षेत्रफल करीब 5 हजार एकड़ है। यहां 3 गुरुद्वारे और 2 बड़े डेरे हैं। बलूचिस्तानी आश्रम आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र वर्ष 1964-65 में यहां के एक किसान बाबा सज्जन सिंह रूहल, जो फकीर और अविवाहित थे, ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को कई एकड़ जमीन दान में दी और उनसे यहां एक डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने जहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। शुरू में छोटा सा यह आश्रम अब संत की प्रसिद्धि के कारण विशाल रूप ले चुका है। डेरे के अंदर करीब 100-100 फीट का एक बहुत ही भव्य सचखंड बनाया गया है, जिसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है। वर्तमान में डेरे की गद्दी संत बहादुर चंद वकील साहिब के पास है। जिनका अब निधन हो गया। डेरा जगमालवाली का अगला मुखी कौन होगा? मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली के संस्थापक गुरुबख्श सिंह मैनेजर साहब ने अपनी वसीयत के अनुसार बहादुर चंद वकील साहब को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, लेकिन वकील साहब के बाद डेरा का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है। बहादुर चंद को डेरा प्रमुख बनाए जाने के बाद गुरुबख्श सिंह के बेटे रघुबीर सिंह ने खुशपुर गोरीवाला में नया डेरा शुरू किया, जिसका प्रबंधन अब चंद महात्मा कर रहे हैं।
हरियाणा में गड्ढे में गिरने से बची रोडवेज बस:निर्माणाधीन पुल पर धंसे टायर; 40 सवारियों को पिछले दरवाजे से निकालकर बचाया गया
हरियाणा में गड्ढे में गिरने से बची रोडवेज बस:निर्माणाधीन पुल पर धंसे टायर; 40 सवारियों को पिछले दरवाजे से निकालकर बचाया गया हरियाणा के चरखी दादरी में रविवार को बड़ा हादसा होने से बचाव हो गया। यहां एक सवारियों से भरी चलती रोडवेज बस गड्ढे में गिरने से बच गई। जिससे सवारियों में हड़कंप मच गया। इस दौरान किसी तरह बस का थोड़ा बैलेंस बना और ड्राइवर-कंडक्टर नीचे उतरे। जिसके बाद करीब 35 से 40 सवारियों को पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया। इसके बाद जेसीबी बुलाकर बस को बाहर निकलवाया गया। नए पुल के लिए खोदा 15 फीट गहरा गड्ढा
जानकारी के मुताबिक बाढ़ड़ा में बाढ़ड़ा-सतनाली सड़क मार्ग पर नहर के ऊपर पुल पर बने पुराने पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जा रहा है। इसके लिए वहा करीब 10 से 15 फीट गहरा और बड़ा गड्ढा खोदा गया है। वहीं इस गड्ढे के साथ ही वाहन निकल रहे हैं। बस के वजन से मिट्टी नीचे गिरी, टायर गड्ढे में गया
रविवार को रोडवेज बस सवारियों को लेकर बाढ़ड़ा में रविवार को तोशाम से सतनाली जा रही थी। जब बस बाढ़ड़ा से आगे निकली और इस पुल से निकलने लगी तो बस के वजन से मिट्टी टूटकर नीचे गिर गई। जिसके बाद बस का अगला टायर गड्ढे में चला गया। सवारियों में मची चीखपुकार
इस दौरान गनीमत रही कि बस वहीं रुक गई और गड्ढे में गिरने से बच गई। अगर बस गड्ढ़े में गिरकर पलट जाती तो बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं बस के टायर के गड्ढे में जाने से सवारियों में चीखपुकार मच गई। आनन-फानन में बस के रुकते ही स्टाफ नीचे उतरा। जिसके बाद सवारियों को तेजी से बस के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया।