प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर विवाद के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बरेली में दावा किया कि महाकुंभ का आयोजन वक्फ के 54 बीघा की जमीन पर हो रहा है। रजवी ने कहा- हमने कोई आपत्ति नहीं की। दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं। उनको भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। मुसलमानों ने हमेश बड़ा दिल दिखाया
रजवी ने कहा- मुसलमानों ने हमेशा बड़ा दिल दिखाया है। उसके सबूत खूब मिलेंगे। महाकुंभ में बाबाओं और अखाड़ा परिषद ने जिस तरीके से मुसलमानों पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रहे हैं। खुद प्रयागराज के एक मुसलमान सरताज ने जानकारी दी कि जिस जमीन पर तंबू और मेला है वो वक्फ की जमीन है। जबकि मुसलमानों की दरियादिली देखिए कि उन्होंने टेंट और सड़क बनाने के लिए किसी को नहीं रोका, न ही आपत्ति दर्ज कराई। अखाड़ा परिषद और मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी
मौलाना ने कहा- अखाड़ा परिषद और कुछ अन्य धार्मिक समूह मुसलमानों के कुंभ मेले में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग की है। यह उनकी “तंग नजरी” (संकीर्ण मानसिकता) है। जबकि उन्हें व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल पेश करनी होगी
मौलाना रजवी ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सहिष्णुता और आपसी समझ की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए इस जमीन पर आयोजन होने दिया है, वैसे ही अखाड़ा परिषद और अन्य धार्मिक संस्थाओं को भी मुस्लिम समुदाय के लिए अपने दृष्टिकोण में उदारता लानी चाहिए। समाज के लिए एकता का संदेश
उन्होंने कहा- पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक सहिष्णुता और आपसी समझ का विकास समाज में शांति और एकता बनाए रखने के लिए कितना आवश्यक है। मौलाना रजवी ने कहा कि दोनों समुदायों को मिलकर ऐसी समस्याओं को हल करना चाहिए और एकता का संदेश देना चाहिए। इससे पहले रिजवी ने CM को लिखी थी चिट्ठी, पढ़िए… महाकुंभ में मुसलमानों का होगा धर्मांतरण, आपने कानून बनाया; इसे कैसे रोकेंगे मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने 3 दिसंबर को CM योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पत्र में मौलाना ने लिखा-महाकुंभ मेले में कई सौ मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जाएगा। अगर वहां धर्मांतरण कराया जाएगा तो वह कानून के दायरे में आएगा, क्योंकि आपकी सरकार ने ही धर्मांतरण के खिलाफ कानून पास किया है। धर्मांतरण से देश व प्रदेश भर मे तनाव फैल सकता है। ऐसा होने पर कट्टरपंथी विचार धारा रखने वाले मुस्लिम संगठनों और ईसाई मिशनरीज को फायदा पहुंचेगा। मौलाना ने धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है। महाकुंभ से जोड़ने वाला पैगाम जाए उन्होंने कहा- महाकुंभ में साधु संतों की ओर से धर्मांतरण पर बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा-कुंभ मेला एक धार्मिक कार्यक्रम है। वो अच्छे और अमन शांति के साथ संपन्न हो। यहां से जो पैगाम जाए वो समाज को जोड़ने वाला हो न की समाज को तोड़ने वाला। अगर मुसलमानों का धर्मांतरण कराया गया तो कट्टरपंथी विचारधारा रखने वालों को फायदा मिलेगा। ऐसे में कुंभ मेला में धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए। ताकि देश में जो संस्थाएं या व्यक्ति धर्मांतरण का खामोशी से कार्य करते हैं, उनके हौसले पस्त हों। प्रदेश में धर्मांतरण एक्ट लागू है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार को काम करना चाहिए। महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर भी उठा था विवाद प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी को लेकर भी खूब मुद्दा छाया रहा। सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- कुंभ शुद्ध सनातनियों का मेला है। जो सनातन धर्म नहीं मानता, उन लोगों को कुंभ में प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर मक्का और मस्जिदों में हिंदुओं का प्रवेश नहीं है, तो फिर सनातनियों के कुंभ में इन लोगों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। इस बीच, मुस्लिम संगठन और नेताओं ने इसका विरोध किया है। मुस्लिम संगठन ने क्या कहा? पहले पढ़िए- बर्क बोले- सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही
संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने 5 नवंबर को कहा- कुंभ में अखाड़ा परिषद की ओर से मुस्लिम दुकानदारों को दुकान लगाने की जगह न देने का ऐलान किया गया है। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। महाकुंभ में अगर मुस्लिमों को जगह नहीं दी जाती है, तो मुस्लिम जगहों पर मुसलमान भी हिंदुओं को जगह नहीं देंगे। उन्होंने कहा- इस तरह का आदेश देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अफसोस, भारत के अंदर अभी भी ऐसी मानसिकता वाले लोग हैं। वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही है। इससे साबित होता है कि सरकार इस तरह की चीजों को बढ़ावा देना चाहती है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बोले- ऐसे फैसले नफरत फैलाते हैं
4 नवंबर को बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी इस पर बयान दिया। कहा- कुंभ मेला शुरू होने जा रहा है, जो अमन और शांति के साथ संपन्न होना चाहिए। अफसोस की बात यह है कि अखाड़ा परिषद ने ये घोषणा की है कि मेले में किसी भी मुसलमान की दुकान नहीं लगने दी जाएगी। अखाड़ा परिषद का यह फैसला सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है। ऐसे फैसले समाज में नफरत फैलाते हैं। इस तरह के फैसलों से देश को नुकसान होता है। अब पढ़ते हैं, हिंदू धर्मगुरुओं का क्या कहना है? ‘बहराइच हो या दिल्ली, हिंदुओं की यात्रा पर आक्रमण हुए’
काशी में 22 दिसंबर को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने संतों के साथ बैठक की। इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं जिनमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारी सनातन आस्था को ठेस पहुंचाता है। बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए हैं। ऐसे में कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा- हिंदू समाज विभाजित और विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। इसका उद्देश्य था, अमृत। सनातनियों की आस्था के केंद्र से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए। सरकार से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हों, सनातनियों के हाथ में उनका नियंत्रण हो। कुंभ में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। रवींद्रपुरी बोले- मुस्लिम संत बनकर घूम रहे 8 नवंबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें रवींद्रपुरी महाराज ने कहा- हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। धीरेंद्र शास्त्री बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम… छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए 3 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा- महाकुंभ में गैर सनातनी (जो सनातन परंपरा को नहीं जानते) संतों का क्या सम्मान करेंगे। थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि वह एंटी सनातन हैं। उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते, उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…। उन्होंने कहा- गैर हिंदुओं को दुकान न दी जाए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो, उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता, अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिंदुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। ………………………. ये खबर भी पढ़िए… पूर्व PM की प्रतिमा 20 साल से पॉलिथिन में कैद:पौत्र जयंत चौधरी केंद्र में मंत्री, अनावरण के लिए चाहिए सिंचाई विभाग की NOC पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पिछले 20 साल से पॉलीथिन में कैद है। अनावरण का इंतजार कर रही है। ये प्रतिमा यूपी के जिला मुजफ्फरनगर में लगी है। राज्य में सरकारें आती-जाती रहीं, इसलिए सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन पर लगी इस प्रतिमा के अनावरण में कोई दिलचस्पी नहीं ली। पढ़िए पूरी खबर प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर विवाद के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बड़ा बयान दिया है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने बरेली में दावा किया कि महाकुंभ का आयोजन वक्फ के 54 बीघा की जमीन पर हो रहा है। रजवी ने कहा- हमने कोई आपत्ति नहीं की। दूसरी तरफ अखाड़ा परिषद और दूसरे बाबा लोग मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने की बात कर रहे हैं। उनको भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए। मुसलमानों ने हमेश बड़ा दिल दिखाया
रजवी ने कहा- मुसलमानों ने हमेशा बड़ा दिल दिखाया है। उसके सबूत खूब मिलेंगे। महाकुंभ में बाबाओं और अखाड़ा परिषद ने जिस तरीके से मुसलमानों पर प्रतिबंध लगाने की बात कह रहे हैं। खुद प्रयागराज के एक मुसलमान सरताज ने जानकारी दी कि जिस जमीन पर तंबू और मेला है वो वक्फ की जमीन है। जबकि मुसलमानों की दरियादिली देखिए कि उन्होंने टेंट और सड़क बनाने के लिए किसी को नहीं रोका, न ही आपत्ति दर्ज कराई। अखाड़ा परिषद और मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी
मौलाना ने कहा- अखाड़ा परिषद और कुछ अन्य धार्मिक समूह मुसलमानों के कुंभ मेले में प्रवेश पर पाबंदी लगाने की मांग की है। यह उनकी “तंग नजरी” (संकीर्ण मानसिकता) है। जबकि उन्हें व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल पेश करनी होगी
मौलाना रजवी ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सहिष्णुता और आपसी समझ की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे मुसलमानों ने बड़ा दिल दिखाते हुए इस जमीन पर आयोजन होने दिया है, वैसे ही अखाड़ा परिषद और अन्य धार्मिक संस्थाओं को भी मुस्लिम समुदाय के लिए अपने दृष्टिकोण में उदारता लानी चाहिए। समाज के लिए एकता का संदेश
उन्होंने कहा- पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि धार्मिक सहिष्णुता और आपसी समझ का विकास समाज में शांति और एकता बनाए रखने के लिए कितना आवश्यक है। मौलाना रजवी ने कहा कि दोनों समुदायों को मिलकर ऐसी समस्याओं को हल करना चाहिए और एकता का संदेश देना चाहिए। इससे पहले रिजवी ने CM को लिखी थी चिट्ठी, पढ़िए… महाकुंभ में मुसलमानों का होगा धर्मांतरण, आपने कानून बनाया; इसे कैसे रोकेंगे मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने 3 दिसंबर को CM योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। पत्र में मौलाना ने लिखा-महाकुंभ मेले में कई सौ मुसलमानों का धर्मांतरण कराया जाएगा। अगर वहां धर्मांतरण कराया जाएगा तो वह कानून के दायरे में आएगा, क्योंकि आपकी सरकार ने ही धर्मांतरण के खिलाफ कानून पास किया है। धर्मांतरण से देश व प्रदेश भर मे तनाव फैल सकता है। ऐसा होने पर कट्टरपंथी विचार धारा रखने वाले मुस्लिम संगठनों और ईसाई मिशनरीज को फायदा पहुंचेगा। मौलाना ने धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है। महाकुंभ से जोड़ने वाला पैगाम जाए उन्होंने कहा- महाकुंभ में साधु संतों की ओर से धर्मांतरण पर बयान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा-कुंभ मेला एक धार्मिक कार्यक्रम है। वो अच्छे और अमन शांति के साथ संपन्न हो। यहां से जो पैगाम जाए वो समाज को जोड़ने वाला हो न की समाज को तोड़ने वाला। अगर मुसलमानों का धर्मांतरण कराया गया तो कट्टरपंथी विचारधारा रखने वालों को फायदा मिलेगा। ऐसे में कुंभ मेला में धर्मांतरण कार्यक्रम पर रोक लगाई जाए। ताकि देश में जो संस्थाएं या व्यक्ति धर्मांतरण का खामोशी से कार्य करते हैं, उनके हौसले पस्त हों। प्रदेश में धर्मांतरण एक्ट लागू है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार को काम करना चाहिए। महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर भी उठा था विवाद प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों की एंट्री पर पाबंदी को लेकर भी खूब मुद्दा छाया रहा। सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा- कुंभ शुद्ध सनातनियों का मेला है। जो सनातन धर्म नहीं मानता, उन लोगों को कुंभ में प्रवेश नहीं देना चाहिए। अगर मक्का और मस्जिदों में हिंदुओं का प्रवेश नहीं है, तो फिर सनातनियों के कुंभ में इन लोगों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। इस बीच, मुस्लिम संगठन और नेताओं ने इसका विरोध किया है। मुस्लिम संगठन ने क्या कहा? पहले पढ़िए- बर्क बोले- सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही
संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने 5 नवंबर को कहा- कुंभ में अखाड़ा परिषद की ओर से मुस्लिम दुकानदारों को दुकान लगाने की जगह न देने का ऐलान किया गया है। सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। महाकुंभ में अगर मुस्लिमों को जगह नहीं दी जाती है, तो मुस्लिम जगहों पर मुसलमान भी हिंदुओं को जगह नहीं देंगे। उन्होंने कहा- इस तरह का आदेश देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। अफसोस, भारत के अंदर अभी भी ऐसी मानसिकता वाले लोग हैं। वे संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार खामोश होकर तमाशा देख रही है। इससे साबित होता है कि सरकार इस तरह की चीजों को बढ़ावा देना चाहती है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बोले- ऐसे फैसले नफरत फैलाते हैं
4 नवंबर को बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने भी इस पर बयान दिया। कहा- कुंभ मेला शुरू होने जा रहा है, जो अमन और शांति के साथ संपन्न होना चाहिए। अफसोस की बात यह है कि अखाड़ा परिषद ने ये घोषणा की है कि मेले में किसी भी मुसलमान की दुकान नहीं लगने दी जाएगी। अखाड़ा परिषद का यह फैसला सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वाला है। ऐसे फैसले समाज में नफरत फैलाते हैं। इस तरह के फैसलों से देश को नुकसान होता है। अब पढ़ते हैं, हिंदू धर्मगुरुओं का क्या कहना है? ‘बहराइच हो या दिल्ली, हिंदुओं की यात्रा पर आक्रमण हुए’
काशी में 22 दिसंबर को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने संतों के साथ बैठक की। इसमें स्वामी नरेंद्रानंद ने कहा- पहले भी कई ऐसे वीडियो आए हैं जिनमें विशेष वर्ग के लोग ऐसा करते दिखाई दे रहे हैं जो हमारी सनातन आस्था को ठेस पहुंचाता है। बहराइच की घटना हो या फिर दिल्ली में रामनवमी, सनातन हिंदू की यात्रा पर आक्रमण हुए हैं। ऐसे में कुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री पर रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा- हिंदू समाज विभाजित और विखंडित ना हो, इसके लिए हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। कुंभ हमारी आस्था, शक्ति और भक्ति का केंद्र है। कुंभ में राजश्री और तांसी शक्तियों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। इसका उद्देश्य था, अमृत। सनातनियों की आस्था के केंद्र से सरकारी नियंत्रण हटना चाहिए। सरकार से इस देश के मठ और मंदिर मुक्त हों, सनातनियों के हाथ में उनका नियंत्रण हो। कुंभ में भी इन्हीं बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। रवींद्रपुरी बोले- मुस्लिम संत बनकर घूम रहे 8 नवंबर को प्रयागराज में निरंजनी अखाड़े में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई। इसमें रवींद्रपुरी महाराज ने कहा- हमने हरिद्वार में देखा है कि वहां कई मुस्लिम भाई संत बनकर घूम रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि जो भी प्रयागराज महाकुंभ में आए, उसकी जांच हो। उसके पास आधार कार्ड हो, ताकि पहचान हो सके। हमारे साधु-संत, श्रद्धालु और शासन-प्रशासन सभी सुरक्षित हो सकें। ये महाकुंभ है, कोई भी उग्रवादी यहां संत बनकर आ सकता है। धीरेंद्र शास्त्री बोले- मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम… छत्तीसगढ़ के कवर्धा में बालाजी हनुमान मंदिर के भूमि पूजन के लिए 3 नवंबर को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पहुंचे। उन्होंने कहा- महाकुंभ में गैर सनातनी (जो सनातन परंपरा को नहीं जानते) संतों का क्या सम्मान करेंगे। थूक कांड और पंडालों में आग जैसी प्रायोजित घटनाओं से पता चलता है कि वह एंटी सनातन हैं। उन्हें सनातन से दिक्कत है। जो राम को नहीं मानते, उन्हें राम के काम से क्या काम। मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम…। उन्होंने कहा- गैर हिंदुओं को दुकान न दी जाए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा-पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो, उन्हें ही यह काम दिया जाना चाहिए। जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में नहीं पता, अगर वे इसके लिए काम करेंगे तो निश्चित ही नाश करेंगे। इसलिए गैर हिंदुओं के लिए महाकुंभ में प्रवेश वर्जित कर देना चाहिए। ………………………. ये खबर भी पढ़िए… पूर्व PM की प्रतिमा 20 साल से पॉलिथिन में कैद:पौत्र जयंत चौधरी केंद्र में मंत्री, अनावरण के लिए चाहिए सिंचाई विभाग की NOC पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पिछले 20 साल से पॉलीथिन में कैद है। अनावरण का इंतजार कर रही है। ये प्रतिमा यूपी के जिला मुजफ्फरनगर में लगी है। राज्य में सरकारें आती-जाती रहीं, इसलिए सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन पर लगी इस प्रतिमा के अनावरण में कोई दिलचस्पी नहीं ली। पढ़िए पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर