संभल हिंसा में CO पर फायरिंग करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान सलीम के रूप में हुई है। वह दिल्ली के सीलमपुर में छिपा हुआ था। पुलिस ने उसके पास से तमंचा, खोखा और जिंदा कारतूस बरामद किया है। संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई थी। हिंसा में सीओ अनुज चौधरी और एसपी के PRO के पैर में गोली लगी है। एसपी समेत कुल 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस एक महीने से छापेमारी कर रही थी
आरोपी सलीम सदर थाना क्षेत्र के नाला मोहल्ले का रहने वाला है। पुलिस करीब 1 महीने से उसकी तलाश कर रही थी। आरोप है कि सलीम ने ही हिंसा के दौरान संभल सदर कोतवाली के सीओ अनुज चौधरी पर फायरिंग की थी। इंस्पेक्टर अनुज तोमर ने बताया कि हिंसा से जुड़े साक्ष्यों की जांच के दौरान सलीम का नाम सामने आया था। घटना को अंजाम देने के बाद वह दिल्ली भाग गया था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी। चोरी-छिपे कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था
अनुज तोमर ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि सलीम, संभल आया हुआ है। वह चोरी-छिपे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में था। सूचना के आधार पर घेराबंदी करके उसे गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ की जा रही है। उसी के आधार पर आएगी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा के दौरान एसपी कृष्ण बिश्नोई पर फायरिंग करने के आरोपी शाजेब उर्फ़ शहबाज उर्फ़ टिल्लन निवासी दीपा सराय, थाना नखासा को पुलिस ने 2 जनवरी को जेल भेजा था। अब पढ़िए संभल हिंसा की पूरी कहानी… 19 नवंबर को पहली बार सर्वे, 24 को भड़की थी हिंसा
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई थी। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया। कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
24 नवंबर, रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ दोबारा से टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। 4 युवकों की जान गई। हिंसा में इन लोगों की मौत हुई… संभल की मस्जिद का विवाद क्या है?
हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। —————————— ये भी पढ़ें… जबरन शराब पिलाते, मारते-पीटते पैसे मांगते:नशीला पानी पिलाकर अपहरण किया; हाथरस के Jio मैनेजर की आपबीती हाथरस से किडनैप हुए जियो फाइबर के मैनेजर को STF ने मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद छुड़ाया। मैनेजर अभिनव बदमाशों के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंचे। उन्होंने कहा- अगर हाथरस पुलिस और एसटीएफ समय पर ना पहुंचती तो बदमाश उनकी जान ले लेते…(पढ़ें पूरी खबर) संभल हिंसा में CO पर फायरिंग करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान सलीम के रूप में हुई है। वह दिल्ली के सीलमपुर में छिपा हुआ था। पुलिस ने उसके पास से तमंचा, खोखा और जिंदा कारतूस बरामद किया है। संभल में 24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में 4 युवकों की मौत हो गई थी। हिंसा में सीओ अनुज चौधरी और एसपी के PRO के पैर में गोली लगी है। एसपी समेत कुल 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस एक महीने से छापेमारी कर रही थी
आरोपी सलीम सदर थाना क्षेत्र के नाला मोहल्ले का रहने वाला है। पुलिस करीब 1 महीने से उसकी तलाश कर रही थी। आरोप है कि सलीम ने ही हिंसा के दौरान संभल सदर कोतवाली के सीओ अनुज चौधरी पर फायरिंग की थी। इंस्पेक्टर अनुज तोमर ने बताया कि हिंसा से जुड़े साक्ष्यों की जांच के दौरान सलीम का नाम सामने आया था। घटना को अंजाम देने के बाद वह दिल्ली भाग गया था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी। चोरी-छिपे कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था
अनुज तोमर ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि सलीम, संभल आया हुआ है। वह चोरी-छिपे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में था। सूचना के आधार पर घेराबंदी करके उसे गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ की जा रही है। उसी के आधार पर आएगी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा के दौरान एसपी कृष्ण बिश्नोई पर फायरिंग करने के आरोपी शाजेब उर्फ़ शहबाज उर्फ़ टिल्लन निवासी दीपा सराय, थाना नखासा को पुलिस ने 2 जनवरी को जेल भेजा था। अब पढ़िए संभल हिंसा की पूरी कहानी… 19 नवंबर को पहली बार सर्वे, 24 को भड़की थी हिंसा
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को याचिका लगाई थी। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक 150 साल पुरानी रिपोर्ट शामिल है। संभल की सिविल कोर्ट ने उसी दिन कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया। इस आदेश के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन कमिश्नर टीम ने सर्वे किया। कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में मांगी। सिविल कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने अपील दाखिल की है। 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
24 नवंबर, रविवार सुबह 6.30 बजे डीएम-एसपी के साथ दोबारा से टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। टीम देखकर मुस्लिम समुदाय के लोग भड़क गए। कुछ ही देर में दो से तीन हजार से ज्यादा लोग जामा मस्जिद के बाहर पहुंच गए। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई। हिंसा में 25 पुलिसकर्मी घायल हुए। 4 युवकों की जान गई। हिंसा में इन लोगों की मौत हुई… संभल की मस्जिद का विवाद क्या है?
हिंदू पक्ष काफी वक्त से संभल की जामा मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर होने का दावा कर रहा है। 19 नवंबर को 8 लोग मामले को लेकर कोर्ट पहुंचे और एक याचिका दायर की। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णुशंकर जैन प्रमुख हैं। ये दोनों ताजमहल, कुतुब मीनार, मथुरा, काशी और भोजशाला के मामला भी देख रहे हैं। इनके अलावा याचिकाकर्ताओं में वकील पार्थ यादव, केला मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी, महंत दीनानाथ, सामाजिक कार्यकर्ता वेदपाल सिंह, मदनपाल, राकेश कुमार और जीतपाल यादव का नाम शामिल है। हिंदू पक्ष का दावा है कि ये जगह पहले श्रीहरिहर मंदिर हुआ करती थी, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। संभल कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका लगाई। 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने दो किताब और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इनमें बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी किताब और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी एक रिपोर्ट शामिल है। —————————— ये भी पढ़ें… जबरन शराब पिलाते, मारते-पीटते पैसे मांगते:नशीला पानी पिलाकर अपहरण किया; हाथरस के Jio मैनेजर की आपबीती हाथरस से किडनैप हुए जियो फाइबर के मैनेजर को STF ने मुरादाबाद में एनकाउंटर के बाद छुड़ाया। मैनेजर अभिनव बदमाशों के चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंचे। उन्होंने कहा- अगर हाथरस पुलिस और एसटीएफ समय पर ना पहुंचती तो बदमाश उनकी जान ले लेते…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर