अस्पतालों में ठंड के मौसम में क्वायल वाले हीटर नहीं लगेंगे। झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की घटना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है। इसका सख्ती से पालन कराने के लिए अस्पताल प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों के वॉर्ड में लगी आग से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ठंड के दौरान अस्पतालों में कहीं भी क्वाएल वाले हीटर नहीं लगाने का फैसला किया है। इसके निर्देश प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी किया गया है। निर्देशों का हो कड़ाई से पालन जारी निर्देशों में कहा गया है कि अस्पतालों में ठंड से बचने के लिए केवल हैलोजन हीटर अथवा वार्मर का प्रयोग किया जाए। किसी भी स्थान पर हीटर के प्रयोग से पूर्व यह जरूर देख लिया जाए कि इलेक्ट्रिक वायरिंग लोड के अनुपात में पर्याप्त क्षमता की है या नहीं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी प्रकार के लूज कनेक्शन इलेक्ट्रिक बोर्ड या हीटर में नहीं हों। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश ने बताया की निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। वार्डों में निगरानी भी की जा रही है। हर अस्पताल में टीम करेगी जांच अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचाने की व्यवस्था को जांचने के लिए हर अस्पताल में एक टीम भी बनाई जाएगी। इस टीम को बनाने की जिम्मेदारी अस्पताल के प्रभारियों की होगी। ये टीम रोजाना रात 8 बजे और 11 बजे पूरे अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं को जांचेगी। इसके अलावा सुबह 7 बजे भी ये टीम अस्पताल और तीमारदारों के लिए बने रैन बसेरे का दौरा करेगी। अगर टीम द्वारा किसी व्यवस्था में कोई कमी पाई जाती है, तो जरूरी सुधार कराना टीम की जिम्मेदारी होगी। अस्पतालों में ठंड के मौसम में क्वायल वाले हीटर नहीं लगेंगे। झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की घटना को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है। इसका सख्ती से पालन कराने के लिए अस्पताल प्रभारियों को निर्देशित किया गया है। झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों के वॉर्ड में लगी आग से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ठंड के दौरान अस्पतालों में कहीं भी क्वाएल वाले हीटर नहीं लगाने का फैसला किया है। इसके निर्देश प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी किया गया है। निर्देशों का हो कड़ाई से पालन जारी निर्देशों में कहा गया है कि अस्पतालों में ठंड से बचने के लिए केवल हैलोजन हीटर अथवा वार्मर का प्रयोग किया जाए। किसी भी स्थान पर हीटर के प्रयोग से पूर्व यह जरूर देख लिया जाए कि इलेक्ट्रिक वायरिंग लोड के अनुपात में पर्याप्त क्षमता की है या नहीं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी प्रकार के लूज कनेक्शन इलेक्ट्रिक बोर्ड या हीटर में नहीं हों। बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश ने बताया की निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। वार्डों में निगरानी भी की जा रही है। हर अस्पताल में टीम करेगी जांच अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचाने की व्यवस्था को जांचने के लिए हर अस्पताल में एक टीम भी बनाई जाएगी। इस टीम को बनाने की जिम्मेदारी अस्पताल के प्रभारियों की होगी। ये टीम रोजाना रात 8 बजे और 11 बजे पूरे अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं को जांचेगी। इसके अलावा सुबह 7 बजे भी ये टीम अस्पताल और तीमारदारों के लिए बने रैन बसेरे का दौरा करेगी। अगर टीम द्वारा किसी व्यवस्था में कोई कमी पाई जाती है, तो जरूरी सुधार कराना टीम की जिम्मेदारी होगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती ‘घोटाले’ में प्राथमिकी की दर्ज, जानें क्या है ‘भाई-भतीजावाद’ रैकेट?
सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पीएससी भर्ती ‘घोटाले’ में प्राथमिकी की दर्ज, जानें क्या है ‘भाई-भतीजावाद’ रैकेट? <p style=”text-align: justify;”><strong>Chhattisgarh Scam:</strong> केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष और अन्य के खिलाफ कथित ‘भाई-भतीजावाद’ रैकेट के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान नेताओं, पीएससी अधिकारियों और लोक सेवकों के परिवार के ‘अयोग्य’ सदस्यों को आकर्षक सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारियों ने बताया कि सीजीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव और एक परीक्षा नियंत्रक पर उनके बेटों, बेटियों, रिश्तेदारों और परिचितों को डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी और ऐसे अन्य पदों पर भर्ती सुनिश्चित करने के लिए मेधा सूची में आगे बढ़ाने में मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रक्रिया के अनुसार एजेंसी ने प्राथमिकी फिर से की दर्ज </strong><br />आरोप है कि 2022 सीजीपीएससी परीक्षा में हेराफेरी हुई, जिसके परिणाम 11 मई 2023 को घोषित किए गए. जांच एजेंसी ने सोमवार (15 जुलाई) को रायपुर और भिलाई में सोनवानी, ध्रुव और अन्य के आवासीय परिसरों पर छापेमारी की. सीबीआई ने छत्तीसगढ़ सरकार के 16 फरवरी के एक संदर्भ पर जांच अपने हाथ में ली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार एजेंसी ने प्राथमिकी फिर से दर्ज की, जिसकी जांच पहले राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने की थी. छत्तीसगढ़ में नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं सहित प्रमुख नेताओं के परिवार के सदस्य भर्ती के मुख्य लाभार्थी थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसमें आरोप लगाया गया है कि सोनवानी के परिवार के पांच सदस्य भर्ती प्रक्रिया में लाभार्थी थे. इनमें बेटा नितेश और बहू निशा कोसले डिप्टी कलेक्टर, बड़े भाई का बेटा साहिल डिप्टी एसपी, बहू दीपा आदिल जिला आबकारी अधिकारी और बहन की बेटी सुनीता जोशी श्रम अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘यह भी आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन सचिव (ध्रुव) ने अपने बेटे (सुमित) को उप जिलधिकारी के पद पर चयनित कराया.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एफआईआर में है कई अहम लोगों के नाम</strong><br />शिकायत, जो अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है, उसमें आरोप लगाया गया है कि मेधा सूची में क्रम संख्या 1-171 जगह बनाने वाले अभ्यर्थी कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों, नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों से जुड़े हैं. इसमें डिप्टी कलेक्टरों की सूची दी गई है जिनमें छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार के बेटे निखिल और बेटी नेहा, बस्तर नक्सल अभियान के डीआईजी पी एल ध्रुव की बेटी साक्षी, कांग्रेस के एक नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुधीर कटियार की बेटी भूमिका कटियार और दामाद शशांक गोयल, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला की बेटी स्वर्णिम शुक्ला और कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के पुत्र राजेंद्र कुमार कौशिक शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेताओं के सहयोगियों के रिश्तेदार, जिनमें प्रज्ञा नायक, जिसका चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप हुआ था, प्रखर नायक, जिसका चयन वित्तीय सेवा अधिकारी के रूप में हुआ था और खुशबू बिजौरा, जिसका चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुआ था, भी कथित घोटाले के लाभार्थी थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यदि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के किसी अधिकारी के रिश्तेदार परीक्षा में बैठते हैं, तो संबंधित व्यक्ति को आयोग के अन्य सदस्यों और अधिकारियों को सूचित करने के बाद खुद को इस प्रक्रिया से अलग करना होता है, जो सोनवानी ने नहीं किया.आरोप है कि सोनवानी ने नियमों का उल्लंघन किया और अपने परिवार के सदस्यों और अन्य अधिकारियों और प्रभावशाली व्यक्तियों के रिश्तेदारों का चयन किया, जिसे ‘भ्रष्टाचार’ माना जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ‘परीक्षा में अच्छे अंक लाने वाले अभ्यर्थी पीएससी अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों और नेताओं के रिश्तेदार हैं. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इससे पता चलता है कि अभ्यर्थियों को पहले से ही परीक्षा का पेपर उपलब्ध करा दिया गया था, जिससे उन्हें अच्छे अंक मिले और परिणामों में अच्छी रैंक मिली.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बस्तर के कलेक्टर ने क्यों गाया गाना, ” href=”https://www.abplive.com/states/chhattisgarh/bastar-ias-vijay-dayaram-k-recorded-song-to-promote-recording-studio-video-went-viral-ann-2737859″ target=”_self”>बस्तर के कलेक्टर ने क्यों गाया गाना, “तू ही रे…”, सोशल मीडिया पर मच गई धूम</a></strong></p>
गुरुग्राम में एसीपी साइबर क्राइम की बैंक अधिकारियों के साथ बैठक, जानें क्या दिये निर्देश
गुरुग्राम में एसीपी साइबर क्राइम की बैंक अधिकारियों के साथ बैठक, जानें क्या दिये निर्देश <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> गुरुग्राम में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामलों को देखते हुए आज एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बैंक अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में बैंकों की सुरक्षा और बैंक कर्मचारियों की मिलीगभत से होने वाले साइबर धोखाधड़ी समेत विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई. एसीपी साइबर क्राइम ने बैंक खाता खोलते समय नियमों का ध्यान रखने को कहा. उन्होंने साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हुए बैंक कर्मियों की भी जानकारी दी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने कहा कि बैंक कर्मचारी साइबर ठग को बैंक खाता उपलब्ध कराने का काम करते हैं. बैंक खाता उपलब्ध करवाने के एवज में बैंक कर्मचारी को रकम दी जाती है. इसलिए फर्जी तरीके से साइबर ठग को बैंक खाता उपलब्ध कराए जा रहे हैं. बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से साइबर ठक के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. बैठक में 14 बैंकों के नोडल अधिकारी और साइबर क्राइम एक्सपर्ट भी मौजूद रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बैंक अधिकारियों के साथ एसीपी साइबर क्राइम की बैठक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एसीपी साइबर क्राइम ने बैंकों में लगे सीसीटीवी कैमरा की जांच करवाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि साइबर ठगी के मामलों की जानकारी सामने आने पर पुलिस को तुरंत सूचना दें. पुलिस कार्रवाई करने में देर नहीं करेगी. सही समय पर साइबर ठगी की जानकारी मिलने पर ठग को गिरफ्तार किया जा सकता है. बैंक में खाता खुलवाने आए कस्टमर का वेरिफिकेशन या केवाईसी करने को भी उन्होंने कहा. उन्होंने कहा कि वेरिफिकेशन होने से पुलिस को ग्राहक की जानकारी मिल जायेगी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(रिपोर्ट- राजेश यादव)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हरियाणा में नर्सिंग ऑफिसर्स को स्वास्थ्य मंत्री से मिली निराशा, अब काले बिल्ले लगाकर करेंगे काम” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/haryana-nursing-officers-disappointed-with-health-minister-work-with-black-badges-ann-2740426″ target=”_self”>हरियाणा में नर्सिंग ऑफिसर्स को स्वास्थ्य मंत्री से मिली निराशा, अब काले बिल्ले लगाकर करेंगे काम</a></strong></p>
यूपी के इस जिले में घरों पर सोलर पैनल लगाना हुआ जरूरी, बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला
यूपी के इस जिले में घरों पर सोलर पैनल लगाना हुआ जरूरी, बोर्ड की बैठक में हुआ फैसला <div id=”:18w” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:1bb” aria-controls=”:1bb” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> राजधानी लखनऊ के शहरी क्षेत्र में अगर आप नया घर बनाने का प्लान कर रहे तो आपको लखनऊ विकास प्राधिकरण की नई शर्तें माननी पड़ेगी, तभी आपके घर का नक्शा पास हो पाएगा. बता दें कि लखनऊ प्राधिकरण क्षेत्र में अब एक हजार वर्ग फीट या उससे बड़े मकानों में सोलर रूफ लगाना अनिवार्य होगा. यह आदेश प्राधिकरण की ओर से 183 वीं बैठक में लिया गया है. बैठक में यह भी कहा गया कि आवेदक को नक्शा पास कराने के लिए शपथ पत्र भी देना होगा. साथ ही प्रमाण पत्र तभी जारी होगा जब आवेदक सोलर रूफ टॉप लगा लेगा.<br /><br />बैठक के बाद प्राधिकरण सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि सोलर रूफटाप लगाने से पर्यावरण संरक्षण के साथ ही बिजली की बचत भी हो सकेगी. उन्होंने यह भी कहा कि एक हजार वर्ग फीट के मकान में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से एक किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाया जा सकेगा. सचिव ने यह भी कहा कि एल़डीए की भवन निर्माण नियमावली में पहले सोलर पैनल को लेकर कोई प्रावधान नहीं था. अब नई व्यवस्था बन गई तो सोलर रूफटाप लगवाने का शपथ पत्र देने के बाद ही मानचित्र स्वीकृत किया जाएगा.<br /><br /><strong>20 स्थानों पर लगेंगे फास्ट चार्जर</strong><br />एलडीए ने बोर्ड बैठक में सोलर रूफटाप के साथ ही पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का उद्देश्य से ईवी चार्जिंग के लिए भी व्यवस्था की है. प्राधिकरण ने अभी केवल तीन पार्कों में फास्ट चार्जर पीपीपी मॉडल पर लगा रखे है. अब इनको बढ़ाकर 10 किया जाएगा.जिससे अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिले. <br /><br /><strong>किन-किन इलाकों में लगेंगे चार्जर</strong><br />जिन इलाकों में अभी फास्ट चार्जर लगने वाले है उनके नाम शहीद स्मारक पार्क, रूमी पार्क, पतंग पार्क, गौतम बुद्ध पार्क, सरोजनी नायडू पार्क, बेगम हजरत महल पार्क, लोहिया पार्क गेट नंबर-दो, पंचवटी पार्क लार्ड (अय्यपन मंदिर), जागर्स पार्क, अंबेडकर पार्क (यूपी दर्शन),स्मृति उपवन पार्क, जलवायु विहार आशियाना, माता रमाबाई अंबेडकर मैदान, कालिंदी पार्क सेक्टर-2 वृंदावन, स्वर्ण जयंती स्मृति विहार पार्क, पिकनिक स्पाट गेट चांदनपुर इंदिरानगर, राधानिकुंज पार्क सेक्टर- आठ वृंदावन कॉलोनी, ज्योतिबा फूले जोनल पार्क और एलडीए मुख्यालय विनीत खंड में भी जल्द ही ईवी चार्जिंग की सुविधा मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-cm-devendra-fadnavis-oath-ceremony-today-in-azad-maidan-in-mumbai-pm-narendra-modi-2836442″>Devendra Fadnavis Oath: देवेंद्र फडणवीस समेत इन नेताओं का शपथ ग्रहण आज, PM मोदी भी होंगे शामिल, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था</a></strong></p>
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