मलबे को निपटाने का BMC ने निकाला नायाब तरीका, रिसाइकिल कर सड़क बनाने में इस्तेमाल

मलबे को निपटाने का BMC ने निकाला नायाब तरीका, रिसाइकिल कर सड़क बनाने में इस्तेमाल

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai News: </strong>घनी आबादी के कारण मुंबई में विस्तार के लिए जगह तक नहीं बची है. ऐसे में जब कुछ नया निर्माण होता है या किसी रोड को तोड़कर नई सड़क बनाई जाती है तो उससे निकलने वाले मलबे को रखने की जगह नहीं होती. बीएमसी ने इसके लिए भी रास्ता निकाल लिया है. बीएमसी इस मलबे को इकट्ठा कर रही और इससे कई तरह की चीजें भी बना रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दहिसर में बीएमसी द्वारा बनाया गया रिसाइकल प्लांट (600 मीट्रिक टन) खराब मलबे को दोबारा इस्तेमाल होने वाली चीजों में बदल देता है. कोकनीपाड़ा में स्थित यह सुविधा मलबे को रेत, पेवर ब्लॉक और बेंच में परिवर्तित करती है. 4 नवंबर से चालू दहिसर कोकनीपाड़ा प्लांट ने 16,000 टन मलबे को रिसाइकिल किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएमसी के डिप्टी चीफ इंजीनियर अजय राणे ने एबीपी न्यूज को प्लांट दिखाते हुए पूरी प्रकिया बताई. उन्होंने कहा कि कोकनीपाड़ा में वैज्ञानिक तरीके से कचरे को रिसाइकिल करने का प्लांट शुरू किया गया है जो बांद्रा से दहिसर तक पश्चिमी उपनगरों को कवर करता है. 600 टन की दैनिक रिसाइक्लिंग क्षमता वाले प्लांट का उद्देश्य मलबे को फिर से इस्तेमाल होने लायक सामग्री बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऑर्डर मिलने के 48 घंटे में काम होता है शुरू</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएमसी 500 किलोग्राम तक के मलबे की निःशुल्क निकासी सेवा देता है जिसमें अतिरिक्त 50 किलोग्राम के लिए 10 रुपये का शुल्क लगता है. अनुरोध मिलने के 48 घंटों के भीतर कचरे को साफ करने की प्रक्रिया शुरू होती है. उन्होंने बताया कि एक बार अनुरोध मिलने पर जूनियर सुपरवाइजर अनुमान के लिए साइट का निरीक्षण करते हैं, और स्वीकृत अनुरोध के साथ-साथ लागू शुल्कों को मोबाइल ऐप के जरिए सूचित किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BMC की डेब्रिस ऑन कॉल सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुरोध के स्वीकृत होने के बाद ऐप और व्हाट्सएप के जरिए लोगों को अपडेट किया जाता है. भुगतान के 48 घंटों के भीतर मलबा संग्रह पूरा हो जाता है. बीएमसी लंबे समय से सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से मलबा फेंकने से जूझ रही है, खासकर रात के समय जब अज्ञात व्यक्ति निर्माण कचरे को फेंक देते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए “डेब्रिस ऑन कॉल” सेवा शुरू की, जो नागरिकों को मलबे के निपटान के लिए एक कानूनी और कुशल तरीका प्रदान करती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-&nbsp;<a title=”सलमान खान से नजदीकी के चलते बाबा सिद्दीकी की हुई हत्या? पुलिस की चार्जशीट में बड़ा खुलासा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/baba-siddique-murder-case-mumbai-police-filed-chargesheet-against-accused-ann-2857326″ target=”_self”>सलमान खान से नजदीकी के चलते बाबा सिद्दीकी की हुई हत्या? पुलिस की चार्जशीट में बड़ा खुलासा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai News: </strong>घनी आबादी के कारण मुंबई में विस्तार के लिए जगह तक नहीं बची है. ऐसे में जब कुछ नया निर्माण होता है या किसी रोड को तोड़कर नई सड़क बनाई जाती है तो उससे निकलने वाले मलबे को रखने की जगह नहीं होती. बीएमसी ने इसके लिए भी रास्ता निकाल लिया है. बीएमसी इस मलबे को इकट्ठा कर रही और इससे कई तरह की चीजें भी बना रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दहिसर में बीएमसी द्वारा बनाया गया रिसाइकल प्लांट (600 मीट्रिक टन) खराब मलबे को दोबारा इस्तेमाल होने वाली चीजों में बदल देता है. कोकनीपाड़ा में स्थित यह सुविधा मलबे को रेत, पेवर ब्लॉक और बेंच में परिवर्तित करती है. 4 नवंबर से चालू दहिसर कोकनीपाड़ा प्लांट ने 16,000 टन मलबे को रिसाइकिल किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएमसी के डिप्टी चीफ इंजीनियर अजय राणे ने एबीपी न्यूज को प्लांट दिखाते हुए पूरी प्रकिया बताई. उन्होंने कहा कि कोकनीपाड़ा में वैज्ञानिक तरीके से कचरे को रिसाइकिल करने का प्लांट शुरू किया गया है जो बांद्रा से दहिसर तक पश्चिमी उपनगरों को कवर करता है. 600 टन की दैनिक रिसाइक्लिंग क्षमता वाले प्लांट का उद्देश्य मलबे को फिर से इस्तेमाल होने लायक सामग्री बनाना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऑर्डर मिलने के 48 घंटे में काम होता है शुरू</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीएमसी 500 किलोग्राम तक के मलबे की निःशुल्क निकासी सेवा देता है जिसमें अतिरिक्त 50 किलोग्राम के लिए 10 रुपये का शुल्क लगता है. अनुरोध मिलने के 48 घंटों के भीतर कचरे को साफ करने की प्रक्रिया शुरू होती है. उन्होंने बताया कि एक बार अनुरोध मिलने पर जूनियर सुपरवाइजर अनुमान के लिए साइट का निरीक्षण करते हैं, और स्वीकृत अनुरोध के साथ-साथ लागू शुल्कों को मोबाइल ऐप के जरिए सूचित किया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BMC की डेब्रिस ऑन कॉल सुविधा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अनुरोध के स्वीकृत होने के बाद ऐप और व्हाट्सएप के जरिए लोगों को अपडेट किया जाता है. भुगतान के 48 घंटों के भीतर मलबा संग्रह पूरा हो जाता है. बीएमसी लंबे समय से सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से मलबा फेंकने से जूझ रही है, खासकर रात के समय जब अज्ञात व्यक्ति निर्माण कचरे को फेंक देते हैं. इस समस्या से निपटने के लिए “डेब्रिस ऑन कॉल” सेवा शुरू की, जो नागरिकों को मलबे के निपटान के लिए एक कानूनी और कुशल तरीका प्रदान करती है.</p>
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