क्या मुस्लिमों की जमीन पर हो रहा महाकुंभ:ज्ञानवापी के पैरोकार बोले- वक्फ बोर्ड के बाद ऐसे दस्तावेज नहीं; मुस्लिम धर्मगुरु आमने-सामने

क्या मुस्लिमों की जमीन पर हो रहा महाकुंभ:ज्ञानवापी के पैरोकार बोले- वक्फ बोर्ड के बाद ऐसे दस्तावेज नहीं; मुस्लिम धर्मगुरु आमने-सामने

महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन के बाद तेज होती सियासत में मुस्लिम धर्मगुरु आमने-सामने आ गए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दावा किया कि महाकुंभ जिस जमीन पर हो रहा है। उसकी 55 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है। आयोजन के लिए जमीन देकर मुस्लिमों ने बड़ा दिल दिखाया है। इस बयान के बाद काशी में ज्ञानवापी केस के पैरोकार और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने पलटवार किया। कहा- मैंने वक्फ बोर्ड को फोन करके पूछा, तो जवाब मिला कि उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। मौलाना के बयान से वक्फ बोर्ड का कोई सरोकार नहीं है। न ही जहां कुंभ हो रहा है, वो वक्फ बोर्ड की भूमि है। उन्होंने कहा- प्रयागराज में जहां हजारों साल से कुंभ-महाकुंभ होता आ रहा है। उसमें वक्फ की जमीन का दावा कोरी बकवास के सिवा कुछ भी नहीं। यह सब सस्ती शोहरत पाने के सिवा कुछ भी नहीं। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन के दावों की हकीकत के लिए दैनिक भास्कर ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारुकी से 2 सवाल किए… पहला सवाल : क्या वाकई कुंभ की 55 बीघा जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की है?
जफर : ऐसी कोई जानकारी हमारे कार्यालय को नहीं है। अगर किसी शख्स ने ऐसा कहा है, तो उसकी हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। दूसरा सवाल : प्रयागराज के सरताज की 55 बीघा जमीन पर ही कुंभ के टेंट लगाने, सड़क बनाने का जिक्र किया गया है?
जफर : मैं बोर्ड के सदस्य के रूप में पिछले 25 साल के बारे में बता सकता हूं। ऐसी कोई शिकायत कभी हमारे विभाग के पास नहीं आई। ऐसा कोई कह रहा है, तो पब्लिसिटी के लिए कर सकता है। अब जानिए कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने 2 मिनट के VIDEO में क्या कहा… 55 बीघा वक्फ जमीन पर हो रहा कुंभ
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा- महाकुंभ का आयोजन वक्फ की जमीन पर हो रहा है। प्रयागराज के रहने वाले सरताज ने मुझे बताया है कि जहां पर कुंभ के मेले की तैयारियां की जा रही हैं, वो वक्फ की जमीन है। वहां के मुसलमानों की जमीन है। 55 बीघा वक्फ की जमीन पर कुंभ मेला लग रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कौन छोटा दिल दिखा रहा है और कौन बड़ा दिल दिखा रहा। प्रयागराज के मुसलमानों ने वक्फ की जमीन पर मेले की अनुमति देकर बड़ा दिल दिखाया है और हिंदुओं को भी मुसलमानों को इस आयोजन में प्रवेश की अनुमति देकर इसका बदला चुकाना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से गैर-हिंदुओं को कुंभ में प्रवेश करने से रोकने का आह्वान निंदनीय है। अब पढ़िए शिया धर्मगुरु क्या कहते हैं… तो क्या श्रद्धालु जमीन अपने कंधों पर ले जाएंगे
ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा- बेशक जमीन वक्फ की है। अगर ऐसा है तो महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु उस जमीन को अपने कंधे पर घर नहीं ले जाएंगे। पूजा-पाठ करके श्रद्धालु लौट जाएंगे। कुंभ मेले की तैयारी को लेकर हो रही बयानबाजी गलत है। वो जमीन अगर वक्फ की है, तो कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु उसे अपने घर नहीं ले जाएंगे। इंसानियत के नाते हिंदू और मुसलमानों को एक-दूसरे के साथ खड़ा रहना चाहिए। इसे तंग-नजर से नहीं देखना चाहिए। मौलाना ने कहा कि ये सियासी बयानबाजी छोड़ दें। सभी को अपने धार्मिक कार्यक्रम मनाने की इजाजत मिलनी चाहिए। —————————- यह खबर भी पढ़ें : महाकुंभ की सुरक्षा में ढाई करोड़ तक के घोड़े, अमेरिकन ब्रीड का दारा ग्रुप का सरदार, गले में लगी चिप में 7 पीढ़ियों का इतिहास महाकुंभ-2025 की सुरक्षा व्यवस्था में हॉर्स पावर यानी अश्व-शक्ति लगाई गई है। ये घोड़े आम नहीं, वेल ट्रेंड हैं। इशारों पर कदमताल करते हुए रास्ता बनाते हैं। जमीन के साथ-साथ पानी में भी दौड़ सकते हैं। पढ़िए पूरी खबर… महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन के बाद तेज होती सियासत में मुस्लिम धर्मगुरु आमने-सामने आ गए हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने दावा किया कि महाकुंभ जिस जमीन पर हो रहा है। उसकी 55 बीघा जमीन वक्फ बोर्ड की है। आयोजन के लिए जमीन देकर मुस्लिमों ने बड़ा दिल दिखाया है। इस बयान के बाद काशी में ज्ञानवापी केस के पैरोकार और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने पलटवार किया। कहा- मैंने वक्फ बोर्ड को फोन करके पूछा, तो जवाब मिला कि उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है। मौलाना के बयान से वक्फ बोर्ड का कोई सरोकार नहीं है। न ही जहां कुंभ हो रहा है, वो वक्फ बोर्ड की भूमि है। उन्होंने कहा- प्रयागराज में जहां हजारों साल से कुंभ-महाकुंभ होता आ रहा है। उसमें वक्फ की जमीन का दावा कोरी बकवास के सिवा कुछ भी नहीं। यह सब सस्ती शोहरत पाने के सिवा कुछ भी नहीं। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन के दावों की हकीकत के लिए दैनिक भास्कर ने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारुकी से 2 सवाल किए… पहला सवाल : क्या वाकई कुंभ की 55 बीघा जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड की है?
जफर : ऐसी कोई जानकारी हमारे कार्यालय को नहीं है। अगर किसी शख्स ने ऐसा कहा है, तो उसकी हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। दूसरा सवाल : प्रयागराज के सरताज की 55 बीघा जमीन पर ही कुंभ के टेंट लगाने, सड़क बनाने का जिक्र किया गया है?
जफर : मैं बोर्ड के सदस्य के रूप में पिछले 25 साल के बारे में बता सकता हूं। ऐसी कोई शिकायत कभी हमारे विभाग के पास नहीं आई। ऐसा कोई कह रहा है, तो पब्लिसिटी के लिए कर सकता है। अब जानिए कि ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने 2 मिनट के VIDEO में क्या कहा… 55 बीघा वक्फ जमीन पर हो रहा कुंभ
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा- महाकुंभ का आयोजन वक्फ की जमीन पर हो रहा है। प्रयागराज के रहने वाले सरताज ने मुझे बताया है कि जहां पर कुंभ के मेले की तैयारियां की जा रही हैं, वो वक्फ की जमीन है। वहां के मुसलमानों की जमीन है। 55 बीघा वक्फ की जमीन पर कुंभ मेला लग रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कौन छोटा दिल दिखा रहा है और कौन बड़ा दिल दिखा रहा। प्रयागराज के मुसलमानों ने वक्फ की जमीन पर मेले की अनुमति देकर बड़ा दिल दिखाया है और हिंदुओं को भी मुसलमानों को इस आयोजन में प्रवेश की अनुमति देकर इसका बदला चुकाना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से गैर-हिंदुओं को कुंभ में प्रवेश करने से रोकने का आह्वान निंदनीय है। अब पढ़िए शिया धर्मगुरु क्या कहते हैं… तो क्या श्रद्धालु जमीन अपने कंधों पर ले जाएंगे
ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा- बेशक जमीन वक्फ की है। अगर ऐसा है तो महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु उस जमीन को अपने कंधे पर घर नहीं ले जाएंगे। पूजा-पाठ करके श्रद्धालु लौट जाएंगे। कुंभ मेले की तैयारी को लेकर हो रही बयानबाजी गलत है। वो जमीन अगर वक्फ की है, तो कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालु उसे अपने घर नहीं ले जाएंगे। इंसानियत के नाते हिंदू और मुसलमानों को एक-दूसरे के साथ खड़ा रहना चाहिए। इसे तंग-नजर से नहीं देखना चाहिए। मौलाना ने कहा कि ये सियासी बयानबाजी छोड़ दें। सभी को अपने धार्मिक कार्यक्रम मनाने की इजाजत मिलनी चाहिए। —————————- यह खबर भी पढ़ें : महाकुंभ की सुरक्षा में ढाई करोड़ तक के घोड़े, अमेरिकन ब्रीड का दारा ग्रुप का सरदार, गले में लगी चिप में 7 पीढ़ियों का इतिहास महाकुंभ-2025 की सुरक्षा व्यवस्था में हॉर्स पावर यानी अश्व-शक्ति लगाई गई है। ये घोड़े आम नहीं, वेल ट्रेंड हैं। इशारों पर कदमताल करते हुए रास्ता बनाते हैं। जमीन के साथ-साथ पानी में भी दौड़ सकते हैं। पढ़िए पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर